शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025
नजरिया जीने का: 9 टिप्स से समझें सेल्फ डिसप्लिन जीवनशैली का महत्व
1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें
अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे महत्वपूर्ण है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में प्राप्त करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।
2. दैनिक दिनचर्या बनाएं
अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायिक और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-
सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा प्रदान करें। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।
काम/अध्ययन कार्यक्रम: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।
शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।
3. कार्यों को प्राथमिकता दें
हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें।
अपने कार्यों को ज़रूरी/महत्वपूर्ण, ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण, ज़रूरी/महत्वपूर्ण नहीं और ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें।
हमेशा एक स्टिकी नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें
नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, दिन में कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।
संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।
अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।
4. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।
सकारात्मक पुष्टि: सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।
सहायता लें: अगर आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं तो दोस्तों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।
5. लगातार सीखते रहें
चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल स्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।
पढ़ें: अपने ज्ञान और दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए पढ़ने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ। पढ़ना और उचित अध्ययन ज्ञान और दृष्टिकोण को बढ़ाने का अंतिम तरीका है
पाठ्यक्रम लें: उन पाठ्यक्रमों या कार्यशालाओं में दाखिला लें जिनमें आपकी रुचि हो या जो आपके कौशल को बढ़ाएँ।
चिंतन करें: आपने जो सीखा है और आप इसे कैसे लागू कर सकते हैं, इस पर चिंतन करने में समय बिताएँ।
7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें
प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास बनाने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को जन्म देते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति में बाधा डालते हैं। टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है।
8. प्रगति की निगरानी करें:
अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं, समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें।
9. मोटिवेटेड रहें
जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो आप अपनी दक्षता को कम आंकने लगते हैं और अपने आप को सीमित कर लेते हैं।
नजरिया जीने का: जानें वह खूबियाँ जो बनाती ही नरेंद्र मोदी को लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता
अगर आप नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का आकलन करेंगे तो पाएंगे कि उनकी कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व उनकी सबसे बड़ी खासियत है। वह एक बहुत ही मेहनती और लक्ष्य-उन्मुख नेता हैं साथ ही मुश्किल परिस्थितियों से कभी वह घबराते नहीं है वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने और बाधाओं को पार करने से नहीं डरते। मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने हर बार उनका सामना किया है और सफलता प्राप्त की है।
मोदी की कार्यकुशलता और निर्णय लेने की क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जार सकता है कि उनके प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी ज्वलंत मुद्दों पर ठोस निर्णय लेने में विलम्ब नहीं लेते । उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को लागू किया है, जैसे कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया मिशन, और मेक इन इंडिया। इन योजनाओं और नीतियों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य
न केवल प्रधान मंत्री के रूप में बल्कि मोदी की कार्यकुशलता का उदाहरण उनके गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देखा जा सकता है जहाँ उन्होंने गुजरात को भारत का सबसे विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गुजरात में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए।
निसंदेह मोदी की कार्यकुशलता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बना दिया है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन पर लोग भरोसा करते हैं कि वह उनके लिए काम करेंगे।
मोदी के व्यक्तित्व की अन्य खासियतों में शामिल हैं:
उनका संवाद कौशल:
मोदी एक बहुत ही प्रभावशाली वक्ता हैं और अपनी बातों को वह बेहद प्रभावशाली ढंग से श्रोताओं तक पहुंचते हैं । मोदी की क्षमता और हर वर्ग के श्रोताओं पर उनकी पकड़ का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि वह किसाओं से लेकर महिलाओं तक और परीक्षा पर चर्चा कर विद्यार्थियों की समस्या पर अपने राय बेबाकी से देता है. वह अपने भाषणों के माध्यम से लोगों को प्रेरित और उत्साहित कर सकते हैं।
उनकी नेतृत्व क्षमता:
मोदी एक दृढ़निश्चयी और कुशल नेता हैं और उनकी इस क्षमता को उनके विरोधी भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं। वह अपने अनुयायियों को एकजुट कर सकते हैं और उन्हें एक लक्ष्य की ओर ले जा सकते हैं।
उनका विजन:
मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं और देश के साथ एक व्यापक विजन पर काम करते हैं जिसपर देश वासी भरोसा भी करते हैं. उन्होंने भारत के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य की कल्पना की है और उनके हर कदम यह साबित करते हैं जो देशवासी द्वारा उनके ऊपर किया गया भरोसा दिखा
नजरिया जीने का: जानें क्यों करते हैं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा?
आपने अक्सर देखा होगा कि भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा अक्सर एक साथ की जाती है। खासकर दिवाली के दौरान भक्तगन हमेशा हीं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश का पूजा किया जाता है। हिंदू संस्कृति मे ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी कल्याण, सफलता, धन और संपति के साथ ऐश्वर्या और समृद्धि और खुशहाली की प्रतीक है।
जहाँ गणेश बाधाओं को दूर करते हैं, सुचारू प्रगति सुनिश्चित करते हैं, वहीं लक्ष्मी का आशीर्वाद वित्तीय स्थिरता और समृद्धि को आमंत्रित करता है, जो इस संयोजन को सफलता के समग्र मार्ग के लिए आदर्श बनाता है।
वही भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले अर्थात विघनहंता और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजनीय हैं। उनका आशीर्वाद यह सुनिश्चित करने के लिए मांगा जाता है कि कोई भी प्रयास, चाहे व्यक्तिगत हो या पेशेवर, बाधाओं से मुक्त एक स्पष्ट मार्ग के साथ शुरू हो।
दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा का हिंदू परंपरा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है और इसका गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है।
देवी लक्ष्मी धन, प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक हैं तथा ऐसा मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा से वित्तीय कल्याण और भौतिक सुख-सुविधाएँ मिलती हैं, जो एक स्थिर और पूर्ण जीवन के लिए आवश्यक हैं।
लेकिन भगवान गणेश के आशीर्वाद के वगैर क्या खुशहाली और समृद्धि कि कल्पना भी की जा सकती है। हरगिज नहीं॥
मान्यता यह भी है कि गणेश और लक्ष्मी दोनों की एक साथ पूजा करना जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है जहां जीवन मे संपनता के साथ खुशहाली भी हो लेकिन जीवन बाधा से रहित भी हो ।
रोशनी के त्योहार दिवाली के दौरान, दोनों देवताओं का आह्वान करने की प्रथा है। शुभ शुरुआत के लिए सबसे पहले गणेश की पूजा की जाती है, उसके बाद लक्ष्मी की, जिनके आशीर्वाद से आने वाले वर्ष में सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
साथ में, वे एक सफल, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए आवश्यक संयुक्त आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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नजरिया जीने का: मार्टिन लूथर किंग जूनियर के वे विचार आपमें जोश का नया संचार भर देंगे
नजरिया जीने का: असफलता से सीखें हार को जीत में बदलने का मंत्र
असफलता को सकारात्मक रूप से स्वीकार करना और उससे सीखना ही सफलता की ओर उठाया गया पहला कदम है क्योंकि सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं।
असफलता को स्वीकार करना सीखें
जब तक आप असफलता को स्वीकार करना नहीं सीखेंगे, तबतक आप खुद को सफलता के नए इम्तहान के लिए तैयार नहीं कर पाएंगे।
हमें इस तथ्य को स्वीकार करना सीखना होगा कि असफलता कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया अवसर है जो हमें यह बताता है कि हमारी तैयारियों मे कुछ कमी रह गई थी। इतिहास गवाह है कि बिजली के बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने 1000 बार अपने प्रयासों मे असफलता का स्वाद चखा था। अगर वो असफलता से निराश होकर अपने प्रयासों को छोड़ देते तो क्या वह आविष्कार कर पाते।
कारणों की समीक्षा करें
किसी भी प्रयास मे शुरुआत मे मिलने वाले असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उनका मूल्यांकन करें और उसपर विचार करें कि आखिर कहाँ कुछ कमी रह गई थी। उन गलतियों से सीखने का कोशिश करें और सीखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उन गलतियों का आत्मविश्लेषण करें और उन कारणों को समझें जिनकी वजह से हम सफल नहीं हो पाए।
असफलता से घबराएं नहीं
असफलता सिर्फ एक पड़ाव है, मंज़िल नहीं। हर हार के बाद एक नई शुरुआत होती है। असफलता को सीखने का अवसर मानें और इसे अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं। शुरुआती असफलता सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं। जब भी आप असफल हों, अपने लक्ष्य की ओर एक नए दृष्टिकोण से बढ़ें और उसमें सुधार करें।
अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें
अपने प्रयासों मे मिली हुई असफलता से निराश होकर खुद पर अविश्वास करना सबसे बड़ी भूल है जिसके लिए खुद को कभी माफ नहीं किया जा सकता। असफलता मिलने के बाद जब आपको खुद को इन्सपाइर और मोतिवेट करने की जरूरत है, आप खुद पर अविश्वास करके खुद को और भी नकारात्मक कर रहे हैं। असफलता के बावजूद भी आप अपनी काबिलियत और स्किल को फिर से निखारें और नई रणनीतियों को बनाएं और अपने खोए हुए आत्मविश्वास को एक बार फिर से तलाशें और फिर नए जोश से काम मे लग जाएँ। सफलता आपकी होगी, इस प्रण के साथ आगे बढ़ें। सकारात्मक सोच रखें और खुद को उन लोगों से घेरें जो आपको प्रोत्साहित करते हैं।
कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें
जीवन मे मिलने वाले असफलताओं से निराश होकर हताश होने की जगह आप खुद को अलर्ट मोड मे लेकर आयें और कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। अपने नाकामियों और असफलता के कारणों का मोनिट्रिंग करें और साइअन्टिफिक वे मे उन्हे नोट करे तथा नए स्ट्रैटिजी के साथ खुद को बैटल जोन मे लाएं। याद रखें, बैटल जॉन या वॉर जोन हमारा लक्ष्य है जब तक हमें सफलता नहीं मिल जाती।
गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025
नजरिया जीने का: जीवन में खास विशिष्ट बनें, अपनी प्रतिभा को पहचानें
हालांकि यह सच है कि यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है। जब आप जीवन में विशिष्ट होते हैं, तो आप अधिक सफल, संतुष्ट और खुश होते हैं। अपने काम में विशिष्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:
अपनी प्रतिभा को पहचानें:
जीवन का मतलब सिर्फ जीना हीं नहीं होता है बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो कि आपको संतुष्टि दें। आप अपने प्रतिभा और रुचि को सबसे पहले पहचाने और अपने टेस्ट के अनुसार अपना लक्ष्य का चयन करें। यह जानने के लिए कि आपको क्या पसंद है और आप किस काम में अच्छे हैं, आत्म-विश्लेषण करें। अपनी रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करें और अपनी प्रतिभा को विकसित करें।
नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें
लक्ष्य निर्धारित करें:
सबसे पहले आप अपने लिए अच्छे से विचार कर उचित क्षेत्र का चयन करें और उसमें अच्छी प्रदर्शन के लिए अपनी विशेषज्ञता तय करें। इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने जुनून को खोजें और ईमानदारी से उसे हासिल करने में लग जाएँ। आपको कड़ी मेहनत करने, लगातार रहने और कभी भी सीखना बंद न करने की आवश्यकता है।
नियमित अध्ययन और अद्यतन रहें:
सबसे पहले, अपने लिए स्पष्ट और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आपकी सफलता कैसी दिखेगी इसपर विचार कर आप खुद का भविष्य तय करें.
नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य
सीखने के लिए तैयार रहें:
जैसा की आप जानते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और आत्म-विकास के लिए खुद को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना हीं जीवन का सबसे बड़ा सत्य और चैलेंज है। अपने काम में बेहतर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करें। इसमें तकनीकी कौशल, नरम कौशल और ज्ञान शामिल हो सकते हैं।
हमेशा पॉजिटिव रहें:
अपने काम में प्रेरित होना सीखिए और हमेशा पॉजिटिव रहने सीखें. पॉजिटिव रहने के लिए अच्छी पुस्तकों और लोगो पर्सनालिटी के जीवन को पढ़ें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, अपनी प्रगति का जश्न मनाएं और नई चुनौतियों की तलाश करें। अपने आप को चुनौती दें। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और नई चीजें आज़माएं।
अपने आप को चुनौती दें:
अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और खुद से बात करना सीखें। स्वामी विवेकानंद के उस कथन को हमेशन याद रखें कि- " यदि चौबीस घंटे मे एक बार आप खुद से बात नहीं करते हैं तो संसार के सबसे विशिष्ट और खास आदमी कि आप उपेक्षा कर रहे हैं। "
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन में विशिष्ट बनने के लिए समय और प्रयास लगता है। धैर्य रखें, कड़ी मेहनत करें, और कभी भी हार न मानें।आप भी अपनी रुचि और प्रतिभा के आधार पर जीवन में विशिष्ट स्थान बना सकते हैं।
नजरिया जीने का: अतीत आपका शिक्षक है, वर्तमान एक गिफ्ट और भविष्य सुनहरा अवसर
सभी प्रमुख प्रेरक वक्ता और विचारक ने हमारे दिमाग में यह बात बिठा दी है कि भविष्य और अतीत के संबंध में हमारे कार्यों से निपटने का सबसे अच्छा समय केवल वर्तमान है। अतीत, वर्तमान और भविष्य के अनुभव के संबंध में विश्व के विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था- “हममें से जो लोग भौतिकी में विश्वास करते हैं, उनके लिए अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच का अंतर केवल एक कठोर भ्रम मात्र है।”
सच तो यह है कि अतीत एक अनुभव है, वर्तमान प्रयोग है और भविष्य अपेक्षा है। अपनी अपेक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयोगों में अपने अनुभव का उपयोग करने हमें जीवन मे अपने भविष्य के बुनियाद को और भी मजबूत करने कि कोशिश करनी चाहिए जिस पर हम ठोस और मजबूत भवन का निर्माण कर सकें ।
आपने सुना भी होगा "यह कहना मुश्किल है कि क्या असंभव है... क्योंकि कल का सपना आज की आशा और कल की वास्तविकता है..."
प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का कथन याद रखें- "अतीत आपका शिक्षक है। वर्तमान आपका उपहार है। भविष्य आपका अवसर है।"
भागवद गीता से मिले इस शिक्षा को कभी नहीं भूलें-
अतीत के बारे में कभी भी गंभीरता से न सोचें, यह आँसू लाता है
भविष्य के बारे में अधिक मत सोचो, यह डर लाता है।
इन पलों को मुस्कुराहट के साथ जिएं, इससे खुशियां आती हैं।
हमारे अतीत के अनुभव भविष्य के बारे में हमारी अपेक्षाओं को बनाने के लिए एक आधार के रूप में काम करते हैं। हम सफलताओं और असफलताओं से सीखते हैं, "क्या काम करता है" और "क्या नहीं" का एक मानसिक डेटाबेस बनाते हैं। यह डेटाबेस भविष्य के परिणामों के बारे में हमारी भविष्यवाणियों को प्रभावित करता है, समान स्थितियों या निर्णयों से हम जो आशा करते हैं उसे आकार देते हैं।
यह सच है कि हम अपना लक्ष्य पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ तय करना सीखना होगा और इसमे हमें किसी प्रकार का संदेह नहीं होनी चाहिए क्योंकि कितनी भी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम उससे भटक नहीं सकते, लेकिन अगर आप अपने कल के अनुभव से सबक नहीं लेंगे तो यह बेकार है।
भविष्य के प्रति हमारी अपेक्षाएँ हमारे वर्तमान कार्यों को प्रेरित करती हैं। जब हम सकारात्मक परिणामों की उम्मीद करते हैं, तो हमारे आशावादी होने, जोखिम लेने और चुनौतियों के बावजूद डटे रहने की अधिक संभावना होती है। हालाँकि, यदि हम नकारात्मक अपेक्षाएँ पालते हैं, तो हम टाल-मटोल करने वाले, झिझकने वाले या आत्म-संदेह करने वाले हो सकते हैं, जिससे हमारी क्षमता बाधित हो सकती है और हमारे अनुभव सीमित हो सकते हैं।
याद रखें, यह वर्तमान ही है जो आपके जीवन में महत्वपूर्ण है जो बेहतर कल के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने की क्षमता रखता है....अपने अनुभव को जोड़ने के साथ अपने प्रयासों में प्रयोग करें,। सही दिशा में किए गए उचित प्रयास आपके आने वाले कल को उज्ज्वल बनाने की क्षमता रखते हैं... हां, लेकिन आपको वर्तमान में किए गए प्रयोग के प्रति सचेत रहना होगा।
नजरिया जीने का: जीवन में सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहना सीखिए, अपनाएँ ये टिप्स
जीवन में सफल होने के लिए प्रसन्नता एक महत्वपूर्ण कारक है। जब आप प्रसन्न रहते हैं, तो आपके मन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है, जो आपको कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करती है। यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको प्रसन्न रहना सिखा सकते हैं:
1. आभार व्यक्त करें:
अपने जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसके लिए आभार व्यक्त करें। रोज़ाना कुछ मिनट निकालकर उन चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं। आभार का भाव आपके मन में सकारात्मकता लाता है और छोटी-छोटी खुशियों को भी महसूस करने में मदद करता है।
2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ:
शारीरिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे आप ऊर्जावान और प्रसन्न महसूस करेंगे।
3. सकारात्मक सोच रखें:
जीवन में नकारात्मकता से दूर रहें और सकारात्मक सोच को अपनाएं। हर परिस्थिति में सकारात्मक पहलू को देखने का प्रयास करें। यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा और जीवन में सफल होने में मदद करेगा।
4. स्वयं के साथ समय बिताएं:
नियमित रूप से स्वयं के साथ समय बिताएं, ध्यान करें, या अपने शौक को पूरा करें। यह आपको अपने मन को शांत रखने और अपनी खुशी को पहचानने में मदद करेगा।
5. संबंधों में संतुलन बनाएं:
अच्छे संबंध हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं, उनकी भावनाओं को समझें, और अपनी भावनाओं को साझा करें। संतुलित संबंध प्रसन्नता का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
6. लक्ष्य निर्धारित करें और उन पर काम करें:
अपने जीवन में स्पष्ट और यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। जब आप अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करते हैं, तो आपको अपने जीवन में उद्देश्य का एहसास होता है, जो आपको प्रसन्न रखता है।
7. माफ करना सीखें:
किसी के प्रति द्वेष या क्रोध रखना आपकी प्रसन्नता को कम कर सकता है। माफ करने की कला सीखें, चाहे वह खुद के लिए हो या दूसरों के लिए। माफ करना आपको मानसिक शांति देता है और आपको प्रसन्न रखता है।
8. वर्तमान में जीना सीखें:
अतीत की गलतियों और भविष्य की चिंताओं से मुक्त होकर वर्तमान में जीना सीखें। हर पल को पूरी तरह से जीने का प्रयास करें, यह आपको जीवन की खुशियों का अनुभव कराएगा।
9. जीवन में विनम्रता और सादगी अपनाएँ:
विनम्र और सरल जीवन जीने का प्रयास करें। इससे आपके जीवन में अनावश्यक तनाव और चिंताएँ कम होंगी और आप अपने आप को अधिक प्रसन्न महसूस करेंगे।
10. हंसी-मजाक और मनोरंजन:
हंसी-मजाक और हल्के-फुल्के पलों का आनंद लें। हास्य आपके जीवन में प्रसन्नता लाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने जीवन में प्रसन्नता को बढ़ा सकते हैं, जो अंततः आपके जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नजरिया जीने का: मुश्किल से सीखा है, ये दर्द छुपाने का हुनर @ मुहब्बत बेइंतहा
"मुश्किल से सीखा है, ये दर्द छुपाने का हुनर,
बनावटी मुस्कराहट से थक जो गया था मैं। "
"हाँ हर दर्द के सहने की एक हद तो होती हीं है,
दर्द में भी तेरी खातिर,हंसने का कला सीख गया था मैं। "
"इश्क के दरिया में रखा, जीवन का वो पहला कदम था
सोचता हूँ, कैसे समंदर से बहुमूल्य मोती पा गया था मैं। "
"आसान नहीं था ये जानना कि, मुहब्बत बेइंतहा होती है,
नादान था, क्यों अनजाने में, तुमसे टकरा गया था मैं। "
बुधवार, 26 फ़रवरी 2025
नजरिया जीने के: झगड़ालू माहौल की अपेक्षा सह-अस्तित्व को अपनाएं, जीवन सँवर जाएगा
आज के इस दौर मे जहां हमें अपने हेक्टिक शईडुल और भागती जिंदगी मे रिश्तों को बचाने कि जदोजहद से दो चार होना हमारी लाचारी बन चुकी है, ऐसे मे अगर हम झगड़ों कि कीमत पर सह-अस्तित्व की भावना को तिलांजलि देंगे तो बहाल जीवन का क्या हश्र होगा? ऐसे में यह जरूरी है कि हम झगड़ों को छोड़कर सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा दें ताकि हमारा जीवन सँवर सके।
जीवन में सह-अस्तित्व का मतलब हीं यही है कि मिल-जुलकर रहना और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना और संघर्षों से ऊपर उठना। जब आप झगड़ों से बचकर एक-दूसरे को समझने और अपनाने का प्रयास करते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और संतोष बढ़ता है।
अगर आप जीवन मे झगड़े और समझौते के महत्व को समझेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक तरफ जहां झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है। समझौते कि कीमत को समझें और झगड़े कि नकारात्मक प्रभाव को कभी भी जीवन मे तवज्जो नहीं दें।
अक्सर हम जीवन मे खुद के कद से अधिक अपने अहंकार को बना लेते हैं जो एक प्रमुख वजह होता है आपस के रिश्तों को खत्म कर अहंकार के बीजारोपन का। याद रखें, जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।
- "हर झगड़े में जीतने से ज्यादा जरूरी है रिश्ते को बचाना।"
- "झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है।"
- "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"
- "जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।"
- "कुछ रिश्ते माफी मांगने से नहीं, समझने से सुलझते हैं।"
- "जुबान के तीखे शब्द सबसे बड़े झगड़े की जड़ बन सकते हैं।"
- "झगड़े से सुकून कभी नहीं मिलता, लेकिन समझदारी से शांति जरूर मिलती है।"
- "झगड़े से दूरी और प्यार से नजदीकी बनती है।"
रविवार, 9 फ़रवरी 2025
नजरिया जीने का: राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए आंदोलन का अपहरण और जनता की आँखों मे धूल झोंकना पड़ा महंगा
अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए आंदोलन का अपहरण कर अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नामक एक ऐसी पार्टी बनाई जिसने भ्रष्टाचार को खत्म करने और कुशल शासन लाने का वादा किया।
काफी सफाई से केजरीवाल ने सत्ता पर कब्जा कर नया करने के नाम पर लोगों के आँखों मे धूल झोंक कर और मुफ़्त के रेबड़ी थमा कर लगभग एक दशक तक शासन किया लेकिन उन मुद्दों को काफी सफाई से टच तक नहीं किया जैसे भ्रस्टाचार पर वार, लोकपाल, यमुना की सफाई, दिल्ली को पेरिस बनाने का वादा।
इसके बदले दिल्ली को क्या मिला? घोटाले, कुप्रबंधन और एक भूतिया सरकार का नाटक जिसमें नाकामियों के बदले सिर्फ मोदी सरकार को गाली देना। ऐसे सरकार जहां मुख्यमंत्री के पास कोई मंत्रालय नहीं था और कोई वास्तविक जिम्मेदारी नहीं थी और काम के नाम पर सिर्फ दिखावा और प्रचार का पाखंड।
कर्तव्य का यह परित्याग और लोगों के साथ विश्वासघात AAP के शासन की परिभाषित विशेषता बन गई और यही केजरीवाल एण्ड कंपनी के लिए काल साबित हट । दिल्ली को बिगड़ने के लिए छोड़ दिया गया जबकि केजरीवाल ने आत्म-प्रचार, दोषारोपण और राजनीतिक विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया। और ऐसे हालत मे परिणाम तो यही होना था क्योंकि केजरीवाल काम करना ही नहीं चाहते थे और घमंड ऐसे कि काँग्रेस और सहयोगियों को अपनी हठधर्मिता से झुकना इनका विशेषता बन चुकी थी।
शनिवार, 8 फ़रवरी 2025
Delhi Election Result: कारण जिसने डुबोई अरविंद केजरीवाल की नैया
आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में 27सालों बाद भाजपा का वनवास खत्म होने को है। मतगणना के रुझान बताते हैं कि आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है ओर अरविंद केजरीवाल को करारी हार मिलने जा रही है। आखिरकार वो कौन से कारण रहे जो भाजपा को 27 सालों बाद सता में वापसी का मौका दिया और केजरीवाल एंड कंपनी को रुझानों के मुताबिक मिलने वाली हार का मार्ग प्रशस्त किया। अगर देखी जाए तो एग्जिट पोल ने भी भाजपा के पक्ष में जीत के संकेत दिए थे और बात जहां तक हार की है तो निम्न कुछ कारण हैं जिसने केजरीवाल की हार में प्रमुख भूमिका निभाई।









