विश्व विख्यात दार्शनिक और चिंतक चाणक्य के विचार आज भी उतने हीं प्रासंगिक हैं जितने की आज से हजारों साल पहले थे. सच तो यह है कि चाणक्य का मूल्याङ्कन आज तक नहीं किया जा सका है.
चाणक्य ने हमेशा से सीखने अनुशासन पर जोर दिया है. इसी सन्दर्भ में चाणक्य ने कौए से पांच बातों को सीखने पर जोर दिया है प्रत्येक मानव को जरूर सीखनी चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, कौआ हमेशा अकेला ही अपना भोजन जमा करता है. काम में कभी आलस नहीं दिखाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर कोई आदमी सफल होना चाहता है तो उसे कौवे से यह गुण सीखना चाहिए.
कौवे बहुत बुद्धिमान होते हैं। वे चेहरे पहचान सकते हैं, द्वेष रख सकते हैं, और यहाँ तक कि गाड़ियों को भी पहचान सकते हैं। कौवे भोजन छिपाकर रखते हैं, और अगर कोई दूसरा प्राणी उन्हें छिपाते हुए देख ले, तो वे उसे हटा देते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी अगर कौवे की तरह मेहनती होता है तो वह हमेशा दूसरों से आगे रहता है और जीवन में सफलता प्राप्त करता है. चाणक्य ने कौवे से निम्न पांच बातों को सीखने पर जोर दिया है-
चाणक्य के अनुसार एक कौवे से इन्सानों को ये पाँच बातें सीखनी चाहिए।
- एकांत में मिलन (अपनी पत्नी के साथ);
- साहस;
- उपयोगी वस्तुओं को संग्रहित करना;
- सतर्कता; और
- दूसरों पर आसानी से भरोसा न करना।
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