रविवार, 30 मार्च 2025

नजरिया जीने का: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जीवन है धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक


राम नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है। भगवान श्री राम श्रेष्ठ राजा थे. भगवान राम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। उनकी कथा मुख्य रूप से वाल्मीकि द्वारा लिखित "रामायण" और तुलसीदास द्वारा लिखित "रामचरितमानस" में वर्णित है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान राम ने त्रेतायुग में रावण का संहार करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिए थे। भगवान राम ने अपने सम्पूर्ण जीवन मे मर्यादा, करुणा, दया, सत्य, सदाचार और धर्म के मार्ग पर चलते हुए राज किया और यही कारण है कि  उन्हें आदर्श पुरुष और मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है. 

राम का जीवन हमें मर्यादा, संयम और कर्तव्य का पाठ पढ़ाता है। उन्हें एक आदर्श पुत्र, पति, भाई और राजा के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानी हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और धर्म का पालन करने की शिक्षा देती है।

उनका जीवन धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक है। राम नवमी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह त्योहार लोगों को नैतिकता, धैर्य और परिवार के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है।

राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जीवन धर्म, सत्य और न्याय के प्रति समर्पण का प्रतीक है। राम नवमी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह त्योहार लोगों को नैतिकता, धैर्य और परिवार के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है।

भगवान राम ने गुरु वशिष्ठ से शिक्षा प्राप्त की  और यह भगवान राम को मिली  शिक्षाओं का हीं परिणाम था कि उन्होंने जीवन के आदर्शों की उन ऊंचाइयों को प्राप्त किया जिसके कारण उन्हे मर्यादा पुरुषोतम की उपाधि दी गई है। 

माता कैकेयी की बात की मर्यादा को निभाने के लिए भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास जाना पड़ा लेकिन उन्होंने इसे सहर्ष निभाया। वनवास के दौरान रावण ने छल से सीता का हरण कर लिया। यह घटना रामायण के केंद्रीय कथानक का आधार बनी।

राम ने सुग्रीव, हनुमान और वानर सेना की मदद से लंका पर आक्रमण किया। रावण का वध करके उन्होंने सीता को मुक्त कराया और अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की।

राम का जीवन हमें मर्यादा, संयम और कर्तव्य का पाठ पढ़ाता है। उन्हें एक आदर्श पुत्र, पति, भाई और राजा के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानी हमें विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखने और धर्म का पालन करने की शिक्षा देती है।

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