गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर दिल्ली में एक भव्य आध्यात्मिक सत्संग और गुरु महिमा समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वृंदावन से पधारे विश्वविख्यात संत संजीव कृष्ण ठाकुर जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरु महिमा का महत्व समझाते हुए भागवत गीता के कई प्रसंगों के माध्यम से जीवन मूल्यों और गुरु-शिष्य परंपरा की दिव्यता का सन्देश दिया।
इस मौके पर मौजूद अतिथियो में समाजसेवी व उद्धोगपति रमेश कपूर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शम्भू शर्मा, ज्ञानेश्वर सिंह SHO, बीजेपी बाहरी दिल्ली जिलाध्यक्ष रामचंद्र चावरिया, विधायक राजकुमार चौहान, निगम पार्षद धर्मबीर शर्मा, बिश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा, ट्रांसजेंडर समुदाय से कमलेश, ललिता नायक, दीपचंद्र, अदीप सेतिया, अशोक शर्मा, अमित पूरी, पण्डित भोला नाथ शुक्ला, , अर्चना शुक्ला, अंशु अग्रवाल, अमर अग्रवाल, नीरज जैन, पण्डित कृष्ण शास्त्री, आचार्य प्रेम शर्मा, समाजसेवी अंजू शर्मा व राजकमल शर्मा, प्रोड्यूसर राजेश्वरी सिंह, मनोज अग्रवाल, अंकित शर्मा, विकास शर्मा, सुमित मलिक, फूलचंद अलोरिया, लक्ष्य पण्डित, अमन परवाना, मनप्रीत कौर आदि प्रमुख थे।
विश्व शांति व मानवता के दूत के रूप में सम्मान
इस अवसर पर वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (WHRO) की ओर से संत संजीव कृष्ण ठाकुर जी को "ग्लोबल पीस एंड ह्यूमिनिटी अवॉर्ड 2025" से सम्मानित किया गया। ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन योगराज शर्मा ने ठाकुर जी को यह सम्मान एक स्मृति चिन्ह और शाल ओढ़ाकर प्रदान किया।
योगराज शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा, "संजीव कृष्ण ठाकुर जी न केवल अध्यात्म के क्षेत्र में अपितु मानवता, प्रेम और करुणा के प्रचारक के रूप में भी वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं। उनकी वाणी और जीवन-दर्शन में आज के समाज के लिए मार्गदर्शन है।"
आयोजक और अन्य सम्मान
कार्यक्रम के आयोजक अरुण शर्मा 'लक्की हिंदुस्तानी' ने मंच पर उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों, संतों और साधकों का स्वागत और सम्मान किया। इसी कार्यक्रम में WHRO दिल्ली राज्य के चेयरमैन के रूप में अरुण शर्मा को भी औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया और सम्मान प्रदान किया गया।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी का जीवन और अध्यात्म यात्रा
संजीव कृष्ण ठाकुर जी का जन्म वृंदावन की पावन भूमि में हुआ। बाल्यकाल से ही ठाकुर जी में अध्यात्म और भक्ति के प्रति विशेष रुचि थी। उन्होंने श्रीमद्भागवत, गीता और वेद-पुराणों का गहन अध्ययन किया। ठाकुर जी अपने प्रवचनों में प्रेम मार्ग और मानव सेवा को ही सर्वोच्च धर्म बताते हैं।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी ने अब तक देश-विदेश में हजारों कथा, सत्संग और भागवत सप्ताह आयोजित किए हैं। मानवता और विश्व शांति के लिए समर्पित ठाकुर जी का उद्देश्य है कि समाज में अहिंसा, प्रेम, सद्भावना और अध्यात्मिक चेतना का प्रसार हो।
संजीव कृष्ण ठाकुर जी के श्रीमुख से सुनाई गई कथा और भजनों ने रोहिणी के इस आयोजन को दिव्यता और ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने गुरु महिमा के इस दिव्य संदेश का लाभ उठाया और भाव-विभोर होकर ठाकुर जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें