नजरिया जीने का: William Shakespeare की एक बहुत ही महत्वपूर्ण उक्ति है "Have more than you show, Speak less than you know।" मतलब स्पष्ट है कि जानकारी से कम बोलें और दिखावा से ज्यादा रखें। शेक्सपियर की यह कथन का भावार्थ स्पष्ट सिखाती है कि हमें अपने ज्ञान और क्षमताओं को दिखाने के लिए बातचीत में ज्यादा हिस्सा नहीं लेना चाहिए।
कम दिखाना कमजोरी नहीं, यह परिपक्वता की निशानी है और दुनिया में जितने बुद्धिमान व्यक्ति हुए हैं अगर आप उनके जीवन शैली का अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि उन्होंने इसी मन्त्र को अपनाया है कि "अपनी ताकत को दिखाने की नहीं, उसे साबित करने की ज़रूरत है।"
“ज्ञान की गहराई शब्दों से नहीं, व्यवहार से झलकती है।”
आपकी गंभीरता आपकी व्यक्तित्व को और भी व्यापक बनाती है जो श्रोताओं में एक जिज्ञासा को बनाए रखती है। आपका ज्यादा और अनावश्यक बोलना न केवल आपकी व्यक्तित्व बल्कि सुनने वालों में भी बोझलता का माहौल बनाएगा। इसके बजाय, हमें दूसरों को सुनना चाहिए और उनकी बातों को समझना चाहिए।
अगर आप इस कहावत की गंभीरता पर विचार करेंगे तो पाएंगे कि इसके कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह हमें विनम्र और सम्मानजनक बनाता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम उनके विचारों और भावनाओं को महत्व देते हैं। यह हमें एक बेहतर संवादी बनाता है और दूसरों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करता है।
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याद रखें-"दिखावे से कुछ समय के लिए वाहवाही मिल सकती है, पर सम्मान केवल सच्चाई से मिलता है।"
“शोर मचाने वाले पेड़ नहीं, फल देने वाले पेड़ झुके रहते हैं।”
जानकारी से हमेशा काम बोलने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आदत हमें दूसरों से सीखने में मदद करता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम नए विचारों और सूचनाओं से परिचित होते हैं। यह हमें अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने में मदद करता है।
"दिखावा करना एक ऐसा भार है, जिसे उठाने में सुकून खो जाता है।"
कहते हैं नया कि जो आप हैं, वही बने रहें। दिखावा करना या झूठे आडंबर से खुद को बढ़ चढ़कर पेश करने भले आपको अस्थाई पहचान देगा, लेकिन सच्चाई स्थाई सम्मान।
"जो दिखावा करता है, वह अपनी पहचान खो देता है।"
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