बुधवार, 13 अगस्त 2025

जन्माष्टमी 2025: भगवान कृष्ण से जीवन बदलने वाली 6 अनमोल सीख


कृष्ण जन्माष्टमी  एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है। इसे न्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है.  
भगवन श्रीकृष्ण का जीवन प्रेम, कर्तव्य, नीति, और धर्म का अद्भुत संगम है और उनके जीवन से हमें अपने परिवार के साथ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के चलने और उसके सञ्चालन के लिए सम्पूर्ण  सूत्र प्राप्त होता है।
 भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र के शुभ समय में हुआ था, जिसका विशेष महत्व है और इस साल अर्थात्न 2025 में जन्माष्टमी का महोत्सव भगवान कृष्ण का 5252वाँ जन्मोत्सव होगा। इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी लगातार दो दिन, 15 और 16 अगस्त, 2025 को मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी  सिर्फ भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन से जुड़े आदर्शों और शिक्षाओं को याद करने का अवसर भी है।आइए जानते हैं, हम भगवान कृष्ण से कौन-कौन सी बातें सीख सकते हैं—

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

 धर्म के मार्ग पर अडिग रहना

गीता का वह प्रमुख श्लोक तो आपको याद ही होगा-"यदा यदा ही धर्मस्य ग्लनिर्भरति भारत..."  भगवन कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया और अपने विश्व रूप का दृश्य दिखाया था. श्री कृष्णा ने उन्हें बताया और सिखाया कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियाँ हों, धर्म और सत्य के मार्ग से पीछे नहीं हटना चाहिए।

परिस्थितियों में संतुलन रखना

गीता का प्रमुख सार यही है कि जीवन में  विभिन्न परिस्थितियों का आना स्वाभाविक घटना है. भगवन श्री कृष्णा का कहना है की जीवन में सुख-दुख, लाभ-हानि, जीत-हार आती रहती हैं। कृष्ण का संदेश है— “समत्वं योग उच्यते”, यानी हर परिस्थिति में मन को संतुलित रखना ही सच्चा योग है।

कर्म सर्वोपरि 

गीता का सबसे बड़ा संदेश— “कर्म करो, फल की चिंता मत करो”। कृष्ण सिखाते हैं कि परिणाम की चिंता में उलझने के बजाय हमें अपना पूरा ध्यान कर्म पर लगाना चाहिए।

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

 रिश्तों में प्रेम और अपनापन

गोपियों, सुदामा, अर्जुन, और द्रौपदी के साथ कृष्ण का संबंध यह दर्शाता है कि सच्चा मित्र, भाई और प्रिय वही है जो हर परिस्थिति में साथ निभाए।

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

बुद्धि और चतुराई से समस्याओं का हल

कृष्ण को रणनीति और नीति के महारथी कहा जाता है। चाहे मथुरा से द्वारका का बसना हो या पांडवों की विजय, उन्होंने बुद्धि से हर कठिनाई का हल निकाला।

जीवन में आनंद और संगीत का महत्व

कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन हमें यह सिखाती है कि जीवन में कामयाबी के साथ-साथ आनंद, कला और संगीत के लिए भी समय निकालना जरूरी है।

रविवार, 10 अगस्त 2025

नजरिया जीने का: बाहरी बाधाओं से स्ट्रॉंग आपके अंदर का वजूद है, पहचानें तो सही

 

नजरिया जीने का: प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशिष्ट शक्ति और हुनर से सँवारकर हमें इस धरती पर भेज है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक खास स्किल होता है जो हमें दूसरों से अलग होने और बनने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम खुद पर भरोसा नहीं करते और सबसे अधिक अविश्वास खुद कि शक्तियों पर करते हैं और इसका अंजाम यह होता है कि हम अपने जीवन को निरर्थक और लक्ष्यहीन कर देते हैं। 

जीवन में सफलता के लिए सबसे पहली  यह जरूरी है कि आप खुद में भरोसा जगाइए कि आप इस दुनिया में सबसे खास हैं।  दुनिया के द्वारा दिए गए सभी बाधाओं को आप झेल सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले  आप खुद की किलर इंस्टिंक्ट को पहचाने। 

जो लोग अपनी काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वे ही महान काम कर पाते हैं।- अज्ञात

विश्वास करें दोस्तों, आपके खुद के अंदर कुछ खास है जो आपके बाहर की किसी भी समस्या से ज्यादा सशक्त और मजबूत है। 
"जो खुद पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।" — अज्ञात

"खुद पर भरोसा" का मतलब है स्वयं पर विश्वास रखना क्योंकि जीवन में  सफलता के लिए यही एकमात्र शर्त है। खुद पर भरोसा करने के साथ ही यह जरूरी है कि आप  अपने पास  उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर होकर अपनी क्षमताओं, विचारों और निर्णयों पर यकीन करना। 
"आपकी सबसे बड़ी ताकत आपके अंदर ही है। बस खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।" — अज्ञात

हमारी विडंबना यही है कि हम बाहर की समस्या रूपी दुश्मन के इतने कायल हैं कि हमारे खुद की स्किल, शक्ति और बुद्धिमानी को हीं अक्षम और लाचार बना लेते हैं।

यह ठीक है की दुश्मन की शक्ति को कमतर नहीं आंकी जानी चाहिए, लेकिन यह खुद को कमजोर और असहाय बनाकर दुश्मनों से मुकाबला करने की स्ट्रेटजी को कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है।

"जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो दूसरों का भरोसा अपने आप बढ़ने लगता है।" — अज्ञात

जब आप खुद पर भरोसा करते हैं, तो आप अपनी कमियों और क्षमताओं को पहचानते हुए भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं।
"अगर आपको खुद पर विश्वास है, तो आप दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।" — जॉएल ऑस्टीन

 इसका महत्व इसलिए है क्योंकि जब आप खुद पर भरोसा रखते हैं, तो बाहरी परिस्थितियाँ या अन्य लोगों की राय आपकी प्रगति में बाधा नहीं बन पातीं।

"खुद पर भरोसा रखना सबसे बड़ा साहस है।" — अज्ञात


वामा: महिला कलाकारों द्वारा अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल का एक आकर्षक मिश्रण

दिल्ली की महिला कलाकारों का आठ दिवसीय समारोह में दिल्ली की 20 प्रतिभाशाली महिला कलाकार एक साथ प्रदर्शन किया। महिलाओं की कलात्मक प्रतिभा को सशक्त बनाने और प्रदर्शित करने के लिए आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय कला, संस्कृति और भाषा मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज द्वारा किया गया ।


सेल्फ डिसप्लिन से बढ़ाएं अपना कॉन्फिडेंस 

20 प्रख्यात महिला कलाकारों की शानदार लाइनअप वाली इस प्रदर्शनी में अन्नू गुप्ता, दीपा पोटरे, दुर्गा कैंथोला, कंचन चंदर, नीलांजना नंदी, प्रतिभा सिंह, रश्मि चौधरी, साक्षी बजाज, सीमा मोहाली, मेघा मदान, नीतू, अदिति अग्रवाल, कविता नैयर, रश्मि खुराना, ऋचा नवानी, सुषमा यादव, शम्पा सरकार दास, वंदना कुमारी, वंदना राकेश और वसुंधरा तिवारी ब्रूटा की कृतियाँ शामिल हैं। 

प्रत्येक कलाकार एक अनूठा दृष्टिकोण और कथा लेकर आता है, जो परंपरा और समकालीन शैलियों का एक आकर्षक मिश्रण बनाता है।



जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

वामा मंच का उद्देश्य एक ऐसा स्थान प्रदान करना है जहाँ महिला कलाकार अपने अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल को प्रदर्शित कर सकें, जिससे कला जगत में समावेशिता और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिले।



 विभिन्न माध्यमों में कलाकृतियों के साथ, यह कार्यक्रम समकालीन कला में महिलाओं के योगदान के बारे में बातचीत को प्रेरित करना चाहता है।


भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

इस प्रदर्शनी ने  कला प्रेमियों, आलोचकों और संरक्षकों को इन उल्लेखनीय महिलाओं की रचनात्मक यात्रा में डूबने का अवसर किया ।



नजरिया जीने का: चलते रहने का नाम है जिंदगी, जाने कैसे खुद को बदलें, अपनाएं ये टिप्स, इम्पॉर्टन्ट कोट्स

 


नजरिया जीने का: ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है और आप  समय के साथ अगर आगे बढ़ना चाहते हैं तो खुद को बदलना सीखना होगा। हाँ, यह सच है कि हमारा मन इन बदलाव के फेज को जिसे हम ट्रांजीशन फेज कह सकते हैं, का विरोध करता है. यह तो प्रकृति का नियम है कि जिस हालत में होते हैं उसी में पड़े रहना चाहते हैं जोकि  साइंस में जड़ता के नियम के नाम से जाना जाता है.जैसे हम बढ़ते हैं, हमारे आसपास का दुनिया बदलता है, और हम खुद भी बदलते हैं। यह बदलाव कभी-कभी आसान नहीं होता है, लेकिन यह आवश्यक है। खुद को बदलने की कई जरूरतें हैं। सबसे पहले, बदलाव हमें बेहतर इंसान बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने कमजोरियों को दूर करते हैं और अपनी मजबूतियों को विकसित करते हैं। इससे हम अपने जीवन में अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

हम अपने आप को कैसे बदल सकते हैं?

कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

दोस्तों विश्वास करें प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशाल ऊर्जा भरकर इस धरती पर भेजा है और हम अपने आप में काफी शक्तिशाली हैं लेकिन हम अपने आप को महत्वहीन और निष्क्रिय बनाकर खुद को असहाय बना लेते हैं. आप अपने दिमाग़ को उन बातों पर ही केंद्रित कर सकते हैं जो आपको चाहिए, न कि उन बातों पर जो आपको लिए महत्वहीन है. एक बार अगर आप खुद पर विश्वास करना सीख लेते हैं तो आप लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़रूरी हर चीज़ को आकर्षित करने में कामयाब होंगे। अपनी अपने अंदर परिवर्तन और बदलाव लाने का हिम्मत तो लाइए , और आप अपनी ज़िंदगी को बदल डालेंगे।

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

खुद को बदलना क्यों जरूरी है?

याद रखें दोस्तों, बदलाव हमें अधिक खुशहाल बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे होते हैं। इससे हमें संतोष और खुशी मिलती है। इसके अतिरिक्त यह बदलाव हैं है जो हमें अपने विचारों और व्यवहारों में सकारात्मक परिवर्तन लाने को विवश करता है जो आगे चलकर हमारी आदत और बाद में अनुशासन की जीवन की प्रक्रिया का सूत्रपात करता है । 

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

खुद को बदलना एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें समर्पण, सहारा, और स्वयं में सुधार की इच्छा की जरूरत होती है. खुद को बदलने के लिए, हमें पहले खुद को समझना होगा। हमें अपने कमजोरियों और मजबूतियों को पहचानने की जरूरत है, और यह जानने की जरूरत है कि हम क्या बदलना चाहते हैं। एक बार जब हम खुद को समझ लेते हैं, तो हम बदलाव की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

खुद को पूरी तरह से बदलने के लिए जरुरी टिप्स 

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

स्वीकृति करें: 

खुद को बदलने की पहली शर्त  है स्वीकृति जिसके अंतर्गत हमें यह विचार कठोरता के साथ अपने अंदर आत्मसात करना होगा कि बदलाव लाना हीं हमारे सुधार की जरुरत है. इसके लिए जरुरी है कि हम खुद का मूल्याङ्कन करें और अपने गुणधर्मों और दोषों को स्वीकार करें और स्वयं में सुधार का संकल्प करें.

लक्ष्य तय करें: 

लक्ष्य का तय होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना लक्ष्य के जीवन निरर्थक और उद्देश्यहीन हैं जिसका कोई मतलब हैं. स्पष्ट लक्ष्य तय करें जिसे प्राप्त करने के लिए आप बदलना चाहते हैं. यह लक्ष्य मोटिवेशन प्रदान करेगा.

प्राथमिकता तय करें और सूची बनाएं: 

मूल्याङ्करं करने के साथ ही पने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नियमित रूप से अपने विचारों को मॉनिटर करें। अपनी प्राथमिकताओं को तय करें और एक सूची बनाएं जो आपके अंदर के बदलाव को व्यस्थित करने में आपकी मदद करेगा. .

स्वास्थ्य का ध्यान रखें: 

स्वास्थय सबसे बड़ा धन है इसलिए इसके सर्वोच्च प्राथमिकता दें और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. याद रखें एक स्वस्थ शरीर में हीं एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है इसलिए स्वस्थ रहने के लिए योग, मेडिटेशन, और सही आहार आपको मदद कर सकते हैं.

नए कौशल सीखें:

 नए कौशल सीखने से आत्मविकास होता है. कुछ नया सीखने का प्रयास करें जो आपको पसंद हो और आपके लक्ष्यों के साथ मेल खाए.

सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

धीरज रखें: 

धैर्य रखना सीखें क्योंकि कोई बदलाव रातों रात नहीं हो सकती और इसके लिए धैर्य रखनी होगी क्योंकि कोई भी परिवर्तन  महज एक रात में नहीं होता है। धीरज को अपना बल बनाएं और लगातार प्रयास करते रहें।

अपने आप पर विश्वास रखें: 

 आप खुद को बदलने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास रखें और कड़ी मेहनत करें।

खुद को बदलने के लिए कुछ प्रेरणादायक कोट्स:

  • सबसे बड़ा आत्म-सुधारक आपका खुद है. - स्वामी विवेकानंद
  • जब आप खुद को बदलते हैं, तो दुनिया आपके साथ बदल जाती है. - माहात्मा गांधी
  • ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है। जो लोग बदलने से डरते हैं, वे पीछे रह जाते हैं। - अज्ञात
  • जो लोग खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, वे कभी भी नहीं बदल सकते। - हेलेन केलर
  • खुद को बदलना सबसे कठिन काम है, लेकिन यह भी सबसे पुरस्कृत काम है। - अज्ञात
  • बदलाव वही लोग कर सकते हैं जो खुद बदल गए हैं. - जिम रोहन


नजरिया जीने का: जीवन का उद्देश्य खोजने के लिए अपनाएं ये टिप्स


 
नजरिया जीने का: जीवन का उदेश्य निश्चित ही बहुत व्यापक है और प्रकृति ने हम सभी को किसी खास उदेश्य के लिए बनाया है। वास्तविकता यह है कि जीवन अपने आपे मे एक  उपलब्धि जो खुशी और सार्थक जीवन के लिए एक खास मार्ग बनाता है। अपने उद्देश्य को खोजने में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप जीवन के उदेश्य का पता लगाएं और इसके लिए उचित प्रयास करें। जीवन में उद्देश्य खोजने के लिए आप निम्न टिप्स कि मदद ले सकते हैं-



कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

लक्ष्य के प्रति जुनूनी बने 
जीवन मे सबसे पहले किसी भी जुनून का होना बहुत जरूरी है। यह जुनून और आपके लक्ष्य के प्रति आपका पैशन ही हैंजिन्हें करते हुए आपको खुशी और ऊर्जा मिलती है। यह आपके शौक, रुचियाँ या वह काम हो सकता है जिसे आप समय और मेहनत के बावजूद करना पसंद करते हैं।

खुद के वजूद को तलाशें 

जीवन में मेरा उद्देश्य क्या और इसे कैसे प्राप्त किया जाए इसके लिए यह जरूरी है कि आप खुद वजूद को तलाशें। अपनी पिछली परिस्थितियों को नियंत्रित करना सीखें और इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप इसका मूल्यांकन कैसे करते । आप दूसरों की अपेक्षाओं के आधार पर जीवन जीने कि अपेक्षा खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लीये जीना सीखिए। 

भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

लक्ष्य से पहले उद्देश्य का होना जरूरी 

याद रखें, जीवन मे कभी भी केवल अल्पकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित नहीं करें क्योंकि इससे आप जीवन के बड़े लक्ष्यों से विमुख हो जाते हैं। छोटे लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने मे  आप व्यस्त रहेंगे तो आप कभी भी अपना सच्चा जुनून नहीं पा सकेंगे या अपना उद्देश्य खोजना नहीं सीख सकेंगे। आप जिन लक्ष्यों की ओर काम करते हैं, वे हमेशा अपने उद्देश्य को खोजने पर आधारित होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो आपको बस एक क्षणिक उपलब्धि का अहसास होगा और जल्द ही आप कुछ और पाने की कोशिश करेंगे। आप यह नहीं देख पाएंगे कि जीवन आपके लिए हो रहा है, न कि आपके लिए।

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जिम्मेदारी लेना सीखिए 

अपने जीवन की जिम्मेदारी लें सच्ची संतुष्टि अपने जीवन को खुद डिजाइन करने से आती है। इस तरह आप असाधारण को अनलॉक करते हैं। अपना उद्देश्य खोजने के लिए, आपको यह तय करना होगा कि वास्तव में क्या सही है और इसे अपने दिल और आत्मा में जानना होगा। आपको खुद को डर या चिंता से प्रेरित नहीं होने देना चाहिए। डर से लिया गया निर्णय हमेशा गलत निर्णय होता है। यह आपको यह समझने में मदद नहीं करेगा कि "मेरा उद्देश्य क्या है?" बल्कि इसके बजाय मुद्दे को और भी उलझा देगा। 

जाँच करें कि आपको क्या आसान लगता है

क्या आप एक पेंसिल उठाकर एक जीवंत चित्र बना सकते हैं? क्या आप हमेशा एक पियानो पर एक धुन को सिर्फ़ एक बार सुनने के बाद ही पहचान पाते हैं? जब आप उन गतिविधियों या कौशलों पर बारीकी से नज़र डालते हैं जो आपको हमेशा आसानी से आते हैं, तो आप शायद ऐसे जुनून पाएँगे जिन्हें आप एक लाभदायक करियर में बदल सकते हैं।

लक्ष्य निर्धारित करें

इससे पहले कि आप खुद से पूछें “मेरा उद्देश्य क्या है?” आपको पहले यह जानना होगा कि एक आदर्श दुनिया कैसी दिखती है और आप उसमें कैसे फिट होते हैं। जीवन विजन स्टेटमेंट बनाने में यह पहचानना शामिल है कि अगर हर कोई अपनी पूरी क्षमता के साथ जी रहा हो तो जीवन कैसा दिखेगा। इससे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए एक रोडमैप विकसित करने में मदद मिलेगी।

लचीला बनें

जीवन में आपका उद्देश्य बढ़ने और बदलने की संभावना है, इसलिए लचीला बनें। आपको यह भी लग सकता है कि अपने उद्देश्य को खोजने का तरीका सीखने के लिए आपको अपनी पुरानी पहचान या रुचि को छोड़ना पड़ सकता है। लचीला होना आपको खुद के प्रति सच्चे रहते हुए ईमानदारी से बढ़ने देता है। जब आप अपने मूल मूल्यों को विकसित करते हैं और बाहरी पुष्टि की तलाश करना बंद कर देते हैं, तो आप पाएंगे कि "जीवन में मेरा उद्देश्य क्या है?" का सवाल जवाब देना बहुत आसान है।


नजरिया जीने के: जानें सकारात्मक सोच की शक्ति आपकी जिंदगी कैसे बदल सकती है

Najariya jine ka Power of Positive Thinking

अक्सर हम सभी ने अपने बचपन मे उस उदाहरण को अवश्य सुना होगा जिसमें पूछा जाता है सामने मे आधा ग्लास पानी भरे हुए ग्लास को देखकर आप अपनी प्रतिक्रिया दें। निश्चित हीं आपने शायद यह सवाल कई बार सुना होगा जहां आपके जवाब से हीं आपके सकारात्मक और नकारात्मक सोच का पता चल जाता है। आपका जवाब सीधे तौर पर सकारात्मक सोच की अवधारणा से संबंधित है और इस बात से भी कि आपका जीवन के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक दृष्टिकोण है या नहीं। सकारात्मक सोच सकारात्मक मनोविज्ञान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो लोगों को खुश और संतुष्ट करने वाले तत्वों के अध्ययन के लिए समर्पित एक उपक्षेत्र है।

मतलब साफ है कि सकारात्मक सोच का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि एक ऐसी शक्ति है जो हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकती है।

 सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

सकारात्मक सोच के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपनी सफलताओं पर ध्यान केंद्रित करेंऔर अपनी असफलताओं को सिर्फ इसके लिए याद करें की उसमे सुधार की क्या गुंजाइश रह गई थी। असफलताओं के परिणामों पर पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, आप अपने जीवन मे मिली अपनी सफलताओं को याद रखें क्योंकि यह आपने आने वाले जीवन मे सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा। 

सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं: सकारात्मक लोगों के साथ रहने से आपकी सोच भी सकारात्मक होती है।

सेल्फ डिसप्लिन से बढ़ाएं अपना कॉन्फिडेंस 

नकारात्मक विचार वाले लोगों से किनारा करना शुरू करें क्योंकि वैसे लोगों के साथ रहकर आप सकारात्मक प्रवृति के हो हीं नहीं सकते। हिन्दी के विख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की इस कथन को याद रखें-"विचारों की समानता ही दोस्ती का मूलमंत्र होता है। " जाहीर है कि अगर आप जीवन मे सकारात्मक होना चाहते हैं तो नकारात्मक प्रवृति के लोगों से दूरी बनानी जरूरी है। 

इसके साथ हीं, जब कभी आपके अंदर नकारात्मक विचार आए, जो की स्वाभाविक है और जीवन का हिस्सा भी है, लेकिन याद रखें कि आपकी भूमिका उस नकारात्मक विचार को अविलंब अपने पाज़िटिव और सकारात्मक विचार के माध्यम से बदलने की कोशिश करें।

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

जीवन मे सकारात्मक सोच का सबसे ज्यादा लाभ आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के रूप मे दिखता है जो आपको सदा प्रसन्न और जीवन मे अनावश्यक आने वाले  तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त सकारात्मक सोच से मानसिक शांति और स्थिरता बढ़ती है जो आपके जीवन मे सफलता की प्रथम और महत्वपूर्ण गारंटी है।

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करना सीखे  

सकारात्मक सोच एक आदत है जिसके लिए आपको कुछ अभ्यास करने की जरूरत होगी। आपको अंदर से इसे आत्मसात करना होगा जिसके लिए आप महत्वपूर्ण लोगों की जीवनी,मोटिवेशनल विचारों के लगातार अभ्यास आदि से आप अपने जीवन को सकारात्मक रूप से बदल सकते हैं।

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

नजरिया जीने का: शक्ति, भक्ति और सेवा के अवतार भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं आत्मविश्वास

 

Najariya  Jine Ka Build Self Confidence with Teaching of Lord Hanuman

Point Of View : शक्ति, भक्ति और सेवा के अवतार, भगवान हनुमान आत्मविश्वास पैदा करने के लिए मूल्यवान सबक प्रदान करते हैं। भगवान हनुमान के जीवन का अध्ययन करके, हम आत्मविश्वास के निर्माण के बारे में बहुमूल्य सबक सीख सकते हैं। उनका जीवन और कार्य उन शिक्षाओं से भरे हुए हैं जो हमें चुनौतियों से उबरने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अपने आप में उनके अटूट विश्वास, उच्च उद्देश्य के प्रति उनकी भक्ति, उनकी विनम्रता और दूसरों की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता को अपनाकर, हम अपने भीतर उन्हीं गुणों को विकसित कर सकते हैं और साहस और विश्वास के साथ दुनिया का सामना कर सकते हैं। हनुमान की आत्मा अडिग थी। यहां तक कि जब दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ा, तब भी वह अटूट विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे रहे। यह सकारात्मक दृष्टिकोण की शक्ति और बाधाओं को दूर करने की क्षमता में विश्वास का उदाहरण देता है।

क्षमताओं में अटूट विश्वास

हनुमान का सबसे प्रतिष्ठित पराक्रम समुद्र पार करके लंका तक छलांग लगाना था। यह कार्य केवल शारीरिक शक्ति के बारे में नहीं था, बल्कि अपनी क्षमताओं में उनके अटूट विश्वास के बारे में भी था। उन्हें संदेह और डर का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने खुद पर भरोसा करने और छलांग लगाने का फैसला किया। यह हमें सिखाता है कि खुद पर विश्वास करना हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।



साहस के साथ करें चुनौतियों का सामना: 

भगवन कई बाधाओं के बावजूद भी कभी पीछे नहीं हटना, बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना करें ।

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

शक्तिशाली सेवक: 

अपार शक्ति और ताकत के बावजूद, हनुमान जी सदा विनम्र बने रहे और खुद को केवल भगवान राम का सेवक मानते थे और उन्होंने कभी भी मान्यता या प्रशंसा की मांग नहीं की। अपनी पूरी यात्रा के दौरान, हनुमान ने कई बाधाओं और प्रतिकूलताओं का सामना किया। वह कभी पीछे नहीं हटे, बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना किया। इससे हमें पता चलता है कि आत्मविश्वास का मतलब डर की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि खुद पर विश्वास के साथ इसका डटकर सामना करने की क्षमता है।

मार्गदर्शन की तलाश: 

अपनी क्षमताओं के साथ भी, उन्होंने महापुरुषों की बुद्धिमत्ता से हमशा सीखने और विकास के महत्व को महत्व दिया, जो याद दिलाता है कि आत्मविश्वास का मतलब सब कुछ जानना नहीं है, बल्कि सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए ओपन माइंड होना जरुरी  है।

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

अदम्य भावना:

हनुमान की आत्मा अडिग थी। यहां तक कि जब दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ा, तब भी वह अटूट विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे रहे। यह सकारात्मक दृष्टिकोण की जो शक्ति है वह बाधाओं को दूर करने की क्षमता देता है। जब सीता को खोजने में कथित विफलता के कारण हनुमान निराश हो गए, तो उन्हें अपनी असली ताकत याद आई। उन्होंने अपनी भक्ति और योग्यता की स्मृति में एक पर्वत उखाड़कर अर्पित कर दिया। यह अधिनियम दर्शाता है कि हम सभी में अपार क्षमताएं हैं और इसे पहचानने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ सकता है।

 सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

भगवान राम की सेवा: 

भगवान राम के प्रति हनुमान का समर्पण पूर्ण था जो हमें सिखाता है कि उच्च उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करने से हमें दिशा मिल सकती है और हमारा संकल्प मजबूत हो सकता है। भगवान राम की सेवा: भगवान राम के प्रति हनुमान का समर्पण पूर्ण था। उन्होंने अटूट निष्ठा और विश्वास के साथ उनकी सेवा की, उनके कार्यों पर कभी सवाल नहीं उठाया या उनके उद्देश्य पर संदेह नहीं किया। यह हमें सिखाता है कि उच्च उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करना, चाहे वह व्यक्तिगत लक्ष्य हो या कुछ बड़ा, हमें दिशा दे सकता है और हमारे संकल्प को मजबूत कर सकता है।

असफलताओं का सामना: 

हनुमान को अपनी यात्रा में कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा, खुद को संभाला और आगे बढ़ते रहे। यह हमें सिखाता है कि चुनौतियों पर काबू पाने और असफलताओं से सीखने से आत्मविश्वास बनता है।

टीम वर्क की शक्ति: 

हनुमान ने सीता की खोज में अन्य वानरों और सहयोगियों के साथ काम किया। उन्होंने टीम वर्क और सहयोग के महत्व को समझा, यह पहचानते हुए कि महान चीजें हासिल करने के लिए अक्सर दूसरों के समर्थन और सामूहिक ताकत की आवश्यकता होती है। यह हमें याद दिलाता है कि मजबूत रिश्ते बनाने और समर्थन मांगने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ सकता है और हमें और अधिक हासिल करने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है।


नजरिया जीने का: चेंज प्रकृति का नियम है और इस परिवर्तन को स्वीकार करना सीखिए, अपनाएं ये टिप्स


परिवर्तनसंसार का नियम है और हम इससे अलग होकर जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। जिसे हम दुख और सुख का नाम देते है, वह भी तो इस जीवन का हिस्सा हीं है। फिजिक्स का लॉ ऑफ इनारशिया या जड़ता का नियम भी तो यही कहता है कि संसार का प्रत्येक वस्तु अपने स्थिति के निरंतरता को बनाए रखना चाहती है अर्थात वह स्थिर है तो स्थिर रहना चाहती है और अगर वह गति की स्थिति में है तो गतिशील हीं रहना चाहती है। हमारा स्वभाव भी ऐसा ही है और हम परिवर्तन अपनी स्थिति में चाहते हैं नहीं हैं। लेकिन प्रकृति आपके लिए अच्छा और सुंदर सोचती है।

 परिवर्तन को एक समस्या के रूप में देखने से आपको जीवन में और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर आप परिवर्तन को एक अवसर के रूप में देखते हैं, तो यह आपको बढ़ने और नई चीजों का अनुभव करने में मदद करेगा। हम अपने आस-पास हो रही चीजों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और जीवन को अलग तरह से देखते हैं, इसे परिप्रेक्ष्यकहा जाता है।

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करना सीखे 

अपनी स्थिति को स्वीकार करने का सबसे अच्छा तरीका है जीवन में अपना दृष्टिकोण बदलना और चीजों को अलग तरह से देखना। हम अपने जीवन में जितने अधिक अवसर आने देंगे, हमारा जीवन उतना ही अधिक पूर्ण और खुशहाल होगा। अगर आप जीवन की चुनौतियों को सकारात्मक तरीके से देखेंगे, तो आप नई चीजें देखना शुरू कर सकते हैं। आप विवरणों को एक नए तरीके से देख सकते हैं। 

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

आपको लग सकता है कि चीजें उतनी बुरी नहीं हैं जितनी वे लगती हैं, और आपको अपने अगले कदम के लिए बिल्कुल वही चीज़ मिल सकती है जिसकी आपको ज़रूरत है। आप अपने दिमाग को नई जानकारी, नए रास्ते और नए नज़रिए के लिए खोलना शुरू करते हैं। टिप्स जो आपके जीवन मे परिवर्तन ला सकते हैं-

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

हमेशा कुछ नया करने कि सोचे और इसके लिए प्रयत्न करें।

आपने अक्सर सुना होगा कि यात्रा करने किसी भी इंसान को परफेक्ट और सम्पूर्ण बनाता है।यात्रा करना एक ऐसी फेज ऑफ लाइफ है जहां आपको  नई चीज़ें सीखना, नई जगहों का अनुभव करना और अपरिचित क्षेत्र में रोमांच की तलाश करने का अवसर प्रदान करती है। जब हम यात्रा करते हैं, तो हम खुश महसूस करते हैं और यह हमारे दिमाग को हमारे जीवन में तनावपूर्ण स्थितियों से दूर ले जाता है। हम नई चीज़ों का अनुभव करते हैं जो हमने पहले कभी नहीं की हैं। हम नए लोगों से मिलते हैं जो हमारे दायरे से बाहर हैं। यात्रा करने से आपको शांत और संतुष्ट महसूस करने में भी मदद मिलती है, जिससे आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों, रुचियों या सामान्य रूप से जीवन पर विचार कर पाते हैं। यात्रा करने से जीवन के बारे में बेहतर नज़रिया और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रेरणा मिलती है।

व्यायाम करने के लिए समय निकालें

व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह चिंता, अवसाद और नकारात्मक मनोदशा को कम करता है। व्यायाम नई मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को उत्तेजित करता है, जो संज्ञानात्मक कार्य में मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आपके पास अधिक रक्त, अधिक ऊर्जा और अधिक ऑक्सीजन होगी, जिससे आपका मस्तिष्क बेहतर प्रदर्शन करेगा और तेज रहेगा। व्यायाम आपकी नींद को भी बेहतर बना सकता है। जब आप अच्छी तरह से आराम करते हैं, तो आप बेहतर महसूस करते हैं, और आप अपने दिन में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार महसूस करते हैं।

सच्चे रिश्ते सुविधा से नहीं, समर्पण से बनते हैं

खुद को प्रेरित करें और पुरस्कारों के साथ व्यवहार करें

अधिकांश लोग खुद के मुकाबले दूसरों के प्रति अधिक दयालु होते हैं। लेकिन अगर आप खुद को अपना सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं, तो आप खुद के प्रति अधिक दयालु होने की संभावना रखते हैं। आत्म-देखभाल महत्वपूर्ण है। यह खुद के साथ एक स्वस्थ संबंध बनाए रखता है। आत्म-देखभाल सकारात्मक भावनाओं को उत्पन्न करती है और आपके आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाती है। साथ ही, आत्म-देखभाल आपको और दूसरों को यह याद दिलाएगी कि आप और आपकी ज़रूरतें भी ज़रूरी हैं।

सिर्फ टैलेंट या स्किल नहीं, खुद के अंदर का जुनून है जरूरी

एक नियमित दिनचर्या के साथ एक समय सारिणी बनाएँ

एक नियमित दिनचर्या और डिसप्लिन लाइफस्टाइल हमेशा से जीवन मे सफल लोगों का मुख्य हथियार रहा है। अक्सर जब लोग दिनचर्या शब्द सुनते हैं, तो वे अक्सर इसे नीरस और भयानक मानते। लेकिन वास्तविकता यह भी है कि यदि आप एक अच्छा प्रदर्शन करने कि चाहत रखते हैं, तो इसके लिए आपके टाइम मैनेजमेंट कि अहमियत को पहचानना होगा। यदि आप अपने समय का सही तरीके से प्रबंधन करते हैं, तो यह आपके तनाव के स्तर और चिंता को कम करता है। आपके पास आराम करने के लिए अधिक समय होगा, जिससे बेहतर मानसिक स्वास्थ्य हो सकता है। आपकी दैनिक दिनचर्या आपके आराम की गुणवत्ता के साथ-साथ आपकी नींद के कार्यक्रम और सोने की आदतों को भी प्रभावित करती है। ये आपकी मानसिक तीक्ष्णता, प्रदर्शन, भावनात्मक कल्याण और ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करते हैं।

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जीवन में अपने सपने को प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें

लक्ष्य आपको एक दिशा देते हैं और आपको बेहतर जीवन की ओर ले जा सकते हैं। जब आपके जीवन में लक्ष्य होते हैं, तो आप अपने लक्ष्यों के अनुसार कार्य करना शुरू करते हैं, और वे आपको सकारात्मक और बेहतर अनुभव की ओर ले जाते हैं। यह आपको जीवन में सक्रिय रखेगा, मानसिक बाधाओं को दूर करने में आपकी मदद करेगा, और नकारात्मक भावनाओं को अनदेखा करेगा जो विचलित कर सकती हैं। लक्ष्यों का एक स्पष्ट सेट होने से काम पर, अपने घर में, या यहाँ तक कि अन्य लोगों के प्रति आपके दृष्टिकोण में सुधार करके आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

नजरिया जीने का: मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

जीवन मे मनमुटाव और मतभेदों का होना स्वाभाविक है और इसके लिए अपने ईगो को कभी भी बीच मे आने दें। जीवन बहुत मूल्यवान है और यहाँ संबंधों कि दिखावटी और बनावटी आवरण से हट कर वास्तविकता के साथ चलाने पर ध्यान दें। ध्यान दें, ससंबंधों को चलाने के लिए सबसे पहले, माफी मांगने में संकोच न करें, भले ही आप पूरी तरह से गलत न हों याद रखें, माफी मांगने से आपका कद छोटा नहीं बल्कि और भी बड़ा हो जाता है। 

मनमुटाव को दूर करना और फिर से संवाद शुरू करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से संभव है। थोड़ी सी कोशिश और धैर्य से आप अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।

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दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को स्वीकार करें और इसके लिए पहल अगर आपको भी करना होता है तो इसमे कोई बुराई नहीं है। इसकी कीमत पर आप उन्हे  बताएं कि आप उनकी परवाह करते हैं।

शांत और धैर्यवान रहें और अपने आपे को आप कभी नहीं खोए क्योंकि आपका खुद पर नियंत्रण करना जरूरी है अन्यथा सामने वाले आपका नियंत्रक हो जाएगा जो आपके वजूद के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

समस्या पर चर्चा करना अत्यधिक जरूरी है क्योंकि इससे ही उनका समाधान निकाल सकता है और इसके लिए सामने वाले कि बातों को सुना जाना जरूरी है और इसके लिए आप खुद पहल करें और एक दूसरे की बात सुनें।

याद रखें,मनमुटाव मनमुटाव इंसानों के बीच प्यार की कमी का संकेत नहीं, बल्कि समझ की कमी का संकेत होता है। और इसे सिर्फ अपने समझदारी और मिलकर बात कर के हीं सुलझाया जा सकता है। 

रिश्तों में मतभेद होना स्वाभाविक है, और आज कि भगदौड़ और अतिव्यस्त जीवन मे आप इस संभावना से इनकार  नहीं कर सकते लेकिन इसे निपटाने का तरीका ही संबंधों की गहराई को दिखाता है।



इसके साथ ही यह भी सच है कि जहां समझ होती है, वहां मनमुटाव भी प्यार को मजबूत बनाने का काम करता है तथा अहम और मनमुटाव को दरकिनार करना ही सच्चे रिश्ते की पहचान है। कभी-कभी छोटे मतभेद रिश्तों को बड़ा सबक सिखाने का काम करते हैं।


 मतभेद तो होंगे ही, पर एक-दूसरे को समझने और स्वीकार करने की कला ही रिश्तों को खूबसूरत बनाती है। रिश्तों में दरार तब आती है, जब हम मनमुटाव को सुलझाने की जगह उसे बढ़ावा देने लगते हैं। 

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जीवन में कभी भी मतभेद का मतलब रिश्ते का अंत नहीं, बल्कि नए दृष्टिकोण का आरंभ होता है हाँ इसके लिए पहल का किया जाना आवश्यक होता है। 


 जहां प्यार होता है, वहां मतभेद भी होते हैं, पर उन्हें सुलझाने की चाह रिश्ते को मजबूत बनाती है। सच्चे रिश्ते में मतभेद नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की शक्ति होती है।

नजरिया जीने का: सीखें गौतम बुद्ध से जीने की कला "हजारों लड़ाइयों को जीतने से बेहतर है स्वयं पर विजय प्राप्त करना"

  


नजरिया जीने का:  जीने की कला अगर सीखना हो तो गौतम बुद्ध से बड़ा कोई शिक्षक शायद ही हो सकता है। हजारों युद्ध को जीतने से बेहतर जिनके लिए खुद को जितना ज्यादा जरूरी लगता है। 
सम्राट अशोक का कलिंग विजय की कहानी तो आपने पढ़ी होगी। लाखों की हत्या वाले युद्ध मे जिसमे विजय सम्राट की अशोक की होती है लेकिन वो महारानी पदमा से हार जाते हैं। उस महारानी पदमा से जिनके पति अर्थात कलिंग के  महाराज युद्ध हार चुके होते हैं। 
 तभी तो गौतम बुद्ध ने कहा है कि  "हजारों लड़ाइयों को जीतने से बेहतर है स्वयं पर विजय प्राप्त करना"। 




गौतम बुद्ध, जिनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था, का जन्म 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी (वर्तमान में नेपाल में) में हुआ था। वे शाक्य वंश के राजकुमार थे और उनके पिता राजा शुद्धोधन थे। सिद्धार्थ ने बचपन से ही सुखी और आलीशान जीवन जिया, लेकिन जब उन्होंने बुढ़ापा, बीमारी और मृत्यु देखी, तो उन्हें जीवन के असली दुखों का एहसास हुआ।

सिद्धार्थ गौतम के रूप में जन्मे, उन्होंने दुखों से दूर एक विशेषाधिकार प्राप्त जीवन जिया। हालाँकि, वे बुढ़ापे, बीमारी और मृत्यु की अपरिहार्य वास्तविकताओं से बहुत परेशान हो गए थे

जब वे राजसी जीवन के भोग-विलास से ऊब गए, तो गौतम समझ की तलाश में दुनिया भर में भटकने लगे। वास्तव में, यह उनकी गहरी रुचि और सत्य की खोज में उनके गहरे आंतरिक विचार थे, जिसके लिए उन्होंने 29 वर्ष की आयु में महल, परिवार और सुख-सुविधाओं को त्याग दिया।



कई वर्षों की कठोर तपस्या के बाद, उन्होंने बोधगया (भारत) में एक पीपल के पेड़ के नीचे ध्यान करते हुए बोधि (ज्ञान) प्राप्त किया। आत्मज्ञान प्राप्त करने के बाद, उन्हें गौतम बुद्ध कहा गया और उन्होंने अपना जीवन सत्य, करुणा और अहिंसा के उपदेश के लिए समर्पित कर दिया। गौतम बुद्ध का जीवन संघर्ष, आत्मज्ञान और शक्तिशाली शिक्षाओं के प्रसार की एक गहन कहानी है। 

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

सिद्धार्थ गौतम के रूप में जन्मे, उन्होंने एक विशेषाधिकार प्राप्त जीवन जिया, दुख से दूर रहे। हालाँकि, वे बुढ़ापे, बीमारी और मृत्यु की अपरिहार्य वास्तविकताओं से बहुत परेशान हो गए। इस अस्तित्वगत पीड़ा ने उन्हें आध्यात्मिक सत्य की खोज में अपने आरामदायक जीवन को त्यागने के लिए प्रेरित किया। 

गौतम बुद्ध का स्पष्ट मानना है कि ध्यान और मेधावी जीवन का अभ्यास व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है और यही कारण है की  बौद्ध धर्म में ध्यान को सर्वोत्तम साधना माना जाता है। गौतम बुद्ध ने दुनिया को बताया कि ध्यान और साधना के जरिए हिन व्यक्ति अपने विचारों पर नियंत्रण पा सकता है। अगर आपको अपने जीवन को अधिक संतुलित और उद्देश्यपूर्ण बनाना लक्ष्य है,  तो फिर आपको बुद्ध के बताए गए ध्यान के मार्ग पर चलना ही होगा। 

तपस्वी मार्ग: उन्होंने एक कठोर तपस्वी यात्रा शुरू की, जिसमें अत्यधिक आत्म-त्याग का अभ्यास किया। इस अवधि में तीव्र शारीरिक कष्टों की विशेषता थी। उन्होंने पाया कि यह चरम मार्ग आत्मज्ञान की ओर नहीं ले जाता। मध्यम मार्ग: दोनों चरम सीमाओं (भोग और आत्म-पीड़ा) की निरर्थकता को समझते हुए, उन्होंने "मध्य मार्ग" की खोज की। यह मार्ग संतुलन और संयम पर जोर देता है।

बोधि वृक्ष के नीचे ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।



गौतम बुद्ध के अनुसार, "ज्ञान केवल अनुभवों से ही प्राप्त किया जा सकता है, शिक्षाओं से नहीं। कठिन परिस्थितियों और कठिन समय से गुज़रने के बाद ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। ज्ञान सिखाया नहीं जा सकता। जितना आप अपने सम्मान करने वाले लोगों की शिक्षाओं को सुनने की कोशिश करते हैं, उतना ही सच्चा ज्ञान केवल खुद से ही सीखा जा सकता है।"

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

चार आर्य सत्य:

  • दुःख: जीवन में दुःख अनिवार्य है।
  • दुःख का कारण: तृष्णा (इच्छा) सभी दुःखों का मूल कारण है।
  • दुःख का निरोध: तृष्णा का अंत करके दुःख का अंत किया जा सकता है।
  • दुःख निरोध का मार्ग: अष्टांगिक मार्ग का पालन करके दुःख का निरोध संभव है।


गौतम बुद्ध के अनमोल विचार

"क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठ को सच्चाई से जीता जाता है।"

"मनुष्य अपने विचारों से ही निर्मित होता है, जैसा वह सोचता है वैसा ही बन जाता है।"

"जो व्यक्ति खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है, वह सबसे महान विजेता है।"

"भविष्य के बारे में मत सोचो, वर्तमान में जियो और उसे बेहतरीन बनाओ।"

"स्वयं पर विजय प्राप्त करना हजारों लड़ाइयों को जीतने से बेहतर है।"

"सच्चा सुख इच्छाओं के त्याग में है, न कि उनकी पूर्ति में।"

"हर सुबह एक नया जन्म है, आज जो कुछ भी करें वह सबसे महत्वपूर्ण है।"

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नजरिया जीने का: भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

Najariya jine ka patience with the Bhagwad  Geeta

भगवद गीता में धैर्य (Patience) को महत्वपूर्ण गुणों में से एक बताया गया है, जो किसी व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में सही मार्ग पर बनाए रखने में सहायक होता है। परिवार के साथ धैर्य रखना हीं प्रेम है तथा  दूसरों के साथ धैर्य रखना सम्मान है। खुद के प्रति धैर्य रखना आत्मविश्वास है और ईश्वर के प्रति धैर्य ही विश्वास है।  गीता में धैर्य को आत्मसंयम, स्थिरता, और मन की शांति के साथ जोड़ा गया है।

गीता के अनुसार, धैर्य केवल प्रतीक्षा नहीं है, बल्कि आत्मसंयम, सकारात्मक दृष्टिकोण और सही मार्ग पर अडिग रहने की क्षमता है। इसे आत्मा की स्थिरता और आंतरिक शक्ति का प्रतीक माना गया है।

गीता के अनुसार धैर्य का अर्थ है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रहना अर्थात  कठिन समय में हार न मानना और अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहना। यह धैर्य ही हैं जो हमें कठिन परिस्थितियों मे भी सावधानी के साथ इंतजार करने और उससे निकलने मे अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार बनाती है। 

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

गीता के अनुसार मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रखना भी धैर्य ही है जो हमें खुद पर  नियंत्रण करना सिखाती है साथ ही हमें लोभ, लालच और गलत करने के प्रति सावधान करते हुए अ पने मन और इंद्रियों को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान करती है। वास्तव में यह धैर्य ही है जो हमें  इंद्रियों पर नियंत्रण रखना सिखाती है। 

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

भविष्य में अच्छे परिणाम की आशा रखना और अपने प्रयास को जारी रखना भी धैर्य है जो गीता के प्रमुख उपदेशों मे शामिल है। सच तो यह है कि अपने वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बनाए रखना भी धैर्य है जो गीता के अनुसार हमें सीख मिलती है।  

भगवद गीता के प्रमुख श्लोक जो धैर्य पर प्रकाश डालते हैं:

श्लोक: 2.14

"मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः।

आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।।"

अर्थ: सुख-दुःख, ठंड-गर्मी आदि अनुभव जीवन में आते-जाते रहते हैं। ये अनित्य (अस्थाई) हैं। हे अर्जुन! इन्हें सहन करना सीखो।

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

तात्पर्य यह है  कि धैर्य का अर्थ केवल कठिनाइयों को सहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समझने में है कि ये परिस्थितियां अस्थायी हैं।

श्लोक: 6.5

"उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।

आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।"

अर्थ: मनुष्य को अपने आत्मा द्वारा स्वयं की सहायता करनी चाहिए और अपने को नीचे गिरने से बचाना चाहिए। आत्मा ही मनुष्य का मित्र है और आत्मा ही उसका शत्रु है।

धैर्य का अभ्यास तभी संभव है जब हम आत्मा के मित्र बनें और अपने भीतर की शक्ति का उपयोग करें।

सच्चाई तो यह है कि यह धैर्य ही है जो हमें जीवन मे सही निर्णय लेने में मदद करता है साथ हीं  धैर्य हमें कठिन समय सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।

धैर्य का महत्व जीवन मे और भी बढ़ जाता है जब हम विपरीत परिस्थितियों से दो-चार हो रहे होते हैं  और उस समय के संघर्षों का सामना धैर्य के बिना संभव नहीं।

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

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अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में बताए गए सुझाव/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको इस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है और इन्हें पेशेवर सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए/पालन नहीं किया जाना चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं और आपसे अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास विषय से संबंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो हमेशा अपने पेशेवर सेवा प्रदाता से परामर्श करें।



नजरिया जीने का: संघर्ष-जो हमें सीमाओं से आगे लाकर और खुद पर विश्वास करना सिखाता है


संघर्ष हमें जीवन में कुछ नया सिखाने और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। सफलता तक पहुँचने का रास्ता कठिन हो सकता है, परन्तु निष्फल नहीं हो सकता। कहते हैं नया -जिसने संघर्ष को अपना साथी बना लिया, उसने सफलता का मार्ग भी खोज लिया। और जीवन कि वास्तविकता भी यही है।

 हो सकता है कि अक्सर ऐसे लोग भी हमें मिलते हैं जिन्हे काम संघर्ष कि बदौलत सफलता मिलती है लेकिन हमें इससे निराश होने कि जरूरत नहीं है दोस्तों क्योंकि कहते हैं नया-"बिना संघर्ष के मिली जीत का कोई मूल्य नहीं होता, यह संघर्ष ही हमें सफलता का असली आनंद दिलाता है।"

सौंदर्य और कुरुपता के धोखे से निकलना सीखे 

बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

जीवन में सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहना सीखिए

जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए।

 दोस्तो, संघर्ष का रास्ता कठिन है, पर इसके साथ ही यह भी सत्य है कि यही हमें हमारे असली सामर्थ्य से मिलाता है। क्योंकि यह संघर्ष ही है जो हमें हमारी सीमाओं से आगे ले जाता है और खुद पर विश्वास करना सिखाता 

विश्वास करें दोस्तों, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…

जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…

कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…

-हरिवंश राय बच्चन

जीवन मे संघर्ष से कतराकर निकालने वाले को इस बात को बढ़िया से याद कर लेनी चाहिए कि असली सफलता उसी को मिलती है, जो हर मुश्किल को अवसर में बदल देता है।

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य। संघर्ष कभी निष्फल नहीं होता, हर कठिनाई हमें एक नई सीख देकर जाती है।

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य, अपनाएं ये टिप्स


जब आप खुश और प्रसन्न होते हैं तो आपके काम करने की क्षमता, आत्मविश्वास और सोचने की शक्ति बढ़ जाती है और जीवन की विषम परिस्थितहयों में भी सही निर्णय लेने की क्षमता या जाती है। थोड़ी सी परेशानी और जीवन मे विषम परिस्थितियों मे हम हँसना भूल जाते हैं और वजह यह देते हैं कि समय  खराब चल रहा है। लेकिन आपको विश्वास नहीं होगा कि ऐसी हालत मे आपने निर्णय गलत भी हो सकते हैं  और आपके काम करने की क्षमता भी कम हो जाती है।


हालाँकि यह कहना मुश्किल है कि जीवन मे खुशी और खुशहाली का वास्तविक कारण क्या है लेकिन अगर हम खुद को तलाशें तो पाएंगे कि यह हमारे अंदर से आरंभ होता है और हम खुद हीं इसके कारण होता हैं।   हम 100% समय 'खुश' रहने का लक्ष्य रख नहीं सकते और न हीं उसे पाने कि कोशिश कर सकते हीं।


अच्छा तो यह होता कि हम समय-समय पर खुशी का अनुभव करने से संबंधित कारणों का पता लगाएं और उसके  सकारात्मक, आनंददायक भावनाओं का अनुभव करें  और अपने जीवन में संतुष्टि की भावना से जुड़ा हुआ महसूस करें। 

मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि जीवन मे  खुशी का अनुभव करना हमारे भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और यही एकमात्र कारण है जो हमें जीवन मे विपरीत परिस्थितियों मे  भी हमें मजबूत बनाता है और उससे निकालने मे मदद भी करता है। 



यह देखा गया है कि खुशी और खुशहाली की मजबूत भावना रिश्तों को बेहतर बनाती है, सामाजिक संबंध बढ़ाती है और दूसरों के जीवन में योगदान देती है, साथ ही स्वस्थ शारीरिक भलाई में भी योगदान देती है।

कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

हालांकि वास्तविकता यह है खुशी हमारे भीतर से आती है और यह इस पर निर्भर है कि हम क्या सोचते हैं, महसूस करते हैं और क्या करते हैं। 



जीवन मे कठिनाइयों का आना निश्चित है और हम सभी को अपने जीवन में कभी न कभी कठिनाई का अनुभव होता है। यह एक वास्तविक चुनौती है कि हममें से कई लोगों के पास समय की कमी है, हमारे घर और कामकाजी जीवन में मांगें और जिम्मेदारियां हैं जो कभी-कभी कभी न खत्म होने वाली महसूस हो सकती हैं। 

सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

खुद को प्रसन्न रखने के लिए इन टिप्स को अपनाएं-

  • बड़ी बड़ी खुशियां जीवन मे कम हीं मिलती है, इसलिए अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर खुश रहें।
  • ध्यान और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • संतुलित जीवनशैली अपनाएं और आत्म-देखभाल करें।
  • नकारात्मकता से बचें और सकारात्मक लोगों के साथ समय बिताएं।
  • अपने जुनून (Passion) को फॉलो करें और उन चीजों को करें जो आपको आनंद देती हैं।



लेकिन उन चीजों के लिए समय को प्राथमिकता देना बहुत महत्वपूर्ण है जो हमें संबंध, खुशी और खुशी प्रदान करती हैं।अच्छी खबर यह है कि हम जीवन की व्यस्तता के बीच भी हर दिन रचनात्मक तरीके से ऐसा कर सकते हैं।



अपनी खुशी को प्राथमिकता देना जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं होना चाहिए कि  हम इसके लिए वास्तविकता से मुंह मोड लें और कल्पना कि दुनिया मे जीना  आरंभ कर देना।