असफलता को सकारात्मक रूप से स्वीकार करना और उससे सीखना ही सफलता की ओर उठाया गया पहला कदम है क्योंकि सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं।
असफलता को स्वीकार करना सीखें
जब तक आप असफलता को स्वीकार करना नहीं सीखेंगे, तबतक आप खुद को सफलता के नए इम्तहान के लिए तैयार नहीं कर पाएंगे।
हमें इस तथ्य को स्वीकार करना सीखना होगा कि असफलता कोई अंत नहीं, बल्कि एक नया अवसर है जो हमें यह बताता है कि हमारी तैयारियों मे कुछ कमी रह गई थी। इतिहास गवाह है कि बिजली के बल्ब का आविष्कार करने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने 1000 बार अपने प्रयासों मे असफलता का स्वाद चखा था। अगर वो असफलता से निराश होकर अपने प्रयासों को छोड़ देते तो क्या वह आविष्कार कर पाते।
कारणों की समीक्षा करें
किसी भी प्रयास मे शुरुआत मे मिलने वाले असफलता से घबराएं नहीं बल्कि उनका मूल्यांकन करें और उसपर विचार करें कि आखिर कहाँ कुछ कमी रह गई थी। उन गलतियों से सीखने का कोशिश करें और सीखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उन गलतियों का आत्मविश्लेषण करें और उन कारणों को समझें जिनकी वजह से हम सफल नहीं हो पाए।
असफलता से घबराएं नहीं
असफलता सिर्फ एक पड़ाव है, मंज़िल नहीं। हर हार के बाद एक नई शुरुआत होती है। असफलता को सीखने का अवसर मानें और इसे अपनी सफलता की सीढ़ी बनाएं। शुरुआती असफलता सफल लोग वही होते हैं जो असफलता से घबराते नहीं, बल्कि अपनी गलतियों को सुधारते हैं। जब भी आप असफल हों, अपने लक्ष्य की ओर एक नए दृष्टिकोण से बढ़ें और उसमें सुधार करें।
अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें
अपने प्रयासों मे मिली हुई असफलता से निराश होकर खुद पर अविश्वास करना सबसे बड़ी भूल है जिसके लिए खुद को कभी माफ नहीं किया जा सकता। असफलता मिलने के बाद जब आपको खुद को इन्सपाइर और मोतिवेट करने की जरूरत है, आप खुद पर अविश्वास करके खुद को और भी नकारात्मक कर रहे हैं। असफलता के बावजूद भी आप अपनी काबिलियत और स्किल को फिर से निखारें और नई रणनीतियों को बनाएं और अपने खोए हुए आत्मविश्वास को एक बार फिर से तलाशें और फिर नए जोश से काम मे लग जाएँ। सफलता आपकी होगी, इस प्रण के साथ आगे बढ़ें। सकारात्मक सोच रखें और खुद को उन लोगों से घेरें जो आपको प्रोत्साहित करते हैं।
कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें
जीवन मे मिलने वाले असफलताओं से निराश होकर हताश होने की जगह आप खुद को अलर्ट मोड मे लेकर आयें और कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। अपने नाकामियों और असफलता के कारणों का मोनिट्रिंग करें और साइअन्टिफिक वे मे उन्हे नोट करे तथा नए स्ट्रैटिजी के साथ खुद को बैटल जोन मे लाएं। याद रखें, बैटल जॉन या वॉर जोन हमारा लक्ष्य है जब तक हमें सफलता नहीं मिल जाती।
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