सोमवार, 31 मार्च 2025
रविवार, 30 मार्च 2025
नजरिया जीने का: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन है धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक
राम नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है। भगवान श्री राम श्रेष्ठ राजा थे. भगवान राम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। उनकी कथा मुख्य रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखित "रामायण" और तुलसीदास द्वारा लिखित "रामचरितमानस" में वर्णित है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान राम ने त्रेतायुग में रावण का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिए थे। भगवान राम ने अपने सम्पूर्ण जीवन मे मर्यादा, करुणा, दया, सत्य, सदाचार और धर्म के मार्ग पर चलते हुए राज किया और यही कारण है कि उन्हें आदर्श पुरुष और मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है.
राम का जीवन हमें मर्यादा, संयम और कर्तव्य का पाठ पढ़ाता है। उन्हें एक आदर्श पुत्र, पति, भाई और राजा के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानी हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और धर्म का पालन करने की शिक्षा देती है।
उनका जीवन धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक है। राम नवमी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह त्योहार लोगों को नैतिकता, धैर्य और परिवार के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है।
राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जीवन धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक है। राम नवमी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह त्योहार लोगों को नैतिकता, धैर्य और परिवार के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है।
भगवान राम ने गुरु वशिष्ठ से शिक्षा प्राप्त की और यह भगवान राम को मिली शिक्षाओं का हीं परिणाम था कि उन्होंने जीवन के आदर्शों की उन ऊंचाइयों को प्राप्त किया जिसके कारण उन्हे मर्यादा पुरुषोतम की उपाधि दी गई है।
माता कैकेयी की बात की मर्यादा को निभाने के लिए भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा लेकिन उन्होंने इसे सहर्ष निभाया। वनवास के दौरान रावण ने छल से सीता का हरण कर लिया। यह घटना रामायण के केंद्रीय कथानक का आधार बनी।
राम ने सुग्रीव, हनुमान और वानर सेना की मदद से लंका पर आक्रमण किया। रावण का वध करके उन्होंने सीता को मुक्त कराया और अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की।
राम का जीवन हमें मर्यादा, संयम और कर्तव्य का पाठ पढ़ाता है। उन्हें एक आदर्श पुत्र, पति, भाई और राजा के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानी हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और धर्म का पालन करने की शिक्षा देती है।
शनिवार, 22 मार्च 2025
नजरिया जीने का: ‘पर्पल फेस्ट' का हुआ राष्ट्रपति भवन मे आयोजन- जानें खास बातें
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने महोत्सव का दौरा किया और दिव्यांगजनों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देखा। अपने संक्षिप्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशीलता ही किसी देश या समाज की प्रतिष्ठा निर्धारित करती है। करुणा, समावेशिता और सद्भावना हमारी संस्कृति और सभ्यता के मूल्य रहे हैं। हमारे संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक न्याय, समानता और व्यक्ति की गरिमा की बात कही गई है।
आगंतुकों के लिए दिन भर विभिन्न गतिविधियां जैसे खेल, डिजिटल समावेशन और उद्यमिता पर कार्यशालाएं, एबिलिम्पिक्स, रचनात्मक कार्यक्रम और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘पर्पल फेस्ट’ का उद्देश्य विभिन्न दिव्यांगता और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा समाज में दिव्यांगजनों की समझ, स्वीकृति और समावेश को बढ़ावा देना है।
मंगलवार, 18 मार्च 2025
भारतेन्दु नाट्य उत्सव 2025: ‘रानी नागफनी की कहानी’ और ‘कन्यादान’ का हुआ मंचन
भारतेन्दु नाट्य उत्सव 2025 के दूसरे दिन दोपहर के सत्र में सुप्रसिद्ध नाटककार विजय तेंडुलकर द्वारा रचित सामाजिक नाटक ‘कन्यादान’ और शाम के सत्र में हरिशंकर परसाई की व्यंग्यात्मक कृति ‘रानी नागफनी की कहानी’ का मंचन हुआ का प्रभावी मंचन किया गया। अमूल सागर के निर्देशन में ब्लैक पर्ल आर्ट्स समूह द्वारा प्रस्तुत नाटक ‘कन्यादान’ ने जातिवाद, आदर्शवाद और सामाजिक बदलाव की जटिलताओं को उजागर किया। कहानी एक प्रगतिशील राजनेता नाथ देवलीकर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी बेटी ज्योति की शादी अरुण अथवले नामक दलित कवि से कराकर सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक कदम बढ़ाने का सपना देखते हैं। लेकिन यह आदर्शवादी सोच कठोर वास्तविकता से टकराती है जब ज्योति वैवाहिक जीवन की चुनौतियों का सामना करती है। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को गहरे सामाजिक ताने-बाने पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया।
ऐतिहासिक नाटक ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ के शानदार मंचन के साथ भव्य शुरुआत के बाद, साहित्य कला परिषद एवं दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित भारतेन्दु नाट्य उत्सव 2025 के दूसरे दिन भी रंगमंच की अनूठी छटा बिखरी। इस दिन दो सशक्त नाटकों का मंचन किया गया, जिन्होंने दर्शकों को गहरे सामाजिक संदेश दिए।
शाम के सत्र में हरिशंकर परसाई की व्यंग्यात्मक कृति ‘रानी नागफनी की कहानी’ का मंचन हुआ, जिसे सुरेंद्र शर्मा के निर्देशन में रंग सप्तक समूह ने प्रस्तुत किया। यह नाटक समकालीन सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर तीखा व्यंग्य प्रस्तुत करता है। नाटक की पात्र संरचना और कथा प्रवाह ने आधुनिक समाज की विसंगतियों को बड़े ही रोचक और हास्यपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत किया। दर्शकों ने इस व्यंग्य नाटक का खूब आनंद उठाया और इसकी गूढ़ सामाजिक व्याख्या को सराहा।
उत्सव के तीसरे दिन दो और बेहतरीन नाटकों का मंचन किया जाएगा। दोपहर 3:30 बजे ‘दार्जिलिंग वेनम’ का मंचन होगा, जिसे दिव्यांशु कुमार और क्षितिज थिएटर ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। यह नाटक दर्शकों को एक गहन और रोमांचक अनुभव देने का वादा करता है। वहीं, शाम 7:00 बजे बासब भट्टाचार्य के निर्देशन में हास्य नाटक ‘सइयां भए कोतवाल’ का मंचन किया जाएगा, जो उत्सव का शानदार समापन करेगा।
भारतेन्दु नाट्य उत्सव 2025 भारतीय रंगमंच की विविधता और उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर उभर रहा है, जहां सामाजिक, व्यंग्यात्मक और हास्य नाटकों का संगम दर्शकों को अपनी समृद्ध परंपरा से जोड़ रहा है।
शनिवार, 15 मार्च 2025
नजरिया जीने का: धैर्य @ ये पाँच उक्तियाँ आपके जीवन को बदल देंगी
इस तथ्य के बावजूद कि हम पहले से ही दोनों शब्दों से परिचित हैं, फिर भी खुद से पूछने की ज़रूरत है कि क्या हम वास्तव में इन शब्दों से शाब्दिक रूप से परिचित हैं?
धैर्य और मौन दोनों ही जीवन में हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और वास्तव में, यह आपके आस-पास होने वाली दैनिक गतिविधियों में आपका मार्गदर्शन करते हैं।
वास्तव में, "धैर्य और मौन दो शक्तिशाली ऊर्जा हैं। धैर्य आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और मौन आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है।"
जब भी आप भ्रम की स्थिति में हों और मानसिक रूप से परेशान हों, तो आपको मौन और धैर्य की अपनी वास्तविक गुणवत्ता को प्रदर्शित करना होगा। निश्चित रूप से जब सब कुछ आपकी इच्छा और उम्मीद के विरुद्ध हो रहा हो तो शांत और मौन रहना आसान काम नहीं होगा।
लेकिन, शांत रहना और मिस्टर कूल की तरह व्यवहार करना आपको प्रसिद्ध क्रिकेटर एम एस धोनी जैसा बना देगा जो मैच के दौरान तनावपूर्ण और कठिन परिस्थितियों में अपने धैर्य और मौन के लिए जाने जाते हैं। धोनी ने मैदान पर क्रिकेट मैच के दौरान कई बार अपने मिस्टर कूल गुणों को साबित किया है।
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा अक्सर कहा करते थे कि मौन कई सवालों का सबसे अच्छा जवाब होता है और आप यकीन नहीं कर सकते कि दुनिया के प्रमुख शीर्ष नेता भी इसी का पालन करते हैं, खासकर कई विवादास्पद और महत्वपूर्ण मुद्दों पर मीडिया और अन्य लोगों से बातचीत करते समय।
नजरिया जीने का: भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व
भगवद गीता में धैर्य (Patience) को महत्वपूर्ण गुणों में से एक बताया गया है, जो किसी व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में सही मार्ग पर बनाए रखने में सहायक होता है। परिवार के साथ धैर्य रखना हीं प्रेम है तथा दूसरों के साथ धैर्य रखना सम्मान है। खुद के प्रति धैर्य रखना आत्मविश्वास है और ईश्वर के प्रति धैर्य ही विश्वास है। गीता में धैर्य को आत्मसंयम, स्थिरता, और मन की शांति के साथ जोड़ा गया है।
गीता के अनुसार, धैर्य केवल प्रतीक्षा नहीं है, बल्कि आत्मसंयम, सकारात्मक दृष्टिकोण और सही मार्ग पर अडिग रहने की क्षमता है। इसे आत्मा की स्थिरता और आंतरिक शक्ति का प्रतीक माना गया है।
गीता के अनुसार धैर्य का अर्थ है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रहना अर्थात कठिन समय में हार न मानना और अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहना। यह धैर्य ही हैं जो हमें कठिन परिस्थितियों मे भी सावधानी के साथ इंतजार करने और उससे निकलने मे अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार बनाती है।
गीता के अनुसार मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रखना भी धैर्य ही है जो हमें खुद पर नियंत्रण करना सिखाती है साथ ही हमें लोभ, लालच और गलत करने के प्रति सावधान करते हुए अ पने मन और इंद्रियों को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान करती है। वास्तव में यह धैर्य ही है जो हमें इंद्रियों पर नियंत्रण रखना सिखाती है।
भविष्य में अच्छे परिणाम की आशा रखना और अपने प्रयास को जारी रखना भी धैर्य है जो गीता के प्रमुख उपदेशों मे शामिल है। सच तो यह है कि अपने वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बनाए रखना भी धैर्य है जो गीता के अनुसार हमें सीख मिलती है।
भगवद गीता के प्रमुख श्लोक जो धैर्य पर प्रकाश डालते हैं:
श्लोक: 2.14
"मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः।
आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।।"
अर्थ: सुख-दुःख, ठंड-गर्मी आदि अनुभव जीवन में आते-जाते रहते हैं। ये अनित्य (अस्थाई) हैं। हे अर्जुन! इन्हें सहन करना सीखो।
तात्पर्य यह है कि धैर्य का अर्थ केवल कठिनाइयों को सहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समझने में है कि ये परिस्थितियां अस्थायी हैं।
श्लोक: 6.5
"उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।"
अर्थ: मनुष्य को अपने आत्मा द्वारा स्वयं की सहायता करनी चाहिए और अपने को नीचे गिरने से बचाना चाहिए। आत्मा ही मनुष्य का मित्र है और आत्मा ही उसका शत्रु है।
धैर्य का अभ्यास तभी संभव है जब हम आत्मा के मित्र बनें और अपने भीतर की शक्ति का उपयोग करें।
सच्चाई तो यह है कि यह धैर्य ही है जो हमें जीवन मे सही निर्णय लेने में मदद करता है साथ हीं धैर्य हमें कठिन समय सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
धैर्य का महत्व जीवन मे और भी बढ़ जाता है जब हम विपरीत परिस्थितियों से दो-चार हो रहे होते हैं और उस समय के संघर्षों का सामना धैर्य के बिना संभव नहीं।
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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में बताए गए सुझाव/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको इस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है और इन्हें पेशेवर सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए/पालन नहीं किया जाना चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं और आपसे अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास विषय से संबंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो हमेशा अपने पेशेवर सेवा प्रदाता से परामर्श करें।
बुधवार, 12 मार्च 2025
नजरिया जीने का: चेंज प्रकृति का नियम है और इस परिवर्तन को स्वीकार करना सीखिए, अपनाएं ये टिप्स
अपनी स्थिति को स्वीकार करने का सबसे अच्छा तरीका है जीवन में अपना दृष्टिकोण बदलना और चीजों को अलग तरह से देखना। हम अपने जीवन में जितने अधिक अवसर आने देंगे, हमारा जीवन उतना ही अधिक पूर्ण और खुशहाल होगा। अगर आप जीवन की चुनौतियों को सकारात्मक तरीके से देखेंगे, तो आप नई चीजें देखना शुरू कर सकते हैं। आप विवरणों को एक नए तरीके से देख सकते हैं। आपको लग सकता है कि चीजें उतनी बुरी नहीं हैं जितनी वे लगती हैं, और आपको अपने अगले कदम के लिए बिल्कुल वही चीज़ मिल सकती है जिसकी आपको ज़रूरत है। आप अपने दिमाग को नई जानकारी, नए रास्ते और नए नज़रिए के लिए खोलना शुरू करते हैं। टिप्स जो आपके जीवन मे परिवर्तन ला सकते हैं-
हमेशा कुछ नया करने कि सोचे और इसके लिए प्रयत्न करें।
आपने अक्सर सुना होगा कि “यात्रा करने किसी भी इंसान को परफेक्ट और सम्पूर्ण बनाता है।“यात्रा करना एक ऐसी फेज ऑफ लाइफ है जहां आपको नई चीज़ें सीखना, नई जगहों का अनुभव करना और अपरिचित क्षेत्र में रोमांच की तलाश करने का अवसर प्रदान करती है। जब हम यात्रा करते हैं, तो हम खुश महसूस करते हैं और यह हमारे दिमाग को हमारे जीवन में तनावपूर्ण स्थितियों से दूर ले जाता है। हम नई चीज़ों का अनुभव करते हैं जो हमने पहले कभी नहीं की हैं। हम नए लोगों से मिलते हैं जो हमारे दायरे से बाहर हैं। यात्रा करने से आपको शांत और संतुष्ट महसूस करने में भी मदद मिलती है, जिससे आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों, रुचियों या सामान्य रूप से जीवन पर विचार कर पाते हैं। यात्रा करने से जीवन के बारे में बेहतर नज़रिया और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रेरणा मिलती है।
व्यायाम करने के लिए समय निकालें
व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह चिंता, अवसाद और नकारात्मक मनोदशा को कम करता है। व्यायाम नई मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को उत्तेजित करता है, जो संज्ञानात्मक कार्य में मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आपके पास अधिक रक्त, अधिक ऊर्जा और अधिक ऑक्सीजन होगी, जिससे आपका मस्तिष्क बेहतर प्रदर्शन करेगा और तेज रहेगा। व्यायाम आपकी नींद को भी बेहतर बना सकता है। जब आप अच्छी तरह से आराम करते हैं, तो आप बेहतर महसूस करते हैं, और आप अपने दिन में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार महसूस करते हैं।
खुद को प्रेरित करें और पुरस्कारों के साथ व्यवहार करें
अधिकांश लोग खुद के मुकाबले दूसरों के प्रति अधिक दयालु होते हैं। लेकिन अगर आप खुद को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं, तो आप खुद के प्रति अधिक दयालु होने की संभावना रखते हैं। आत्म-देखभाल महत्वपूर्ण है। यह खुद के साथ एक स्वस्थ संबंध बनाए रखता है। आत्म-देखभाल सकारात्मक भावनाओं को उत्पन्न करती है और आपके आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाती है। साथ ही, आत्म-देखभाल आपको और दूसरों को यह याद दिलाएगी कि आप और आपकी ज़रूरतें भी ज़रूरी हैं।
एक नियमित दिनचर्या के साथ एक समय सारिणी बनाएँ
एक नियमित दिनचर्या और डिसप्लिन लाइफस्टाइल हमेशा से जीवन मे सफल लोगों का मुख्य हथियार रहा है। अक्सर जब लोग दिनचर्या शब्द सुनते हैं, तो वे अक्सर इसे नीरस और भयानक मानते। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि यदि आप एक अच्छा प्रदर्शन करने कि चाहत रखते हैं, तो इसके लिए आपके टाइम मैनेजमेंट कि अहमियत को पहचानना होगा। यदि आप अपने समय का सही तरीके से प्रबंधन करते हैं, तो यह आपके तनाव के स्तर और चिंता को कम करता है। आपके पास आराम करने के लिए अधिक समय होगा, जिससे बेहतर मानसिक स्वास्थ्य हो सकता है। आपकी दैनिक दिनचर्या आपके आराम की गुणवत्ता के साथ-साथ आपकी नींद के कार्यक्रम और सोने की आदतों को भी प्रभावित करती है। ये आपकी मानसिक तीक्ष्णता, प्रदर्शन, भावनात्मक कल्याण और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करते हैं।
जीवन में अपने सपने को प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें
लक्ष्य आपको एक दिशा देते हैं और आपको बेहतर जीवन की ओर ले जा सकते हैं। जब आपके जीवन में लक्ष्य होते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों के अनुसार कार्य करना शुरू करते हैं, और वे आपको सकारात्मक और बेहतर अनुभव की ओर ले जाते हैं। यह आपको जीवन में सक्रिय रखेगा, मानसिक बाधाओं को दूर करने में आपकी मदद करेगा, और नकारात्मक भावनाओं को अनदेखा करेगा जो विचलित कर सकती हैं। लक्ष्यों का एक स्पष्ट सेट होने से काम पर, अपने घर में, या यहाँ तक कि अन्य लोगों के प्रति आपके दृष्टिकोण में सुधार करके आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
मंगलवार, 11 मार्च 2025
नजरिया जीने का: जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी@ जानें क्या कहती हैं ये नामचीन हस्तियां
1.
नहीं समझो अबला अब, वक्त की रफ्तार है वो,
नित-नई ऊंचाइयों को छूने का नाम है अब नारी।
2.
दयालुता और ममता की मूरत भी है पर,
वज्र जैसे कठोरता का नाम है अब नारी।
3.
घर और कार्यस्थल का दिल और आत्मा है , पर
आत्मविश्वास से लबरेज, उम्मीदों का नाम है अब नारी।
4.
खुद को कमजोर समझना हीं तो भूल है तुम्हारी,
जिससे सारा जहां है, उसी का तो नाम है नारी।
5.
सृजन की जननी, और शक्ति का प्रतीक तुम्ही हो,
मेहनत और संघर्ष की मूरत, श्रद्धा की हकदार है हर नारी।
महिला: जानें क्या कहती हैं ये नामचीन हस्तियां
- एक शिक्षित महिला, एक सशक्त समाज की नींव होती है। - मिशेल ओबामा
- स्त्रियों के बिना, दुनिया अधूरी है। – महात्मा गांधी
- एक महिला वह होती है, जो पूरे दिल से दुनिया को रोशन करती है।
- –ओपरा विन्फ्रे
- लड़कियाँ सिर्फ इतिहास नहीं पढ़तीं, वे इतिहास बनाती हैं।
- – एलेनोर रूजवेल्ट
रविवार, 9 मार्च 2025
नजरिया जीने का: असफल होने का डर सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है, जानें कैसे
नजरिया जीने का: जीवन मे सफलता जरूरी है, पर क्या हर कीमत पर?
सच बेहद कड़वा होता है और इससे शायद हीं कोई इंकार करे, मगर हकीकत यह भी है कि सच्चाई और ईमानदारी को हीं हमारे बाद लोग याद करते हैं और उसी से जीवन की असली पहचान होती है। झूठ और फरेब की दुनिया से कमाए गए धन कितने दिन रहते हैं भला। और सबसे बड़ी विडंबना भी हमारी यही है कि हम सभी इस सच्चाई से परिचित हैं, फिर अपनी व्यवहार और अंतरात्मा को समझा पाने मे विफल है। जैसे कि डॉक्टर एस राधाकृष्णन ने कहा था-"The great tragedy for we Indian is that we know the right but do the wrong."
बेईमानी से भली है सर उठाकर जीने की कला
यह ठीक है कि जीवन मे सच्चाई का रास्ता दर्द और काँटों भरा होता है और उसपर चलना मुश्किल होता है, लेकिन क्या यह इतना भी मुश्किल होता है जिसपर हम ईमानदारी और सम्मान से चल नहीं सकता। जीवन मे हर मुस्कान के पीछे एक दर्द छुपा होता है, लेकिन तात्कालिक खुशी के लिए क्या सच्चाई और ईमानदारी से विमुख हो कर बेईमानी और अनैतिकता का जीवन जीना भला किस प्रकार की समझदारी है। सच्चाई से जीने का मजा यह भी है है कि हमें अपने सर को किसी के आगे झुकाना नहीं पड़ता.
सफलता है आपके जीवन का पैमाना
इस सच्चाई से भला किसको इनकार हो सकता है कि दुनिया सिर्फ उगते हुए सूरज को पूछती है और सफलता हीं वह पैमाना है जिसके परैमिटर पर हम सभी को तौलकर ही आपकी कीमत लगाई जाती है। लेकिन यह भी याद रखें, जीवन मे सफलता के लिए भी कुछ शर्ते हैं और उनकी कीमत पर हीं आप सफल होंगे और ये दुनिए आपको तब तक नहीं पूछेगी जब तक आप सफल नहीं हो जाते।
हर रिश्ता स्वार्थ से भरा नहीं होता
हाँ, हर रिश्ता स्वार्थ से भरा होता है, लेकिन इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि हर रिश्ते को हम स्वार्थ के तराजू पर तौल कर हीं उसके वास्तविकता को पहचाने। दूध पिलाने वाली एक माँ को भला उसे गोद मे बच्चे से क्या स्वार्थ हो सकता है? अगर हम यह कहें कि वह अपने बुढ़ापे के सहारा के लिए यह कर रही है तो इतना वास्तविकता उस माँ को भी पता है कि यह इनवेस्टमेंट खतरे से भरा है क्योंकि आज इतने बड़े पैमाने पर खुद रहे वृद्धाश्रम इस बात की गारंटी है कि कम से कम आज के पेरेंट्स को अपने बच्चों से उतना उम्मीद लगाना खतरे से खाली नहीं।
शनिवार, 1 मार्च 2025
International Women Day Quotes: इन संदेशों से दीजिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई
इस दिन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज में उनके योगदान को मान्यता देना है।
1.
नारी शक्ति का सम्मान दीजिए,
घर से लेकर, बाहर तक,
धरती से लेकर आकाश तक,
अंतरिक्ष तक उसके पहुँच को
स्वीकार कीजिए,
नारी शक्ति को सम्मान दीजिए।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
2.
सूर्योदय वहीं, जहां नारी का मान होगा,
सभ्यता वहीं, जहां नारी का सम्मान होगा,
डूब गया वह कोना, सदा के लिए,
जहां कहीं नारी का अपमान होगा।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
3.
सिर्फ घर की लक्ष्मी नहीं,
धरती की देवी है नारी,
घर तो क्या,
दुनिया संवार सकती है नारी,
सिर्फ प्रेम की हीं नहीं,
वात्सल्य और ममता की देवी है नारी।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
4.
शक्ति की सागर है, हर नारी,
माँ हो या बहन या चाहे बेटी,
प्रेम और स्नेह की गागर है हर नारी,
खुद के नजरिए को बदल के देखो,
दोस्ती से पड़े, प्रेम की देवी है हर नारी।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
नजरिया जीने का-सिर्फ हार्ड वर्क नहीं स्मार्ट वर्क भी है जरूरी: जाने दोनों के मदद से कैसे पाएं सफलता
याद रखें दोस्तों, आज का ये दौर स्मार्ट वर्क का भी है क्योंकि सिर्फ हार्ड वर्क करके आप परिश्रम तो करते हैं, लेकिन स्मार्ट वर्क के साथ अगर हार्ड वर्क की जाए तो सफलता प्राप्त करने कि संभावना भी बढ़ जाएगी और समय भी कम लगेगा क्योंकि आप चीजों को स्मार्टली कर रहे होते हैं।
जानें हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क मे अंतर
हार्ड वर्क से हमारा मतलब होता है किसी काम को पूरा करने के ईमानदारी से प्रयास करना और घंटों मेहनत करना जहां परिणाम प्राप्त नहीं होने कि कोई संभावना नहीं रहे, खासतौर पर अपनी ओर से। वही दूसरी ओर स्मार्ट वर्क का मतलब है कम समय में समान काम को पूरा करने के लिए रणनीति बनाना, सावधानीपूर्वक योजना बनाना, लेकिन स्मार्टली तरीके से।
सच तो है है कि स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं और दोनों हीं जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए जरुती है। हैँ, इसके लिए आप निर्धारित किए गए लक्ष्य और जीवन के उदेशयों कि विशालता और पर्फेक्शन को देखते हुए यह आपके परिस्थितियों और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
हार्ड वर्क क्यों है जरूरी?
एक तरत जहां हार्ड वर्क करने कि आपकी जुनून आपके अंदर अनुशासन और दृढ़ता को विकसित करता है जो कि निश्चय ही सफलता की सबसे पहली शर्त है। इसके साथ हीं आप हार्ड वर्क के जरिए अपने क्षेत्र मे महारत हासिल करने के योग्य हो जाते हैं। कठिन परिक्षम के साथ हीं आपके अंदर आत्मविश्वास और संतुष्टि की भावना पैदा होती है। इसके अतिरिक्त हार्ड वर्क करने से आपकी एकाग्रता और लगन का भाव पैदा होता है जो आपके लक्ष्य के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।
स्मार्ट वर्क है आज की जरूरत
वहीं दूसरी ओर, स्मार्ट वर्क के अपने फाइडे हैं जो कि जाहिर है हार्ड वर्क से अलग चीजों को काफी पर्फेक्शन और स्मार्टली तरीके से किया जाता है। स्मार्ट वर्क के अंतर्गत आप समय और ऊर्जा की बचत करते हैं जहां आप चीजों को करने के लिए ऑल्टर्नटिव और लैटस्ट उपायों को प्रयोग मे लाते हैं। इनके प्रयोग से एक तरफ तो आप समय और ऊर्जा बचाते हैं वहीं दूसरी ओर आप काफी साइंटिफिक वे मे परिणामों को प्राप्त कर उनकी व्याख्या करते हैं। स्मार्ट वर्क एक तरफ जहां नवीन समाधान खोजने को प्रोत्साहित करता है वहीं बेहतर परिणामों के लिए प्राथमिकता और रणनीति पर ध्यान केंद्रित करता है.
स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क मे बैठायें सामंजस्य
अगर आप जीवन मे सफलता चाहते हैं तो बुद्धिमानी के साथ स्मार्ट और हार्ड वर्क मे सामंजस्य बैठायें और सबसे अच्छा दृष्टिकोण या आदर्श स्थिति यह होगी कि आप स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क को एक साथ मिलाकर काम करें।
उसके लिए सबसे अच्छा होगा कि स्मार्ट वर्क के हेल्प से आप योजना बनाएँ और इसके लिए सबसे पहले आप अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें। लक्ष्य के साथ सबसे पहले अपनी प्राथमिकताएँ निर्धारित करें और उपलब्ध संसाधनों और जरूरत के मुताबिक सबसे प्रभावी रणनीतियों की पहचान करें।
रणनीति तैयार करें
ध्यान रखें, एक बार जब आप स्मार्ट रणनीति तैयार कर लें, तो उसे लागू करने के लिए मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। एक बार लक्ष्य और प्राथमिकता निश्चित हो जाने के बाद आप निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए हार्ड वर्क करने आरंभ करें। अपने स्ट्रैटिजी और स्टेप्स का हमेशा हार्ड वर्क से क्रियान्वित करें और स्मार्टली उनका मूल्यांकन करें।
कठिन परिश्रम करें
स्ट्रैटिजी के अनुसार स्मार्टली अपने परिणामों का विश्लेषण करें और अपने दृष्टिकोण को समायोजित करें ताकि समय सीमा के अंदर कार्य सम्पन्न हो सके। याद रखें जीवन मे सफलता के लिए दोनों आवश्यक है क्योंकि एक तरफ जहां स्मार्ट वर्क आपको सही दिशा में निर्देशित करता है, वहीं दूसरी ओर हार्ड वर्क आपको वहां पहुंचाता है जहां लक्ष्य और परिणाम आपका इंतजार कर रहा होता है।