सरदार पटेल के लिए राष्ट्र सेवा सर्वोपरि थी और इसके लिए उन्होंने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं की परवाह किए बिना जीवनभर देश की सेवा को प्राथमिकता दी।
वह पेशे से वकील, स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे जो महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर अपना पेशा छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया।
यह सरदार पटेल हीं थें जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद 562 रियासतों का भारत में विलय कर भारत को एक राष्ट्र के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई.
सरदार पटेल अनुशासन और दृढ़ निश्चय के लिए जाने जाते हैं मानना था कि जीवन में सफलता पाने के लिए आत्म-अनुशासन और मजबूत इच्छाशक्ति आवश्यक है।
सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel): प्रमुख कोट्स
- आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नयी आपदाओं में डाल देगी।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
- अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।
- इस मिट्टी में कुछ खास बात है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास बना रहा है।
- "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।"
- मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
- हर भारतीय को अब भूल जाना चाहिए कि वह राजपूत, एक सिख या जाट है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसके पास अपने देश में हर अधिकार है लेकिन कुछ कर्तव्यों के साथ।
- कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं तो वहीं, बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
- अहिंसा को विचार, शब्द और कर्म में देखा जाना चाहिए। हमारी अहिंसा का स्तर हमारी सफलता का मापक होगा।
- बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।
- “धर्म के मार्ग पर चलो — सत्य और न्याय का पालन करो। अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग मत करो, आत्म-अनुशासन बनाए रखो।”
“मनुष्यबल बिना एकता के शक्ति नहीं है; जब तक उसे सही ढंग से संगठित और एकजुट न किया जाए, वह आध्यात्मिक शक्ति नहीं बन सकता।”
“आस्था तब तक व्यर्थ है जब तक उसमें शक्ति न हो। महान कार्यों के लिए आस्था और शक्ति दोनों आवश्यक हैं।”
“कर्म ही पूजा है। अपने कर्तव्य को निष्ठा से करो, तभी सच्ची शांति और सुख मिलेगा।”
“मेरी केवल एक इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक बने और कोई भी व्यक्ति भूख से आंसू न बहाए।”
“साहस भय का अभाव नहीं, बल्कि उस पर विजय पाने की शक्ति है।”

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