शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2025

नजरिया जीने का: सेल्फ डिसप्लिन से बढ़ाएं अपना कान्फिडन्स, जानें कैसे?

 najariya jine ka How to follow Routine Disciplines Life to Build Confidence

नजरिया जीने का: नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखने के लिए आपको अपने भीतर के प्रेरक और प्रेरक विचारों का पालन करना होगा। अनुशासित जीवनशैली और गलत विचारों और कार्यों से दूर रहने का इरादा आपके आत्मविश्वास को बेहतर बनाने का पैरामीटर है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको बेहतर समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें

अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे ज़रूरी है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में हासिल करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।

2. दैनिक दिनचर्या बनाएँ

अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायपूर्ण और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दैनिक दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-

सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा देती हैं। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।

कार्य/अध्ययन अनुसूची: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।

शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।

3. कार्यों को प्राथमिकता दें

हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें। अपने कार्यों को जरूरी/महत्वपूर्ण, जरूरी नहीं/महत्वपूर्ण, जरूरी/महत्वपूर्ण नहीं और जरूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें। हमेशा एक  नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें

नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।

संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।

अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।

5. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें। सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।  यदि आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं, तो मित्रों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।

6. लगातार  सीखने की आवश्यकता 

चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल परिस्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।

7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें

प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को पैदा करने का तरीका प्रदान करते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति को बाधित करते हैं। 

टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है।

 8. प्रगति की निगरानी करें : 

अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं। 9. प्रेरित रहें

अपने जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो उसी समय आप दूसरों को कम आंकना शुरू कर देते हैं।

नजरिया जीने का: दूसरे की गलतियों से सीखें और खुद की गलतियों को दोहराने से बचें


महान दार्शनिक औ विद्वान चाणक्य ने कहा है कि दूसरों की गलतियों से सीखों क्योंकि खु  की गलतियों से सबक सीखोगे टिकट उम्र हैं छोटी पद जाएगी। अब आप समझ सकते हैं कि गलतियों से सीखना हमारेवजीवन में सफलता प्राप्त करने के लि कितना  जरूरी है
खुद को मजबूत करने  और गलतियों  से  सबकब्लेना चाहते हैं तो इन स्टेप्स को आजमाएं 

गलतियों को स्वीकार करें: अपनी गलती को स्वीकार करें क्योंकि इससे आपके अंदर खुद को मजबूत  और अधिक स्ट्रांग बनाने में मदद मिलेगी। जीवन में कभी भी खुद की गलतियों को सही ठहराने की कोशिश  उसे नकारने की कोशिश न करें।

 विश्लेषण करें: गलती के कारणों का विश्लेषण करें उसका आत्मचिंतन करें कि आखिर किन परिस्थितियों में आपसे यह गलती हुई।साथ हीं ईमानदारी से या प्रयास करें कि आगे से ऐसी गलती न हो।

सबक सीखें: गलती से सबक सीखें और उसे भविष्य में अपने जीवन में लागू करें।

माफी मांगें: यदि आपकी गलती से किसी और को नुकसान पहुंचा है, तो माफी मांगें।

 आगे बढ़ें: गलती को भूलकर आगे बढ़ें और नए अवसरों की ओर देखें।

कुछ प्रेरक उद्धरण:

"गलतियाँ हमें सिखाती हैं कि हम कैसे मजबूत बन सकते हैं।" - जे.के. राउलिंग

"गलती करना और उससे सीखना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।" - बिल गेट्स

"अपनी गलतियों से सीखना ही सबसे बड़ा शिक्षक है।" - अल्बर्ट आइंस्टीन

"गलतियाँ हमें आगे बढ़ने का मौका देती हैं।" - नेल्सन मंडेला

 "सीखने का सबसे अच्छा तरीका अपनी गलतियों से सीखना है।" - थॉमस एडिसन

नजरिया जीने का : भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

नजरिया जीने का: भगवान राम के जीवन से सीखें, जीवन की चुनौतियों का सामना करना

भगवान राम का जीवन एक आदर्श जीवन के रूप में माना जाता है, जहाँ उन्होंने जीवन की अनेक चुनौतियों का सामना धैर्य, साहस और समर्पण के साथ किया। उनके जीवन से कई महत्वपूर्ण सीखें ली जा सकती हैं जो हमें जीवन में सही दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती हैं।

  1. धैर्य और सहनशीलता: भगवान राम ने वनवास के दौरान और रावण के साथ युद्ध में अत्यधिक धैर्य और सहनशीलता का परिचय दिया। जीवन में जब कठिनाइयाँ आती हैं, तो धैर्य रखना और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखना आवश्यक होता है।

  2. कर्तव्यपरायणता: भगवान राम ने अपने पिता के वचन को निभाने के लिए राजसुख को त्याग कर वनवास स्वीकार किया। यह हमें सिखाता है कि जीवन में कर्तव्य का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।

  1. सच्चाई और न्याय: राम ने हमेशा सत्य और न्याय का पालन किया, चाहे परिणाम कुछ भी हो। यह हमें सिखाता है कि सत्य के मार्ग पर चलने से हमें जीवन में अंततः सफलता और सम्मान मिलता है।

  2. संबंधों का सम्मान: भगवान राम ने अपने परिवार और मित्रों के साथ हमेशा प्रेम और सम्मान का व्यवहार किया। जीवन में संबंधों का महत्व समझना और उन्हें निभाना हमें एक संतुलित और संतोषजनक जीवन जीने में मदद करता है।

  3. विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक दृष्टिकोण: रावण के साथ युद्ध के समय भी, भगवान राम ने कभी नकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाया। उन्होंने सदा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कठिनाइयों का सामना किया।

इन सबक से हमें यह समझ में आता है कि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। भगवान राम का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाता है कि कैसे हर परिस्थिति में सही नजरिया अपनाकर आगे बढ़ा जा सकता है।


नजरिया जीने का: 9 टिप्स से समझें सेल्फ डिसप्लिन जीवनशैली का महत्व

 najariya jine ka tips for self discipline daily routine


नजरिया जीने का: नकारात्मक विचारों को खुद से दूर रखने के लिए आपको अपने भीतर के प्रेरक और प्रेरणादायी विचारों का पालन करना होगा। अनुशासित जीवनशैली और गलत विचारों और कार्यों से दूर रहने का इरादा आपके आत्मविश्वास को बेहतर बनाने का मापदंड है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको बेहतर समय प्रबंधन और आत्मविश्वास बनाने के लिए अनुशासित जीवनशैली का पालन करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें

अनुशासित जीवनशैली की नींव के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना सबसे महत्वपूर्ण है। याद रखें कि आपको अपने लक्ष्यों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक में वर्गीकृत करना होगा। अल्पकालिक लक्ष्यों के तहत, आपको दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों से शुरुआत करनी चाहिए जो प्राप्त करने योग्य हों। वह दृष्टि और सपना जिसे आप अगले कुछ महीनों या वर्षों में प्राप्त करना चाहते हैं, उसे दीर्घकालिक लक्ष्य कहा जा सकता है।

2. दैनिक दिनचर्या बनाएं

अपनी दैनिक दिनचर्या को न्यायिक और पारदर्शी तरीके से विभाजित करें ताकि आप अपने तरीके से उसका पालन कर सकें। आप अपनी दिनचर्या को इस तरह से विभाजित कर सकते हैं-

सुबह की दिनचर्या: अपने दिन की शुरुआत ऐसी गतिविधियों से करें जो आपको ऊर्जा प्रदान करें। इसमें व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ नाश्ता और अपने दिन की योजना बनाना शामिल हो सकता है।

काम/अध्ययन कार्यक्रम: काम, अध्ययन और ब्रेक के लिए विशिष्ट समय ब्लॉक आवंटित करें। अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए प्लानर, कैलेंडर या ऐप जैसे टूल का उपयोग करें।

शाम की दिनचर्या: ऐसी गतिविधियों के साथ आराम करें जो आपको आराम दें, जैसे पढ़ना, हल्का व्यायाम या दिन के बारे में सोचना।

3. कार्यों को प्राथमिकता दें

हमेशा अपने कार्यों को समय पर और समय सीमा में पूरा करने की आवश्यकता और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें।

अपने कार्यों को ज़रूरी/महत्वपूर्ण, ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण, ज़रूरी/महत्वपूर्ण नहीं और ज़रूरी नहीं/महत्वपूर्ण नहीं में वर्गीकृत करें।

हमेशा एक स्टिकी नोट तैयार करें और "टू-डू लिस्ट" के रूप में चिह्नित करें जो आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

4. शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखें

नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें, दिन में कम से कम 30 मिनट का लक्ष्य रखें।

संतुलित भोजन करें: सुनिश्चित करें कि आपके आहार में आपकी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए विभिन्न पोषक तत्व शामिल हों।

अच्छी नींद लें: समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेने का लक्ष्य रखें।

4. मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अपने आत्मविश्वास के स्तर को प्रोत्साहित करने और अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों से बचने की रणनीति पर भी ध्यान दें। नकारात्मक व्यक्तियों और ऐसे लोगों से बचें जिनकी टिप्पणियाँ और सुझाव हमारे दिमाग में नकारात्मक विचारों के निर्माण के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। आप नीचे दिए गए कुछ सुझावों का पालन करके अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

ध्यान और माइंडफुलनेस: तनाव को कम करने और फोकस बढ़ाने के लिए रोजाना ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।

सकारात्मक पुष्टि: सकारात्मक मानसिकता बनाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पुष्टि का उपयोग करें।

सहायता लें: अगर आप अभिभूत महसूस कर रहे हैं तो दोस्तों, परिवार या पेशेवरों से संपर्क करने में संकोच न करें।

5. लगातार सीखते रहें

चुनौतियों से निपटने और प्रतिकूल स्थिति का विश्लेषण करने की आपकी सारी शक्ति और क्षमता आपके आत्म-संदेह चिह्न से ठीक हो सकती है और यह आपके करियर और जीवन के लिए विनाशकारी होगा। याद रखें, प्रकृति ने हमें अपने जीवन में हर विषम परिस्थिति और परिस्थितियों से निपटने और उनका सामना करने की अपार शक्ति प्रदान की है। हमारे समग्र विकास में हमारे ज्ञान और पूर्णता को बढ़ाने के लिए हमारे जीवन में निरंतर सीखने की आवश्यकता है।

पढ़ें: अपने ज्ञान और दृष्टिकोण का विस्तार करने के लिए पढ़ने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ। पढ़ना और उचित अध्ययन ज्ञान और दृष्टिकोण को बढ़ाने का अंतिम तरीका है

पाठ्यक्रम लें: उन पाठ्यक्रमों या कार्यशालाओं में दाखिला लें जिनमें आपकी रुचि हो या जो आपके कौशल को बढ़ाएँ।

चिंतन करें: आपने जो सीखा है और आप इसे कैसे लागू कर सकते हैं, इस पर चिंतन करने में समय बिताएँ।

7. आत्म-अनुशासन का अभ्यास करें

प्रतिदिन दोहराए जाने वाले नियमित कार्य आपको अपने भीतर आत्मविश्वास बनाने का तरीका प्रदान करेंगे और निश्चित रूप से यह नकारात्मक विचारों को आपसे दूर रखेगा, किसी से भी अपनी तुलना करने से बचें क्योंकि प्रकृति ने आपको विशेष क्षमताओं के साथ और आपके लिए विशेष कार्यकाल के लिए बनाया है। उन आत्मविश्वास निर्माण अभ्यासों का पालन करें ताकि यह नकारात्मक मानसिकता को आपसे दूर रख सके। याद रखें कि यह केवल आप ही हैं जो आपके दिमाग में नकारात्मक विचारों को जन्म देते हैं जो आपके जीवन की सभी क्रियाओं और रणनीति में बाधा डालते हैं। टालमटोल से बचें: कार्यों को टालने के बजाय तुरंत निपटाएँ। सीमाएँ निर्धारित करें: विकर्षणों को सीमित करें और उत्पादकता के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ। खुद को पुरस्कृत करें: लक्ष्य प्राप्त करने के लिए खुद को पुरस्कृत करें, जो सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करता है। 

8. प्रगति की निगरानी करें: 

अपनी प्रगति को ट्रैक करने, अपनी उपलब्धियों पर विचार करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक जर्नल रखें। नियमित समीक्षा: यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे आपकी आकांक्षाओं के अनुरूप हैं, समय-समय पर अपने लक्ष्यों और दिनचर्या की समीक्षा करें। 

9. मोटिवेटेड  रहें

 जीवन में कुछ सीखने पर ध्यान केंद्रित करें और दूसरों से अपनी तुलना करने की आदत से बचें, यह आपके आत्मविश्वास के स्तर को कम करने में सबसे बड़ी बाधा है। एक बार जब आप अपने दृष्टिकोण, क्षमता और अन्य योग्यताओं की तुलना दूसरों से करना शुरू कर देते हैं, तो आप अपनी दक्षता को कम आंकने लगते हैं और अपने आप को सीमित कर लेते हैं।


नजरिया जीने का: स्वामी विवेकानंद की इस कोट्स को बना लो जीवन का आधार


स्वामी विवेकानंद...महान भारतीय भिक्षु, विद्वान और प्रख्यात आध्यात्मिक नेता, जिनके विचारों और शब्दों का विशेष महत्व है...यह स्वामी विवेकानंद और उनकी शिक्षाएँ ही थीं, जिन्होंने भारत के बारे में दुनिया की धारणा को बदलने में मदद की...वह व्यक्ति जिसने न केवल युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि अपने प्रेरक शब्दों से मानवता को नई ऊँचाईयाँ दीं।

12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्मे, प्रख्यात विद्वान और प्रसिद्ध वक्ता विवेकानंद ने अपनी असीम शक्ति और क्षमता के साथ चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करने के लिए युवाओं को जागृत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.....पहले उनका नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था, और वे पिता विश्वनाथ दत्ता और माँ भुवनेश्वरी देवी की आठवीं संतान थे।

सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

वे अपनी शिक्षा के लिए जाने जाते हैं, जिसमें प्रज्वलित करने की शक्ति है और जो पूरी ऊर्जा से भरपूर है। स्वामी विवेकानंद, भारत के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं और सुधारकों में से एक हैं, जिनके विचार लाखों लोगों को प्रेरित करने के लिए पर्याप्त हैं। स्वामी विवेकानंद, जिनका जन्म नरेंद्रनाथ दत्त के रूप में हुआ था, 19वीं सदी के अंत में हिंदू धर्म को एक प्रमुख विश्व धर्म का दर्जा दिलाने के लिए जाने जाते हैं।

विवेकानंद ने हमेशा लोगों को अपने अंदर की बुराई से बचने और ईर्ष्या और अहंकार को हमेशा त्यागने का सुझाव दिया। विवेकानंद हमेशा युवाओं से कहते थे कि हिम्मत रखो और काम करो। वह स्वस्थ और मजबूत युवाओं के बारे में चिंतित थे, जिनके हाथ और कंधे मजबूत हों।



विवेकानंद ने हमेशा दूसरों से पहले खुद को जानने पर जोर दिया है....वे कहते हैं, "दिन में एक बार खुद से बात करें, अन्यथा आप दुनिया में एक बेहतरीन व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।"

इसके अलावा विवेकानंद कहते हैं, "जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते..."

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचार: प्रेरक उद्धरण जानें

"अपने जीवन में जोखिम उठाएँ...अगर आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते हैं, अगर आप हारते हैं तो आप मार्गदर्शन कर सकते हैं।"- स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद कहते हैं, किसी भी चीज़ से मत डरो, तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो एक पल में भी स्वर्ग ला देती है..

सच्चे रिश्ते सुविधा से नहीं, समर्पण से बनते हैं

नजरिया जीने का: जानें वह खूबियाँ जो बनाती ही नरेंद्र मोदी को लोकप्रिय और प्रभावशाली नेता

 


अगर आप नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का आकलन करेंगे तो पाएंगे कि उनकी कार्यकुशलता और कुशल नेतृत्व उनकी सबसे बड़ी खासियत है। वह एक बहुत ही मेहनती और लक्ष्य-उन्मुख नेता हैं साथ ही मुश्किल परिस्थितियों से कभी वह घबराते नहीं है  वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने और बाधाओं को पार करने से नहीं डरते। मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने हर बार उनका सामना किया है और सफलता प्राप्त की है।

मोदी की कार्यकुशलता और निर्णय लेने की क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जार सकता है कि उनके प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कभी भी ज्वलंत मुद्दों पर ठोस  निर्णय लेने में विलम्ब नहीं लेते । उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों को लागू किया है, जैसे कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल इंडिया मिशन, और मेक इन इंडिया। इन योजनाओं और नीतियों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

न केवल प्रधान मंत्री के रूप में बल्कि मोदी की कार्यकुशलता का उदाहरण उनके गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देखा जा सकता है जहाँ उन्होंने  गुजरात को भारत का सबसे विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गुजरात में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए।

निसंदेह मोदी की कार्यकुशलता ने उन्हें भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बना दिया है। वह एक ऐसे नेता हैं जिन पर लोग भरोसा करते हैं कि वह उनके लिए काम करेंगे।

मोदी के व्यक्तित्व की अन्य खासियतों में शामिल हैं:

उनका संवाद कौशल: 

मोदी एक बहुत ही प्रभावशाली वक्ता हैं और अपनी बातों को वह बेहद प्रभावशाली ढंग से श्रोताओं तक पहुंचते हैं । मोदी की क्षमता और हर वर्ग के श्रोताओं पर उनकी पकड़ का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि वह किसाओं से लेकर महिलाओं तक और परीक्षा पर चर्चा कर विद्यार्थियों की समस्या पर अपने राय बेबाकी से देता है. वह अपने भाषणों के माध्यम से लोगों को प्रेरित और उत्साहित कर सकते हैं।

उनकी नेतृत्व क्षमता:

 मोदी एक दृढ़निश्चयी और कुशल नेता हैं और उनकी इस क्षमता को उनके विरोधी भी दबी जुबान से स्वीकार करते हैं। वह अपने अनुयायियों को एकजुट कर सकते हैं और उन्हें एक लक्ष्य की ओर ले जा सकते हैं।

उनका विजन: 

मोदी एक दूरदर्शी नेता हैं और देश के साथ एक व्यापक विजन पर काम करते हैं  जिसपर देश वासी भरोसा भी करते हैं. उन्होंने भारत के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य की कल्पना की है और उनके हर कदम यह साबित करते हैं जो देशवासी द्वारा उनके ऊपर किया गया भरोसा दिखा

नजरिया जीने का: जानें क्यों करते हैं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा?


आपने अक्सर देखा होगा कि भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा अक्सर एक साथ की जाती है। खासकर दिवाली के दौरान भक्तगन हमेशा हीं माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश का पूजा किया जाता है। हिंदू संस्कृति मे ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी कल्याण,  सफलता, धन और संपति के साथ ऐश्वर्या और समृद्धि और खुशहाली की प्रतीक है।

जहाँ गणेश बाधाओं को दूर करते हैं, सुचारू प्रगति सुनिश्चित करते हैं, वहीं लक्ष्मी का आशीर्वाद वित्तीय स्थिरता और समृद्धि को आमंत्रित करता है, जो इस संयोजन को सफलता के समग्र मार्ग के लिए आदर्श बनाता है।

वही भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले अर्थात विघनहंता और बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में पूजनीय हैं। उनका आशीर्वाद यह सुनिश्चित करने के लिए मांगा जाता है कि कोई भी प्रयास, चाहे व्यक्तिगत हो या पेशेवर, बाधाओं से मुक्त एक स्पष्ट मार्ग के साथ शुरू हो।

दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा का हिंदू परंपरा में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। दिवाली, जिसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है और इसका गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है।

देवी लक्ष्मी धन, प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक हैं तथा ऐसा मान्यता है कि माता लक्ष्मी की पूजा से वित्तीय कल्याण और भौतिक सुख-सुविधाएँ मिलती हैं, जो एक स्थिर और पूर्ण जीवन के लिए आवश्यक हैं।

लेकिन भगवान गणेश के आशीर्वाद के वगैर क्या खुशहाली और समृद्धि कि कल्पना भी की जा सकती है। हरगिज नहीं॥

मान्यता यह भी है कि गणेश और लक्ष्मी दोनों की एक साथ पूजा करना जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है जहां जीवन मे संपनता के साथ खुशहाली भी हो लेकिन जीवन बाधा से रहित भी हो ।

रोशनी के त्योहार दिवाली के दौरान, दोनों देवताओं का आह्वान करने की प्रथा है। शुभ शुरुआत के लिए सबसे पहले गणेश की पूजा की जाती है, उसके बाद लक्ष्मी की, जिनके आशीर्वाद से आने वाले वर्ष में सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ में, वे एक सफल, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण जीवन के लिए आवश्यक संयुक्त आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करते हैं।

नजरिया जीने का: हमेशा दिखावा से अधिक पास रखे, पर जानकारी से कम बोलें

 

नजरिया जीने का: William Shakespeare की एक बहुत ही महत्वपूर्ण उक्ति है "Have more than you show, Speak less than you know।" मतलब स्पष्ट है कि जानकारी से कम बोलें और दिखावा से ज्यादा रखें। शेक्सपियर की यह कथन का भावार्थ स्पष्ट सिखाती है कि हमें अपने ज्ञान और क्षमताओं को दिखाने के लिए बातचीत में ज्यादा हिस्सा नहीं लेना चाहिए। 
आपकी गंभीरता आपकी व्यक्तित्व को और भी व्यापक बनाती है जो श्रोताओं में एक जिज्ञासा को बनाए रखती है। आपका ज्यादा और अनावश्यक बोलना न  केवल आपकी व्यक्तित्व बल्कि सुनने वालों में भी बोझलता का माहौल बनाएगा। इसके बजाय, हमें दूसरों को सुनना चाहिए और उनकी बातों को समझना चाहिए।

अगर आप इस कहावत की गंभीरता पर विचार करेंगे तो पाएंगे कि इसके कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह हमें विनम्र और सम्मानजनक बनाता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम उनके विचारों और भावनाओं को महत्व देते हैं। यह हमें एक बेहतर संवादी बनाता है और दूसरों के साथ हमारे संबंधों को मजबूत करता है।

नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

याद रखें-"दिखावे से कुछ समय के लिए वाहवाही मिल सकती है, पर सम्मान केवल सच्चाई से मिलता है।"

जानकारी से हमेशा काम बोलने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आदत हमें दूसरों से सीखने में मदद करता है। जब हम दूसरों को सुनते हैं, तो हम नए विचारों और सूचनाओं से परिचित होते हैं। यह हमें अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने में मदद करता है। 

"दिखावा करना एक ऐसा भार है, जिसे उठाने में सुकून खो जाता है।"

कहते हैं नया कि जो आप हैं, वही बने रहें। दिखावा करना या झूठे आडंबर से खुद को बढ़ चढ़कर पेश करने भले आपको अस्थाई पहचान देगा, लेकिन सच्चाई स्थाई सम्मान।

इसके अतिरिक्त, यह हमें निर्णय लेने में मदद करता है। जब हम दूसरों से सुनते हैं, तो हम विभिन्न दृष्टिकोणों को देखते हैं। यह हमें अधिक सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।

"जो दिखावा करता है, वह अपनी पहचान खो देता है।"

नजरिया जीने का: स्वामी विवेकानंद की इस कोट्स को बना लो जीवन का आधार

स्वामी विवेकानंद भारत के महान संत, समाज सुधारक और आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति सभ्यता के अतिरिक्त धर्म और आध्यात्मिकता के को अपने विचारों से एक नई ऊंचाई दी। शिकागो मे धर्म सम्मेलन मे स्वामी विवेकानंद ने धर्म और  धर्म और आध्यात्मिकता के साथ वेदांत और योग के ज्ञान को पश्चिमी दुनिया तक पहुँचाया। आज भी स्वामी जी के विचार और उनकी पुस्तकें, उनका जीवन,आत्मबल और मानवता के उत्थान के साथ साथ खासतौर पर युवाओं के लिए एक अद्भुत प्रेरक और प्रेरणादायक है ।

आत्मविश्वास, परिश्रम और सेवा के साथ हीं उन्होंने जीवन से जुड़े हर प्रसंगों पर अपने विचार दिए हैं जो खासतौर पर युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक है। 

स्वामी विवेकानंद के प्रमुख विचार
स्वामी विवेकनाद के विचार और उनके शिक्षाएं खासतौर पर युवाओं के लिए काफी क्रांतिकारी और जोश से भरपूर हैं।

आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की अहमियत को समझाने  के लिए विवेकानंद ने हमेशा इंसानों को प्रेरित किया है। वो हमेशा कहा करते थे  "खुद पर विश्वास करो, क्योंकि जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते।"

शिक्षा का महत्व को उन्होंने हमेशा से प्रथम प्राथमिकता दिया और उनका कहना था की शिक्षा के बिना इंसानों और खासकर युवाओं का विकास नहीं हो सकता। विवेकानंद ने कहा था कि -"शिक्षा वही है जो जीवन की समस्याओं से निपटने में मदद करे, न कि केवल डिग्रियाँ अर्जित करने के लिए।"

धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति स्वामी विवेकानंद ही सदा हीं प्रैक्टिकल विचार रखा और शिकागो के धर्म सम्मेलन मे उन्होंने विश्व के मंच पर इसपर रखने उनके विचारों ने दुनिया मे क्रांति पैदा कर दिया। धर्म और आध्यात्मिकता के संबंध मे उनका कहना था कि  – "सच्चा धर्म वह है जो हमें जोड़ता है, न कि जो हमें अलग करता है।"

युवाओं की शक्ति पर उन्हे काफी भरोसा था और वो कहा करते थे कि "तुम्हें अंदर से बाहर की ओर विकसित होना होगा। कोई तुम्हें नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है।"

युवाओं के लक्ष्य और उनके प्राप्ति के लिए उनका मंत्र था – "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।"

युवाओं के लिए सफलता का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा था कि  – "एक विचार लो, उसे अपना जीवन बना लो—उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उसे जियो।" कर्म और उनसे प्रति अपने निष्ठा के रूप मे विवेकानंद का कहना  था कि-"एक समय में एक काम करो और उसे ऐसे करो जैसे वही तुम्हारे जीवन का अंतिम कार्य हो।"

नजरिया जीने का: मार्टिन लूथर किंग जूनियर के वे विचार आपमें जोश का नया संचार भर देंगे

मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जीवन संघर्ष, साहस और अहिंसा का प्रतीक है जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और पूरी दुनिया को जीने और संघर्ष करने का नया औजार प्रदान करती है। अहिंसा को वे हमेशा सर्वोपरि मानते थे और उनका कहना था कि बिना हिंसा के भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। आज भी उनके विचार पूरी दुनिया में समानता, प्रेम और न्याय के लिए प्रेरित करते हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर का जन्म 15 जनवरी 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया (अमेरिका) में हुआ था। अमेरिका के एक महान नेता, समाज सुधारक और नागरिक अधिकारों के आंदोलन के प्रमुख नेता थे जिनका सम्पूर्ण जीवन अहिंसा और प्रेम के मार्ग पर चलते हुए नस्लीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया। 

अहिंसा और सत्याग्रह के विचारों के प्रति मार्टिन लूथर किंग जूनियर महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे। 

मार्टिन लूथर किंग का योगदान खासतौर पर सामाजिक परिवर्तनों और नागरिक अधिकारों की लड़ाई मे काफी अधिक है। उन्होंने नागरिक अधिकारों के लड़ाई के अंतर्गत उन्होंने कैन आंदोलन का नेतृत्व किया। 1955 में रोजा पार्क्स नाम की एक महिला ने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई, जिससे मॉन्टगोमरी बस बॉयकॉट आंदोलन शुरू हुआ।




मार्टिन लूथर किंग ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया और अमेरिका में नागरिक अधिकारों की लड़ाई को एक नई दिशा दी। उन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरणा लेकर मार्ग को अपनाया।
1964 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

अहिंसा और प्रेम के प्रति अपने विचारों के लिए मार्टिन लूथर किंग जूनियर हमेशा से जाने जाते हैं और उनका स्पष्ट कहना था कि - "अंधकार को अंधकार से नहीं मिटाया जा सकता, केवल प्रकाश ही इसे मिटा सकता है। नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता, केवल प्रेम ही इसे मिटा सकता है।"

वर्तमान और प्रेजेंट को हमेशा से मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने सर्वोपरि माना और उनका कहना था की सही समय का इंतजार करना उचित नहीं है। वर्तमान हीं किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए सही समय है-"सही समय की प्रतीक्षा मत करो, अभी सही काम करने का समय है।"

साहस और हिम्मत किसी भी इंसान के लिए सर्वोपरि है क्योंकि इसके अभाव में हम अपने जीवन की मूल्य को भूल जाते हैं। उनका कहता था कि "सच्ची सफलता यह नहीं है कि आप कहाँ खड़े हैं, बल्कि यह है कि जब मुश्किलें आती हैं, तब आप क्या करते हैं।"

 आज के समय में जब कि हमअपने जीवन से चरित्र और अपने जिम्मेदारियों को भूल चुके हैं, इसका सबसे प्रमुख कारण यही है कि शिक्षा की सही स्वरूप को हम पालन करने मे कहीं न कहीं पीछे हो चुके हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर का कहना था की  "बुद्धिमत्ता और चरित्र, यही सच्ची शिक्षा का लक्ष्य है।"

उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्। मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥


महान दार्शनिक, विद्वान और कूटनीति के जनक चाणक्य का मूल्यांकन आज तक कर पाना संभव नहीं हुआ है क्योंकि उनके द्वारा दिए गए सूक्तियाँ  आज भी प्रासंगिक हैं और लोग उनके पाठ कर उनसे लाभ उठा रहे हैं। 

"उद्योगे नास्ति दारिद्रयं जपतो नास्ति पातकम्। 

मौनेन कलहो नास्ति जागृतस्य च न भयम्॥"

विख्यात विद्वान चाणक्य का यह श्लोक इंसानों के विविध चारित्रिक विशेषताओं और प्रति दिन के व्यवहार मे लाए जाने वाले विचार का प्रतिनिधित्व करता है। चाणक्य का साफ कहना है कि परिश्रम करने वाले व्यक्ति को कभी दरिद्रता (गरीबी) का सामना नहीं करना पड़ता। अर्थात व्यक्ति को अगर दरिद्रता और गरीबी से मुक्ति पाना है तो उसे उद्योग करने के अलावा और कोई उपाय नहीं है क्योंकि उद्यम से हीं दरिद्रता हो सकती है।

 साथ ही चाणक्य का कहना है कि  ईश्वर के नाम का जप करने वाले को पाप नहीं लगता। अर्थात  पाप से मुक्ति के लिए इंसान को जप अर्थात ईश्वरण कि शरण मे जाना चाहिए। 

कलह के संबंध मे चाणक्य का कहना है कि कलह को अगर शांत करना चाहते हैं तो मौन रहना हीं एकमात्र उपाय है क्योंकि कलह या झगड़ा कि स्थिति मे बोलते रहने से बात बिगड़ेगी हीं। वहीं चाणक्य का कहना है कि  जागते रहने से कभी भी भय नहीं होता है। 


नजरिया जीने का: असफलता से सीखें हार को जीत में बदलने का मंत्र

najariya jine ka learn success tips from failure

यह हमारी विडंबना है कि हम अपने सोचने की शक्ति की हमेशा हीं नकारात्मक मोड की ओर लेकर जाते हैं और इसमें दोष हमारा नहीं बल्कि यह ह्यूमन नेचर का हीं है। जीवन मे एक असफलता मिली नहीं कि हम खुद को पराजित खिलाड़ी मान लेते हैं। जबकि यह जीवन का एकमात्र सच्चाई है कि असफलता जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें सिखाती है, परखती है, और हमें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है। यह असफलता हीं है जो हमें आजमाती है और दिखाती है की हम किस मिट्टी के बने हैं। 

असफलता को सकारात्मक रूप से स्वीकार करना और उससे सीखना ही सफलता की ओर उठाया गया पहला कदम है क्योंकि सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं।

असफलता को स्वीकार करना सीखें 

जब तक आप असफलता को स्वीकार करना नहीं सीखेंगे, तबतक आप खुद को सफलता के नए इम्तहान के लिए तैयार नहीं कर पाएंगे।  

हमें इस तथ्य को स्वीकार करना सीखना होगा कि असफलता कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया अवसर है जो हमें यह बताता है कि हमारी तैयारियों मे कुछ कमी रह गई थी।  इतिहास गवाह है कि बिजली के बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने 1000 बार अपने प्रयासों मे असफलता का स्वाद चखा था। अगर वो असफलता से निराश होकर अपने प्रयासों को छोड़ देते तो क्या वह आविष्कार कर पाते। 

कारणों की समीक्षा करें

किसी भी प्रयास मे शुरुआत मे मिलने वाले असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उनका मूल्यांकन करें और उसपर विचार करें कि आखिर कहाँ कुछ कमी रह गई थी। उन गलतियों से सीखने का कोशिश करें और सीखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उन  गलतियों का  आत्मविश्लेषण करें और उन कारणों को समझें जिनकी वजह से हम  सफल नहीं हो पाए।

असफलता से घबराएं नहीं 

असफलता सिर्फ एक पड़ाव है, मंज़िल नहीं। हर हार के बाद एक नई शुरुआत होती है। असफलता को सीखने का अवसर मानें और इसे अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं। शुरुआती असफलता सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं। जब भी आप असफल हों, अपने लक्ष्य की ओर एक नए दृष्टिकोण से बढ़ें और उसमें सुधार करें।

अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें 

अपने प्रयासों मे मिली हुई असफलता से निराश होकर खुद पर अविश्वास करना सबसे बड़ी भूल है जिसके लिए खुद को कभी माफ नहीं किया जा सकता। असफलता मिलने के बाद जब आपको खुद को इन्सपाइर और मोतिवेट करने की जरूरत है, आप खुद पर अविश्वास  करके खुद को और भी नकारात्मक कर रहे हैं। असफलता के बावजूद भी आप  अपनी काबिलियत और स्किल को फिर से निखारें और नई रणनीतियों को बनाएं और अपने खोए हुए आत्मविश्वास को एक बार फिर से तलाशें और फिर नए जोश से काम मे लग जाएँ। सफलता आपकी होगी, इस प्रण के साथ आगे बढ़ें। सकारात्मक सोच रखें और खुद को उन लोगों से घेरें जो आपको प्रोत्साहित करते हैं।

कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें 

जीवन मे मिलने वाले असफलताओं से निराश होकर हताश होने की जगह आप खुद को अलर्ट मोड मे लेकर आयें और कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। अपने नाकामियों और असफलता के कारणों का मोनिट्रिंग करें और साइअन्टिफिक वे मे उन्हे नोट करे तथा नए स्ट्रैटिजी के साथ खुद को बैटल जोन मे लाएं। याद रखें, बैटल जॉन या वॉर जोन हमारा लक्ष्य है जब तक हमें सफलता नहीं मिल जाती। 

गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025

नजरिया जीने का: जीवन में खास विशिष्ट बनें, अपनी प्रतिभा को पहचानें

 najariya jine ka how to become special in life


Point Of View: जीवन में विशिष्ट बनने के लिए हमें हमेशा कोशिश करनी चाहिए क्योंकि साधारण से असाधारण बनने का प्रयास हीं हमें जीवन में मुकमल सफलता प्रदान करने में मदद करती है. जीवन में आप किसी भी क्षेत्र में हैं, याद रखें की उस क्षेत्र में टॉप पर हमेशा स्थान मौजूद होता है और उसके लिए आपको विशिष्ट बनने की जरुरत है. जब आप अपने काम में विशिष्ट होते हैं, तो आपके सफल होने की संभावना अधिक होती है। आप अपने क्षेत्र में एक विशेषज्ञ बन जाते हैं, और लोग आपके ज्ञान और कौशल की तलाश करते हैं।

हालांकि यह सच है कि यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है। जब आप जीवन में विशिष्ट होते हैं, तो आप अधिक सफल, संतुष्ट और खुश होते हैं।  अपने काम में विशिष्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित कदमों का पालन कर सकते हैं:

अपनी प्रतिभा को पहचानें: 

 जीवन का मतलब सिर्फ जीना हीं नहीं होता है बल्कि ऐसा जीवन जीना है जो कि आपको संतुष्टि दें। आप अपने प्रतिभा और रुचि  को सबसे पहले पहचाने और अपने टेस्ट के अनुसार अपना लक्ष्य का चयन करें। यह जानने के लिए कि आपको क्या पसंद है और आप किस काम में अच्छे हैं, आत्म-विश्लेषण करें। अपनी रुचि के क्षेत्रों में गहराई से अध्ययन करें और अपनी प्रतिभा को विकसित करें।

नजरिया जीने का: कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

लक्ष्य निर्धारित करें:

सबसे पहले आप अपने लिए अच्छे से विचार कर उचित क्षेत्र का चयन करें और उसमें अच्छी प्रदर्शन  के लिए अपनी विशेषज्ञता तय करें। इसके लिए आवश्यक है कि आप अपने जुनून को खोजें और ईमानदारी से उसे हासिल करने में लग जाएँ। आपको कड़ी मेहनत करने, लगातार रहने और कभी भी सीखना बंद न करने की आवश्यकता है। 

नियमित अध्ययन और अद्यतन रहें: 

सबसे पहले, अपने लिए स्पष्ट और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। आप क्या हासिल करना चाहते हैं और आपकी सफलता कैसी दिखेगी इसपर विचार कर आप खुद का भविष्य तय करें. 

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

सीखने के लिए तैयार रहें:

जैसा की आप जानते हैं कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और आत्म-विकास के लिए खुद को सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना हीं जीवन का सबसे बड़ा सत्य और चैलेंज है। अपने काम में बेहतर बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करें। इसमें तकनीकी कौशल, नरम कौशल और ज्ञान शामिल हो सकते हैं।

हमेशा पॉजिटिव रहें:

अपने काम में प्रेरित होना सीखिए और हमेशा पॉजिटिव रहने सीखें. पॉजिटिव रहने के लिए अच्छी पुस्तकों और लोगो पर्सनालिटी के जीवन को पढ़ें।   अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें, अपनी प्रगति का जश्न मनाएं और नई चुनौतियों की तलाश करें। अपने आप को चुनौती दें। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और नई चीजें आज़माएं।

अपने आप को चुनौती दें: 

अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और खुद से बात करना सीखें। स्वामी विवेकानंद के उस कथन को हमेशन याद रखें कि- " यदि चौबीस घंटे मे एक बार आप खुद से बात नहीं करते हैं तो संसार के सबसे विशिष्ट और खास आदमी कि आप उपेक्षा कर रहे हैं। "

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि जीवन में विशिष्ट बनने के लिए समय और प्रयास लगता है। धैर्य रखें, कड़ी मेहनत करें, और कभी भी हार न मानें।आप भी अपनी रुचि और प्रतिभा के आधार पर जीवन में विशिष्ट स्थान बना सकते हैं। 

नजरिया जीने का: अतीत आपका शिक्षक है, वर्तमान एक गिफ्ट और भविष्य सुनहरा अवसर


सभी प्रमुख प्रेरक वक्ता और विचारक ने हमारे दिमाग में यह बात बिठा दी है कि भविष्य और अतीत के संबंध में हमारे कार्यों से निपटने का सबसे अच्छा समय केवल वर्तमान है। अतीत, वर्तमान और भविष्य के अनुभव के संबंध में विश्व के विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था- “हममें से जो लोग भौतिकी में विश्वास करते हैं, उनके लिए अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच का अंतर केवल एक कठोर भ्रम मात्र है।”

सच तो यह है कि अतीत एक अनुभव है, वर्तमान प्रयोग है और भविष्य अपेक्षा है। अपनी अपेक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयोगों में अपने अनुभव का उपयोग करने हमें जीवन मे अपने भविष्य के बुनियाद को और भी मजबूत करने कि कोशिश करनी चाहिए जिस पर हम ठोस और मजबूत भवन का निर्माण कर सकें । 

आपने सुना भी होगा "यह कहना मुश्किल है कि क्या असंभव है... क्योंकि कल का सपना आज की आशा और कल की वास्तविकता है..."

प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का कथन याद रखें- "अतीत आपका शिक्षक है। वर्तमान आपका उपहार है। भविष्य आपका अवसर है।"

भागवद गीता से मिले इस शिक्षा को कभी नहीं भूलें-

अतीत के बारे में कभी भी गंभीरता से न सोचें, यह आँसू लाता है

भविष्य के बारे में अधिक मत सोचो, यह डर लाता है।

इन पलों को मुस्कुराहट के साथ जिएं, इससे खुशियां आती हैं।

हमारे अतीत के अनुभव भविष्य के बारे में हमारी अपेक्षाओं को बनाने के लिए एक आधार के रूप में काम करते हैं। हम सफलताओं और असफलताओं से सीखते हैं, "क्या काम करता है" और "क्या नहीं" का एक मानसिक डेटाबेस बनाते हैं। यह डेटाबेस भविष्य के परिणामों के बारे में हमारी भविष्यवाणियों को प्रभावित करता है, समान स्थितियों या निर्णयों से हम जो आशा करते हैं उसे आकार देते हैं।

यह सच है कि हम अपना लक्ष्य पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ तय करना सीखना होगा और इसमे हमें किसी प्रकार का संदेह नहीं होनी चाहिए क्योंकि कितनी भी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम उससे भटक नहीं सकते, लेकिन अगर आप अपने कल के अनुभव से सबक नहीं लेंगे तो यह बेकार है।

 भविष्य के प्रति हमारी अपेक्षाएँ हमारे वर्तमान कार्यों को प्रेरित करती हैं। जब हम सकारात्मक परिणामों की उम्मीद करते हैं, तो हमारे आशावादी होने, जोखिम लेने और चुनौतियों के बावजूद डटे रहने की अधिक संभावना होती है। हालाँकि, यदि हम नकारात्मक अपेक्षाएँ पालते हैं, तो हम टाल-मटोल करने वाले, झिझकने वाले या आत्म-संदेह करने वाले हो सकते हैं, जिससे हमारी क्षमता बाधित हो सकती है और हमारे अनुभव सीमित हो सकते हैं।

याद रखें, यह वर्तमान ही है जो आपके जीवन में महत्वपूर्ण है जो बेहतर कल के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने की क्षमता रखता है....अपने अनुभव को जोड़ने के साथ अपने प्रयासों में प्रयोग करें,।  सही दिशा में किए गए उचित प्रयास आपके आने वाले कल को उज्ज्वल बनाने की क्षमता रखते हैं... हां, लेकिन आपको वर्तमान में किए गए प्रयोग के प्रति सचेत रहना होगा।

नजरिया जीने का: जीवन में सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहना सीखिए, अपनाएँ ये टिप्स

 जीवन में सफल होने के लिए प्रसन्नता एक महत्वपूर्ण कारक है। जब आप प्रसन्न रहते हैं, तो आपके मन में सकारात्मकता और ऊर्जा बनी रहती है, जो आपको कठिनाइयों का सामना करने और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करती है। यहाँ कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको प्रसन्न रहना सिखा सकते हैं:

1. आभार व्यक्त करें:

अपने जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, उसके लिए आभार व्यक्त करें। रोज़ाना कुछ मिनट निकालकर उन चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं। आभार का भाव आपके मन में सकारात्मकता लाता है और छोटी-छोटी खुशियों को भी महसूस करने में मदद करता है।

2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ:

शारीरिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और पर्याप्त नींद को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इससे आप ऊर्जावान और प्रसन्न महसूस करेंगे।



3. सकारात्मक सोच रखें:

जीवन में नकारात्मकता से दूर रहें और सकारात्मक सोच को अपनाएं। हर परिस्थिति में सकारात्मक पहलू को देखने का प्रयास करें। यह आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा और जीवन में सफल होने में मदद करेगा।

4. स्वयं के साथ समय बिताएं:

नियमित रूप से स्वयं के साथ समय बिताएं, ध्यान करें, या अपने शौक को पूरा करें। यह आपको अपने मन को शांत रखने और अपनी खुशी को पहचानने में मदद करेगा।

5. संबंधों में संतुलन बनाएं:

अच्छे संबंध हमारे जीवन में खुशियाँ लाते हैं। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं, उनकी भावनाओं को समझें, और अपनी भावनाओं को साझा करें। संतुलित संबंध प्रसन्नता का एक महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।

6. लक्ष्य निर्धारित करें और उन पर काम करें:

अपने जीवन में स्पष्ट और यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। जब आप अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करते हैं, तो आपको अपने जीवन में उद्देश्य का एहसास होता है, जो आपको प्रसन्न रखता है।

7. माफ करना सीखें:

किसी के प्रति द्वेष या क्रोध रखना आपकी प्रसन्नता को कम कर सकता है। माफ करने की कला सीखें, चाहे वह खुद के लिए हो या दूसरों के लिए। माफ करना आपको मानसिक शांति देता है और आपको प्रसन्न रखता है।

8. वर्तमान में जीना सीखें:

अतीत की गलतियों और भविष्य की चिंताओं से मुक्त होकर वर्तमान में जीना सीखें। हर पल को पूरी तरह से जीने का प्रयास करें, यह आपको जीवन की खुशियों का अनुभव कराएगा।

9. जीवन में विनम्रता और सादगी अपनाएँ:

विनम्र और सरल जीवन जीने का प्रयास करें। इससे आपके जीवन में अनावश्यक तनाव और चिंताएँ कम होंगी और आप अपने आप को अधिक प्रसन्न महसूस करेंगे।

10. हंसी-मजाक और मनोरंजन:

हंसी-मजाक और हल्के-फुल्के पलों का आनंद लें। हास्य आपके जीवन में प्रसन्नता लाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है।

इन टिप्स को अपनाकर आप अपने जीवन में प्रसन्नता को बढ़ा सकते हैं, जो अंततः आपके जीवन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

नजरिया जीने का: मुश्किल से सीखा है, ये दर्द छुपाने का हुनर @ मुहब्बत बेइंतहा

 


"मुश्किल से सीखा है, ये दर्द छुपाने का हुनर,

बनावटी मुस्कराहट से थक जो गया था मैं। "


"हाँ हर दर्द के सहने की एक हद तो होती हीं है,

दर्द में भी तेरी खातिर,हंसने का कला सीख गया था मैं। "


"इश्क के दरिया में रखा, जीवन का वो पहला कदम था

सोचता हूँ, कैसे समंदर से बहुमूल्य मोती पा गया था मैं। "


"आसान नहीं था ये जानना कि, मुहब्बत बेइंतहा होती है,

नादान था, क्यों अनजाने में, तुमसे टकरा गया था मैं। "


नजरिया जीने का: कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है-ऐसे करें सामना


जीवन मे कठिन समय का आना और जाना लगा राहत है और आप उससे बच नहीं सकते। हाँ, आप अपने पाज़िटिव सोच और अपनी एट्टी ट्यूड से उससे निकाल सकते हैं। 

जब आप मुश्किल समय से गुज़र रहे हों, तो दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ने से तनाव कम करने, अपने मूड को बेहतर बनाने और सभी बदलावों और व्यवधानों को समझने में मदद मिल सकती है।







याद रखें दोस्तों, सफलता तो हमें अपने प्रयासों के अंतिम दौर मे हीं  मिलती है, लेकिन इसका मतलब यह कदापि नहीं कि हमारे पहले के प्रयास बेकार और निरर्थक थे। 
हथौड़े के अंतिम  वार से चट्टान चकनाचूर होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमारा पहला वार बेकार था।
सफलता निरंतर परिश्रम का फल होता है। 








बुधवार, 26 फ़रवरी 2025

नजरिया जीने के: झगड़ालू माहौल की अपेक्षा सह-अस्तित्व को अपनाएं, जीवन सँवर जाएगा


 आजकल के भागदौड़ वाले जीवन में कंफ्लिक्ट्स या विचारों में अंतर का होना आम बात है। जाहिर है हमारे रिश्तों की बागडोर को बनाए रखने के लिए भी जरूरी है कि हम अपने मतभेदों को भुलाएं और रिश्तों के बुनियाद को सूखने से बचाए। जब रिश्तों की बात आती है तो मनमुटाव का होना अपरिहार्य है और इसे अवॉइड करना कुछ हद तक मुश्किल होता है। लेकिन यह भी सच है कि भावनात्मक रूप से परेशान करने वाला या कठोर नहीं होना चाहिए क्योंकि यह कहा गया है कि "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"और आप विश्वास करें कि यही जीवन का एकमात्र सच्चाई है। 

हमारे जीवन मे झगड़े अक्सर इसलिए होते हैं क्योंकि हम खुद इतनी जल्दी और तुनकमिजाजी हो चुके हैं कि लोग एक-दूसरे को सुनने से पहले अपनी बात कहने की जल्दी में होते हैं। और शायद यही वजह है कि हम अपनी तर्कशक्ति को भूल कर गाली गलौज और अपमानकारी भाषा का इस्तेमाल शुरू करते हैं जो किसी भी झगड़े के आरंभ का पहला और तात्कालिक कारण होता है। 

आज के इस दौर मे जहां हमें अपने हेक्टिक शईडुल और भागती जिंदगी मे रिश्तों को बचाने कि जदोजहद से दो चार होना हमारी लाचारी बन चुकी है, ऐसे मे अगर हम झगड़ों कि कीमत पर सह-अस्तित्व की भावना को तिलांजलि देंगे तो बहाल जीवन का क्या हश्र होगा? ऐसे में यह जरूरी है कि हम  झगड़ों को छोड़कर सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा दें ताकि हमारा जीवन सँवर सके। 

जीवन में सह-अस्तित्व का मतलब हीं यही है कि  मिल-जुलकर रहना और  दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना और संघर्षों से ऊपर उठना। जब आप झगड़ों से बचकर एक-दूसरे को समझने और अपनाने का प्रयास करते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और संतोष बढ़ता है।

अगर आप जीवन मे झगड़े और समझौते के महत्व को समझेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक तरफ जहां झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है। समझौते कि कीमत को समझें और झगड़े कि नकारात्मक प्रभाव को कभी भी जीवन मे तवज्जो नहीं दें। 

अक्सर हम जीवन मे खुद के कद से अधिक अपने अहंकार को बना लेते हैं जो एक प्रमुख वजह होता है आपस के रिश्तों को खत्म कर अहंकार के बीजारोपन का। याद रखें, जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।

  • "हर झगड़े में जीतने से ज्यादा जरूरी है रिश्ते को बचाना।"
  • "झगड़े इंसान को तोड़ते हैं, समझौता रिश्तों को जोड़ता है।"
  • "अगर हम हर लड़ाई जीतना चाहें, तो शायद रिश्ते हार जाएंगे।"
  • "जहां अहंकार खत्म होता है, वहां झगड़ा भी खत्म हो जाता है।"
  • "कुछ रिश्ते माफी मांगने से नहीं, समझने से सुलझते हैं।"
  • "जुबान के तीखे शब्द सबसे बड़े झगड़े की जड़ बन सकते हैं।"
  • "झगड़े से सुकून कभी नहीं मिलता, लेकिन समझदारी से शांति जरूर मिलती है।"
  • "झगड़े से दूरी और प्यार से नजदीकी बनती है।"

रविवार, 9 फ़रवरी 2025

नजरिया जीने का: राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए आंदोलन का अपहरण और जनता की आँखों मे धूल झोंकना पड़ा महंगा


नजरिया जीने का: अगर आप 2025 के चुनाव परिणामों का आकलन करेंगे तो यह स्पष्ट है कि ये रिजल्ट न केवल आप की हार हैं, बल्कि उसके झूठ, अहंकार और अराजकता की राजनीति के खिलाफ जनता का गुस्सा भी हैं  जिसने पिछले चुनावों मे आप को सर माथे पर बैठाया और भाजपा और काँग्रेस को ठेंगा दिखाया था। लेकिन इस बार लोगों ने काँग्रेस को शून्य पर रखते हुए भी भाजपा और मोदी की गारंटी पर मुहर लगा दिया। 

अरविन्द केजरीवाल का भारतीय राजनीति मे उदय वास्तव मे रामदेव, अन्ना हजारे और अन्य नागरिक समाज समूहों द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की परिणति थी। आंदोलन का काफी सफाइ के साथ अरविन्द केजरीवाल एण्ड कंपनी ने हाइजेक कर राजनीति मे अपना मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थिति भी ऐसी की न केवल भारत बल्कि दुनिया मे राजनीति मे कुछ नया करने का दंभ भरने वाले अरविन्द केजरीवाल एण्ड कंपनी ने लोकप्रियता का लाभ उठाकर AAP राजनीति मे आई।  पार्टी मे कांग्रेस शासन के गहरे भ्रष्टाचार को उजागर किया था और आंदोलन के जोश को हाइजेक कर केजरीवाल सत्ता हथिया लिया था। 

अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए आंदोलन का अपहरण कर अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी नामक एक  ऐसी पार्टी बनाई जिसने भ्रष्टाचार को खत्म करने और कुशल शासन लाने का वादा किया। 

काफी सफाई से केजरीवाल ने सत्ता पर कब्जा कर नया करने के नाम पर लोगों के आँखों मे धूल झोंक कर और मुफ़्त के रेबड़ी  थमा कर लगभग एक दशक तक शासन किया लेकिन उन मुद्दों को काफी सफाई से टच तक नहीं किया जैसे भ्रस्टाचार पर वार, लोकपाल, यमुना की सफाई, दिल्ली को पेरिस बनाने का वादा। 

इसके बदले दिल्ली को क्या मिला? घोटाले, कुप्रबंधन और एक भूतिया सरकार का नाटक जिसमें नाकामियों के बदले सिर्फ मोदी सरकार को गाली देना। ऐसे सरकार  जहां मुख्यमंत्री के पास कोई मंत्रालय नहीं था और कोई वास्तविक जिम्मेदारी नहीं थी और काम के नाम पर सिर्फ दिखावा और प्रचार का पाखंड। 

 कर्तव्य का यह परित्याग और लोगों के साथ विश्वासघात AAP के शासन की परिभाषित विशेषता बन गई और यही केजरीवाल एण्ड कंपनी के लिए काल साबित हट । दिल्ली को बिगड़ने के लिए छोड़ दिया गया जबकि केजरीवाल ने आत्म-प्रचार, दोषारोपण और राजनीतिक विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया। और ऐसे हालत मे परिणाम तो यही होना था क्योंकि केजरीवाल काम करना ही नहीं चाहते थे और घमंड ऐसे कि काँग्रेस और सहयोगियों को अपनी हठधर्मिता से झुकना इनका विशेषता बन चुकी थी। 

शनिवार, 8 फ़रवरी 2025

Delhi Election Result: कारण जिसने डुबोई अरविंद केजरीवाल की नैया

Arvind Kejriwal defeat reason Delhi Election

आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में 27सालों बाद भाजपा का वनवास खत्म होने को है। मतगणना के रुझान बताते हैं कि आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है ओर अरविंद केजरीवाल को करारी हार मिलने जा रही है। आखिरकार वो कौन से कारण रहे जो भाजपा को 27 सालों बाद सता में वापसी का मौका दिया और केजरीवाल एंड कंपनी को रुझानों के मुताबिक मिलने वाली हार का मार्ग प्रशस्त किया। अगर देखी जाए तो एग्जिट पोल ने भी भाजपा के पक्ष में जीत के संकेत दिए थे और बात जहां तक हार की है तो निम्न कुछ कारण हैं जिसने केजरीवाल की हार में प्रमुख भूमिका निभाई।

कमजोर नेतृत्व: अरविंद केजरीवाल भले हीं सिंगल मैन आर्मी बनकर पार्टी का बागडोर संभाले रखें लेकिन अब जनता का उनसे मोह भंग हो चुका है। सच तो यह है कि कमजोर नेतृत्व भी एक बड़ा कारण रहा है, जिसके कारण आम आदमी पार्टी का कैडर बुरी तरह इस चुनाव में बिखर गया। इसके विपरीत भाजपा ने अपने पार्टी के मजबूत संगठनात्मक ढांचा लाभ उठाया और आम आदमी पार्टी पर बढ़त बनाई।
भारी पड़ा भ्रष्टाचार के आरोप: आम आदमी पार्टी भले हीं मेरा केजरीवाल ईमानदार है जैसे नारे से लोगों को लुभाने की कोशिश की लेकिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के लगे आरोप उनके लिए महंगे पदों जिससे लोगों का भरोसा आम आदमी पार्टी पर कम हुआ।
आंतरिक कलह और भीतरघात: आम आदमी पार्टी की हार में पार्टी कीआंतरिक कलह और भीतरघात भी एक बड़ा कारण रहा जिसने उसके हार की स्क्रिप्ट तैयार की। अरविंद केजरीवाल हमेशा इस मुगालते के शिकार रहे की उनकी पार्टी दिल्ली में अजेय है और पार्टी के अंदर कोई कलह नहीं हैं यह और बात है कि इसी आत्मविश्वास के कारण पार्टी का कैडर बिखर गया और पार्टी का संगठनात्मक ढांचा कमजोर हो गया।
कांग्रेस ने डुबोई लुटिया: इंडी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ना और कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति भी आम आदमी पार्टी पर भारी पड़ी।अलग से चुनाव लड़ने से वोटों का बिखराव हुआ, जिससे आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा।
भाजपा के लुभावने वादे: आम आदमी पार्टी को हराने में भाजपा ने उसके लुभावने वादे के हथियार से उसे हीं मात कर दिया। भाजपा की आक्रमक चुनावी रणनीति और बड़े एलान भी एक बड़ा कारण रहा, जिससे आम आदमी पार्टी को नुकसान पहुंचा।