शनिवार, 18 जनवरी 2025

नजरिया जीने का: आपके शांत मस्तिष्क का रिफ्लेक्शन है आपका धैर्य, पहचानें इसकी कीमत


नजरिया जीने का: शांत मस्तिष्क और धैर्य के बीच गहरा संबंध है और सच्चाई तो यह है कि धैर्य एक महत्वपूर्ण गुण है जो हमें जीवन में सफलता और खुशी प्राप्त करने में मदद करता है। धैर्यवान व्यक्ति शांत रहता है और मुश्किल परिस्थितियों में भी अपना आपा नहीं खोता है। इससे आप शायद हीं इंकार करेंगे कि जब हमारा मस्तिष्क शांत होता है, तो हम बेहतर तरीके से सोच सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं। इसके साथ ही शांत रहने का सबसे अहम् लाभ यह है कि हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रह सकते हैं।

जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो धैर्य की कीमत को स्वीकारना हीं होगा। जब तक आपका मस्तिष्क शांत और मन गंभीर नहीं होगा आप धैर्य को अपना ही नही सकते।
और अशांत मन में धैर्य और शांति की कल्पना ही निरर्थक है क्योंकि आखिर शांति ही प्रगति और उन्नति का एकमात्र रास्ता हैं।
यह हमारा शांत मस्तिष्क और गंभीर मन हीं जो जीवन में आने वाली कठिन से कठिन  समस्याओं को भी सामना करने का मार्ग प्रशस्त करती है।
समस्याओं का आना तय है क्योंकि आखिर जीवन है तो बाधा है और सफलता के मार्ग में फूलों की उम्मीद बेमानी ही तो है। यह धैर्य हीं है जो आपके जीवन में आने वाले विपरीत परिस्थितियों से गंभीरता के साथ निबटना सिखाती है।

मस्तिष्क शांत रखने के लाभ 

अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं: जब हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रह सकते हैं।
स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं: जब हम स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं, तो हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं और मुश्किलों का सामना करने के बेहतर तरीके खोज सकते हैं।
सकारात्मक रह सकते हैं: जब हम सकारात्मक रहते हैं, तो हम मुश्किलों को चुनौतियों के रूप में देख सकते हैं और उनसे पार पा सकते हैं।
धैर्यवान बनने के लिए:

अपने मस्तिष्क को शांत करना सीखें:
ध्यान: ध्यान करने से मस्तिष्क शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
योग: योग करने से शरीर और मन दोनों शांत होते हैं।
गहरी सांस लेना: गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है और मस्तिष्क शांत होता है।

सकारात्मक सोच रखें:
अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें: जब आप अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करने की प्रेरणा मिलती है।
खुद पर विश्वास रखें: हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और यह जानना चाहिए कि हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।
सकारात्मक लोगों के साथ रहें: सकारात्मक लोगों के साथ रहने से आपको सकारात्मक सोच रखने में मदद मिलती है।





करियर टिप्स @नजरिया जीने का: सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन, इसे साकार करें

नजरिया जीने का: सपने आपके जीवन के लिए आपकी उम्मीदों, इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और वास्तविकता आपके जीवन की वर्तमान स्थिति है जो आपकी वर्तमान उपलब्धियों को दर्शाती है। लेकिन सपने देखना ही उसे सच करने के लिए काफी नहीं है। इसे हकीकत में बदलने के लिए, यह एक्शन है जो उपाय प्रदान करता है और सपनों और हकीकत के बीच एक पुल बनाता है। यह वह प्रयास है जो आप अपने सपने को सिर्फ़ एक विचार से मूर्त रूप देने के लिए करते हैं।

कार्रवाई करना वह पुल है जो हमारे सपनों को हकीकत से जोड़ता है क्योंकि आपके सपनों और हकीकत के बीच की दूरी को केवल प्रयासों और रणनीति के साथ ही भरा जा सकता है। बिना कार्रवाई के, हमारे सपने सिर्फ़ इच्छाएँ ही रह जाते हैं। यह हमारे प्रयासों और दृढ़ संकल्प के माध्यम से है कि हम अपनी आकांक्षाओं को जीवन में लाते हैं। तो, आइए अपने सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में वे कदम उठाएँ, चाहे वे कितने भी छोटे क्यों न हों।

याद रखें, अगर आपका सपना अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति बनना है, तो सिर्फ़ इसके बारे में सपने देखने से आप वहाँ नहीं पहुँच पाएँगे। आपको संबंधित क्षेत्र में लगातार कदम उठाने की जरूरत है, अपने कौशल में सुधार करना, फीडबैक मांगना, अपना काम जमा करना, इत्यादि। आपके द्वारा की जाने वाली हर कार्रवाई आपको अपने सपने को साकार करने के करीब ले जाती है। सरल शब्दों में, यदि आप कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए ठोस कदम उठाने होंगे। चाहे वह लक्ष्य निर्धारित करना हो, योजना बनाना हो, कौशल हासिल करना हो या प्रयास करना हो, कार्रवाई ही आपके सपनों को हकीकत में बदल देती है।

इस अंतर को पाटने के लिए आप कुछ चीजें कर सकते हैं:

लक्ष्य निर्धारित करें: अपने सपनों को छोटे, प्राप्त करने योग्य चरणों में विभाजित करें। इससे वे कम भारी लगेंगे और आपको अपनी प्रगति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी।

कार्रवाई करें: "सही" क्षण की प्रतीक्षा न करें, बस शुरू करें! आगे बढ़ने के लिए छोटे कदम भी स्थिर रहने से बेहतर हैं।

दृढ़ रहें: रास्ते में रुकावटें आएंगी। उन्हें आपको हतोत्साहित न करने दें। बस आगे बढ़ते रहें।

 आप अपने जीवन में खुद को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग दर्शन या प्रेरणा उद्धरणों का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन अंतिम जीवन की एक पंक्ति की परिभाषा यह है कि "सपनों और वास्तविकता के बीच की दूरी को कार्रवाई के रूप में जाना जाता है।"

"यह कहना मुश्किल है कि क्या असंभव है, क्योंकि कल का सपना आज की आशा और कल की वास्तविकता है।" - रॉबर्ट एच. गोडार्ड

यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह हमारा दृष्टिकोण है जो हमारे सामने आने वाली समस्याओं की मात्रा और आकार को तय करता है। हमारे जीवन में किसी समस्या और कठिनाई का सामना करना जीवन का एक हिस्सा है और आप इससे बच नहीं सकते। हालाँकि, आप अपने जीवन में असंभव शब्द को परिभाषित करते समय एक नया दृष्टिकोण अपना सकते हैं।

हम सभी बचपन से ही जीवन के इस तथ्य से परिचित हैं कि 'कार्य के बिना विचार गर्भपात है' और जब हमारे जीवन में कुछ सबक लागू होने चाहिए, तो हम भ्रम की स्थिति में होते हैं।

प्रकृति कहती थी कि सपना आपके दिमाग में इसलिए आया क्योंकि यह आपकी पहुँच में था और आपके पास इसे वास्तविकता में बदलने की शक्ति है।

लेकिन आश्चर्यजनक रूप से हमें अपनी असीम संभावनाओं पर विश्वास नहीं है और यह हमारी नकारात्मक मानसिकता है जो हमें लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीतियों को क्रियान्वित करने हेतु कार्रवाई करने से विचलित करती है।

नजरिया जीने का: पढ़ें और भी...

बदलें खुद को: "नजरिया जीने का" के साथ 

रिश्ते खास हैं, इन्हे अंकुरित करें प्रेम से, जिंदा रखें संवाद से और दूर रखें गलतफहमियों से

इमोशनल हैं, तो कोई वादा नहीं करें और गुस्से में हों तो इरादा करने से परहेज करें

स्व-अनुशासन के महत्त्व को समझे और जीवन को बनाएं सार्थक 

रविवार, 12 जनवरी 2025

नजरिया जीने का: विवेकानंद- प्रेरणा की किरण


भारतीय आध्यात्मिकता के एक महान व्यक्तित्व स्वामी विवेकानंद ने अपनी गहन शिक्षाओं से दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी। सार्वभौमिक भाईचारे, आत्मनिर्भरता और मानवता की सेवा का उनका संदेश आज भी गूंजता रहता है।

विवेकानंद ने व्यावहारिक आध्यात्मिकता के महत्व पर जोर दिया, व्यक्तियों से केवल अमूर्त सिद्धांतों पर चिंतन न करने बल्कि उन्हें अपने दैनिक जीवन में लागू करने का आग्रह किया। उनका मानना ​​था कि सच्ची आध्यात्मिकता दूसरों की निस्वार्थ सेवा और दलितों के उत्थान में निहित है। उनका प्रसिद्ध उद्धरण, "मानवता की सेवा करो, और तुम ईश्वर की सेवा करोगे," इस मूल सिद्धांत को समाहित करता है।

उन्होंने सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास की शक्ति का समर्थन किया। उनका मानना ​​था कि प्रत्येक व्यक्ति में अपार क्षमता होती है और इसे अनलॉक करने की कुंजी उसके भीतर ही होती है। उन्होंने अपने अनुयायियों को दृढ़ इच्छाशक्ति विकसित करने, सीमाओं को पार करने और अपने सभी प्रयासों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।

विवेकानंद ने सामाजिक और आध्यात्मिक उत्थान के साधन के रूप में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना ​​था कि शिक्षा से सिर्फ़ ज्ञान ही नहीं मिलना चाहिए, बल्कि नैतिक मूल्यों का विकास भी होना चाहिए और चरित्र का विकास भी होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा की ऐसी प्रणाली की वकालत की जो व्यक्तियों को संपूर्ण जीवन जीने और समाज की बेहतरी में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करे। 

विवेकानंद की शिक्षाएँ दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। मानवता के प्रति प्रेम, करुणा और सेवा का उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। सामाजिक और आर्थिक असमानताओं से जूझ रही दुनिया में, सामाजिक न्याय और मानव उत्थान के लिए उनका आह्वान आशा की किरण और अधिक सामंजस्यपूर्ण और न्यायसंगत भविष्य की ओर एक मार्ग प्रदान करता है।


नजरिया जीने का: भरतनाट्यम की शाश्वत विरासत का भव्य उत्सव-नृत्यधारा

आयाम इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स द्वारा आयोजित नृत्यधारा – द्वितीय ने भरतनाट्यम के गहरे अध्यात्म, उसकी सुरुचिपूर्ण सुंदरता, और पारंपरिक समर्पण को भव्यता से प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम लिटिल थिएटर ग्रुप (LTG) ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ, जिसे प्रसिद्ध गुरु श्रीमती सिंधु मिश्रा ने बड़ी ही कुशलता और श्रद्धा के साथ संजोया और कोरियोग्राफ किया।  

यह आयोजन भरतनाट्यम के पारंपरिक बानी पर आधारित था, जिसे विख्यात गुरु के.एन. दंडयुधापाणि पिल्लई ने विकसित किया था। नृत्यधारा ने नृत्य (शुद्ध नृत्य), भाव (अभिव्यक्ति) और ताल (लय) के जटिल समन्वय को जीवंत कर दिया।  

कार्यक्रम का शुभारंभ पुष्पांजलि से हुआ, जिसमें रागम बौली और तालम आदि पर आधारित एक दिव्य प्रस्तुति दी गई। यह प्रस्तुति गुरु, देवता और दर्शकों को समर्पित थी। इसके बाद ध्यान श्लोकम प्रस्तुत किया गया, जो भगवान शिव के अद्वितीय स्वरूप को समर्पित था। इसे प्रसिद्ध संगीतकार श्रीमती सुधा रघुरामन ने रचा और इसमें शिव के वैश्विक और ब्रह्मांडीय स्वरूप को चित्रित किया गया।  

प्रत्येक प्रस्तुति में भरतनाट्यम की शास्त्रीयता और रचनात्मकता का अद्भुत मेल देखने को मिला। शिवाष्टकम में भगवान शिव की महानता को राग भूपाली और ताल खंड चापू पर प्रस्तुत किया गया। इसमें भगवान शिव को असुरों के विनाशक, गणेश के स्नेही पिता, और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के प्रतीक के रूप में दिखाया गया।  

इसके बाद तुलसीदास जी के भजन श्री राम चंद्र पर आधारित भरतनाट्यम प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राग सिंधु भैरवी और आदि ताल पर आधारित इस प्रस्तुति में भगवान राम के गुणों को अत्यंत भावुकता से प्रस्तुत किया गया।  

पदम – यारो इवर यारो में माता सीता और भगवान राम की प्रथम भेंट को भावनात्मक गहराई के साथ प्रस्तुत किया गया। राग भैरवी और ताल आदि पर आधारित इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके अलावा भो शंभो और तिल्लाना जैसे नृत्यांशों ने भी दर्शकों को अद्भुत आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया।  


गुरु श्रीमती सिंधु मिश्रा ने कहा, "नृत्यधारा – द्वितीय समर्पण, श्रद्धा और भरतनाट्यम की शाश्वत सुंदरता का उत्सव है। दर्शकों का अपार स्नेह और समर्थन इस कला रूप की अमरता को प्रमाणित करता है। हमारा उद्देश्य इस अद्भुत परंपरा को संरक्षित रखना और नई पीढ़ी को इसकी ओर प्रेरित करना है।"  

नृत्यधारा – द्वितीय न केवल एक नृत्य प्रस्तुति थी, बल्कि यह भरतनाट्यम की समृद्धता और विविधता का जीवंत उत्सव था। इसने दर्शकों को भरतनाट्यम की अद्वितीय सुंदरता और शाश्वत आकर्षण का अनुभव कराया।

बुधवार, 8 जनवरी 2025

नजरिया जीने के: झगड़ालू माहौल की अपेक्षा सह-अस्तित्व को अपनाएं, जीवन सँवर जाएगा


जब रिश्तों की बात आती है तो मनमुटाव का होना अपरिहार्य है और इसे अवॉइड करना कुछ हद तक मुश्किल होता है। लेकिन यह भी सच है कि भावनात्मक रूप से परेशान करने वाला या कठोर नहीं होना चाहिए क्योंकि यह कहा गया है कि "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"और आप विश्वास करें कि यही जीवन का एकमात्र सच्चाई है। 

हमारे जीवन मे झगड़े अक्सर इसलिए होते हैं क्योंकि हम खुद इतनी जल्दी और तुनकमिजाजी हो चुके हैं कि लोग एक-दूसरे को सुनने से पहले अपनी बात कहने की जल्दी में होते हैं। और शायद यही वजह है कि हम अपनी तर्कशक्ति को भूल कर गाली गलौज और अपमानकारी भाषा का इस्तेमाल शुरू करते हैं जो किसी भी झगड़े के आरंभ का पहला और तात्कालिक कारण होता है। 

आज के इस दौर मे जहां हमें अपने हेक्टिक शईडुल और भागती जिंदगी मे रिश्तों को बचाने कि जदोजहद से दो चार होना हमारी लाचारी बन चुकी है, ऐसे मे अगर हम झगड़ों कि कीमत पर सह-अस्तित्व की भावना को तिलांजलि देंगे तो बहाल जीवन का क्या हश्र होगा? ऐसे में यह जरूरी है कि हम  झगड़ों को छोड़कर सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा दें ताकि हमारा जीवन सँवर सके। 

जीवन में सह-अस्तित्व का मतलब हीं यही है कि  मिल-जुलकर रहना और  दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना और संघर्षों से ऊपर उठना। जब आप झगड़ों से बचकर एक-दूसरे को समझने और अपनाने का प्रयास करते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और संतोष बढ़ता है।

अगर आप जीवन मे झगड़े और समझौते के महत्व को समझेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक तरफ जहां झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है। समझौते कि कीमत को समझें और झगड़े कि नकारात्मक प्रभाव को कभी भी जीवन मे तवज्जो नहीं दें। 

अक्सर हम जीवन मे खुद के कद से अधिक अपने अहंकार को बना लेते हैं जो एक प्रमुख वजह होता है आपस के रिश्तों को खत्म कर अहंकार के बीजारोपन का। याद रखें, जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।

  • "हर झगड़े में जीतने से ज्यादा जरूरी है रिश्ते को बचाना।"
  • "झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है।"
  • "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"
  • "जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।"
  • "कुछ रिश्ते माफी मांगने से नहीं, समझने से सुलझते हैं।"
  • "जुबान के तीखे शब्द सबसे बड़े झगड़े की जड़ बन सकते हैं।"
  • "झगड़े से सुकून कभी नहीं मिलता, लेकिन समझदारी से शांति जरूर मिलती है।"
  • "झगड़े से दूरी और प्यार से नजदीकी बनती है।"

रविवार, 5 जनवरी 2025

केजरीवाल का मुफ्त पानी, बिजली, शिक्षा जैसी उदारतापूर्वक नीति साबित हुई अभिशाप: काँग्रेस

 

काँग्रेस ने आरोप लगा है कि  केजरीवाल कि मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, यह मुफ्त, वह मुफ्त जैसी उदारतापूर्वक नीति दिल्ली कि जनता के लिए अभिशाप साबित हुई हैं। उनके मुफ्त वादे केवल कागजों में दिख रह गए हैं, मुफ्त के नाम पर लोगों के साथ विश्वासघात किया है। पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लोगों को धोखे के अलावा कुछ नही मिला।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली न्याय यात्रा के 11वें दिन  शाहदरा विधानसभा, कृष्णा नगर विधानसभा और लक्ष्मी नगर विधानसभा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप सरकार की विफलता के कारण दिल्लीवाले गंदगी में जीने को मजबूर है और गंदगी की वजह से बीमारी फैल रही है।  यादव ने डेंगू से मरने वाले व्यक्ति के परिवारजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इस वर्ष अभी तक रिकार्डतोड़ 4533 डेंगू के मामले दर्ज हुए है, जबकि नवंबर महीने में ही 472 मामले सामने आएं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के संरक्षण वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली के ढांचागत विकास को ही हताहत नही किया बल्कि दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य, शिक्षा और आसपास के क्षेत्र के स्वच्छ रखने में विफल रहने के कारण उनको मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया है।

 उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति के तहत यात्रा के दौरान जमीनी स्तर पर काम करने वाले हर दिल्ली के नागरिक से मिल रहे है जिनकी सरकार ने पूरे 11 वर्षों के कार्यकाल में अनदेखी की है। न्याय यौद्धा प्रतिदिन यात्रा के दौरान गरीब, वंचित, मजूदर, ठेले वाले, रेहडी पटरी खोमचे वाले, सब्जी वाला, वृद्ध, मोची, नाई, धोबी, प्रेस वाला हर मजबूर व्यक्ति की पीड़ा और परेशानी की बात करके उसके स्थाई सामधान का आश्वासन दे रहे है जिसको भाजपा और आम आदमी पार्टी पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है।

अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा- काँग्रेस

श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, यह मुफ्त, वह मुफ्त जैसी उदारतापूर्वक नीति अभिशाप साबित हुई हैं। उनके मुफ्त वादे केवल कागजों में दिख रह गए हैं, मुफ्त के नाम पर लोगों के साथ विश्वासघात किया है। पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लोगों को धोखे के अलावा कुछ नही मिला।

दिल्ली का दंगल: अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा- काँग्रेस


काँग्रेस ने आरोप लगाया है कि यदि केजरीवाल का एक शब्द के वर्णन किया जाए तो वह है ‘‘फर्जीवाल’’।  अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा है। 

कांग्रेस कोषाध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि यदि केजरीवाल का एक शब्द के वर्णन किया जाए तो वह है ‘‘फर्जीवाल’’।  अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा है। जिसके काले कारनामों के खिलाफ आज हम श्वेत पत्र लेकर आए है। उन्होंने कहा कि यह श्वेत पत्र भाजपा पर भी लागू होता है। यह श्वेत पत्र ‘‘मौका मौका हर बार धोखा’’ चुनाव प्रचार के दौरान हमारा ब्लू प्रिंट होगा।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने दिल्ली में एक सौदागर आया जिसने भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी प्रशासन देने का दावा किया और दिल्ली की जनता ने झांसे में आकर अरविन्द केजरीवाल को बड़ा बहुमत दिया। जनता को उम्मीद थी कि उन्हें फ्री बिजली, पानी मिलेगा, शहर लंदन पैरिस जैसा बनेगा, यमुना सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम होगा। परंतु आज दिल्ली कूड़े का ढेर, टूटी सड़कों वाली राजधानी बनकर रह गई है। वृद्धों को पेंशन नही, गरीबों को राशन नही, घर में गंदा पानी, महंगी बिजली के बिल बढ़े गए है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की तरक्की चौतरफा रुकी हुई नजर आती है। 

कांग्रेस कोषाध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि यदि केजरीवाल का एक शब्द के वर्णन किया जाए तो वह है ‘‘फर्जीवाल’’।  अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा है। जिसके काले कारनामों के खिलाफ आज हम श्वेत पत्र लेकर आए है। उन्होंने कहा कि यह श्वेत पत्र भाजपा पर भी लागू होता है। यह श्वेत पत्र ‘‘मौका मौका हर बार धोखा’’ चुनाव प्रचार के दौरान हमारा ब्लू प्रिंट होगा।

 श्री अजय माकन ने श्वेत पत्र के बारे में बोलते हुए कहा कि कोरोना काल में जब लाशों का अंबार लगा था, क्रियाकर्म के लिए लंबी लाईने लगी थी, लोग ऑक्सीजन और आईसीयू के लिए तरस रहे थे, उस वक्त अरविन्द केजरीवाल शीश महल पर करोड़ों खर्च कर रहे थे और भाजपा सेन्ट्रल विस्टा बनवाने में मोदी का गुनगान कर रही थी। उन्होंने कहा कि 3652 दिन बीतने के बाद जनलोकपाल लागू नही किया जबकि जनलोकपाल लागू करने के नाम पर सत्ता में आए थे। परंतु लोकपाल को पंजाब में क्यों लागू नही कर रहे वहां तो पूर्ण स्वायतता है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने ईमानदारी का ढोंग करके घोटालों को जाल बुन डाला ।

श्री अजय माकन ने कहा कि आम आदमी ने कैसे बना शीश महल का राजा बना। शराब घोटाला करके शीश महल बना डाला, 100 करोड़ की रिश्वत से गोवा चुनाव लड़ा आप ने।  

दिल्ली का दंगल: 10 वर्षों के आप और भाजपा के पापों ने दिल्ली को 50 वर्ष पीछे धकेला-काँग्रेस


काँग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनो के शीर्ष नेता झूठ बोलते हुए अपनी आवाज भारी रखते है और दूसरे झुठ की तैयारी करते है। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों में भाजपा और आम आदमी पार्टी के निष्क्रिय शासन के कारण दिल्ली विकास के क्षेत्र में 50 वर्ष पीछे खिसक गई है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान अरविन्द केजरीवाल और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पिछले 2014 के बाद दिल्ली के विकास, प्रगति और दिल्ली के लोगों की जीवन शैली में क्या बेहतर हुआ इस पर कोई चर्चा करता दिखाई नही देता, सिर्फ भविष्य की योजनाओं, उद्घाटन और शिलान्यास करके लोगों के बीच गोलमोल बात करके मुद्दों से भागते नजर दिखाई दे रहे है। उन्होंने कहा कि लोग किसी भी पार्टी से अपने लिए और अपनी समस्याओं के समाधान की बात और उन्हें कार्यान्वित करने की कोशिश पर चर्चा करना चाहते है।

अरविन्द केजरीवाल फर्जीवाड़े में दुनिया का सबसे बड़ा राजा- काँग्रेस

काँग्रेस ने कहा है कि आज यह बताने की जरुरत है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का स्थापना मई 1995 में हुई थी और 90 के दशक में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान मास्टर प्लान बनाया गया जिसमें 420 किलोमीटर मेट्रो रुट बनाया गया जिसको पूरा करने का लक्ष्य 2021 तक रखा गया। पहले चरण में 10571 करोड़ की लागत से 65 किलोमीटर का काम 1 अक्टूबर 1998 को शुरु हुआ जिसको समय से 2 वर्ष 9 महीने पूर्व पूरा कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में नई क्रांति लाने का काम कांग्रेस ने किया।

मेट्रो के दूसरे चरण में एयरपोर्ट लाईन का सिविल वर्क, एनसीआर विस्तार के तहत 23810 करोड़ की लागत पर 125 किलोमीटर मेट्रो लाईन बिछाने का काम 2006 में शुरु हुआ और इस परियोजना को भी समयावधि से 3 महीने पहले पूरा करके एक कीर्तिमान स्थापित किया। मेट्रो के तीसरे फेस में 35000 करोड़ की लागत पर 103 किलोमीटर का काम शुरु हुआ और इसी चरण में 14 किलोमीटर की मेट्रो लाईन की एक्सटेंशन फरीदाबाद के लिए 2494 करोड़ की लागत से सितंबर 2011 में स्वीकृति दी गई।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि कांग्रेस के पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकास के क्षेत्र में इन प्रयासों से 3,90,971 वाहन सड़कों पर चलना कम हो गए और औसतन 32 मिनट का सफर कम होने के साथ 276000 टन फयूल कंजम्पशन और 577184 टन पोलूटन कम हुआ और सैंकड़ो दुर्घटनाओं में भी कमी आई है।


बुधवार, 1 जनवरी 2025

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य


हालाँकि यह कहना मुश्किल है कि जीवन मे खुशी और खुशहाली का वास्तविक कारण क्या है लेकिन अगर हम खुद को तलाशें तो पाएंगे कि यह हमारे अंदर से आरंभ होता है और हम खुद हीं इसके कारण होता हैं।   हम 100% समय 'खुश' रहने का लक्ष्य रख नहीं सकते और न हीं उसे पाने कि कोशिश कर सकते हीं।


अच्छा तो यह होता कि हम समय-समय पर खुशी का अनुभव करने से संबंधित कारणों का पता लगाएं और उसके  सकारात्मक, आनंददायक भावनाओं का अनुभव करें  और अपने जीवन में संतुष्टि की भावना से जुड़ा हुआ महसूस करें। 


इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि जीवन मे  खुशी का अनुभव करना हमारे भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और यही एकमात्र कारण है जो हमें जीवन मे विपरीत परिस्थितियों मे  भी हमें मजबूत बनाता है और उससे निकालने मे मदद भी करता है। 



यह देखा गया है कि खुशी और खुशहाली की मजबूत भावना रिश्तों को बेहतर बनाती है, सामाजिक संबंध बढ़ाती है और दूसरों के जीवन में योगदान देती है, साथ ही स्वस्थ शारीरिक भलाई में भी योगदान देती है।

नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

हालांकि वास्तविकता यह है खुशी हमारे भीतर से आती है और यह इस पर निर्भर है कि हम क्या सोचते हैं, महसूस करते हैं और क्या करते हैं। 



जीवन मे कठिनाइयों का आना निश्चित है और हम सभी को अपने जीवन में कभी न कभी कठिनाई का अनुभव होता है। यह एक वास्तविक चुनौती है कि हममें से कई लोगों के पास समय की कमी है, हमारे घर और कामकाजी जीवन में मांगें और जिम्मेदारियां हैं जो कभी-कभी कभी न खत्म होने वाली महसूस हो सकती हैं। 



लेकिन उन चीजों के लिए समय को प्राथमिकता देना बहुत महत्वपूर्ण है जो हमें संबंध, खुशी और खुशी प्रदान करती हैं।अच्छी खबर यह है कि हम जीवन की व्यस्तता के बीच भी हर दिन रचनात्मक तरीके से ऐसा कर सकते हैं।



अपनी खुशी को प्राथमिकता देना जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं होना चाहिए कि  हम इसके लिए वास्तविकता से मुंह मोड लें और कल्पना कि दुनिया मे जीना  आरंभ कर देना। 

नजरिया जीने का: चलते रहने का नाम है जिंदगी, जाने कैसे खुद को बदलें, अपनाएं ये टिप्स, इम्पॉर्टन्ट कोट्स

 


नजरिया जीने का: ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है और आप  समय के साथ अगर आगे बढ़ना चाहते हैं तो खुद को बदलना सीखना होगा। हाँ, यह सच है कि हमारा मन इन बदलाव के फेज को जिसे हम ट्रांजीशन फेज कह सकते हैं, का विरोध करता है. यह तो प्रकृति का नियम है कि जिस हालत में होते हैं उसी में पड़े रहना चाहते हैं जोकि  साइंस में जड़ता के नियम के नाम से जाना जाता है.जैसे हम बढ़ते हैं, हमारे आसपास का दुनिया बदलता है, और हम खुद भी बदलते हैं। यह बदलाव कभी-कभी आसान नहीं होता है, लेकिन यह आवश्यक है। खुद को बदलने की कई जरूरतें हैं। सबसे पहले, बदलाव हमें बेहतर इंसान बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने कमजोरियों को दूर करते हैं और अपनी मजबूतियों को विकसित करते हैं। इससे हम अपने जीवन में अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

हम अपने आप को कैसे बदल सकते हैं?

नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

दोस्तों विश्वास करें प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशाल ऊर्जा भरकर इस धरती पर भेजा है और हम अपने आप में काफी शक्तिशाली हैं लेकिन हम अपने आप को महत्वहीन और निष्क्रिय बनाकर खुद को असहाय बना लेते हैं. आप अपने दिमाग़ को उन बातों पर ही केंद्रित कर सकते हैं जो आपको चाहिए, न कि उन बातों पर जो आपको लिए महत्वहीन है. एक बार अगर आप खुद पर विश्वास करना सीख लेते हैं तो आप लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़रूरी हर चीज़ को आकर्षित करने में कामयाब होंगे। अपनी अपने अंदर परिवर्तन और बदलाव लाने का हिम्मत तो लाइए , और आप अपनी ज़िंदगी को बदल डालेंगे।

खुद को बदलना क्यों जरूरी है?

याद रखें दोस्तों, बदलाव हमें अधिक खुशहाल बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे होते हैं। इससे हमें संतोष और खुशी मिलती है। इसके अतिरिक्त यह बदलाव हैं है जो हमें अपने विचारों और व्यवहारों में सकारात्मक परिवर्तन लाने को विवश करता है जो आगे चलकर हमारी आदत और बाद में अनुशासन की जीवन की प्रक्रिया का सूत्रपात करता है । 

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

खुद को बदलना एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें समर्पण, सहारा, और स्वयं में सुधार की इच्छा की जरूरत होती है. खुद को बदलने के लिए, हमें पहले खुद को समझना होगा। हमें अपने कमजोरियों और मजबूतियों को पहचानने की जरूरत है, और यह जानने की जरूरत है कि हम क्या बदलना चाहते हैं। एक बार जब हम खुद को समझ लेते हैं, तो हम बदलाव की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

खुद को पूरी तरह से बदलने के लिए जरुरी टिप्स 

स्वीकृति करें: 

खुद को बदलने की पहली शर्त  है स्वीकृति जिसके अंतर्गत हमें यह विचार कठोरता के साथ अपने अंदर आत्मसात करना होगा कि बदलाव लाना हीं हमारे सुधार की जरुरत है. इसके लिए जरुरी है कि हम खुद का मूल्याङ्कन करें और अपने गुणधर्मों और दोषों को स्वीकार करें और स्वयं में सुधार का संकल्प करें.

लक्ष्य तय करें: 

लक्ष्य का तय होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना लक्ष्य के जीवन निरर्थक और उद्देश्यहीन हैं जिसका कोई मतलब हैं. स्पष्ट लक्ष्य तय करें जिसे प्राप्त करने के लिए आप बदलना चाहते हैं. यह लक्ष्य मोटिवेशन प्रदान करेगा.

प्राथमिकता तय करें और सूची बनाएं: 

मूल्याङ्करं करने के साथ ही पने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नियमित रूप से अपने विचारों को मॉनिटर करें। अपनी प्राथमिकताओं को तय करें और एक सूची बनाएं जो आपके अंदर के बदलाव को व्यस्थित करने में आपकी मदद करेगा. .

स्वास्थ्य का ध्यान रखें: 

स्वास्थय सबसे बड़ा धन है इसलिए इसके सर्वोच्च प्राथमिकता दें और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. याद रखें एक स्वस्थ शरीर में हीं एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है इसलिए स्वस्थ रहने के लिए योग, मेडिटेशन, और सही आहार आपको मदद कर सकते हैं.

नए कौशल सीखें:

 नए कौशल सीखने से आत्मविकास होता है. कुछ नया सीखने का प्रयास करें जो आपको पसंद हो और आपके लक्ष्यों के साथ मेल खाए.

धीरज रखें: 

धैर्य रखना सीखें क्योंकि कोई बदलाव रातों रात नहीं हो सकती और इसके लिए धैर्य रखनी होगी क्योंकि कोई भी परिवर्तन  महज एक रात में नहीं होता है। धीरज को अपना बल बनाएं और लगातार प्रयास करते रहें।

अपने आप पर विश्वास रखें: 

 आप खुद को बदलने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास रखें और कड़ी मेहनत करें।

खुद को बदलने के लिए कुछ प्रेरणादायक कोट्स:

  • सबसे बड़ा आत्म-सुधारक आपका खुद है. - स्वामी विवेकानंद
  • जब आप खुद को बदलते हैं, तो दुनिया आपके साथ बदल जाती है. - माहात्मा गांधी
  • ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है। जो लोग बदलने से डरते हैं, वे पीछे रह जाते हैं। - अज्ञात
  • जो लोग खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, वे कभी भी नहीं बदल सकते। - हेलेन केलर
  • खुद को बदलना सबसे कठिन काम है, लेकिन यह भी सबसे पुरस्कृत काम है। - अज्ञात
  • बदलाव वही लोग कर सकते हैं जो खुद बदल गए हैं. - जिम रोहन


नजरिया जीने का: बाहरी बाधाओं से स्ट्रॉंग आपके अंदर का वजूद है, पहचानें तो सही

 

नजरिया जीने का: प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशिष्ट शक्ति और हुनर से सँवारकर हमें इस धरती पर भेज है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक खास स्किल होता है जो हमें दूसरों से अलग होने और बनने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम खुद पर भरोसा नहीं करते और सबसे अधिक अविश्वास खुद कि शक्तियों पर करते हैं और इसका अंजाम यह होता है कि हम अपने जीवन को निरर्थक और लक्ष्यहीन कर देते हैं। 

जीवन में सफलता के लिए सबसे पहली  यह जरूरी है कि आप खुद में भरोसा जगाइए कि आप इस दुनिया में सबसे खास हैं।  दुनिया के द्वारा दिए गए सभी बाधाओं को आप झेल सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले  आप खुद की किलर इंस्टिंक्ट को पहचाने। 

जो लोग अपनी काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वे ही महान काम कर पाते हैं।- अज्ञात

विश्वास करें दोस्तों, आपके खुद के अंदर कुछ खास है जो आपके बाहर की किसी भी समस्या से ज्यादा सशक्त और मजबूत है। 
"जो खुद पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।" — अज्ञात

"खुद पर भरोसा" का मतलब है स्वयं पर विश्वास रखना क्योंकि जीवन में  सफलता के लिए यही एकमात्र शर्त है। खुद पर भरोसा करने के साथ ही यह जरूरी है कि आप  अपने पास  उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर होकर अपनी क्षमताओं, विचारों और निर्णयों पर यकीन करना। 
"आपकी सबसे बड़ी ताकत आपके अंदर ही है। बस खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।" — अज्ञात

हमारी विडंबना यही है कि हम बाहर की समस्या रूपी दुश्मन के इतने कायल हैं कि हमारे खुद की स्किल, शक्ति और बुद्धिमानी को हीं अक्षम और लाचार बना लेते हैं।

यह ठीक है की दुश्मन की शक्ति को कमतर नहीं आंकी जानी चाहिए, लेकिन यह खुद को कमजोर और असहाय बनाकर दुश्मनों से मुकाबला करने की स्ट्रेटजी को कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है।

"जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो दूसरों का भरोसा अपने आप बढ़ने लगता है।" — अज्ञात

जब आप खुद पर भरोसा करते हैं, तो आप अपनी कमियों और क्षमताओं को पहचानते हुए भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं।
"अगर आपको खुद पर विश्वास है, तो आप दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।" — जॉएल ऑस्टीन

 इसका महत्व इसलिए है क्योंकि जब आप खुद पर भरोसा रखते हैं, तो बाहरी परिस्थितियाँ या अन्य लोगों की राय आपकी प्रगति में बाधा नहीं बन पातीं।

"खुद पर भरोसा रखना सबसे बड़ा साहस है।" — अज्ञात





नजरिया जीने का: अपने विचारों को दीजिए खुला आकाश-बड़ा सोचें और अपने जीवन में बड़ा हासिल करें

 najariya jine ka thinking ha no limit think high achieve big


 अगर आप असीमित शब्द के सार्थकता को समझेंगे तो पाएंगे कि यह शब्द बहुत ही उपयोगी है क्योंकि यह आपको  विश्वास दिलाता है कि आप वह सब कुछ कर सकता हूं जो आप चाहते हैं। सच तो यही है कि यह आपकी असीमित सोच है जो आपके अंदर के विचारों को जागृत करता है और  संभावनाओं की याद दिलाता है, तब भी जब सारी परिस्थितियाँ मेरे विरुद्ध हों। असीमित सोच और असीमित विचारों पर विश्वास करके, आप असीमित चीजें हासिल कर सकते हैं हाँ इसके लिए पहल आपको हीं करनी होगी। नजरिया जीने का  एक ऐसा हीं मंच है जो आपके अंदर की आग को जलाने की कोशिश करती है जो क्योंकि आपके अंदर की आग सबसे बड़ी चीज है। 


सोचने की कोई सीमा नहीं है, इसलिए बड़ा सोचें और अपने जीवन में बड़ा हासिल करें क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर अपार शक्ति है और हमें बस उसे प्रज्वलित करना है। प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। 
विडम्बना यह हैं कि प्रकृति ने तो हमें कोई भेदभाव नहीं किया हमें शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करने में, लेकिन यह केवल हम ही हैं जो अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है।

आपके आस-पास होने वाली हर घटना को कुछ न कुछ सीमा प्रदान की गई है। चाहे वह सड़क हो, क्रेडिट/डेबिट कार्ड हो, आपका शरीर हो, आपके शरीर के अंग हों और यहां तक कि सभी अत्यधिक परिष्कृत और नवीनतम उपकरण हों, उनके उपयुक्त और मानक प्रदर्शन की अपनी सीमाएं हैं। 

यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

असीमित सोच:

हमारा दिमाग शारीरिक बाधाओं से बंधा नहीं है और हम चाहें तो हम वर्तमान और सीमाओं से परे कल्पना कर सकते हैं, अन्वेषण कर सकते हैं और सपने देख सकते हैं। यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

यह केवल हम ही हैं जो इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है, अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं। यह असीमित सोच हमें उन संभावनाओं पर विचार करने की अनुमति देती है जो पहली नज़र में संभव नहीं लगती हैं।

रखें खुद पर भरोसा,आपकी जीत को कोई ताकत हार में नहीं बदल सकती

बड़ी सोच का महत्व:

प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने से प्रेरणा मिलती है और हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

बड़ी सोच चुनौतियों का सामना करने में नवीनता, रचनात्मकता और लचीलेपन को बढ़ावा देती है। हमें ऊंचा सोचना चाहिए और अपनी सोच को नई ऊंचाइयां प्रदान करनी चाहिए, आश्चर्यजनक रूप से हम अखबारों और टीवी समाचारों में ऐसे चमत्कार रचने वालों से गुजरते रहते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि ऐसे लोगों ने अपनी सोच को नई ऊंचाई प्रदान की है और अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल किया है.

असीमित सोच और विचारों को किसी सीमा से नहीं बांधे, ऊँचा सोचें 

संतुलन महत्वपूर्ण है-

जबकि बड़ा सोचना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ हीं सुनिश्चित करना भी जरुरी है कि आपके लक्ष्य भी यथार्थवादी हों और आपके मूल्यों और संसाधनों के अनुरूप हों। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, सीखने, बढ़ने और उनके साथ तालमेल बिठाने की प्रक्रिया अत्यधिक मूल्यवान है। 

दुनिया में हर सफल शख्सियत ने तभी बड़ा हासिल किया है, जब उसने बड़ा सोचने का साहस किया। हमें एक मुर्ख और लापरवाह इंसान बनने की मानसिकता को बदलने के लिए तैयार रहना होगा न कि यह सोचना होगा कि प्रकृति ने हमें चमत्कार करने की सारी शक्ति और विचारों से सुसज्जित किया है।

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