बुधवार, 20 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को नीली रोशनी में कुतुब मीनार की तस्वीर

 

प्रत्येक बच्चे के अधिकारों का जश्न मनाने के लिए, हर साल 19-20 नवंबर को विश्व स्तर पर और भारत में ऐतिहासिक स्थलों को नीली रोशनी में सजाय  जाता है। इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीं है "भविष्य की बात सुनें" । भविष्य को सुनें: विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति भवन, प्रधान मंत्री कार्यालय (उत्तर और दक्षिण ब्लॉक), संसद भवन, इंडिया गेट, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय बाल अधिकारों के लिए एकजुटता में नीली रोशनी में जगमगाते हैं। इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीं है स्मारक विषय "भविष्य की बात सुनें" है।

नजरिया जीने का: विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को नीली रोशनी में राष्ट्रपति भवन

 

विश्व बाल दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन... प्रत्येक बच्चे के अधिकारों का जश्न मनाने के लिए, हर साल 19-20 नवंबर को विश्व स्तर पर और भारत में ऐतिहासिक स्थलों को नीली रोशनी में सजाय  जाता है। इस वर्ष के विश्व बाल दिवस का थीं है "भविष्य की बात सुनें" ।

मंगलवार, 19 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: खुद को कोसना छोड़े और जानें क्या होता हैं भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य

जीवन में परेशानियों का आना और जाना लगा रहता हैं क्योंकि अगर आपके जीवन में अगर कोई लक्ष्य है तो उसे पाने की कोशिश करने की जरूरत है। जाहिर है अगर कोशिश है तो रास्ते में बाधाएं  होंगी और उन्हें पार पाने की जद्दोजहद का नाम हीं तो संघर्ष है। 
अब सवाल यह है कि क्या हमें इन परेशानियों और उनसे संघर्ष को अपनी नाकामी और बदकिस्मती मान लेनी चाहिए?
आप सबसे पहले समझे कि भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य होता क्या है और क्या आप वाकई में इतने खुश किस्मत वाले लोगों में शामिल नहीं हैं।
किसी ने क्या खूब कहा है कि-
"मन का शान्त रहना, भाग्य है
मन का वश में रहना, सौभाग्य है।
मन से किसी को याद करना, अहो भाग्य है।
मन से कोई आपको याद करे, परम सौभाग्य है।"

तो फिर आप यह क्यों नहीं सोचते कि एकमात्र चीज जो आपके भाग्य से सीधा संबंधित है वह है आपका मन और वही आपके भाग्य, सौभाग्य, अहो भाग्य और सौभाग्य का निर्धारक है।

अगर जीवन के संघर्ष में भी आप वाकई में शांत है और अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार हैं तो आप सबसे ज्यादा भाग्यशाली व्यक्ति हैं 


      

पेरेंटिंग टिप्स : माता-पिता-बच्चे के रिश्ते को कैसे मजबूत करें


आज कि जीवन स्टाइल मे जहां सबके पास काफी हेक्टिक लाइफ सेडयूल है और घर से ऑफिस तक का स्ट्रेस सभी पेरेंट्स पर हावी हो चुका है। सवाल है कि  ऐसे लाइफ स्टाइल मे उन बच्चों के लिए हम पेरेंट्स कितना न्याय  कर पाते हैं जिनके लिए हीं हम ये तमाम स्ट्रेस लेते हैं। मत-पिता और बच्चों के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए प्यार, विश्वास और समझ की ज़रूरत होती है। यहाँ कुछ पेरेंटिंग टिप्स दिए गए हैं जो आपके रिश्ते को और बेहतर बना सकते हैं:

बच्चों के साथ समय बिताएं

तमाम व्यस्तताओं के वावजूद आप अपने बच्चों के साथ दिन का कुछ समय सिर्फ और सिर्फ उनके लिए रखें। बच्चों के साथ जब आप हों तब सिर्फ उनकी सुने  और अपनी परेशानियों को खुद से दूर रखे क्योंकि आपकी परेशानी आप से अधिक  आपके बच्चों के लिए हानिकारक हो सकती है। याद रखें, हमारी परेशानियों कि चर्चा के लिए हमारे पार्टनर हैं, बच्चे नहीं। 

बच्चों से खुलकर बात करें

बच्चों के साथ अगर आप हैं तो  सब से पहले उन्हे यह विश्वास दिलाएं कि आप सिर्फ उनके लिए उनके साथ हैं और उनकी बातों को ध्यान से सुनें। उनकी बातों को सुनने के साथ ही उनके परेशानियों को समझे कुछ ऐसे कि  वो आपसे कुछ भी छिपायें नहीं। इसके साथ ही आप उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। जब बच्चा किसी समस्या से गुज़र रहा हो, तो उसे भावनात्मक सहारा दें साथ ही उन्हें बताएं कि आप हर परिस्थिति में उनके साथ हैं।

प्रशंसा और प्रोत्साहन दें

प्रशंसा और प्रोत्साहन कि भूख भला किसे नहीं होती है। वो कहते  हैं ना  कि "प्रेम से जानवरों को भी वश मे किया जा सकता है।" बच्चों को प्रेम प्रदर्शित करें और उनकी प्रसंशा करें। बच्चों को उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर भी उनकी सराहना करें और उन्हे प्रोत्साहित करें ताकि उन्हे लगे कि उसने कुछ अच्छा किया है। 

घर में अनुशासन के लिए नियम बनाएं 

अनुशासन कि महत्व को उन्हे समझने और घर मे भी उचित माहौल रखें। खुद भी अनुसाशन का पालन करें और उन्हे यह अहसास दिलाएं कि अनुसाशन का महत्व जीवन मे कितना महत्वपूर्ण है। बच्चे अक्सर अपने माता-पिता की आदतें और व्यवहार अपनाते हैं इसलिए, वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप उनसे अपेक्षा करते हैं।


नजरिया जीने का: भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

Najariya jine ka patience with the Bhagwad  Geeta

भगवद गीता में धैर्य (Patience) को महत्वपूर्ण गुणों में से एक बताया गया है, जो किसी व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में सही मार्ग पर बनाए रखने में सहायक होता है। परिवार के साथ धैर्य रखना हीं प्रेम है तथा  दूसरों के साथ धैर्य रखना सम्मान है। खुद के प्रति धैर्य रखना आत्मविश्वास है और ईश्वर के प्रति धैर्य ही विश्वास है।  गीता में धैर्य को आत्मसंयम, स्थिरता, और मन की शांति के साथ जोड़ा गया है।

गीता के अनुसार, धैर्य केवल प्रतीक्षा नहीं है, बल्कि आत्मसंयम, सकारात्मक दृष्टिकोण और सही मार्ग पर अडिग रहने की क्षमता है। इसे आत्मा की स्थिरता और आंतरिक शक्ति का प्रतीक माना गया है।

गीता के अनुसार धैर्य का अर्थ है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रहना अर्थात  कठिन समय में हार न मानना और अपने कार्य के प्रति निष्ठावान रहना। यह धैर्य ही हैं जो हमें कठिन परिस्थितियों मे भी सावधानी के साथ इंतजार करने और उससे निकलने मे अपने प्रयासों के प्रति ईमानदार बनाती है। 

गीता के अनुसार मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रखना भी धैर्य ही है जो हमें खुद पर  नियंत्रण करना सिखाती है साथ ही हमें लोभ, लालच और गलत करने के प्रति सावधान करते हुए अ पने मन और इंद्रियों को नियंत्रित करने की शक्ति प्रदान करती है। वास्तव में यह धैर्य ही है जो हमें  इंद्रियों पर नियंत्रण रखना सिखाती है। 

भविष्य में अच्छे परिणाम की आशा रखना और अपने प्रयास को जारी रखना भी धैर्य है जो गीता के प्रमुख उपदेशों मे शामिल है। सच तो यह है कि अपने वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास बनाए रखना भी धैर्य है जो गीता के अनुसार हमें सीख मिलती है।  

भगवद गीता के प्रमुख श्लोक जो धैर्य पर प्रकाश डालते हैं:

श्लोक: 2.14

"मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः।

आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत।।"

अर्थ: सुख-दुःख, ठंड-गर्मी आदि अनुभव जीवन में आते-जाते रहते हैं। ये अनित्य (अस्थाई) हैं। हे अर्जुन! इन्हें सहन करना सीखो।

तात्पर्य यह है  कि धैर्य का अर्थ केवल कठिनाइयों को सहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समझने में है कि ये परिस्थितियां अस्थायी हैं।

श्लोक: 6.5

"उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।

आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।"

अर्थ: मनुष्य को अपने आत्मा द्वारा स्वयं की सहायता करनी चाहिए और अपने को नीचे गिरने से बचाना चाहिए। आत्मा ही मनुष्य का मित्र है और आत्मा ही उसका शत्रु है।

धैर्य का अभ्यास तभी संभव है जब हम आत्मा के मित्र बनें और अपने भीतर की शक्ति का उपयोग करें।

सच्चाई तो यह है कि यह धैर्य ही है जो हमें जीवन मे सही निर्णय लेने में मदद करता है साथ हीं  धैर्य हमें कठिन समय सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।

धैर्य का महत्व जीवन मे और भी बढ़ जाता है जब हम विपरीत परिस्थितियों से दो-चार हो रहे होते हैं  और उस समय के संघर्षों का सामना धैर्य के बिना संभव नहीं।

===

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि लेख में बताए गए सुझाव/सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं ताकि आपको इस मुद्दे के बारे में अपडेट रखा जा सके जो आम लोगों से अपेक्षित है और इन्हें पेशेवर सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए/पालन नहीं किया जाना चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं और आपसे अनुरोध करते हैं कि यदि आपके पास विषय से संबंधित कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो हमेशा अपने पेशेवर सेवा प्रदाता से परामर्श करें।



नजरिया जीने का: पतझड़ भी हिस्सा है, जिंदगी के मौसम का, घबराएं नहीं


अक्सर हम पतझड़ के नाम  से हीं परेशान  हो जाते  हैं और  हमें। लगता  है कि बस  बहार  का मौसम ही जीवन है।

जबकि  सच  यह है कि पतझड़  भी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जैसे कि बसंत, ग्रीष्म, वर्षा और शिशिर ऋतुएं। 

पतझड़  का मौसम  तो  हमारे जीवन में आने  वाले बदलाव का संकेत  है। ठीक वैसे ही जैसे पतझड़ का  मौसम एक बदलाव की प्रक्रिया होती  है, जिसमें पुराने के स्थान पर नए की शुरुआत होती है।

वास्तव में  यह पतझड़ का मौसम  होता है हमें  समय के संदर्भ में कई सब सीखा जाता है।

सबसे पहला सीख जो हमें पतझड़ से सीखनी चाहिए वह हैवबदलाव की स्वीकृति: पतझड़ हमें सिखाता है कि बदलाव जीवन का एक आवश्यक हिस्सा है और उससे हमें डरना नहीं बल्कि स्वागत करना चाहिए।

यह हमारे वर्तमान परिस्थिति में परिवर्तन के साथ एक नई शुरुआत का भी संकेत है। पतझड़ के बाद बसंत आता है, जो नई शुरुआत का प्रतीक है।

यह हमारी सामान्य सोच है कि पतझड़ एक दुखद और बुरे दिनों का प्रतीक है। इस समय आपको धैर्य और साहस की जरूरत है जो कि प्रकृति  हमें सीखती है।ठीक उसी तरह जैसे अंधेरी रात के बाद सुबह नई रोशनी ले कर आती है 

जीवन पूरी तरह से अनिश्चितताओ से भरी हुई है और हम सदा अच्छे की उम्मीद हीं नहीं कर सकते। इस प्रकार से पतझड़ हमें जीवन की अनिश्चितता की याद दिलाता है।


नजरिया जीने का: मनमुटाव को दूर कर फिर से संवाद शुरू करें

जीवन मे मनमुटाव और मतभेदों का होना स्वाभाविक है और इसके लिए अपने ईगो को कभी भी बीच मे आने दें। जीवन बहुत मूल्यवान है और यहाँ संबंधों कि दिखावटी और बनावटी आवरण से हट कर वास्तविकता के साथ चलाने पर ध्यान दें। ध्यान दें, ससंबंधों को चलाने के लिए सबसे पहले, माफी मांगने में संकोच न करें, भले ही आप पूरी तरह से गलत न हों याद रखें, माफी मांगने से आपका कद छोटा नहीं बल्कि और भी बड़ा हो जाता है। 

मनमुटाव को दूर करना और फिर से संवाद शुरू करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से संभव है। थोड़ी सी कोशिश और धैर्य से आप अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं।

दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को स्वीकार करें और इसके लिए पहल अगर आपको भी करना होता है तो इसमे कोई बुराई नहीं है। इसकी कीमत पर आप उन्हे  बताएं कि आप उनकी परवाह करते हैं।

शांत और धैर्यवान रहें और अपने आपे को आप कभी नहीं खोए क्योंकि आपका खुद पर नियंत्रण करना जरूरी है अन्यथा सामने वाले आपका नियंत्रक हो जाएगा जो आपके वजूद के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

समस्या पर चर्चा करना अत्यधिक जरूरी है क्योंकि इससे ही उनका समाधान निकाल सकता है और इसके लिए सामने वाले कि बातों को सुना जाना जरूरी है और इसके लिए आप खुद पहल करें और एक दूसरे की बात सुनें।

याद रखें,मनमुटाव मनमुटाव इंसानों के बीच प्यार की कमी का संकेत नहीं, बल्कि समझ की कमी का संकेत होता है। और इसे सिर्फ अपने समझदारी और मिलकर बात कर के हीं सुलझाया जा सकता है। 

रिश्तों में मतभेद होना स्वाभाविक है, और आज कि भगदौड़ और अतिव्यस्त जीवन मे आप इस संभावना से इनकार  नहीं कर सकते लेकिन इसे निपटाने का तरीका ही संबंधों की गहराई को दिखाता है।



इसके साथ ही यह भी सच है कि जहां समझ होती है, वहां मनमुटाव भी प्यार को मजबूत बनाने का काम करता है तथा 
अहम और मनमुटाव को दरकिनार करना ही सच्चे रिश्ते की पहचान है। कभी-कभी छोटे मतभेद रिश्तों को बड़ा सबक सिखाने का काम करते हैं।


 
मतभेद तो होंगे ही, पर एक-दूसरे को समझने और स्वीकार करने की कला ही रिश्तों को खूबसूरत बनाती है। रिश्तों में दरार तब आती है, जब हम मनमुटाव को सुलझाने की जगह उसे बढ़ावा देने लगते हैं। 


जीवन में कभी भी मतभेद का मतलब रिश्ते का अंत नहीं, बल्कि नए दृष्टिकोण का आरंभ होता है हाँ इसके लिए पहल का किया जाना आवश्यक होता है। 



 जहां प्यार होता है, वहां मतभेद भी होते हैं, पर उन्हें सुलझाने की चाह रिश्ते को मजबूत बनाती है। सच्चे रिश्ते में मतभेद नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की शक्ति होती है।

सोमवार, 18 नवंबर 2024

केजरीवाल का मुफ्त पानी, बिजली, शिक्षा जैसी उदारतापूर्वक नीति साबित हुई अभिशाप: काँग्रेस

 

काँग्रेस ने आरोप लगा है कि  केजरीवाल कि मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, यह मुफ्त, वह मुफ्त जैसी उदारतापूर्वक नीति दिल्ली कि जनता के लिए अभिशाप साबित हुई हैं। उनके मुफ्त वादे केवल कागजों में दिख रह गए हैं, मुफ्त के नाम पर लोगों के साथ विश्वासघात किया है। पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लोगों को धोखे के अलावा कुछ नही मिला।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली न्याय यात्रा के 11वें दिन  शाहदरा विधानसभा, कृष्णा नगर विधानसभा और लक्ष्मी नगर विधानसभा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आप सरकार की विफलता के कारण दिल्लीवाले गंदगी में जीने को मजबूर है और गंदगी की वजह से बीमारी फैल रही है।  यादव ने डेंगू से मरने वाले व्यक्ति के परिवारजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इस वर्ष अभी तक रिकार्डतोड़ 4533 डेंगू के मामले दर्ज हुए है, जबकि नवंबर महीने में ही 472 मामले सामने आएं है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के संरक्षण वाली दिल्ली सरकार ने दिल्ली के ढांचागत विकास को ही हताहत नही किया बल्कि दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य, शिक्षा और आसपास के क्षेत्र के स्वच्छ रखने में विफल रहने के कारण उनको मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया है।

 उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति के तहत यात्रा के दौरान जमीनी स्तर पर काम करने वाले हर दिल्ली के नागरिक से मिल रहे है जिनकी सरकार ने पूरे 11 वर्षों के कार्यकाल में अनदेखी की है। न्याय यौद्धा प्रतिदिन यात्रा के दौरान गरीब, वंचित, मजूदर, ठेले वाले, रेहडी पटरी खोमचे वाले, सब्जी वाला, वृद्ध, मोची, नाई, धोबी, प्रेस वाला हर मजबूर व्यक्ति की पीड़ा और परेशानी की बात करके उसके स्थाई सामधान का आश्वासन दे रहे है जिसको भाजपा और आम आदमी पार्टी पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है।

 श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि केजरीवाल मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, यह मुफ्त, वह मुफ्त जैसी उदारतापूर्वक नीति अभिशाप साबित हुई हैं। उनके मुफ्त वादे केवल कागजों में दिख रह गए हैं, मुफ्त के नाम पर लोगों के साथ विश्वासघात किया है। पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लोगों को धोखे के अलावा कुछ नही मिला।

रविवार, 17 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: अतीत आपका शिक्षक है, वर्तमान एक गिफ्ट और भविष्य सुनहरा अवसर


सभी प्रमुख प्रेरक वक्ता और विचारक ने हमारे दिमाग में यह बात बिठा दी है कि भविष्य और अतीत के संबंध में हमारे कार्यों से निपटने का सबसे अच्छा समय केवल वर्तमान है। अतीत, वर्तमान और भविष्य के अनुभव के संबंध में विश्व के विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था- “हममें से जो लोग भौतिकी में विश्वास करते हैं, उनके लिए अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच का अंतर केवल एक कठोर भ्रम मात्र है।”

सच तो यह है कि अतीत एक अनुभव है, वर्तमान प्रयोग है और भविष्य अपेक्षा है। अपनी अपेक्षाओं को प्राप्त करने के लिए अपने प्रयोगों में अपने अनुभव का उपयोग करने हमें जीवन मे अपने भविष्य के बुनियाद को और भी मजबूत करने कि कोशिश करनी चाहिए जिस पर हम ठोस और मजबूत भवन का निर्माण कर सकें । 

आपने सुना भी होगा "यह कहना मुश्किल है कि क्या असंभव है... क्योंकि कल का सपना आज की आशा और कल की वास्तविकता है..."

प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का कथन याद रखें- "अतीत आपका शिक्षक है। वर्तमान आपका उपहार है। भविष्य आपका अवसर है।"

भागवद गीता से मिले इस शिक्षा को कभी नहीं भूलें-

अतीत के बारे में कभी भी गंभीरता से न सोचें, यह आँसू लाता है

भविष्य के बारे में अधिक मत सोचो, यह डर लाता है।

इन पलों को मुस्कुराहट के साथ जिएं, इससे खुशियां आती हैं।

हमारे अतीत के अनुभव भविष्य के बारे में हमारी अपेक्षाओं को बनाने के लिए एक आधार के रूप में काम करते हैं। हम सफलताओं और असफलताओं से सीखते हैं, "क्या काम करता है" और "क्या नहीं" का एक मानसिक डेटाबेस बनाते हैं। यह डेटाबेस भविष्य के परिणामों के बारे में हमारी भविष्यवाणियों को प्रभावित करता है, समान स्थितियों या निर्णयों से हम जो आशा करते हैं उसे आकार देते हैं।

यह सच है कि हम अपना लक्ष्य पूरी लगन और प्रतिबद्धता के साथ तय करना सीखना होगा और इसमे हमें किसी प्रकार का संदेह नहीं होनी चाहिए क्योंकि कितनी भी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम उससे भटक नहीं सकते, लेकिन अगर आप अपने कल के अनुभव से सबक नहीं लेंगे तो यह बेकार है।

 भविष्य के प्रति हमारी अपेक्षाएँ हमारे वर्तमान कार्यों को प्रेरित करती हैं। जब हम सकारात्मक परिणामों की उम्मीद करते हैं, तो हमारे आशावादी होने, जोखिम लेने और चुनौतियों के बावजूद डटे रहने की अधिक संभावना होती है। हालाँकि, यदि हम नकारात्मक अपेक्षाएँ पालते हैं, तो हम टाल-मटोल करने वाले, झिझकने वाले या आत्म-संदेह करने वाले हो सकते हैं, जिससे हमारी क्षमता बाधित हो सकती है और हमारे अनुभव सीमित हो सकते हैं।

याद रखें, यह वर्तमान ही है जो आपके जीवन में महत्वपूर्ण है जो बेहतर कल के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने की क्षमता रखता है....अपने अनुभव को जोड़ने के साथ अपने प्रयासों में प्रयोग करें,।  सही दिशा में किए गए उचित प्रयास आपके आने वाले कल को उज्ज्वल बनाने की क्षमता रखते हैं... हां, लेकिन आपको वर्तमान में किए गए प्रयोग के प्रति सचेत रहना होगा।

शुक्रवार, 15 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: आचार्य चाणक्य के ये Quotes आपके नीरस जीवन मे जोश भर देंगे

 


आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, वह एक  प्राचीन भारत के महान विचारक, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। वह अक्सर कहा करते थे कि धरती के वह वास्तविक राजा देंगे और उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य के रूप मे एक विख्यात राज्य वंश का स्थापना किया। उन्होंने मौर्य साम्राज्य कि स्थापना से लेकर उसके कीर्ति पताका फहराने मे प्रमुख योगदान दिया है।  उनकी नीतियों और उक्तियों में गहरी जीवन-दृष्टि और व्यावहारिक ज्ञान छिपा हुआ है। 

आचार्य चाणक्य कि उक्तियाँ

  • अहंकार एकमात्र शत्रु है, यह व्यक्ति को स्वयं ही नष्ट कर देता है। 
  • कोई काम शुरू करने से पहले खुद से तीन प्रशन कीजिये - मै ये क्यों कर रहा हूँ, इसके परिणाम क्या हो सकते है और क्या मै सफल होऊंगा? और जब गहराई से सोचने पर इन प्रशनो के संतोषजनक उत्तर मिल जाए, तभी आगे बढ़िए | 
  • व्यक्ति अपने उद्देश्य के लिए बाधाओं को विनाश करना चाहिए, न कि बाधाएं अपने उद्देश्य को। 
  • सबसे बड़ा गुरु मंत्र - अपने राज़ किसी को भी मत बताओ ये तुम्हे ख़त्म कर देगा |
  • यदि तुम किसी को नियंत्रित करना चाहते हो, तो उसका ख्याल रखो कि तुम स्वयं नियंत्रित नहीं हो रहे हो।" 
  • कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिए जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हो, ऐसी मित्रता कभी आपको खुशी नहीं देगी | 
  • स्व-अनुशासन रखो, दूसरों की बजाय अपनी गलतियों से सीखो।
  • आपकी बुद्धि आपकी शक्ति है। यह आपकी सबसे अच्छी दोस्त और नेमिश है। 
  • जीवन के तीन मंत्र - आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में उतर मत दीजिये, दुःख में निर्णय मत लीजिए |
  • सेवक को तब परखे जब वह काम न कर रहा हो, रिस्तेदार को किसी कठिनाइ में, मित्र को संकट में और पत्नी को घोर विपत्ति में 
  • जो कुछ तुम्हारे पास है, उसे अच्छे से उपयोग करो। जो कुछ तुम्हारे पास नहीं है, उसे प्राप्त करने के लिए काम करो।
  • जब तक तुम डरते रहोगे तुम्हारे जिंदगी  के फैसले कोई और लेता रहेगा 
  • सत्य, क्षमा, सम्मान, स्वाधीनता, न्याय - ये आदर्श एक समान्य व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी संपत्ति हैं। 
  • शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखे |
  • आदमी अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान होता है 
  • व्यक्ति को हमेशा धीमे आदेश दो, क्योंकि वह उन्हें अच्छी तरह से पालन करेगा। 
  • निरंतर प्रयास करो और उद्यमिता बरतो। इसे नशा कहो, नहीं तो इसमें नष्ट हो जाओगे। 
  • मैदान में हारा हुआ फिर से जीत सकता है परन्तु मन से हरा हुआ कभीजीत नहीं सकता | आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेश्ठ पूंजी है | 
  • अगर शत्रु में भी गुण दिखे तो उन्हें अपना लेना चाहिए |
  • मुर्ख लोगो से वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते है | 
  • दुर्गुण से चाहने वाला सदैव दुर्गुणों में ही रहता है। 
  • "एक अच्छे राजा का सबसे बड़ा गुण उसकी बुद्धि है."
  • "एक देश की शक्ति उसकी सेना में नहीं, बल्कि उसकी जनता में होती है."
  • "एक मजबूत अर्थव्यवस्था एक मजबूत राष्ट्र की नींव है."
  • "शिक्षा एक राष्ट्र के विकास का सबसे महत्वपूर्ण कारक है."
  • "सच्चाई और न्याय ही एक अच्छे समाज की नींव है."
  • ईमानदारी से जीवन जीने वाला व्यक्ति हमेशा सम्मान पाता है।
  • सच्चाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
  • धैर्य से ही व्यक्ति कठिनाइयों को पार कर सकता है।
  • सही मित्र का चयन व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाता है।
  • शत्रु से सतर्क रहना चाहिए।
  • समय का सदुपयोग ही सफलता की कुंजी है।
  • ज्ञान सबसे बड़ी संपत्ति है।
  • शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और जवानी को परास्त कर देती है।
  • सही समय पर किया गया कार्य सफलता की कुंजी है।
  • मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करता है। सही समय पर लिया गया निर्णय जीवन बदल सकता है।
  • दूध के साथ विष मिला हो तो उसे तुरंत त्याग देना चाहिए। उसी प्रकार बुरे व्यक्ति और मित्र को भी छोड़ देना चाहिए।
  • धन का संग्रह इस प्रकार करें जैसे चींटी अपनी खुराक के लिए करती है। परिश्रम और बचत का महत्व समझें।
  • धन उसी का है जो उसका उपयोग सही कार्य में करता है।"
  • एक बुद्धिमान व्यक्ति को दूसरों के दोषों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।"
  • दुष्ट व्यक्ति और सांप में अंतर है। सांप केवल तभी काटेगा जब वह खतरा महसूस करेगा, लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर समय दूसरों को नुकसान पहुंचाने की सोचता है।
  • घर वही है जहाँ महिला सम्मानित हो। जहाँ महिला का सम्मान नहीं होता, वह घर नरक के समान है।
  • कोई भी कार्य कठिन नहीं है यदि उसे छोटे-छोटे चरणों में किया जाए।"
  • कठिन समय में व्यक्ति को धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए। यही सफलता का मूलमंत्र है।
  • कभी भी अपने रहस्यों को किसी और के साथ साझा मत करें। यह आदत आपको नष्ट कर सकती है।
  • दुश्मन को कभी कमजोर न समझें। वह छोटी सी चिंगारी भी बड़ा विस्फोट कर सकती है।
  • अपना मन शांत रखें। मन की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है।
  • जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण नहीं कर सकता, वह जीवन में सफल नहीं हो सकता।
  • एक मूर्ख से बहस करने का मतलब है कि आप भी मूर्ख हैं।
  • जो समय के साथ नहीं बदलता, वह नष्ट हो जाता है।

बुधवार, 13 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: पंडित नेहरू "जिनके लिए तो बच्चों के चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है"



बाल दिवस भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है। बच्चों के प्रति नेहरू जी का विशेष लगाव था और वे उन्हें देश का भविष्य मानते थे। इसीलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या, "सिर्फ बाल दिवस के अवसर पर" बच्चों को नेहरू जी के बारे मे बताकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर लेना ही पंडित जी के बच्चों के प्रति लगाव को सार्थक किया जा सकता है?

आग आप वाकई मे पंडित नेहरू को सच्चे रूप से याद करना चाहते हैं तो  इसके लिए सबसे अच्छा होगा कि बच्चों को उनके हक से वंचित नहीं करें। जी हाँ, बच्चे पंडित नेहरू की जीवन थे और उनके बगैर उनके वजूद कि कल्पना भी नहीं की जा सकती। बच्चों के प्रति उनकी सोच को दर्शाती नेहरू जी के इस कथन को मर्म को समझे-"जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"

पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों के प्रति गहरा लगाव रखते थे और वे उन्हें देश का भविष्य मानते थे। बाल दिवस बच्चों को प्यार और स्नेह देने और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करने का एक विशेष अवसर है। आइए हम सभी मिलकर बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने का संकल्प लें।

बाल दिवस, जिसे भारत में हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों के प्रति उनके स्नेह और प्रेम को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत लगाव था, और बच्चे उन्हें "चाचा नेहरू" के नाम से पुकारते थे। उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं, और उनके अच्छे भविष्य के लिए शिक्षा और अच्छे संस्कार बेहद जरूरी हैं।

"बच्चे आज के भारत का भविष्य हैं। जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, वही हमारे देश का कल निर्धारित करेगा।"

"हम वास्तविकता में तब तक इंसान नहीं बन सकते जब तक हममें बच्चों जैसी मासूमियत और उत्सुकता न हो।"

"जिंदगी को अपने मासूम नजरिए से देखने के लिए बच्चों से बेहतर कोई तरीका नहीं है। उनके चेहरे की मुस्कान में दुनिया का भविष्य छिपा है।"

"हर छोटा बच्चा एक फूल की तरह है, उसकी सुगंध और मासूमियत का ख्याल रखना हमारा कर्तव्य है।"

"शिक्षा वह माध्यम है जिससे एक बच्चा न केवल ज्ञान प्राप्त करता है, बल्कि वह खुद को और समाज को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होता है।"


सोमवार, 11 नवंबर 2024

नजरिया जीने का: सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) Quotes

 






सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel): प्रमुख कोट्स 
  1. आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं, जबकि एकता की कमी हमें नयी आपदाओं में डाल देगी।
  2. जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
  3. अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।
  4. इस मिट्टी में कुछ खास बात है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास बना रहा है।
  5. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।"
  6. मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
  7. हर भारतीय को अब भूल जाना चाहिए कि वह राजपूत, एक सिख या जाट है। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसके पास अपने देश में हर अधिकार है लेकिन कुछ कर्तव्यों के साथ।
  8. कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं तो वहीं, बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते है।
  9. अहिंसा को विचार, शब्द और कर्म में देखा जाना चाहिए। हमारी अहिंसा का स्तर हमारी सफलता का मापक होगा।
  10. बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।


नजरिया जीने का: संघर्ष-जो हमें सीमाओं से आगे लाकर और खुद पर विश्वास करना सिखाता है


संघर्ष हमें जीवन में कुछ नया सिखाने और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। सफलता तक पहुँचने का रास्ता कठिन हो सकता है, परन्तु निष्फल नहीं हो सकता। कहते हैं नया -जिसने संघर्ष को अपना साथी बना लिया, उसने सफलता का मार्ग भी खोज लिया। और जीवन कि वास्तविकता भी यही है।

 हो सकता है कि अक्सर ऐसे लोग भी हमें मिलते हैं जिन्हे काम संघर्ष कि बदौलत सफलता मिलती है लेकिन हमें इससे निराश होने कि जरूरत नहीं है दोस्तों क्योंकि कहते हैं नया-"बिना संघर्ष के मिली जीत का कोई मूल्य नहीं होता, यह संघर्ष ही हमें सफलता का असली आनंद दिलाता है।"

बिल गेट्स की वह कथन तो आपको याद हीं होगा जिसमें वह अपने परिश्रम और पुरुषार्थ के बारे में लिखते हैं कि " अगर आप गरीब घर में पैदा होते हैं तो इसमें आपका कोई दोष नही है लेकिन अगर आप गरीब होकर मर जाते हैं तो इसके लिए आप और सिर्फ आप दोषी हैं"

जीवन में सफलता के लिए ढेरों टिप्स ही सकते हैं और इनमें कई तो इतने शॉर्टकट होते हैं जो आपको गुमराह भी कर सकते हैं। लेकिन आपका हार्ड वर्क अर्थात कठिन परिश्रम और धैर्य आपका कभी भी साथ नहीं छोड़ सकता और इसमें हमें किसी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होनी चाहिए।

 दोस्तो, संघर्ष का रास्ता कठिन है, पर इसके साथ ही यह भी सत्य है कि यही हमें हमारे असली सामर्थ्य से मिलाता है। क्योंकि यह संघर्ष ही है जो हमें हमारी सीमाओं से आगे ले जाता है और खुद पर विश्वास करना सिखाता 

विश्वास करें दोस्तों, इतना तो हम सभी जानते हैं कि अगर हमें सूरज बनना है तो मार्ग में हमें जलना होगा और अगर शाम होते अपने घर पहुंचना है तो तपते रेगिस्तान पर हमें हर हाल में चलना होगा।

आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, कठिन परिश्रम और मेहनत की बदौलत कितने सामान्य से इंसान अपने सीमित संसाधनों की बदौलत अपने लक्ष्य को हासिल कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है।

असफलता एक चुनौती है… स्वीकार करो…

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो…

जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम…

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम…

कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती…

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती…

-हरिवंश राय बच्चन

जीवन मे संघर्ष से कतराकर निकालने वाले को इस बात को बढ़िया से याद कर लेनी चाहिए कि असली सफलता उसी को मिलती है, जो हर मुश्किल को अवसर में बदल देता है।

मतलब साफ है कि सफल होने के लिए आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और माता पिता के हालात की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नही है बल्कि उससे जरूरी है आपका सोच, परिश्रम और धैर्य। संघर्ष कभी निष्फल नहीं होता, हर कठिनाई हमें एक नई सीख देकर जाती है।