रविवार, 19 अक्टूबर 2025

नजरिया जीने का: तत्काल लाभ देने वाले मुफ़्त की चीजों को अवॉइड करें, दूरगामी कुप्रभाव को पहचानें


 नजरिया जीने का: अगर आपको बिना किसी प्रयास या किसी मशक्कत के चीजों का मिलना किसी भी समाज या किसी भी संस्थान से आरंभ हो जाए, तो समझ लीजिए की आप किसी भयंकर गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं। 

विश्वास नहीं हो तो इतिहास उठा कर देख लीजिए, दुनिया के उन देशों ने जिन्हे बिना किसी प्रयास के खाने की आदत लग गई उन्हे उन शक्तिशाली देशों ने अपना गुलाम बना कर वहाँ के लोगों की पीढ़ियों पर शासन किया है। 


यह बिल्कुल मानी हुई बात है कि मुफ्त की चीजें देखने में अच्छी लगती हैं, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि ये  चीजें हमें अक्सर महँगी पड़ती हैं। 
आप  इसके लिए मुफ्त में पाए जाने वाले सुविधाओं और मिले रेवरियों का अध्ययन कर यह देख लें। 
 अध्ययन पर अगर आप गौर करेंगे तो मुफ्त के मिलने वाले इन सेवाओं के बदले में आपको भविष्य में ज्यादा पे करने पड़ते हैं यह तथ्य आपको सोचने पर मजबूर करता है कि इन चीजों को लेने से पहले उनकी मूल्यांकन करना चाहिए.

 दुनियाँ के दांव पेंच से रखना न वास्ता 
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता 
 भटका न दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
-प्रदीप 

मुफ्त की चीजें अक्सर ऐसी होती हैं जिनका कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है या जिन्हें किसी अन्य उत्पाद के साथ सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है, जैसे सरकारी योजनाएं या नमक के मुफ्त बाटे। लेकिन यह भी सच है कि इन चीजों को सब्सिडी के रूप में प्रदान करने के लिए सामान्यतः किसी अन्य स्रोत से धनराशि उठाई जाती है, जिसे फिर सामरिक या आर्थिक रूप से भुगतान करना पड़ता है.

यह ध्यान में रखें कि यदि कोई चीज़ मुफ्त है, तो उसे अपने उत्पादन, प्रदान और वितरण के लिए कोई मूल्यांकन या मानक नहीं होता है, जिससे उसका गुणवत्ता और मान्यता बाढ़ सके. इसलिए, मुफ्त की चीजों का उपयोग करते समय हमें अपने निर्णयों को सावधानीपूर्वक चुनना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें कोई अनुमति प्राप्त है और हम इसकी वास्तविक मूल्य को समझते हैं.

व्यापार की दृष्टि से भी, यदि कोई व्यक्ति निरंतर मुफ्त चीजें प्राप्त करने का आदान-प्रदान करता है, तो वह उस व्यक्ति के लिए लाभदायक नहीं होगा क्योंकि व्यापारिक मानकों में इन चीजों का मूल्य होता है और उनका उपयोग करने के लिए समय, ऊर्जा और संसाधन की आवश्यकता होती है. इसलिए, सामान्यतः, मुफ्त चीजें संभावित हैं कि उन्हें बहिष्कार करने के बजाय, उसकी वास्तविक मूल्य का मान्यांकन करना और उसे उचित मानदंडों के अनुसार खरीदना और उपयोग करना उचित होगा.

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।

-नरेंद्र वर्मा

संक्षेप में कहें तो, मुफ्त की चीजों को बहिष्कार करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि उनकी मूल्यांकन करने और संभावित नुकसानों को समझने की आवश्यकता होती है और उन्हें उचित रूप से उपयोग करने के फायदों और नुकसानों को विचार में रखना चाहिए।


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