शनिवार, 28 दिसंबर 2024

नजरिया जीने का: मेगा पीटीएम मे बारिश और ठंड भी नहीं रोक पाई बच्चों और पेरेंट्स का उत्साह

Delhi School Mega PTM CM Atishi

आज राजधानी दिल्ली मे बारिश के कारण बढ़ी हुई ठंड भी बच्चों के उत्साह को रोक नहीं पाई और  दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में शनिवार को मेगा पीटीएम का आयोजन किया गया। स्कूलों में आयोजित मेगा पीटीएम में पेरेंट्स जबरदस्त उत्साह के साथ शामिल हुए और बड़ी संख्या में पीटीएम में भाग लिया। दिल्ली सरकर के स्कूलों में पेरेंट्स का कॉन्फिडेंस और उनके चेहरे की खुशी ये साबित कर रही थी कि ठंड और वारिश पर उनके उत्साह भारी रहे। 

सीएम आतिशी ने कहा कि, "मुझे इस बात की खुशी है कि बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में पेरेंट्स स्कूल पहुंच रहे है। पीटीएम में मैंने कई पेरेंट्स से बात भी की, वो बच्चों की पढ़ाई से बहुत खुश है और बच्चों में भी इतना कॉन्फिडेंस है कि वो खुलकर अपनी बातें रख रहे है। माता-पिता की ख़ुशी देखकर ये पता चलता है कि अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलती है तो बच्चा और परिवार तो आगे बढ़ेगा ही, हमारा देश भी आगे बढ़ेगा।"

मेगा पीटीएम: क्यों जरूरी 

मेगा पीटीएम् में पेरेंट्स की बढ़ती भागीदारी पर सीएम आतिशी ने कहा कि, पीटीएम् में पेरेंट्स की भागीदारी दर्शाता है कि टीचर्स के साथ साथ पेरेंट्स भी अपने बच्चों के पढ़ाई व भविष्य को लेकर सजग हो रहे है | उन्होंने कहा कि मेगा पीटीएम इसलिए जरुरी है क्योंकि बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी और उनके आगे बढ़ने की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति की नहीं होती | हमारे बच्चे तभी आगे बढ़ेंगे जब टीचर और पेरेंट्स मिलकर उनकी पढ़ाई पर ध्यान देंगे| इस दिशा में मेगा पीटीएम पेरेंट्स और टीचर्स को साथ लाने का काम कर रहा है| 

इस मौके पर सीएम आतिशी ने कहा कि  "पहले पीटीएम सिर्फ बड़े प्राइवेट स्कूलों में होते थे, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मौका नहीं मिलता था कि उनके पेरेंट्स स्कूल में आए पढ़ाई को लेकर टीचर्स से बात करे लेकिन अब लगातार पिछले 10 साल से दिल्ली सरकार के स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन हो रहा है।"

मेगा पीटीएम:  पैरेंट्स और टीचर्स के बीच जुड़ाव 

सीएम आतिशी ने कहा कि, "मेगा पीटीएम की ये शानदार पहल अरविंद केजरीवाल जी के विजन का परिणाम है जिसने पैरेंट्स और टीचर्स के बीच जुड़ाव को बढ़ाने का काम किया है।"

नजरिया जीने का: सफल होना चाहते हैं तो अपनी कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचानें

नजरिया जीने का: सफल होना चाहते हैं तो अपनी कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचानें

नजरिया जीने का: जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी शर्त यह है कि आप अपने अंदर की कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचाने। प्रकृति सभी के अंदर कुछ विशिष्ट प्रतिभा से भरकर हमें जन्म देती है और यह जरूरी है कि हम  खुद के अंदर झांक कर उन्हे पहचाहें। सफलता के लिए यह अत्यंत जरूरी है कि हम अपने अंदर के विशिष्ट गुणों को पहचानें और उन्हे निखारें। खेलकुद से लेकर, कला, संगीत, पढ़ाई, फिल्म या कोई और। 

एक बार अगर हम अपने कुशलता को पहचान कर अगर उसके लिए खुद को होम कर सकें तो फिर कोई कारण नहीं है कि हम उस फील्ड मे शीर्ष पर नहीं पहुँच सकें। हाँ, उसके लिए हमें खुद को भूलकर उस लक्ष्य को हासिल करने के लिये ही सोचना होगा। 

खुद के वजूद को पहचाने

खुद के गुणों और अवगुणों की पहचान हमसे अधिक कोई और नहीं कर सकता है, हाँ बस उसके लिए यह जरूरी है की हम ईमानदारी से खुद का मुलायंकन करें। याद रखें, दिल हमेशा वही कहेगा जो आपको अच्छा लगेगा, लेकिन आपका मस्तिष्क वही हीनट्स देगा जो आपके भविष्य के लिए जरूरी होगा। महापुरुषों ने भी हमेशा कहा है कि दिल की जगह अपने दिमाग की सुनों  जो गलती और सही के फर्क को ईमानदारी से बताता है। खुद की नकारात्मक आदतों और व्यवहारों को खुद पहचानें और उनको दूर करने का उपाय करें। 

अवसरों को पहचाने

कहते हैं न की अवसर कभी भी आपके सामने से नहीं आता, बल्कि वह आपको पीछे से सूचित करता है। आप अवसर की तलाश मे रहें, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अलर्ट मोड मे रहें क्योंकि अवसर आपकी सामने किसी भी रूप मे हिंट कर सकता है और उसे पहचानने के लिए यह जरूरी है कि कभी भी आप लापरवाही से उनकी तलाश नहीं करे। 

डिसप्लिन की महता को समझें 

जीवन मे अनुशासन की कीमत को समझें और दैनिक जीवन से इसका आरंभ करें। याद रखें कि अनुशासन आपके जीवन में सफलता के लिए बहुत जरूरी है और सबसे बड़ी बात यह होती है कि आप नीति निर्धारक भी खुद होते हैं और उसको गाइड करने वाले नियंत्रक भी खुद होते हैं। आपको नियम बनाकर उन्हे लागू भी करना है और खुद को मानिटर भी खुद हीं करना है। प्रतिदिन के ऐक्टिविटी मे डिसप्लिन को लागू कर आप खुद के अंदर चेंज लाते हैं जो कि आपके जीवन मे  सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। 

कड़वे अनुभव को भूलना सीखें 

जीवन मे कड़वे अनुभवों का होना तय हैं क्योंकि जीवन  में अप्स एण्ड डाउन का होना सामान्य बात है और इससे आप बच नहीं सकते हैं। जीवन मे की ऐसे दिन और मोमेंट भी होते हैं जिन्हे हम याद नहीं करना चाहते क्योंकि वे हमारे लिए निराशा वाले और नकरात्मक बनाने वाले होते हैं। तो इसके लिए यह जरूरी है कि आप उनसे सीख तो लें, लेकिन उन मोमेंट को हमेशा अपने दिल मे नहीं रखें क्योंकि वे आपको मानसिक रूप से परेशान करेंगे और आपके माइंड को अप्सेट करेंगे। 

आलोचना को स्वीकार करें

सकारात्मक आलोचना हमेशा से आपके व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक होता है और इस सत्य को आप जितना जल्दी आत्मसात कर लेंगे उतना ही अच्छा होता। हमेशा से सकारात्मक आलोचना से सीखने की कोशिश करें और उनसे खुद के अंदर चेंज करने का प्रयत्न करें। आलोचना भलें हीं हमें क्षणिक परेशानी देते हैं लेकिन अगर हम उन पर पॉजिटिव रूप से विचार कर अपनी कमज़ोरियों को पहचानें तो यह हमारे जीवन के लिए बहुत हीं टरनिंग पॉइंट बन सकता हैं।  हम उन कमजोरियों को सुधारने का प्रयास करें और जीवन मे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं। 


बुधवार, 25 दिसंबर 2024

नजरिया जीने का: भरतमुनि रंग उत्सव 2024@सामाजिक अलगाव, वैवाहिक संबंधों और धुंधली सच्चाइयों जैसे विषयों को समर्पित

Najariya jine ka Bharatmuni rang utsav

भरतमुनि रंग उत्सव 2024 के दूसरे दिन ने अपनी रंगमंचीय प्रस्तुति से दर्शकों को बांधकर रखा, जो उद्घाटन दिवस की अद्वितीय सफलता के बाद और अधिक उत्साहजनक बन गया। 23 दिसंबर को शुरू हुए इस उत्सव ने पहले दिन तीन शानदार नाटकों 'असमंजस बाबू', 'आखिरी हिला' और 'धुंध' के साथ अपनी शुरुआत की। ये नाटक सामाजिक अलगाव, वैवाहिक संबंधों और धुंधली सच्चाइयों जैसे विषयों पर गहरी अंतर्दृष्टि प्रस्तुत करते हुए दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर गए।

दूसरे दिन के कार्यक्रमों ने भी समान रूप से प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ दर्शकों को जोड़े रखा। सआदत हसन मंटो द्वारा लिखित और अमर साह द्वारा निर्देशित नाटक 'इंतजार' ने दो पात्रों की भावनात्मक स्थिति और उनके अस्तित्वगत संघर्षों को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। न्यूनतम सेटिंग और गहन संवादों के माध्यम से इस नाटक ने प्रतीक्षा के सार्वभौमिक मानवीय अनुभव को जीवंत कर दिया।

'पुरुष: द गॉड ऑफ फ्यू इंचेस', शुद्धो बनर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित एकल प्रस्तुति, पारंपरिक पुरुषत्व की अवधारणा और समकालीन वास्तविकताओं के बीच टकराव को दर्शाती है। नाटक की गहराई और संदेश ने समाज के कई पहलुओं पर विचार करने को मजबूर किया। वहीं, अब्दुस सलाम अंसारी द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक 'किस्सा आदमी का' ने हास्य और व्यंग्य के माध्यम से पहचान और सामाजिक मानदंडों पर प्रकाश डाला। दो अजनबियों के बीच के रोचक सवालों ने समाज की परंपरागत धारणाओं को चुनौती दी और दर्शकों को हंसने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर किया।

उत्सव के आगामी दिनों में थिएटर प्रेमियों के लिए और भी दिलचस्प नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। 25 दिसंबर को 'खाली बोतलें खाली डिब्बे', 'हैमलेट हरताज वर्सेज़ द को' और 'मेरे कबीर – दास्तानगोई' दर्शकों का मन मोह लेंगे। 26 दिसंबर को भव्य समापन के तहत 'तृष्णा', 'मरणोपरांत' और 'दिग्दर्शक' का मंचन किया जाएगा, जो उत्सव को एक यादगार अंत देगा।

भरतमुनि रंग उत्सव 2024, रंगमंच की अद्वितीय शक्ति और समाज के सत्य को प्रतिबिंबित करने वाले इन नाटकों का प्रमाण है। इन भारतीय रंगमंच की उत्कृष्ट कृतियों का हिस्सा बनने का मौका न गंवाएं।

नजरिया जीने का: जीवन का उद्देश्य खोजने के लिए अपनाएं ये टिप्स

 


नजरिया जीने का: जीवन का उदेश्य निश्चित ही बहुत व्यापक है और प्रकृति ने हम सभी को किसी खास उदेश्य के लिए बनाया है। वास्तविकता यह है कि जीवन अपने आपे मे एक  उपलब्धि जो खुशी और सार्थक जीवन के लिए एक खास मार्ग बनाता है। अपने उद्देश्य को खोजने में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप जीवन के उदेश्य का पता लगाएं और इसके लिए उचित प्रयास करें। जीवन में उद्देश्य खोजने के लिए आप निम्न टिप्स कि मदद ले सकते हैं-
नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

लक्ष्य के प्रति जुनूनी बने 
जीवन मे सबसे पहले किसी भी जुनून का होना बहुत जरूरी है। यह जुनून और आपके लक्ष्य के प्रति आपका पैशन ही हैंजिन्हें करते हुए आपको खुशी और ऊर्जा मिलती है। यह आपके शौक, रुचियाँ या वह काम हो सकता है जिसे आप समय और मेहनत के बावजूद करना पसंद करते हैं।

खुद के वजूद को तलाशें 

जीवन में मेरा उद्देश्य क्या और इसे कैसे प्राप्त किया जाए इसके लिए यह जरूरी है कि आप खुद वजूद को तलाशें। अपनी पिछली परिस्थितियों को नियंत्रित करना सीखें और इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप इसका मूल्यांकन कैसे करते । आप दूसरों की अपेक्षाओं के आधार पर जीवन जीने कि अपेक्षा खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लीये जीना सीखिए। 

लक्ष्य से पहले उद्देश्य का होना जरूरी 

याद रखें, जीवन मे कभी भी केवल अल्पकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित नहीं करें क्योंकि इससे आप जीवन के बड़े लक्ष्यों से विमुख हो जाते हैं। छोटे लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने मे  आप व्यस्त रहेंगे तो आप कभी भी अपना सच्चा जुनून नहीं पा सकेंगे या अपना उद्देश्य खोजना नहीं सीख सकेंगे। आप जिन लक्ष्यों की ओर काम करते हैं, वे हमेशा अपने उद्देश्य को खोजने पर आधारित होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो आपको बस एक क्षणिक उपलब्धि का अहसास होगा और जल्द ही आप कुछ और पाने की कोशिश करेंगे। आप यह नहीं देख पाएंगे कि जीवन आपके लिए हो रहा है, न कि आपके लिए।

जिम्मेदारी लेना सीखिए 

अपने जीवन की जिम्मेदारी लें सच्ची संतुष्टि अपने जीवन को खुद डिजाइन करने से आती है। इस तरह आप असाधारण को अनलॉक करते हैं। अपना उद्देश्य खोजने के लिए, आपको यह तय करना होगा कि वास्तव में क्या सही है और इसे अपने दिल और आत्मा में जानना होगा। आपको खुद को डर या चिंता से प्रेरित नहीं होने देना चाहिए। डर से लिया गया निर्णय हमेशा गलत निर्णय होता है। यह आपको यह समझने में मदद नहीं करेगा कि "मेरा उद्देश्य क्या है?" बल्कि इसके बजाय मुद्दे को और भी उलझा देगा। 

जाँच करें कि आपको क्या आसान लगता है

क्या आप एक पेंसिल उठाकर एक जीवंत चित्र बना सकते हैं? क्या आप हमेशा एक पियानो पर एक धुन को सिर्फ़ एक बार सुनने के बाद ही पहचान पाते हैं? जब आप उन गतिविधियों या कौशलों पर बारीकी से नज़र डालते हैं जो आपको हमेशा आसानी से आते हैं, तो आप शायद ऐसे जुनून पाएँगे जिन्हें आप एक लाभदायक करियर में बदल सकते हैं।

लक्ष्य निर्धारित करें

इससे पहले कि आप खुद से पूछें “मेरा उद्देश्य क्या है?” आपको पहले यह जानना होगा कि एक आदर्श दुनिया कैसी दिखती है और आप उसमें कैसे फिट होते हैं। जीवन विजन स्टेटमेंट बनाने में यह पहचानना शामिल है कि अगर हर कोई अपनी पूरी क्षमता के साथ जी रहा हो तो जीवन कैसा दिखेगा। इससे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए एक रोडमैप विकसित करने में मदद मिलेगी।

लचीला बनें

जीवन में आपका उद्देश्य बढ़ने और बदलने की संभावना है, इसलिए लचीला बनें। आपको यह भी लग सकता है कि अपने उद्देश्य को खोजने का तरीका सीखने के लिए आपको अपनी पुरानी पहचान या रुचि को छोड़ना पड़ सकता है। लचीला होना आपको खुद के प्रति सच्चे रहते हुए ईमानदारी से बढ़ने देता है। जब आप अपने मूल मूल्यों को विकसित करते हैं और बाहरी पुष्टि की तलाश करना बंद कर देते हैं, तो आप पाएंगे कि "जीवन में मेरा उद्देश्य क्या है?" का सवाल जवाब देना बहुत आसान है।


नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें

 najariya jine ka Hard times in life how to face


नजरिया जीने का: कठिन समय जीवन का अभिन्न अंग है और यह जीवन के लिए धुप-छाव के खेल की तरह है. किसी विद्वान ने क्या खूब कहा है कि "परिस्थितियां हमेशा तुम्हारे अनुकूल रहे ऐसे आशा नहीं करों क्योंकि यह संसार सिर्फ तुम्हारे लिए नहीं बनी है." हर व्यक्ति को अपने जीवन में कभी न कभी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन यहाँ यह समझना महत्वपूर्ण है कि कठिन समय हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। धैर्य रखने से हमें मुश्किलों का सामना करने में मदद मिलती है।

जीवन में हार्ड टाइम या कठिन समय का आना जिंदगी का अभिन्न अंग है  और इससे घबराने के बजाये इसका सामना करें. हमारे जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है. जीवन के किसी खास फेज में आने वाले कठिन समय या हार्ड टीम और कुछ नहीं बल्कि परिस्थितियों का  संयोग ,मात्र होता है. निश्चित रूप से तथाकथित कठिन समय या हम कहें की विपरीत परिस्थितियां जीवन का एक खास समय होता जो हमारे सोच के अपेक्षित नहीं होती है और जो जल्द ही बीत जाते हैं।

याद रखें, एक तीर को कमान से छोड़ने से पहले उसे पीछे की ओर खींचना जरुरी होता है, अतः हमारे जीवन का कठिन समय इस बात का संकेत है कि हमने एक कदम तो पीछे ले लिया है लेकिन इसका मतलब यह भी है कि हम  जीवन में एक लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार हैं .

कठिन समय में विचलित होने के जगह हम इन टिप्स की मदद से खुद को मजबूत और सकारात्मक बनाये रख सकते हैं 

धैर्य रखें :

यह समझना महत्वपूर्ण है कि कठिन समय हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। धैर्य रखने से हमें मुश्किलों का सामना करने में मदद मिलती है।

सकारात्मक रहें 

नकारात्मक विचारों में डूबने के बजाय, हमें सकारात्मक सोच रखनी चाहिए।

 कमजोरियों का सामना करें :

 कठिन समय हमें अपनी कमजोरियों का पता लगाने और उन्हें दूर करने का मौका देता है।

से

कठिन समय हमें अपनी गलतियों से सीखने और भविष्य में उन्हें दोहराने से बचने का मौका देता है।

मदद लेने में नहीं हिचकें : 

कठिन समय में हमें दूसरों की मदद लेने में संकोच नहीं करना चाहिए।

तू छोड़ ये आंसू उठ हो खड़ा, 

मंजिल की ओर अब कदम बढ़ा,

हासिल कर इक मुकाम नया, 

पन्ना इतिहास में जोड़ दे,

घुट-घुट कर जीना छोड़ दे,

-नरेंद्र वर्मा

सकारात्मक और आशावादी रवैया अपनाकर, इन परिस्थितियों से बिना घबराए इनका सामना करने का साहस दिखाना ही बहादुरी है.. 


ये कठिन समय आपके जीवन की दौड़ के रास्ते में कोई बाधा नहीं है... वास्तव में प्रकृति आपके धैर्य की परीक्षा लेने की प्रक्रिया में है जिसके परिणामस्वरूप आप मजबूत बनेंगे...

बाधाएँ आती हैं आएँ

घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,

पावों के नीचे अंगारे,

सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,

निज हाथों में हँसते-हँसते,

आग लगाकर जलना होगा।

क़दम मिलाकर चलना होगा।

-अटल बिहारी वाजपेयी

कठिन समय को आप कोस सकते हैं और इसके लिए आप स्वतंत्र हैं...लेकिन याद रखें.यह कठिन समय आपके भविष्य को एक ठोस आकार देने की क्षमता से परिपूर्ण होता है..




नजरिया जीने का: करवा चौथ-जाने कैसे बनाएं पत्नी के करवाचौथ को रोमांटिक और यादगार

 najariya jine ka karwachauth how to make moment memorable


नजरिया जीने का:  करवा चौथ सुहगिनो का एक प्रमुख त्यौहार है और इसके लिए प्रत्येक सुहागन कई दिनों के पहले से ही इंतजार करती है। न केवल इस त्यौहार को मनाने के लिए बल्कि पत्नियों के लिए इस पर्व का प्रत्येक मोमेंट खास होता है चाहे वह पूजा हो या फिर  सजने सवरने की तैयारी तक, सब कुछ बहुत खास होता है ।  

करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाती हैं। करवाचौथ वाले दिन एक स्त्री पूरा दिन निर्जला व्रत करके अपने पति की लंबी आयु व उसके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। वैसे तो हर स्त्री के लियें ये व्रत महत्वपूर्ण है लेकिन लेकिन अगर शादी के बाद पहला करवा चौथ हो तो फिर बात ही कुछ और है। जब एक नई दुल्हन पूरा शृंगार करके तैयार होती है और पति के लिए सजती संवारती है वो उसके लियें बहुत खास होता है ।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने पत्नी को बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं और उसकी कितनी परवाह करते हैं। करवा चौथ एक ऐसा दिन है जब आप अपने प्यार को व्यक्त कर सकते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं।

करवा चौथ को यादगार बनाने के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:

प्रेम और सम्मान दिखाएं: करवा चौथ एक प्रेम और सम्मान का त्योहार है। अपने पत्नी को बताएं कि आप उसे कितना प्यार करते हैं और उसकी कितनी परवाह करते हैं। उसे एक उपहार दें, उसे एक प्यारा सा संदेश लिखें, या उसके लिए कुछ खास करें।

व्रत को आसान बनाएं: करवा चौथ एक कठिन व्रत हो सकता है, खासकर अगर आप पहली बार मना रही हों। अपने पत्नी को व्रत रखने में मदद करने के लिए कुछ कदम उठाएं। उदाहरण के लिए, आप उसे सुबह नाश्ता बना सकते हैं, उसके लिए पानी का ध्यान रख सकते हैं, या शाम को उसे व्रत तोड़ने में मदद कर सकते हैं।

एक रोमांटिक रात बनाएं: करवा चौथ एक विशेष दिन है, इसलिए इसे एक रोमांटिक रात के साथ समाप्त करें। एक साथ डिनर करें, एक फिल्म देखें, या बस बात करें और एक-दूसरे के साथ समय बिताएं।

यहां कुछ विशिष्ट विचार दिए गए हैं जो आप अपने पत्नी के करवा चौथ को यादगार बनाने के लिए कर सकते हैं:

  • उसके लिए एक खूबसूरत साड़ी या लहंगा खरीदें।
  • उसे एक खूबसूरत सा हार या झुमके दें।
  • उसके लिए एक प्रेम पत्र लिखें।
  • उसके लिए एक रोमांटिक डिनर का प्लान बनाएं।
  • उसके लिए एक कैंडल लाइट डिनर का आयोजन करें।
  • उसके लिए एक सरप्राइज पार्टी का आयोजन करें।


नजरिया जीने का: मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व, स्पष्ट दृष्टि और मजबूत लोकप्रियता है चुनौती विपक्ष के लिए

 Najariya jine ka Modi His Personality And Positive Things

नजरिया जीने का: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व, स्पष्ट दृष्टि और मजबूत लोकप्रियता के आगे विपक्षी दलों के मनसूबे सफल होने का कोई आसार नजर नहीं आर रहा. सच्चाई तो यह है कि मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व, स्पष्ट दृष्टि और मजबूत लोकप्रियता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बना दिया है। उनकी नीतियों और उनके नेतृत्व ने भारत को कई क्षेत्रों में प्रगति करने में मदद की है।

एक क्वोट्स है जो इस प्रकार है- "यह सोचना कठिन है कि क्या असंभव है। क्योंकि कल का सपना आज की आशा और कल की वास्तविकता है।" ऐसा लगता है कि यह उद्धरण विशेष रूप से भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ध्यान में रखकर लिखा गया है जो इस पर बिल्कुल फिट बैठता है। मोदी अपने करिश्माई व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं, जो न केवल दूरदर्शी और निर्णायक हैं, बल्कि वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय भी हैं। वह अपने मजबूत संचार कौशल, लोगों से जुड़ने की क्षमता और भारत के लिए अपने दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के कुछ उज्जवल और मजबूत बिंदुओं पर अगर गौर करें तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर मोदी क्यों देश ही नहीं बल्कि दुनिया में अपने प्रद्तिंद्वंदियों को पीछ छोड़ कर लोकप्रियता में सबसे शीर्ष पर हैं. 

करिश्माई व्यक्तित्व: 

 मोदी एक स्वाभाविक नेता हैं जो लोगों को प्रेरित और प्रेरित करने में सक्षम हैं। वह एक प्रतिभाशाली वक्ता हैं जो भावनात्मक स्तर पर लोगों से जुड़ने में सक्षम हैं।

दूरदर्शी: 

मोदी  के पास भारत के भविष्य के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण है। वह बड़ा सोचने से डरते नहीं हैं और वह भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

निर्णायक: 

मोदी एक निर्णायक नेता हैं जो कठोर निर्णय लेने से नहीं डरते। वह जोखिम लेने से नहीं डरते और यथास्थिति को चुनौती देने को तैयार हैं।

कुशलता के साथ पथ पर अग्रसर: 

 मोदी एक कुशल नेता हैं जो काम करवाने में सक्षम हैं। वह कार्य सौंपने से नहीं डरता और वह लोगों को जवाबदेह ठहराने में सक्षम है।

लोकप्रियता: 

 मोदी एक लोकप्रिय नेता हैं जिन्हें भारतीय लोगों के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त है। उन्हें एक मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में देखा जाता है जो अपने वादों को पूरा करने में सक्षम है।

बेशक, नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं, जैसे विपक्ष उन पर आरोप लगाता रहता है, हालांकि, उनकी सरकार को लोगों द्वारा दिया गया जनादेश और समर्थन दर्शाता है कि वह असली व्यक्ति हैं जो भारत को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

कुल मिलाकर नरेंद्र मोदी एक ऐसी शख्सियत हैं जो अपनी वाकपटुता से विपक्षी नेताओं को मजबूर करने की कला जानते हैं और उनके काम उनकी कार्यकुशलता और लोकप्रियता को साबित करने के लिए काफी हैं।

नजरिया जीने का:असीमित सोच और विचारों को किसी सीमा से नहीं बांधे, ऊँचा सोचें और बड़ा लक्ष्य हासिल करें

 najariya jine ka thinking ha no limit think high achieve big


नजरिया जीने का: अगर आप असीमित शब्द के सार्थकता को समझेंगे तो पाएंगे कि यह शब्द बहुत ही उपयोगी है क्योंकि यह आपको  विश्वास दिलाता है कि आप वह सब कुछ कर सकता हूं जो आप चाहते हैं। सच तो यही है कि यह आपकी असीमित सोच है जो आपके अंदर के विचारों को जागृत करता है और  संभावनाओं की याद दिलाता है, तब भी जब सारी परिस्थितियाँ मेरे विरुद्ध हों। असीमित सोच और असीमित विचारों पर विश्वास करके, आप असीमित चीजें हासिल कर सकते हैं हाँ इसके लिए पहल आपको हीं करनी होगी। 


सोचने की कोई सीमा नहीं है, इसलिए बड़ा सोचें और अपने जीवन में बड़ा हासिल करें क्योंकि हर व्यक्ति के अंदर अपार शक्ति है और हमें बस उसे प्रज्वलित करना है। प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। 


विडम्बना यह हैं कि प्रकृति ने तो हमें कोई भेदभाव नहीं किया हमें शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करने में, लेकिन यह केवल हम ही हैं जो अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं, इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है।

आपके आस-पास होने वाली हर घटना को कुछ न कुछ सीमा प्रदान की गई है। चाहे वह सड़क हो, क्रेडिट/डेबिट कार्ड हो, आपका शरीर हो, आपके शरीर के अंग हों और यहां तक कि सभी अत्यधिक परिष्कृत और नवीनतम उपकरण हों, उनके उपयुक्त और मानक प्रदर्शन की अपनी सीमाएं हैं। 

यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

असीमित सोच:

हमारा दिमाग शारीरिक बाधाओं से बंधा नहीं है और हम चाहें तो हम वर्तमान और सीमाओं से परे कल्पना कर सकते हैं, अन्वेषण कर सकते हैं और सपने देख सकते हैं। यह केवल आपकी सोच है जिसकी कोई सीमा नहीं है और यह बहुत ऊपर तक जा सकती है क्योंकि आपके पास वास्तविक तर्क है और आपके संसाधन और दृष्टिकोण इसकी अनुमति देते हैं।

यह केवल हम ही हैं जो इस तथ्य के बावजूद कि आपके पास इसे हासिल करने के लिए पर्याप्त शक्ति और ऊर्जा है, अपनी सोच को सीमा प्रदान करते हैं। यह असीमित सोच हमें उन संभावनाओं पर विचार करने की अनुमति देती है जो पहली नज़र में संभव नहीं लगती हैं।


बड़ी सोच का महत्व:

प्रकृति ने हमें अपने जीवन में चमत्कार करने की अपार शक्ति और क्षमता प्रदान की है, लेकिन त्रासदी यह है कि हम दर्शक दीर्घा के बीच में फिट होने का आनंद लेते हैं। महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने से प्रेरणा मिलती है और हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

बड़ी सोच चुनौतियों का सामना करने में नवीनता, रचनात्मकता और लचीलेपन को बढ़ावा देती है। हमें ऊंचा सोचना चाहिए और अपनी सोच को नई ऊंचाइयां प्रदान करनी चाहिए, आश्चर्यजनक रूप से हम अखबारों और टीवी समाचारों में ऐसे चमत्कार रचने वालों से गुजरते रहते हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि ऐसे लोगों ने अपनी सोच को नई ऊंचाई प्रदान की है और अपने जीवन में बड़ा मुकाम हासिल किया है.


संतुलन महत्वपूर्ण है-

जबकि बड़ा सोचना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ हीं सुनिश्चित करना भी जरुरी है कि आपके लक्ष्य भी यथार्थवादी हों और आपके मूल्यों और संसाधनों के अनुरूप हों। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, सीखने, बढ़ने और उनके साथ तालमेल बिठाने की प्रक्रिया अत्यधिक मूल्यवान है। 

दुनिया में हर सफल शख्सियत ने तभी बड़ा हासिल किया है, जब उसने बड़ा सोचने का साहस किया। हमें एक मुर्ख और लापरवाह इंसान बनने की मानसिकता को बदलने के लिए तैयार रहना होगा न कि यह सोचना होगा कि प्रकृति ने हमें चमत्कार करने की सारी शक्ति और विचारों से सुसज्जित किया है।


नजरिया जीने का: तत्काल लाभ देने वाले मुफ़्त की चीजों को अवॉइड करें, दूरगामी कुप्रभाव को पहचानें

 najariya jine ka avoid free gifts it cost more


नजरिया जीने का: अगर आपको बिना किसी प्रयास या किसी मशक्कत के चीजों का मिलना किसी भी समाज या किसी भी संस्थान से आरंभ हो जाए, तो समझ लीजिए की आप किसी भयंकर गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं। 
विश्वास नहीं हो तो इतिहास उठा कर देख लीजिए, दुनिया के उन देशों ने जिन्हे बिना किसी प्रयास के खाने की आदत लग गई उन्हे उन शक्तिशाली देशों ने अपना गुलाम बना कर वहाँ के लोगों की पीढ़ियों पर शासन किया है। 

यह बिल्कुल मानी हुई बात है कि मुफ्त की चीजें देखने में अच्छी लगती हैं, लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि ये  चीजें हमें अक्सर महँगी पड़ती हैं। 
आप  इसके लिए मुफ्त में पाए जाने वाले सुविधाओं और मिले रेवरियों का अध्ययन कर यह देख लें। 
 अध्ययन पर अगर आप गौर करेंगे तो मुफ्त के मिलने वाले इन सेवाओं के बदले में आपको भविष्य में ज्यादा पे करने पड़ते हैं यह तथ्य आपको सोचने पर मजबूर करता है कि इन चीजों को लेने से पहले उनकी मूल्यांकन करना चाहिए.

 दुनियाँ के दांव पेंच से रखना न वास्ता 
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता 
 भटका न दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के
-प्रदीप 

मुफ्त की चीजें अक्सर ऐसी होती हैं जिनका कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है या जिन्हें किसी अन्य उत्पाद के साथ सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है, जैसे सरकारी योजनाएं या नमक के मुफ्त बाटे। लेकिन यह भी सच है कि इन चीजों को सब्सिडी के रूप में प्रदान करने के लिए सामान्यतः किसी अन्य स्रोत से धनराशि उठाई जाती है, जिसे फिर सामरिक या आर्थिक रूप से भुगतान करना पड़ता है.

यह ध्यान में रखें कि यदि कोई चीज़ मुफ्त है, तो उसे अपने उत्पादन, प्रदान और वितरण के लिए कोई मूल्यांकन या मानक नहीं होता है, जिससे उसका गुणवत्ता और मान्यता बाढ़ सके. इसलिए, मुफ्त की चीजों का उपयोग करते समय हमें अपने निर्णयों को सावधानीपूर्वक चुनना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमें कोई अनुमति प्राप्त है और हम इसकी वास्तविक मूल्य को समझते हैं.

व्यापार की दृष्टि से भी, यदि कोई व्यक्ति निरंतर मुफ्त चीजें प्राप्त करने का आदान-प्रदान करता है, तो वह उस व्यक्ति के लिए लाभदायक नहीं होगा क्योंकि व्यापारिक मानकों में इन चीजों का मूल्य होता है और उनका उपयोग करने के लिए समय, ऊर्जा और संसाधन की आवश्यकता होती है. इसलिए, सामान्यतः, मुफ्त चीजें संभावित हैं कि उन्हें बहिष्कार करने के बजाय, उसकी वास्तविक मूल्य का मान्यांकन करना और उसे उचित मानदंडों के अनुसार खरीदना और उपयोग करना उचित होगा.

मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,

तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।

किसने तुमको रोका है,

तुम्ही ने तुम को रोका है।

भर साहस और दम, बढ़ा कदम,

अब इससे अच्छा कोई न मौका है।

-नरेंद्र वर्मा

संक्षेप में कहें तो, मुफ्त की चीजों को बहिष्कार करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि उनकी मूल्यांकन करने और संभावित नुकसानों को समझने की आवश्यकता होती है और उन्हें उचित रूप से उपयोग करने के फायदों और नुकसानों को विचार में रखना चाहिए।


गुरुवार, 19 दिसंबर 2024

नजरिया जीने का: हंसी न केवल मनोरंजन, बल्कि प्रेरणा और विचारों को भी जन्म देती है

Najariya jine ka Humour gives Thoughts and Positive Energy

नजरिया जीने का: हंसी न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि प्रेरणा और विचारों को भी जन्म देती है और दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित हास्य रंग उत्सव ने इस तथ्य को एक बार फिर से साबित कर दिया। तीन दिन तक चले इस उत्सव ने हास्य, व्यंग्य और रंगमंच के बेहतरीन प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।

उत्सव के अंतिम दिन की शुरुआत प्रसिद्ध हास्य कलाकार वीआईपी की ऊर्जावान स्टैंड-अप प्रस्तुति से हुई। उनके मजाकिया अंदाज, गजब की कॉमिक टाइमिंग और तीखे व्यंग्य ने दर्शकों को ठहाकों से सराबोर कर दिया। इसके बाद मंच पर पेश हुआ श्याम कुमार द्वारा निर्देशित नाटक बैंक मैनेजर। 

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

यह नाटक रूस के प्रख्यात लेखक एंटन चेखव की दो प्रसिद्ध कहानियों सर्जरी और ए डिफेंसलेस क्रिएचर पर आधारित था। नाटक में हास्य और व्यंग्य के माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी की विडंबनाओं को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया। एक परेशान बैंक मैनेजर, अपने हक के लिए लड़ती जिद्दी महिला, और हास्यास्पद चिकित्सा का सामना करते क्लर्क की कहानियों ने दर्शकों को गुदगुदाया और सोचने पर मजबूर किया।

शुरुआत से समापन तक हंसी का सफर

पहले दिन की शुरुआत सुनील पाल की हास्य प्रस्तुति से हुई। उनकी सहज शैली और चुटीले पंच ने दर्शकों को खूब हंसाया। इसके बाद मंच पर पेश हुआ हबीब तनवीर का प्रसिद्ध नाटक चारंदास चोर, जिसे एनएसडी के राजेश तिवारी ने निर्देशित किया था। इस व्यंग्यात्मक नाटक ने नैतिकता और मानवीय स्वभाव के जटिल पहलुओं को खूबसूरती से उजागर किया।

दूसरे दिन एहसान कुरैशी ने अपने अनोखे हास्य अंदाज से दर्शकों को बांधे रखा। इसके बाद जयवर्धन सिंह का नाटक घर का न घाट का, जिसे जे.पी. सिंह ने निर्देशित किया, ने सामाजिक दबावों और परंपराओं को हास्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस नाटक ने पारिवारिक संघर्षों और पुरुष उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर गहरी चर्चा छेड़ी।

हास्य और नाट्य कला का अनूठा संगम

तीन दिन तक चले हास्य रंग उत्सव ने साबित किया कि हंसी न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि प्रेरणा और विचारों को भी जन्म देती है। इस उत्सव में प्रतिभाशाली कलाकारों, समय-चेतना से भरी कहानियों और शानदार प्रस्तुतियों का अनूठा संगम देखने को मिला

सोमवार, 16 दिसंबर 2024

नजरिया जीने का: पीकेएल-11- शानदार जीत के साथ तीसरे स्थान पर पहुंचे पटना पाइरेट्स

najariya jine ka pkl 11 patna beats host

नजरिया जीने का: देवांक (11) और अयान (9) के अलावा डिफेंस में शुभम (5) तथा अंकित (4) के शानदार प्रदर्शन की  बदौलत तीन बार के चैंपियन पटना पाइरेट्स ने बालेवाड़ी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बैडमिंटन हॉल में सोमवार को खेले गए प्रो कबड्डी लीग के सीजन के 116वें मैच में मेजबान पुनेरी पल्टन को 37-32 के स्कोर से हराकर अंक तालिका में तीसरा स्थान हासिल कर लिया है।

पटना को 19वें मैच में 12वीं जीत मिली। उस एक पायदान का फायदा हुआ। दूसरी ओर, घर में लगातार तीन हार के बाद पिछले मैच में जीत का स्वाद चखने वाली पल्टन फिर बेपटरी हो गई। पल्टन के पास हालांकि अभी भी प्लेआफ में जाने का मौका है लेकिन यह काफी मुश्किल है। पल्टन के लिए अबिनेश ने सात जबकि आकाश और अमन ने 6-6 अंक लिए।

पिछले मैच की जीत से उत्साहित पल्टन ने शुरुआती तीन मिनट में 3-1 की लीड ले ली थी। इसमें दो बार देवांक औऱ एक बार अयान का शिकार शामिल है। चार मिनट में रेडिंग में किसी का खाता नहीं खुला था लेकिन पंकज ने दीपक को गच्चा देकर इसकी शुरुआत की। पल्टन 4-2 से आगे थे।

इसके बाद हालांकि अयान ने भी रेडिंग में पटना का खाता खोल दिया। अयान ने अगली रेड पर देवांक को रिवाइव कराया और आते ही देवांक ने गौरव को आउट कर स्कोर 6-6 कर दिया। अयान ने अगली रेड पर भी अंक लिया और पल्टन को सुपर टैकल सिचुएशन में ला दिया।

देवांक भी अब चलने लगे थे। उन्हें और अयान को पुणे का डिफेंस लगातार अंक दे रहा था और यही कारण था वे आलआउट की कगार पर थे लेकिन अबिनेश ने बोनस के साथ एक रिवाइवल ले लिया। और फिर पंकज तथा अबनेश ने देवांक को सुपर टैकल कर स्कोर 13-10 कर लिया।

शुभम ने अगली रेड पर पंकज को आउट कर पल्टन को फिर आलआउट की ओर धकेला। अयान ने दादासो का शिकार किया लेकिन अबिनेश ने दूसरी बार बोनस के साथ रिवाइवल ले लिया। अकेले बचे अबिनेश ने अगली रेड पर बोनस लिया। उनकी बदौलत पल्टन ने 16-13 स्कोर पर पाला बदला।

अगली रेड पर हालांकि अबिनेश लपके गए और इस तरह पटना ने आलआउट लेकर स्कोर 16-17 कर दिया। इसके बाद पटना ने देवांक के दो मल्टीप्वाइंटर्स की मदद से 3 अंक की लीड ले पल्टन को एक बार फिर आलआउट की ओर धकेल दिया। अमन ने हालांकि देवांक को सुपर टैकल कर स्कोर 21-22 कर दिया।

पल्टन लगातार सुपर टैकल पर खेल रहे थे। अमन ने इस बार अयान को लपक न सिर्फ हाई-5 पूरा किया बल्कि स्कोर 23-23 कर दिया। देवांक ने हालांकि अगली रेड पर पल्टन को आलआउट कर 28-24 की लीड ले ली। देवांक ने इसी के साथ सुपर-10 पूरा किया। पल्टन ने हालांकि आलइन के बाद देवांक का शिकार कर लिया।

ब्रेक के बाद पटना ने एक के मुकाबले तीन अंक लेकर स्कोर 31-26 कर दिया लेकिन पंकज और अमन ने फासला 3 का कर दिया। पटना ने जल्द ही चार की लीड ले और फिर डू ओर डाई रेड पर अयान के बोनस से फासला 5 का किया और फिर गुरदीप ने आकाश को लपक स्कोर 34-28 कर दिया। अब सिर्फ सवा दो मिनट बचे थे।

इसी बीच अयान ने अमन और अबिनेश का शिकार कर फासला 8 का किया लेकिन आर्य़वर्धन ने मल्टीप्वाइंटर के साथ स्कोर 30-36 कर दिया। अगली रेड पर हालांकि वह लपक लिए गए। अब पल्टन के पास समय कम बचा था और इस तरह वे 20 मैचों में नौवीं हार को मजबूर हुए।

शनिवार, 14 दिसंबर 2024

वामा: महिला कलाकारों द्वारा अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल का एक आकर्षक मिश्रण

दिल्ली की महिला कलाकारों का आठ दिवसीय समारोह में दिल्ली की 20 प्रतिभाशाली महिला कलाकार एक साथ प्रदर्शन किया। महिलाओं की कलात्मक प्रतिभा को सशक्त बनाने और प्रदर्शित करने के लिए आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय कला, संस्कृति और भाषा मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज द्वारा किया गया ।



20 प्रख्यात महिला कलाकारों की शानदार लाइनअप वाली इस प्रदर्शनी में अन्नू गुप्ता, दीपा पोटरे, दुर्गा कैंथोला, कंचन चंदर, नीलांजना नंदी, प्रतिभा सिंह, रश्मि चौधरी, साक्षी बजाज, सीमा मोहाली, मेघा मदान, नीतू, अदिति अग्रवाल, कविता नैयर, रश्मि खुराना, ऋचा नवानी, सुषमा यादव, शम्पा सरकार दास, वंदना कुमारी, वंदना राकेश और वसुंधरा तिवारी ब्रूटा की कृतियाँ शामिल हैं। 

प्रत्येक कलाकार एक अनूठा दृष्टिकोण और कथा लेकर आता है, जो परंपरा और समकालीन शैलियों का एक आकर्षक मिश्रण बनाता है।




वामा मंच का उद्देश्य एक ऐसा स्थान प्रदान करना है जहाँ महिला कलाकार अपने अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल को प्रदर्शित कर सकें, जिससे कला जगत में समावेशिता और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिले।



 विभिन्न माध्यमों में कलाकृतियों के साथ, यह कार्यक्रम समकालीन कला में महिलाओं के योगदान के बारे में बातचीत को प्रेरित करना चाहता है।



इस प्रदर्शनी ने  कला प्रेमियों, आलोचकों और संरक्षकों को इन उल्लेखनीय महिलाओं की रचनात्मक यात्रा में डूबने का अवसर किया ।