बुधवार, 20 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: नीली रोशनी में कुतुब मीनार की विहंगम और मनमोहक दृश्य

 

प्रत्येक बच्चे के अधिकारों का जश्न मनाने के लिए, हर साल 19-20 नवंबर को विश्व स्तर पर और भारत में ऐतिहासिक स्थलों को नीली रोशनी में सजाय  जाता है। इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीं है "भविष्य की बात सुनें" । भविष्य को सुनें: विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति भवन, प्रधान मंत्री कार्यालय (उत्तर और दक्षिण ब्लॉक), संसद भवन, इंडिया गेट, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय बाल अधिकारों के लिए एकजुटता में नीली रोशनी में जगमगाते हैं। इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का Theme है स्मारक विषय "भविष्य की बात सुनें" है।

बुधवार, 13 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: पंडित नेहरू "जिनके लिए तो बच्चों के चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है"



बाल दिवस भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। बच्चों के प्रति नेहरू जी का विशेष लगाव था और वे उन्हें देश का भविष्य मानते थे। इसीलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या, "सिर्फ बाल दिवस के अवसर पर" बच्चों को नेहरू जी के बारे मे बताकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर लेना ही पंडित जी के बच्चों के प्रति लगाव को सार्थक किया जा सकता है?

आग आप वाकई मे पंडित नेहरू को सच्चे रूप से याद करना चाहते हैं तो  इसके लिए सबसे अच्छा होगा कि बच्चों को उनके हक से वंचित नहीं करें। जी हाँ, बच्चे पंडित नेहरू की जीवन थे और उनके बगैर उनके वजूद कि कल्पना भी नहीं की जा सकती। बच्चों के प्रति उनकी सोच को दर्शाती नेहरू जी के इस कथन को मर्म को समझे-"जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"

पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों के प्रति गहरा लगाव रखते थे और वे उन्हें देश का भविष्य मानते थे। बाल दिवस बच्चों को प्यार और स्नेह देने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करने का एक विशेष अवसर है। आइए हम सभी मिलकर बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने का संकल्प लें।

बाल दिवस, जिसे भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके स्नेह और प्रेम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था, और बच्चे उन्हें "चाचा नेहरू" के नाम से पुकारते थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और उनके अच्छे भविष्य के लिए शिक्षा और अच्छे संस्कार बेहद जरूरी हैं।

"बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"

"हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।"

"जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"

"हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"

"शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"