शुक्रवार, 19 सितंबर 2025

नजरिया जीने का: शक्ति, साहस और विजय की अधिष्ठात्री देवी हैं मां दुर्गा


हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और समृद्धि की देवी माना जाता है और इस दौरान मान दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है.मान दुर्गा त्रिदेवियों (महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती) का सम्मिलित स्वरूप हैं और मान्यताओं के अनुसार मां के इन तीनों स्वरूपों की पूजा की जाती है. माँ दुर्गा शक्ति की दैवी हैं और उन्होनें  ही असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की थी।

माँ की उपासना से जीवन में निडरता, आत्मबल, सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है जो कि हमारे लिए सफलता का माध्यम है. नवरात्रि के नौ दिन देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, जो क्रमशः भक्तों को बल, बुद्धि, ज्ञान, भक्ति और मोक्ष प्रदान करते हैं।

याद रखें, शक्ति, साहस और विजय की अधिष्ठात्री देवी हैं मां दुर्गा और जीवन में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप शक्ति और साहस को अपनाए.

भय के रहते सफलता के बारे में सोचना भी व्यर्थ है और यह मा दुर्गा हीं है जिनकी कृपा से भय से मुक्ति प्राप्त हो सकती है.

 इस वर्ष अर्थात 2025 में नवरात्री में विशेष संयोग है क्योंकि इस वर्ष शरद नवरात्र 10 दिनों का होगा। खास बात कि  9 साल बाद बन रहा एक अद्भुत संयोग है. मान्यता है कि ऐसा संजोग अच्छा और आम लोगों के के लिए शुभ माना जाता है. इसके अतिरिक्त  

इस साल मां दुर्गा का वाहन हाथी है. ऐसी मान्यता है कि हाथी पर मां दुर्गा का आना सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है, जो कि मंगलकारी होता है.

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