बुधवार, 16 जुलाई 2025

नजरिया जीने का; सौंदर्य और कुरुपता के धोखे से निकलना सीखे

जिब्रान की एक बड़ी प्रीतिकर कहानी है कि संसार के जन्म के समय परमात्मा ने जब सब बनाया, तब उसने एक सौंदर्य की देवी और एक कुरूपता की देवी भी बनायी। उन दोनों को उसने पृथ्वी पर भेजा। मार्ग लंबा है आकाश से पृथ्वी तक आने का। धूल से भर गए उनके वस्त्र, उनके शरीर-लंबी यात्रा थी। तो वे दोनों एक झील के किनारे उतरीं, और स्नान करने को झील में उतरीं। दोनों ने अपने कपड़े बाहर रख दिए, झील के किनारे। कोई था भी नहीं आसपास। दोनों नग्न हो कर झील में स्नान किए। सौंदर्य की देवी तैरती हुई दूर तक निकल गयी। तभी कुरूपता की देवी बाहर निकली। उसने सौंदर्य की देवी के कपड़े पहन लिए और भाग खड़ी हुई। जब सौंदर्य की देवी ने पीछे लौट कर देखा तो वह बड़ी हैरान हुई। देखा कि कपड़े तो जा चुके।

सुबह हुई जा रही थी, गांव के लोग जगने लगे। और आसपास लोगों के आने-जाने की चहलकदमी शुरू हो गयी। मजबूरी में सौंदर्य की देवी को कुरूपता के वस्त्र पहन लेने पड़े।

और जिब्रान ने कहा है, "तब से सौंदर्य की देवी कुरूपता की देवी के वस्त्र पहने घूम रही है। और कुरूपता की देवी सौंदर्य के वस्त्र पहने घूम रही है। ऐसा ही कुछ हुआ है।"

दुख सुख के वस्त्र पहने हुए घूम रहा है।
असत्य सत्य के वस्त्र पहने हुए घूम रहा है। और मन वहीं धोखा खा जाता है।

श्रोत:ओशो;
एक ओंकार सतनाम ~ प्रवचन-20

सोमवार, 14 जुलाई 2025

गुरु वह शक्ति है जो अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ईश्वर की ओर ले जाती है-संजीव कृष्ण ठाकुर


संजीव कृष्ण ठाकुर जी ने अपने प्रवचन में कहा, "गुरु वह शक्ति है जो शिष्य को अज्ञानता के अंधकार से निकालकर ईश्वर की ओर ले जाती है।" उन्होंने संत सहजो बाई का उल्लेख करते हुए कहा कि "गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर है, क्योंकि ईश्वर तो कर्म के अनुसार फल देता है, लेकिन गुरु कृपा से भाग्य भी बदल सकता है।"

गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर दिल्ली में एक भव्य आध्यात्मिक सत्संग और गुरु महिमा समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वृंदावन से पधारे विश्वविख्यात संत संजीव कृष्ण ठाकुर जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरु महिमा का महत्व समझाते हुए भागवत गीता के कई प्रसंगों के माध्यम से जीवन मूल्यों और गुरु-शिष्य परंपरा की दिव्यता का सन्देश दिया।

इस मौके पर मौजूद अतिथियो में समाजसेवी व उद्धोगपति रमेश कपूर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शम्भू शर्मा, ज्ञानेश्वर सिंह SHO, बीजेपी बाहरी दिल्ली जिलाध्यक्ष रामचंद्र चावरिया,  विधायक राजकुमार चौहान, निगम पार्षद धर्मबीर शर्मा, बिश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा,  ट्रांसजेंडर समुदाय से कमलेश, ललिता नायक, दीपचंद्र, अदीप सेतिया, अशोक शर्मा, अमित पूरी, पण्डित भोला नाथ शुक्ला, , अर्चना शुक्ला, अंशु अग्रवाल, अमर अग्रवाल, नीरज जैन, पण्डित कृष्ण शास्त्री, आचार्य प्रेम शर्मा, समाजसेवी अंजू शर्मा व राजकमल शर्मा, प्रोड्यूसर राजेश्वरी सिंह, मनोज अग्रवाल, अंकित शर्मा, विकास शर्मा, सुमित मलिक, फूलचंद अलोरिया, लक्ष्य पण्डित, अमन परवाना, मनप्रीत कौर आदि प्रमुख थे।

विश्व शांति व मानवता के दूत के रूप में सम्मान

इस अवसर पर वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (WHRO) की ओर से संत संजीव कृष्ण ठाकुर जी को "ग्लोबल पीस एंड ह्यूमिनिटी अवॉर्ड 2025" से सम्मानित किया गया। ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन योगराज शर्मा ने ठाकुर जी को यह सम्मान एक स्मृति चिन्ह और शाल ओढ़ाकर प्रदान किया।

योगराज शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा, "संजीव कृष्ण ठाकुर जी न केवल अध्यात्म के क्षेत्र में अपितु मानवता, प्रेम और करुणा के प्रचारक के रूप में भी वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं। उनकी वाणी और जीवन-दर्शन में आज के समाज के लिए मार्गदर्शन है।"

आयोजक और अन्य सम्मान

कार्यक्रम के आयोजक अरुण शर्मा 'लक्की हिंदुस्तानी' ने मंच पर उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों, संतों और साधकों का स्वागत और सम्मान किया। इसी कार्यक्रम में WHRO दिल्ली राज्य के चेयरमैन के रूप में अरुण शर्मा को भी औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया और सम्मान प्रदान किया गया।

संजीव कृष्ण ठाकुर जी का जीवन और अध्यात्म यात्रा

संजीव कृष्ण ठाकुर जी का जन्म वृंदावन की पावन भूमि में हुआ। बाल्यकाल से ही ठाकुर जी में अध्यात्म और भक्ति के प्रति विशेष रुचि थी। उन्होंने श्रीमद्भागवत, गीता और वेद-पुराणों का गहन अध्ययन किया। ठाकुर जी अपने प्रवचनों में प्रेम मार्ग और मानव सेवा को ही सर्वोच्च धर्म बताते हैं।

संजीव कृष्ण ठाकुर जी ने अब तक देश-विदेश में हजारों कथा, सत्संग और भागवत सप्ताह आयोजित किए हैं। मानवता और विश्व शांति के लिए समर्पित ठाकुर जी का उद्देश्य है कि समाज में अहिंसा, प्रेम, सद्भावना और अध्यात्मिक चेतना का प्रसार हो।

संजीव कृष्ण ठाकुर जी के श्रीमुख से सुनाई गई कथा और भजनों ने रोहिणी के इस आयोजन को दिव्यता और ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने गुरु महिमा के इस दिव्य संदेश का लाभ उठाया और भाव-विभोर होकर ठाकुर जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।


रविवार, 13 जुलाई 2025

‘‘पढ़ेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया’’ केवल नारा बनकर ही रह गया- कांग्रेस


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट फंड और सुविधा एवं सर्विस चार्ज के नाम पर छात्रों की फीस में इस वर्ष भी बढ़ोतरी कि आलोचना किया है।  दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट फंड और सुविधा एवं सर्विस चार्ज के नाम पर छात्रों की फीस में इस वर्ष भी बढ़ोतरी करके अतिरिक्त बोझा डाल दिया है। पिछले तीन वर्षों में यह वृद्धि लगभग दुगनी की गई है जबकि शिक्षक समुदाय भी इस पर आपत्ति जता रहा है। 

 डेवलपमेंट फंड, सुविधा और सर्विस चार्ज कालेज में पढ़ने वाले छात्रों से लेना अनैतिक है, इसको वहन करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने पूछा कि यह फीस वृद्धि भाजपा के के.जी. से पी.जी. तक मुफ्त शिक्षा देने के वादे के खिलाफ है जबकि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि पर भी अभी तक कुछ नही किया है।

यह चिंताजनक है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की फीस में 20 प्रतिशत की वृद्धि करके उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालकर उन्हें मानसिक रुप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में युनिवर्सिटी डेवलमेंट फंड और सुविधा व सर्विस चार्ज के 1500-1500 रुपये करके छात्रों से अतिरिक्त 3000 रुपये वसूले जाएंगे, इस बढ़ोतरी से दलित, वंचित, महिलाओं, कमजोर वर्ग, किसान, मजदूर, अल्पसंख्यक, ईडब्लूएस. पिछड़े वर्ग के छात्रों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। 

उन्होंने कहा कि भाजपा गरीब से शिक्षा को दूर करने की कोशिश कर रही है। शिक्षा का निजीकरण करके प्राईवेट संस्थानों में फीस पहले ही इतनी अधिक कर दी गई है कि उसमें कोई गरीब आदमी अपना बच्चा नही पढ़ा सकता और अब भाजपा सरकार दिल्ली विश्वविद्यालय में हर वर्ष फीस में बढ़ोतरी कर रही है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा का नारा कि ‘‘पढ़ेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया’’ केवल नारा बनकर ही रह गया है। जब भाजपा अगर सरकारी शिक्षण संस्थानों में फीस में अप्रत्याशित वृद्धि करेगी तो आम भारतीय के बच्चें कैसे पढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर गंभीरता से विचार किया जाए तो स्पष्ट दिखता है कि फीस वृद्धि से लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अभी तक लोगों में यह मानसिकता है कि बेटी की जगह बेटे को पढ़ाऐं। 

फिर फीस वृद्धि के बाद कहीं न कहीं भाजपा ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का अपना नारा भी बेमानी साबित कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की शिक्षा विरोधी नीति के कारण 12वीं के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाली आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों की बेटियों का सपना पूरा नही हो सकता।