यह सच है कि आज सबके जीवन मे जीने के लिए भागदौड़ के जरूरत है और इसके बगैर जीवन की कल्पना भी करना मुश्किल है। लेकिन यह भी सच है कि भरे जीवन में सबसे अमूल्य चीज़ 'समय' है, और संबंधों को चलाने के लिए हमें अपनों के लिए समय निकालना और उनका हालचाल लेना ही सच्चा प्रेम है।
याद रखें, रिश्ते कभी भी शब्दों के मोहताज नहीं होते, अगर आपसी समझ और अन्डर्स्टैन्डिंग क्लेयर हो तो खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है।
आपके अपनों के साथ आपके रिश्तों की खूबसूरती आपसी विश्वास और सम्मान में छिपी होती है और इन्हे सँजोने और सँवारने मे हमें पनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। याद रखें, जहाँ यह टूटे, वहाँ रिश्ता बिखर जाता है और फिर हमें हाथ मलने के अलावा कुछ भी पास नहीं रहता है।
रिश्ते कांच की तरह होते हैं..
याद रखें, रिश्ते कांच की तरह होते हैं और इसलिए इन्हें संभालकर रखनी जरूरी है क्योंकि अगर एक बार टूट जाएं तो जोड़ने पर दरारें रह ही जाती हैं और फिर अपने हीं अपने होते हैं जो खासतौर पर बुरे समय मे साथ होते हैं।
जीवन की भगदौड़ जीवन की जरूरत है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन हम दौड़ते-भागते जीवन में बहुत कुछ कमा तो सकते हैं, पर अगर इस भागदौड़ मे अगर रिश्ते हीं खो दिए, तो सब बेकार है।
रिश्तों की अहमियत हमें तब समझ आती है जब हम क्राइसिस मे होते हैं या जब जीवन मे किसी खास संकट या परेशानी मे होते हैं। जहां लोग अपनों से मुंह फेर लेते हैं और और ऐसे समय में हमारे रिश्तेदार या सगे हीं काम आते हैं। इसलिए अपनों को समय देना न भूलें।"
जीवन की असली पूंजी सच्चे रिश्ते...
पैसा जीवन मे सर्वाइवल के लिए जरूरी है और खासतौर पर आज के युवा का सोचना है की अगर आपके पास पैसा है तो जीवन मे हर खुशी आपके पास है। लेकिन याद रखें दोस्तों, जीवन की असली पूंजी पैसा नहीं, बल्कि सच्चे रिश्ते होते हैं क्योंकि पैसे होते हुए भी रिश्ते का खोना और अपनों का दूर होना यह साबित करता है की रिश्ते को पैसे नहीं खरीद सकते।
आज जीवन मे जो स्वरूप और भगदौड़ है उसमें हर कोई व्यस्त है और इससे भला इंकार कैसे किया जा सकता है लेकिन इस भागदौड़ में भी आपके माता पिता या अपने भाई बहन आपके हाल चाल के लिए और आपके लिए वक़्त निकालता है, क्योंकि वही आपका सच्चा अपना है।
याद रखें, सोशल मीडिया मे जहां हमारे अपने हमसे छूट रहें हैं, ऐसे समय मे रिश्तों की मिठास शब्दों से नहीं, बल्कि एहसासों से हीं बनाई जा सकती है क्योंकि बनी रहती है। इसके लिए यह जरूरी है कि भागदौड़ में कहीं अपने ही पीछे न छूट जाएं, रुककर अपनों को गले लगाना न भूलें।
सुकून और शांति...
जीवन मे अगर अगर सुकून और शांति और प्रगति चाहते हैं, तो पैसों की दौड़ से ज्यादा, रिश्तों की डोर मजबूत कीजिए क्योंकि नूक्लीअर फॅमिली भले हीं क्षणिक शांति दे दे, जीवन का मजा तो जॉइन्ट फॅमिली मे हीं मिलती है जहां हमारे रिश्ते की डोर की बुनियाद भी पड़ती है और मजबूत भी होती है।
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