शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

नजरिया जीने का: सेल्फ डिसप्लिन से बढ़ाएं अपना कान्फिडन्स, जानें कैसे?

 najariya jine ka How to follow Routine Disciplines Life to Build Confidence

नजरिया जीने का: नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखने के लिए आपको अपने भीतर के प्रेरक और प्रेरक विचारों का पालन करना होगा। अनुशासित जीवनशैली और गलत विचारों और कार्यों से दूर रहने का इरादा आपके आत्मविश्वास को बेहतर बनाने का पैरामीटर है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको बेहतर समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें

अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे ज़रूरी है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में हासिल करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।

2. दैनिक दिनचर्या बनाएँ

अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायपूर्ण और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दैनिक दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-

सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा देती हैं। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।

कार्य/अध्ययन अनुसूची: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।

शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।

3. कार्यों को प्राथमिकता दें

हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें। अपने कार्यों को जरूरी/महत्वपूर्ण, जरूरी नहीं/महत्वपूर्ण, जरूरी/महत्वपूर्ण नहीं और जरूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें। हमेशा एक  नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें

नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।

संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।

अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।

5. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें। सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।  यदि आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं, तो मित्रों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।

6. लगातार  सीखने की आवश्यकता 

चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल परिस्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।

7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें

प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को पैदा करने का तरीका प्रदान करते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति को बाधित करते हैं। 

टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है।

 8. प्रगति की निगरानी करें : 

अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं। 9. प्रेरित रहें

अपने जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो उसी समय आप दूसरों को कम आंकना शुरू कर देते हैं।

नजरिया जीने का: दूसरे की गलतियों से सीखें और खुद की गलतियों को दोहराने से बचें


महान दार्शनिक औ विद्वान चाणक्य ने कहा है कि दूसरों की गलतियों से सीखों क्योंकि खु  की गलतियों से सबक सीखोगे टिकट उम्र हैं छोटी पद जाएगी। अब आप समझ सकते हैं कि गलतियों से सीखना हमारेवजीवन में सफलता प्राप्त करने के लि कितना  जरूरी है
खुद को मजबूत करने  और गलतियों  से  सबकब्लेना चाहते हैं तो इन स्टेप्स को आजमाएं 

गलतियों को स्वीकार करें: अपनी गलती को स्वीकार करें क्योंकि इससे आपके अंदर खुद को मजबूत  और अधिक स्ट्रांग बनाने में मदद मिलेगी। जीवन में कभी भी खुद की गलतियों को सही ठहराने की कोशिश  उसे नकारने की कोशिश न करें।

 विश्लेषण करें: गलती के कारणों का विश्लेषण करें उसका आत्मचिंतन करें कि आखिर किन परिस्थितियों में आपसे यह गलती हुई।साथ हीं ईमानदारी से या प्रयास करें कि आगे से ऐसी गलती न हो।

सबक सीखें: गलती से सबक सीखें और उसे भविष्य में अपने जीवन में लागू करें।

माफी मांगें: यदि आपकी गलती से किसी और को नुकसान पहुंचा है, तो माफी मांगें।

 आगे बढ़ें: गलती को भूलकर आगे बढ़ें और नए अवसरों की ओर देखें।

कुछ प्रेरक उद्धरण:

"गलतियाँ हमें सिखाती हैं कि हम कैसे मजबूत बन सकते हैं।" - जे.के. राउलिंग

"गलती करना और उससे सीखना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।" - बिल गेट्स

"अपनी गलतियों से सीखना ही सबसे बड़ा शिक्षक है।" - अल्बर्ट आइंस्टीन

"गलतियाँ हमें आगे बढ़ने का मौका देती हैं।" - नेल्सन मंडेला

 "सीखने का सबसे अच्छा तरीका अपनी गलतियों से सीखना है।" - थॉमस एडिसन

नजरिया जीने का : भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

नजरिया जीने का: भगवान राम के जीवन से सीखें, जीवन की चुनौतियों का सामना करना

भगवान राम का जीवन एक आदर्श जीवन के रूप में माना जाता है, जहाँ उन्होंने जीवन की अनेक चुनौतियों का सामना धैर्य, साहस और समर्पण के साथ किया। उनके जीवन से कई महत्वपूर्ण सीखें ली जा सकती हैं जो हमें जीवन में सही दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती हैं।

  1. धैर्य और सहनशीलता: भगवान राम ने वनवास के दौरान और रावण के साथ युद्ध में अत्यधिक धैर्य और सहनशीलता का परिचय दिया। जीवन में जब कठिनाइयाँ आती हैं, तो धैर्य रखना और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखना आवश्यक होता है।

  2. कर्तव्यपरायणता: भगवान राम ने अपने पिता के वचन को निभाने के लिए राजसुख को त्याग कर वनवास स्वीकार किया। यह हमें सिखाता है कि जीवन में कर्तव्य का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

  1. सच्चाई और न्याय: राम ने हमेशा सत्य और न्याय का पालन किया, चाहे परिणाम कुछ भी हो। यह हमें सिखाता है कि सत्य के मार्ग पर चलने से हमें जीवन में अंततः सफलता और सम्मान मिलता है।

  2. संबंधों का सम्मान: भगवान राम ने अपने परिवार और मित्रों के साथ हमेशा प्रेम और सम्मान का व्यवहार किया। जीवन में संबंधों का महत्व समझना और उन्हें निभाना हमें एक संतुलित और संतोषजनक जीवन जीने में मदद करता है।

  3. विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक दृष्टिकोण: रावण के साथ युद्ध के समय भी, भगवान राम ने कभी नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाया। उन्होंने सदा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कठिनाइयों का सामना किया।

इन सबक से हमें यह समझ में आता है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। भगवान राम का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हर परिस्थिति में सही नजरिया अपनाकर आगे बढ़ा जा सकता है।


नजरिया जीने का: 9 टिप्स से समझें सेल्फ डिसप्लिन जीवनशैली का महत्व

 najariya jine ka tips for self discipline daily routine


नजरिया जीने का: नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखने के लिए आपको अपने भीतर के प्रेरक और प्रेरणादायी विचारों का पालन करना होगा। अनुशासित जीवनशैली और गलत विचारों और कार्यों से दूर रहने का इरादा आपके आत्मविश्वास को बेहतर बनाने का मापदंड है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको बेहतर समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बनाने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें

अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे महत्वपूर्ण है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में प्राप्त करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।

2. दैनिक दिनचर्या बनाएं

अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायिक और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-

सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा प्रदान करें। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।

काम/अध्ययन कार्यक्रम: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।

शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।

3. कार्यों को प्राथमिकता दें

हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें।

अपने कार्यों को ज़रूरी/महत्वपूर्ण, ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण, ज़रूरी/महत्वपूर्ण नहीं और ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें।

हमेशा एक स्टिकी नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें

नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, दिन में कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।

संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।

अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।

सकारात्मक पुष्टि: सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।

सहायता लें: अगर आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं तो दोस्तों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।

5. लगातार सीखते रहें

चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल स्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।

पढ़ें: अपने ज्ञान और दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए पढ़ने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ। पढ़ना और उचित अध्ययन ज्ञान और दृष्टिकोण को बढ़ाने का अंतिम तरीका है

पाठ्यक्रम लें: उन पाठ्यक्रमों या कार्यशालाओं में दाखिला लें जिनमें आपकी रुचि हो या जो आपके कौशल को बढ़ाएँ।

चिंतन करें: आपने जो सीखा है और आप इसे कैसे लागू कर सकते हैं, इस पर चिंतन करने में समय बिताएँ।

7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें

प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास बनाने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को जन्म देते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति में बाधा डालते हैं। टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है। 

8. प्रगति की निगरानी करें: 

अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं, समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें। 

9. मोटिवेटेड  रहें

 जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो आप अपनी दक्षता को कम आंकने लगते हैं और अपने आप को सीमित कर लेते हैं।


नजरिया जीने का: स्वामी विवेकानंद की इस कोट्स को बना लो जीवन का आधार


स्वामी विवेकानंद...महान भारतीय भिक्षु, विद्वान और प्रख्यात आध्यात्मिक नेता, जिनके विचारों और शब्दों का विशेष महत्व है...यह स्वामी विवेकानंद और उनकी शिक्षाएँ ही थीं, जिन्होंने भारत के बारे में दुनिया की धारणा को बदलने में मदद की...वह व्यक्ति जिसने न केवल युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि अपने प्रेरक शब्दों से मानवता को नई ऊँचाईयाँ दीं।

12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्मे, प्रख्यात विद्वान और प्रसिद्ध वक्ता विवेकानंद ने अपनी असीम शक्ति और क्षमता के साथ चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने के लिए युवाओं को जागृत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.....पहले उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था, और वे पिता विश्वनाथ दत्ता और माँ भुवनेश्वरी देवी की आठवीं संतान थे।

वे अपनी शिक्षा के लिए जाने जाते हैं, जिसमें प्रज्वलित करने की शक्ति है और जो पूरी ऊर्जा से भरपूर है। स्वामी विवेकानंद, भारत के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं और सुधारकों में से एक हैं, जिनके विचार लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त हैं। स्वामी विवेकानंद, जिनका जन्म नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था, 19वीं सदी के अंत में हिंदू धर्म को एक प्रमुख विश्व धर्म का दर्जा दिलाने के लिए जाने जाते हैं।

विवेकानंद ने हमेशा लोगों को अपने अंदर की बुराई से बचने और ईर्ष्या और अहंकार को हमेशा त्यागने का सुझाव दिया। विवेकानंद हमेशा युवाओं से कहते थे कि हिम्मत रखो और काम करो। वह स्वस्थ और मजबूत युवाओं के बारे में चिंतित थे, जिनके हाथ और कंधे मजबूत हों।



विवेकानंद ने हमेशा दूसरों से पहले खुद को जानने पर जोर दिया है....वे कहते हैं, "दिन में एक बार खुद से बात करें, अन्यथा आप दुनिया में एक बेहतरीन व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।"

इसके अलावा विवेकानंद कहते हैं, "जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते..."

स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार: प्रेरक उद्धरण जानें

"अपने जीवन में जोखिम उठाएँ...अगर आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते हैं, अगर आप हारते हैं तो आप मार्गदर्शन कर सकते हैं।"- स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद कहते हैं, किसी भी चीज़ से मत डरो, तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो एक पल में भी स्वर्ग ला देती है...

नजरिया जीने का: जानें वह खूबियाँ जो बनाती ही नरेंद्र मोदी को लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता

 


अगर आप नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का आकलन करेंगे तो पाएंगे कि उनकी कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व उनकी सबसे बड़ी खासियत है। वह एक बहुत ही मेहनती और लक्ष्य-उन्मुख नेता हैं साथ ही मुश्किल परिस्थितियों से कभी वह घबराते नहीं है  वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने और बाधाओं को पार करने से नहीं डरते। मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने हर बार उनका सामना किया है और सफलता प्राप्त की है।

मोदी की कार्यकुशलता और निर्णय लेने की क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जार सकता है कि उनके प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी ज्वलंत मुद्दों पर ठोस  निर्णय लेने में विलम्ब नहीं लेते । उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को लागू किया है, जैसे कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया मिशन, और मेक इन इंडिया। इन योजनाओं और नीतियों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

न केवल प्रधान मंत्री के रूप में बल्कि मोदी की कार्यकुशलता का उदाहरण उनके गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देखा जा सकता है जहाँ उन्होंने  गुजरात को भारत का सबसे विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गुजरात में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए।

निसंदेह मोदी की कार्यकुशलता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बना दिया है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन पर लोग भरोसा करते हैं कि वह उनके लिए काम करेंगे।

मोदी के व्यक्तित्व की अन्य खासियतों में शामिल हैं:

उनका संवाद कौशल: 

मोदी एक बहुत ही प्रभावशाली वक्ता हैं और अपनी बातों को वह बेहद प्रभावशाली ढंग से श्रोताओं तक पहुंचते हैं । मोदी की क्षमता और हर वर्ग के श्रोताओं पर उनकी पकड़ का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि वह किसाओं से लेकर महिलाओं तक और परीक्षा पर चर्चा कर विद्यार्थियों की समस्या पर अपने राय बेबाकी से देता है. वह अपने भाषणों के माध्यम से लोगों को प्रेरित और उत्साहित कर सकते हैं।

उनकी नेतृत्व क्षमता:

 मोदी एक दृढ़निश्चयी और कुशल नेता हैं और उनकी इस क्षमता को उनके विरोधी भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं। वह अपने अनुयायियों को एकजुट कर सकते हैं और उन्हें एक लक्ष्य की ओर ले जा सकते हैं।

उनका विजन: 

मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं और देश के साथ एक व्यापक विजन पर काम करते हैं  जिसपर देश वासी भरोसा भी करते हैं. उन्होंने भारत के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य की कल्पना की है और उनके हर कदम यह साबित करते हैं जो देशवासी द्वारा उनके ऊपर किया गया भरोसा दिखा

नजरिया जीने का: जानें क्यों करते हैं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा?


आपने अक्सर देखा होगा कि भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा अक्सर एक साथ की जाती है। खासकर दिवाली के दौरान भक्तगन हमेशा हीं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश का पूजा किया जाता है। हिंदू संस्कृति मे ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी कल्याण,  सफलता, धन और संपति के साथ ऐश्वर्या और समृद्धि और खुशहाली की प्रतीक है।

जहाँ गणेश बाधाओं को दूर करते हैं, सुचारू प्रगति सुनिश्चित करते हैं, वहीं लक्ष्मी का आशीर्वाद वित्तीय स्थिरता और समृद्धि को आमंत्रित करता है, जो इस संयोजन को सफलता के समग्र मार्ग के लिए आदर्श बनाता है।

वही भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले अर्थात विघनहंता और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजनीय हैं। उनका आशीर्वाद यह सुनिश्चित करने के लिए मांगा जाता है कि कोई भी प्रयास, चाहे व्यक्तिगत हो या पेशेवर, बाधाओं से मुक्त एक स्पष्ट मार्ग के साथ शुरू हो।

दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा का हिंदू परंपरा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है और इसका गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है।

देवी लक्ष्मी धन, प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक हैं तथा ऐसा मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा से वित्तीय कल्याण और भौतिक सुख-सुविधाएँ मिलती हैं, जो एक स्थिर और पूर्ण जीवन के लिए आवश्यक हैं।

लेकिन भगवान गणेश के आशीर्वाद के वगैर क्या खुशहाली और समृद्धि कि कल्पना भी की जा सकती है। हरगिज नहीं॥

मान्यता यह भी है कि गणेश और लक्ष्मी दोनों की एक साथ पूजा करना जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है जहां जीवन मे संपनता के साथ खुशहाली भी हो लेकिन जीवन बाधा से रहित भी हो ।

रोशनी के त्योहार दिवाली के दौरान, दोनों देवताओं का आह्वान करने की प्रथा है। शुभ शुरुआत के लिए सबसे पहले गणेश की पूजा की जाती है, उसके बाद लक्ष्मी की, जिनके आशीर्वाद से आने वाले वर्ष में सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ में, वे एक सफल, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए आवश्यक संयुक्त आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करते हैं।

नजरिया जीने का: हमेशा दिखावा से अधिक पास रखे, पर जानकारी से कम बोलें

 

नजरिया जीने का: William Shakespeare की एक बहुत ही महत्वपूर्ण उक्ति है "Have more than you show, Speak less than you know।" मतलब स्पष्ट है कि जानकारी से कम बोलें और दिखावा से ज्यादा रखें। शेक्सपियर की यह कथन का भावार्थ स्पष्ट सिखाती है कि हमें अपने ज्ञान और क्षमताओं को दिखाने के लिए बातचीत में ज्यादा हिस्सा नहीं लेना चाहिए। 
आपकी गंभीरता आपकी व्यक्तित्व को और भी व्यापक बनाती है जो श्रोताओं में एक जिज्ञासा को बनाए रखती है। आपका ज्यादा और अनावश्यक बोलना न  केवल आपकी व्यक्तित्व बल्कि सुनने वालों में भी बोझलता का माहौल बनाएगा। इसके बजाय, हमें दूसरों को सुनना चाहिए और उनकी बातों को समझना चाहिए।

अगर आप इस कहावत की गंभीरता पर विचार करेंगे तो पाएंगे कि इसके कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह हमें विनम्र और सम्मानजनक बनाता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम उनके विचारों और भावनाओं को महत्व देते हैं। यह हमें एक बेहतर संवादी बनाता है और दूसरों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करता है।

नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

याद रखें-"दिखावे से कुछ समय के लिए वाहवाही मिल सकती है, पर सम्मान केवल सच्चाई से मिलता है।"

जानकारी से हमेशा काम बोलने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आदत हमें दूसरों से सीखने में मदद करता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम नए विचारों और सूचनाओं से परिचित होते हैं। यह हमें अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने में मदद करता है। 

"दिखावा करना एक ऐसा भार है, जिसे उठाने में सुकून खो जाता है।"

कहते हैं नया कि जो आप हैं, वही बने रहें। दिखावा करना या झूठे आडंबर से खुद को बढ़ चढ़कर पेश करने भले आपको अस्थाई पहचान देगा, लेकिन सच्चाई स्थाई सम्मान।

इसके अतिरिक्त, यह हमें निर्णय लेने में मदद करता है। जब हम दूसरों से सुनते हैं, तो हम विभिन्न दृष्टिकोणों को देखते हैं। यह हमें अधिक सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।

"जो दिखावा करता है, वह अपनी पहचान खो देता है।"

नजरिया जीने का: शक्ति, भक्ति और सेवा के अवतार भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं आत्मविश्वास

 

Najariya  Jine Ka Build Self Confidence with Teaching of Lord Hanuman

Point Of View : शक्ति, भक्ति और सेवा के अवतार, भगवान हनुमान आत्मविश्वास पैदा करने के लिए मूल्यवान सबक प्रदान करते हैं। भगवान हनुमान के जीवन का अध्ययन करके, हम आत्मविश्वास के निर्माण के बारे में बहुमूल्य सबक सीख सकते हैं। उनका जीवन और कार्य उन शिक्षाओं से भरे हुए हैं जो हमें चुनौतियों से उबरने और खुद पर विश्वास करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। अपने आप में उनके अटूट विश्वास, उच्च उद्देश्य के प्रति उनकी भक्ति, उनकी विनम्रता और दूसरों की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता को अपनाकर, हम अपने भीतर उन्हीं गुणों को विकसित कर सकते हैं और साहस और विश्वास के साथ दुनिया का सामना कर सकते हैं। हनुमान की आत्मा अडिग थी। यहां तक कि जब दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ा, तब भी वह अटूट विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे रहे। यह सकारात्मक दृष्टिकोण की शक्ति और बाधाओं को दूर करने की क्षमता में विश्वास का उदाहरण देता है।

क्षमताओं में अटूट विश्वास

हनुमान का सबसे प्रतिष्ठित पराक्रम समुद्र पार करके लंका तक छलांग लगाना था। यह कार्य केवल शारीरिक शक्ति के बारे में नहीं था, बल्कि अपनी क्षमताओं में उनके अटूट विश्वास के बारे में भी था। उन्हें संदेह और डर का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने खुद पर भरोसा करने और छलांग लगाने का फैसला किया। यह हमें सिखाता है कि खुद पर विश्वास करना हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है।



साहस के साथ करें चुनौतियों का सामना: 

भगवन कई बाधाओं के बावजूद भी कभी पीछे नहीं हटना, बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना करें ।


शक्तिशाली सेवक: 

अपार शक्ति और ताकत के बावजूद, हनुमान जी सदा विनम्र बने रहे और खुद को केवल भगवान राम का सेवक मानते थे और उन्होंने कभी भी मान्यता या प्रशंसा की मांग नहीं की। अपनी पूरी यात्रा के दौरान, हनुमान ने कई बाधाओं और प्रतिकूलताओं का सामना किया। वह कभी पीछे नहीं हटे, बल्कि साहस और दृढ़ संकल्प के साथ हर चुनौती का सामना किया। इससे हमें पता चलता है कि आत्मविश्वास का मतलब डर की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि खुद पर विश्वास के साथ इसका डटकर सामना करने की क्षमता है।

मार्गदर्शन की तलाश: 

अपनी क्षमताओं के साथ भी, उन्होंने महापुरुषों की बुद्धिमत्ता से हमशा सीखने और विकास के महत्व को महत्व दिया, जो याद दिलाता है कि आत्मविश्वास का मतलब सब कुछ जानना नहीं है, बल्कि सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए ओपन माइंड होना जरुरी  है।

अदम्य भावना:

हनुमान की आत्मा अडिग थी। यहां तक कि जब दुर्गम बाधाओं का सामना करना पड़ा, तब भी वह अटूट विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे रहे। यह सकारात्मक दृष्टिकोण की जो शक्ति है वह बाधाओं को दूर करने की क्षमता देता है। जब सीता को खोजने में कथित विफलता के कारण हनुमान निराश हो गए, तो उन्हें अपनी असली ताकत याद आई। उन्होंने अपनी भक्ति और योग्यता की स्मृति में एक पर्वत उखाड़कर अर्पित कर दिया। यह अधिनियम दर्शाता है कि हम सभी में अपार क्षमताएं हैं और इसे पहचानने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ सकता है।

भगवान राम की सेवा: 

भगवान राम के प्रति हनुमान का समर्पण पूर्ण था जो हमें सिखाता है कि उच्च उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करने से हमें दिशा मिल सकती है और हमारा संकल्प मजबूत हो सकता है। भगवान राम की सेवा: भगवान राम के प्रति हनुमान का समर्पण पूर्ण था। उन्होंने अटूट निष्ठा और विश्वास के साथ उनकी सेवा की, उनके कार्यों पर कभी सवाल नहीं उठाया या उनके उद्देश्य पर संदेह नहीं किया। यह हमें सिखाता है कि उच्च उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करना, चाहे वह व्यक्तिगत लक्ष्य हो या कुछ बड़ा, हमें दिशा दे सकता है और हमारे संकल्प को मजबूत कर सकता है।

असफलताओं का सामना: 

हनुमान को अपनी यात्रा में कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा, खुद को संभाला और आगे बढ़ते रहे। यह हमें सिखाता है कि चुनौतियों पर काबू पाने और असफलताओं से सीखने से आत्मविश्वास बनता है।

टीम वर्क की शक्ति: 

हनुमान ने सीता की खोज में अन्य वानरों और सहयोगियों के साथ काम किया। उन्होंने टीम वर्क और सहयोग के महत्व को समझा, यह पहचानते हुए कि महान चीजें हासिल करने के लिए अक्सर दूसरों के समर्थन और सामूहिक ताकत की आवश्यकता होती है। यह हमें याद दिलाता है कि मजबूत रिश्ते बनाने और समर्थन मांगने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ सकता है और हमें और अधिक हासिल करने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है।


नजरिया जीने का: आपके शांत मस्तिष्क का रिफ्लेक्शन है आपका धैर्य, पहचानें इसकी कीमत


नजरिया जीने का: शांत मस्तिष्क और धैर्य के बीच गहरा संबंध है और सच्चाई तो यह है कि धैर्य एक महत्वपूर्ण गुण है जो हमें जीवन में सफलता और खुशी प्राप्त करने में मदद करता है। धैर्यवान व्यक्ति शांत रहता है और मुश्किल परिस्थितियों में भी अपना आपा नहीं खोता है। इससे आप शायद हीं इंकार करेंगे कि जब हमारा मस्तिष्क शांत होता है, तो हम बेहतर तरीके से सोच सकते हैं और निर्णय ले सकते हैं। इसके साथ ही शांत रहने का सबसे अहम् लाभ यह है कि हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रह सकते हैं।

जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो धैर्य की कीमत को स्वीकारना हीं होगा। जब तक आपका मस्तिष्क शांत और मन गंभीर नहीं होगा आप धैर्य को अपना ही नही सकते।
और अशांत मन में धैर्य और शांति की कल्पना ही निरर्थक है क्योंकि आखिर शांति ही प्रगति और उन्नति का एकमात्र रास्ता हैं।
यह हमारा शांत मस्तिष्क और गंभीर मन हीं जो जीवन में आने वाली कठिन से कठिन  समस्याओं को भी सामना करने का मार्ग प्रशस्त करती है।
समस्याओं का आना तय है क्योंकि आखिर जीवन है तो बाधा है और सफलता के मार्ग में फूलों की उम्मीद बेमानी ही तो है। यह धैर्य हीं है जो आपके जीवन में आने वाले विपरीत परिस्थितियों से गंभीरता के साथ निबटना सिखाती है।


मस्तिष्क शांत रखने के लाभ 

अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं: जब हम अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत रह सकते हैं।
स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं: जब हम स्पष्ट रूप से सोच सकते हैं, तो हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं और मुश्किलों का सामना करने के बेहतर तरीके खोज सकते हैं।
सकारात्मक रह सकते हैं: जब हम सकारात्मक रहते हैं, तो हम मुश्किलों को चुनौतियों के रूप में देख सकते हैं और उनसे पार पा सकते हैं।
धैर्यवान बनने के लिए:

अपने मस्तिष्क को शांत करना सीखें:
ध्यान: ध्यान करने से मस्तिष्क शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है।
योग: योग करने से शरीर और मन दोनों शांत होते हैं।
गहरी सांस लेना: गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है और मस्तिष्क शांत होता है।

सकारात्मक सोच रखें:
अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें: जब आप अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करने की प्रेरणा मिलती है।
खुद पर विश्वास रखें: हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और यह जानना चाहिए कि हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं।
सकारात्मक लोगों के साथ रहें: सकारात्मक लोगों के साथ रहने से आपको सकारात्मक सोच रखने में मदद मिलती है।





नजरिया जीने का: स्वामी विवेकानंद की इस कोट्स को बना लो जीवन का आधार

स्वामी विवेकानंद भारत के महान संत, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति सभ्यता के अतिरिक्त धर्म और आध्यात्मिकता के को अपने विचारों से एक नई ऊंचाई दी। शिकागो मे धर्म सम्मेलन मे स्वामी विवेकानंद ने धर्म और  धर्म और आध्यात्मिकता के साथ वेदांत और योग के ज्ञान को पश्चिमी दुनिया तक पहुँचाया। आज भी स्वामी जी के विचार और उनकी पुस्तकें, उनका जीवन,आत्मबल और मानवता के उत्थान के साथ साथ खासतौर पर युवाओं के लिए एक अद्भुत प्रेरक और प्रेरणादायक है ।

आत्मविश्वास, परिश्रम और सेवा के साथ हीं उन्होंने जीवन से जुड़े हर प्रसंगों पर अपने विचार दिए हैं जो खासतौर पर युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक है। 

स्वामी विवेकानंद के प्रमुख विचार
स्वामी विवेकनाद के विचार और उनके शिक्षाएं खासतौर पर युवाओं के लिए काफी क्रांतिकारी और जोश से भरपूर हैं।

आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की अहमियत को समझाने  के लिए विवेकानंद ने हमेशा इंसानों को प्रेरित किया है। वो हमेशा कहा करते थे  "खुद पर विश्वास करो, क्योंकि जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते।"

शिक्षा का महत्व को उन्होंने हमेशा से प्रथम प्राथमिकता दिया और उनका कहना था की शिक्षा के बिना इंसानों और खासकर युवाओं का विकास नहीं हो सकता। विवेकानंद ने कहा था कि -"शिक्षा वही है जो जीवन की समस्याओं से निपटने में मदद करे, न कि केवल डिग्रियाँ अर्जित करने के लिए।"

धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति स्वामी विवेकानंद ही सदा हीं प्रैक्टिकल विचार रखा और शिकागो के धर्म सम्मेलन मे उन्होंने विश्व के मंच पर इसपर रखने उनके विचारों ने दुनिया मे क्रांति पैदा कर दिया। धर्म और आध्यात्मिकता के संबंध मे उनका कहना था कि  – "सच्चा धर्म वह है जो हमें जोड़ता है, न कि जो हमें अलग करता है।"

युवाओं की शक्ति पर उन्हे काफी भरोसा था और वो कहा करते थे कि "तुम्हें अंदर से बाहर की ओर विकसित होना होगा। कोई तुम्हें नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है।"

युवाओं के लक्ष्य और उनके प्राप्ति के लिए उनका मंत्र था – "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"

युवाओं के लिए सफलता का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा था कि  – "एक विचार लो, उसे अपना जीवन बना लो—उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उसे जियो।" कर्म और उनसे प्रति अपने निष्ठा के रूप मे विवेकानंद का कहना  था कि-"एक समय में एक काम करो और उसे ऐसे करो जैसे वही तुम्हारे जीवन का अंतिम कार्य हो।"

नजरिया जीने का: खुद को कोसना छोड़े और जानें क्या होता हैं भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य


जीवन में परेशानियों का आना और जाना लगा रहता हैं क्योंकि अगर आपके जीवन में अगर कोई लक्ष्य है तो उसे पाने की कोशिश करने की जरूरत है। जाहिर है अगर कोशिश है तो रास्ते में बाधाएं  होंगी और उन्हें पार पाने की जद्दोजहद का नाम हीं तो संघर्ष है। 
अब सवाल यह है कि क्या हमें इन परेशानियों और उनसे संघर्ष को अपनी नाकामी और बदकिस्मती मान लेनी चाहिए?
आप सबसे पहले समझे कि भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य होता क्या है और क्या आप वाकई में इतने खुश किस्मत वाले लोगों में शामिल नहीं हैं।
किसी ने क्या खूब कहा है कि-
"मन का शान्त रहना, भाग्य है
मन का वश में रहना, सौभाग्य है।
मन से किसी को याद करना, अहो भाग्य है।
मन से कोई आपको याद करे, परम सौभाग्य है।"

तो फिर आप यह क्यों नहीं सोचते कि एकमात्र चीज जो आपके भाग्य से सीधा संबंधित है वह है आपका मन और वही आपके भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य का निर्धारक है।
भाग्य एक व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं का पाठ्यक्रम है, सौभाग्य अच्छा भाग्य है, दुर्भाग्य बुरा भाग्य है, और अहो भाग्य एक मजबूत भावना है कि कुछ बहुत अच्छा हुआ है।

"भाग्य" शब्द का अर्थ है वह जो पहले से लिखा हुआ है या निर्धारित है। वही "सौभाग्य" का शाब्दिक अर्थ होता है  अच्छा भाग्य या सौभाग्य। स्वाभाविक रूप से यह शब्द केवल किसी व्यक्ति के जीवन में अच्छी घटनाओं का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

अगर जीवन के संघर्ष में भी आप वाकई में शांत है और अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार हैं तो आप सबसे ज्यादा भाग्यशाली व्यक्ति हैं.

हालांकि "अहो भाग्य" एक अलग शब्द है जिसका मतलब "भाग्य", "सौभाग्य" और दुर्भाग्य से बिल्कुल अलग है। अहो भाग्य एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "कितना महान भाग्य!" यह एक मजबूत भावना व्यक्त करता है कि कुछ बहुत अच्छा हुआ है। यह सौभाग्य से अधिक एक प्रशंसा और विस्मय का भाव है। यह किसी विशेष क्षण या घटना के प्रति गहरी कृतज्ञता को व्यक्त करता है। 


      

नजरिया जीने का: मार्टिन लूथर किंग जूनियर के वे विचार आपमें जोश का नया संचार भर देंगे

मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जीवन संघर्ष, साहस और अहिंसा का प्रतीक है जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और पूरी दुनिया को जीने और संघर्ष करने का नया औजार प्रदान करती है। अहिंसा को वे हमेशा सर्वोपरि मानते थे और उनका कहना था कि बिना हिंसा के भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। आज भी उनके विचार पूरी दुनिया में समानता, प्रेम और न्याय के लिए प्रेरित करते हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जन्म 15 जनवरी 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया (अमेरिका) में हुआ था। अमेरिका के एक महान नेता, समाज सुधारक और नागरिक अधिकारों के आंदोलन के प्रमुख नेता थे जिनका सम्पूर्ण जीवन अहिंसा और प्रेम के मार्ग पर चलते हुए नस्लीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। 

अहिंसा और सत्याग्रह के विचारों के प्रति मार्टिन लूथर किंग जूनियर महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे। 

मार्टिन लूथर किंग का योगदान खासतौर पर सामाजिक परिवर्तनों और नागरिक अधिकारों की लड़ाई मे काफी अधिक है। उन्होंने नागरिक अधिकारों के लड़ाई के अंतर्गत उन्होंने कैन आंदोलन का नेतृत्व किया। 1955 में रोजा पार्क्स नाम की एक महिला ने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई, जिससे मॉन्टगोमरी बस बॉयकॉट आंदोलन शुरू हुआ।




मार्टिन लूथर किंग ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया और अमेरिका में नागरिक अधिकारों की लड़ाई को एक नई दिशा दी। उन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर मार्ग को अपनाया।
1964 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अहिंसा और प्रेम के प्रति अपने विचारों के लिए मार्टिन लूथर किंग जूनियर हमेशा से जाने जाते हैं और उनका स्पष्ट कहना था कि - "अंधकार को अंधकार से नहीं मिटाया जा सकता, केवल प्रकाश ही इसे मिटा सकता है। नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता, केवल प्रेम ही इसे मिटा सकता है।"

वर्तमान और प्रेजेंट को हमेशा से मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने सर्वोपरि माना और उनका कहना था की सही समय का इंतजार करना उचित नहीं है। वर्तमान हीं किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए सही समय है-"सही समय की प्रतीक्षा मत करो, अभी सही काम करने का समय है।"

साहस और हिम्मत किसी भी इंसान के लिए सर्वोपरि है क्योंकि इसके अभाव में हम अपने जीवन की मूल्य को भूल जाते हैं। उनका कहता था कि "सच्ची सफलता यह नहीं है कि आप कहाँ खड़े हैं, बल्कि यह है कि जब मुश्किलें आती हैं, तब आप क्या करते हैं।"

 आज के समय में जब कि हमअपने जीवन से चरित्र और अपने जिम्मेदारियों को भूल चुके हैं, इसका सबसे प्रमुख कारण यही है कि शिक्षा की सही स्वरूप को हम पालन करने मे कहीं न कहीं पीछे हो चुके हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर का कहना था की  "बुद्धिमत्ता और चरित्र, यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है।"

नजरिया जीने का: संघर्ष-जो हमें सीमाओं से आगे लाकर और खुद पर विश्वास करना सिखाता है


संघर्ष हमें जीवन में कुछ नया सिखाने और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। सफलता तक पहुँचने का रास्ता कठिन हो सकता है, परन्तु निष्फल नहीं हो सकता। कहते हैं नया -जिसने संघर्ष को अपना साथी बना लिया, उसने सफलता का मार्ग भी खोज लिया। और जीवन कि वास्तविकता भी यही है।

 हो सकता है कि अक्सर ऐसे लोग भी हमें मिलते हैं जिन्हे काम संघर्ष कि बदौलत सफलता मिलती है लेकिन हमें इससे निराश होने कि जरूरत नहीं है दोस्तों क्योंकि कहते हैं नया-"बिना संघर्ष के मिली जीत का कोई मूल्य नहीं होता, यह संघर्ष ही हमें सफलता का असली आनंद दिलाता है।"

बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए।

 दोस्तो, संघर्ष का रास्ता कठिन है, पर इसके साथ ही यह भी सत्य है कि यही हमें हमारे असली सामर्थ्य से मिलाता है। क्योंकि यह संघर्ष ही है जो हमें हमारी सीमाओं से आगे ले जाता है और खुद पर विश्वास करना सिखाता 

विश्वास करें दोस्तों, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…

जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…

कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…

-हरिवंश राय बच्चन

जीवन मे संघर्ष से कतराकर निकालने वाले को इस बात को बढ़िया से याद कर लेनी चाहिए कि असली सफलता उसी को मिलती है, जो हर मुश्किल को अवसर में बदल देता है।

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य। संघर्ष कभी निष्फल नहीं होता, हर कठिनाई हमें एक नई सीख देकर जाती है।

उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्। मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥


महान दार्शनिक, विद्वान और कूटनीति के जनक चाणक्य का मूल्यांकन आज तक कर पाना संभव नहीं हुआ है क्योंकि उनके द्वारा दिए गए सूक्तियाँ  आज भी प्रासंगिक हैं और लोग उनके पाठ कर उनसे लाभ उठा रहे हैं। 

"उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्। 

मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥"

विख्यात विद्वान चाणक्य का यह श्लोक इंसानों के विविध चारित्रिक विशेषताओं और प्रति दिन के व्यवहार मे लाए जाने वाले विचार का प्रतिनिधित्व करता है। चाणक्य का साफ कहना है कि परिश्रम करने वाले व्यक्ति को कभी दरिद्रता (गरीबी) का सामना नहीं करना पड़ता। अर्थात व्यक्ति को अगर दरिद्रता और गरीबी से मुक्ति पाना है तो उसे उद्योग करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है क्योंकि उद्यम से हीं दरिद्रता हो सकती है।

 साथ ही चाणक्य का कहना है कि  ईश्वर के नाम का जप करने वाले को पाप नहीं लगता। अर्थात  पाप से मुक्ति के लिए इंसान को जप अर्थात ईश्वरण कि शरण मे जाना चाहिए। 

कलह के संबंध मे चाणक्य का कहना है कि कलह को अगर शांत करना चाहते हैं तो मौन रहना हीं एकमात्र उपाय है क्योंकि कलह या झगड़ा कि स्थिति मे बोलते रहने से बात बिगड़ेगी हीं। वहीं चाणक्य का कहना है कि  जागते रहने से कभी भी भय नहीं होता है। 


नजरिया जीने का: आचार्य चाणक्य के ये Quotes आपके नीरस जीवन मे जोश भर देंगे

 


आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, वह एक  प्राचीन भारत के महान विचारक, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। वह अक्सर कहा करते थे कि धरती के वह वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप मे एक विख्यात राज्य वंश का स्थापना किया। उन्होंने मौर्य साम्राज्य कि स्थापना से लेकर उसके कीर्ति पताका फहराने मे प्रमुख योगदान दिया है।  उनकी नीतियों और उक्तियों में गहरी जीवन-दृष्टि और व्यावहारिक ज्ञान छिपा हुआ है। 

आचार्य चाणक्य कि उक्तियाँ

  • अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है। 
  • कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए | 
  • व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को। 
  • सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
  • यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।" 
  • कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी | 
  • स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
  • आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है। 
  • जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
  • सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में 
  • जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
  • जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी  के फैसले कोई और लेता रहेगा 
  • सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं। 
  • शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
  • आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है 
  • व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा। 
  • निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे। 
  • मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है | 
  • अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
  • मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है | 
  • दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है। 
  • "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
  • "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
  • "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
  • "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
  • "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."
  • ईमानदारी से जीवन जीने वाला व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है।
  • सच्चाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
  • धैर्य से ही व्यक्ति कठिनाइयों को पार कर सकता है।
  • सही मित्र का चयन व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाता है।
  • शत्रु से सतर्क रहना चाहिए।
  • समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है।
  • ज्ञान सबसे बड़ी संपत्ति है।
  • शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और जवानी को परास्त कर देती है।
  • सही समय पर किया गया कार्य सफलता की कुंजी है।
  • मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करता है। सही समय पर लिया गया निर्णय जीवन बदल सकता है।
  • दूध के साथ विष मिला हो तो उसे तुरंत त्याग देना चाहिए। उसी प्रकार बुरे व्यक्ति और मित्र को भी छोड़ देना चाहिए।
  • धन का संग्रह इस प्रकार करें जैसे चींटी अपनी खुराक के लिए करती है। परिश्रम और बचत का महत्व समझें।
  • धन उसी का है जो उसका उपयोग सही कार्य में करता है।"
  • एक बुद्धिमान व्यक्ति को दूसरों के दोषों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।"
  • दुष्ट व्यक्ति और सांप में अंतर है। सांप केवल तभी काटेगा जब वह खतरा महसूस करेगा, लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर समय दूसरों को नुकसान पहुंचाने की सोचता है।
  • घर वही है जहाँ महिला सम्मानित हो। जहाँ महिला का सम्मान नहीं होता, वह घर नरक के समान है।
  • कोई भी कार्य कठिन नहीं है यदि उसे छोटे-छोटे चरणों में किया जाए।"
  • कठिन समय में व्यक्ति को धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए। यही सफलता का मूलमंत्र है।
  • कभी भी अपने रहस्यों को किसी और के साथ साझा मत करें। यह आदत आपको नष्ट कर सकती है।
  • दुश्मन को कभी कमजोर न समझें। वह छोटी सी चिंगारी भी बड़ा विस्फोट कर सकती है।
  • अपना मन शांत रखें। मन की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है।
  • जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण नहीं कर सकता, वह जीवन में सफल नहीं हो सकता।
  • एक मूर्ख से बहस करने का मतलब है कि आप भी मूर्ख हैं।
  • जो समय के साथ नहीं बदलता, वह नष्ट हो जाता है।

नजरिया जीने का: बाहरी बाधाओं से स्ट्रॉंग आपके अंदर का वजूद है, पहचानें तो सही

 

नजरिया जीने का: प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशिष्ट शक्ति और हुनर से सँवारकर हमें इस धरती पर भेज है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक खास स्किल होता है जो हमें दूसरों से अलग होने और बनने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम खुद पर भरोसा नहीं करते और सबसे अधिक अविश्वास खुद कि शक्तियों पर करते हैं और इसका अंजाम यह होता है कि हम अपने जीवन को निरर्थक और लक्ष्यहीन कर देते हैं। 

जीवन में सफलता के लिए सबसे पहली  यह जरूरी है कि आप खुद में भरोसा जगाइए कि आप इस दुनिया में सबसे खास हैं।  दुनिया के द्वारा दिए गए सभी बाधाओं को आप झेल सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले  आप खुद की किलर इंस्टिंक्ट को पहचाने। 

जो लोग अपनी काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वे ही महान काम कर पाते हैं।- अज्ञात

विश्वास करें दोस्तों, आपके खुद के अंदर कुछ खास है जो आपके बाहर की किसी भी समस्या से ज्यादा सशक्त और मजबूत है। 
"जो खुद पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।" — अज्ञात

"खुद पर भरोसा" का मतलब है स्वयं पर विश्वास रखना क्योंकि जीवन में  सफलता के लिए यही एकमात्र शर्त है। खुद पर भरोसा करने के साथ ही यह जरूरी है कि आप  अपने पास  उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर होकर अपनी क्षमताओं, विचारों और निर्णयों पर यकीन करना। 
"आपकी सबसे बड़ी ताकत आपके अंदर ही है। बस खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।" — अज्ञात

हमारी विडंबना यही है कि हम बाहर की समस्या रूपी दुश्मन के इतने कायल हैं कि हमारे खुद की स्किल, शक्ति और बुद्धिमानी को हीं अक्षम और लाचार बना लेते हैं।

यह ठीक है की दुश्मन की शक्ति को कमतर नहीं आंकी जानी चाहिए, लेकिन यह खुद को कमजोर और असहाय बनाकर दुश्मनों से मुकाबला करने की स्ट्रेटजी को कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है।

"जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो दूसरों का भरोसा अपने आप बढ़ने लगता है।" — अज्ञात

जब आप खुद पर भरोसा करते हैं, तो आप अपनी कमियों और क्षमताओं को पहचानते हुए भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं।
"अगर आपको खुद पर विश्वास है, तो आप दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।" — जॉएल ऑस्टीन

 इसका महत्व इसलिए है क्योंकि जब आप खुद पर भरोसा रखते हैं, तो बाहरी परिस्थितियाँ या अन्य लोगों की राय आपकी प्रगति में बाधा नहीं बन पातीं।

"खुद पर भरोसा रखना सबसे बड़ा साहस है।" — अज्ञात





नजरिया जीने का: मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

जीवन मे मनमुटाव और मतभेदों का होना स्वाभाविक है और इसके लिए अपने ईगो को कभी भी बीच मे आने दें। जीवन बहुत मूल्यवान है और यहाँ संबंधों कि दिखावटी और बनावटी आवरण से हट कर वास्तविकता के साथ चलाने पर ध्यान दें। ध्यान दें, ससंबंधों को चलाने के लिए सबसे पहले, माफी मांगने में संकोच न करें, भले ही आप पूरी तरह से गलत न हों याद रखें, माफी मांगने से आपका कद छोटा नहीं बल्कि और भी बड़ा हो जाता है। 

मनमुटाव को दूर करना और फिर से संवाद शुरू करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से संभव है। थोड़ी सी कोशिश और धैर्य से आप अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।

दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को स्वीकार करें और इसके लिए पहल अगर आपको भी करना होता है तो इसमे कोई बुराई नहीं है। इसकी कीमत पर आप उन्हे  बताएं कि आप उनकी परवाह करते हैं।

शांत और धैर्यवान रहें और अपने आपे को आप कभी नहीं खोए क्योंकि आपका खुद पर नियंत्रण करना जरूरी है अन्यथा सामने वाले आपका नियंत्रक हो जाएगा जो आपके वजूद के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

समस्या पर चर्चा करना अत्यधिक जरूरी है क्योंकि इससे ही उनका समाधान निकाल सकता है और इसके लिए सामने वाले कि बातों को सुना जाना जरूरी है और इसके लिए आप खुद पहल करें और एक दूसरे की बात सुनें।

याद रखें,मनमुटाव मनमुटाव इंसानों के बीच प्यार की कमी का संकेत नहीं, बल्कि समझ की कमी का संकेत होता है। और इसे सिर्फ अपने समझदारी और मिलकर बात कर के हीं सुलझाया जा सकता है। 

रिश्तों में मतभेद होना स्वाभाविक है, और आज कि भगदौड़ और अतिव्यस्त जीवन मे आप इस संभावना से इनकार  नहीं कर सकते लेकिन इसे निपटाने का तरीका ही संबंधों की गहराई को दिखाता है।



इसके साथ ही यह भी सच है कि जहां समझ होती है, वहां मनमुटाव भी प्यार को मजबूत बनाने का काम करता है तथा अहम और मनमुटाव को दरकिनार करना ही सच्चे रिश्ते की पहचान है। कभी-कभी छोटे मतभेद रिश्तों को बड़ा सबक सिखाने का काम करते हैं।


 मतभेद तो होंगे ही, पर एक-दूसरे को समझने और स्वीकार करने की कला ही रिश्तों को खूबसूरत बनाती है। रिश्तों में दरार तब आती है, जब हम मनमुटाव को सुलझाने की जगह उसे बढ़ावा देने लगते हैं। 


जीवन में कभी भी मतभेद का मतलब रिश्ते का अंत नहीं, बल्कि नए दृष्टिकोण का आरंभ होता है हाँ इसके लिए पहल का किया जाना आवश्यक होता है। 



 जहां प्यार होता है, वहां मतभेद भी होते हैं, पर उन्हें सुलझाने की चाह रिश्ते को मजबूत बनाती है। सच्चे रिश्ते में मतभेद नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की शक्ति होती है।

नजरिया जीने का: असफलता से सीखें हार को जीत में बदलने का मंत्र

najariya jine ka learn success tips from failure

यह हमारी विडंबना है कि हम अपने सोचने की शक्ति की हमेशा हीं नकारात्मक मोड की ओर लेकर जाते हैं और इसमें दोष हमारा नहीं बल्कि यह ह्यूमन नेचर का हीं है। जीवन मे एक असफलता मिली नहीं कि हम खुद को पराजित खिलाड़ी मान लेते हैं। जबकि यह जीवन का एकमात्र सच्चाई है कि असफलता जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें सिखाती है, परखती है, और हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है। यह असफलता हीं है जो हमें आजमाती है और दिखाती है की हम किस मिट्टी के बने हैं। 

असफलता को सकारात्मक रूप से स्वीकार करना और उससे सीखना ही सफलता की ओर उठाया गया पहला कदम है क्योंकि सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं।

असफलता को स्वीकार करना सीखें 

जब तक आप असफलता को स्वीकार करना नहीं सीखेंगे, तबतक आप खुद को सफलता के नए इम्तहान के लिए तैयार नहीं कर पाएंगे।  

हमें इस तथ्य को स्वीकार करना सीखना होगा कि असफलता कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया अवसर है जो हमें यह बताता है कि हमारी तैयारियों मे कुछ कमी रह गई थी।  इतिहास गवाह है कि बिजली के बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने 1000 बार अपने प्रयासों मे असफलता का स्वाद चखा था। अगर वो असफलता से निराश होकर अपने प्रयासों को छोड़ देते तो क्या वह आविष्कार कर पाते। 

कारणों की समीक्षा करें

किसी भी प्रयास मे शुरुआत मे मिलने वाले असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उनका मूल्यांकन करें और उसपर विचार करें कि आखिर कहाँ कुछ कमी रह गई थी। उन गलतियों से सीखने का कोशिश करें और सीखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उन  गलतियों का  आत्मविश्लेषण करें और उन कारणों को समझें जिनकी वजह से हम  सफल नहीं हो पाए।

असफलता से घबराएं नहीं 

असफलता सिर्फ एक पड़ाव है, मंज़िल नहीं। हर हार के बाद एक नई शुरुआत होती है। असफलता को सीखने का अवसर मानें और इसे अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं। शुरुआती असफलता सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं। जब भी आप असफल हों, अपने लक्ष्य की ओर एक नए दृष्टिकोण से बढ़ें और उसमें सुधार करें।

अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें 

अपने प्रयासों मे मिली हुई असफलता से निराश होकर खुद पर अविश्वास करना सबसे बड़ी भूल है जिसके लिए खुद को कभी माफ नहीं किया जा सकता। असफलता मिलने के बाद जब आपको खुद को इन्सपाइर और मोतिवेट करने की जरूरत है, आप खुद पर अविश्वास  करके खुद को और भी नकारात्मक कर रहे हैं। असफलता के बावजूद भी आप  अपनी काबिलियत और स्किल को फिर से निखारें और नई रणनीतियों को बनाएं और अपने खोए हुए आत्मविश्वास को एक बार फिर से तलाशें और फिर नए जोश से काम मे लग जाएँ। सफलता आपकी होगी, इस प्रण के साथ आगे बढ़ें। सकारात्मक सोच रखें और खुद को उन लोगों से घेरें जो आपको प्रोत्साहित करते हैं।

कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें 

जीवन मे मिलने वाले असफलताओं से निराश होकर हताश होने की जगह आप खुद को अलर्ट मोड मे लेकर आयें और कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। अपने नाकामियों और असफलता के कारणों का मोनिट्रिंग करें और साइअन्टिफिक वे मे उन्हे नोट करे तथा नए स्ट्रैटिजी के साथ खुद को बैटल जोन मे लाएं। याद रखें, बैटल जॉन या वॉर जोन हमारा लक्ष्य है जब तक हमें सफलता नहीं मिल जाती।