बुधवार, 17 सितंबर 2025

नजरिया जीने का: हर मनुष्य को कौए से सीखनी चाहिए ये 5 बातें@चाणक्य नीति


विश्व विख्यात दार्शनिक और चिंतक चाणक्य के विचार आज भी उतने हीं प्रासंगिक हैं जितने की आज से हजारों साल पहले थे. सच तो यह है कि चाणक्य का मूल्याङ्कन आज तक नहीं किया जा सका है. 

चाणक्य ने हमेशा से सीखने अनुशासन पर जोर दिया है. इसी सन्दर्भ में चाणक्य ने कौए से पांच बातों को सीखने पर जोर दिया है  प्रत्येक मानव को जरूर सीखनी चाहिए. 

चाणक्य के अनुसार, कौआ हमेशा अकेला ही अपना भोजन जमा करता है. काम में कभी आलस नहीं दिखाता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर कोई आदमी सफल होना चाहता है तो उसे कौवे से यह गुण सीखना चाहिए. 

कौवे बहुत बुद्धिमान होते हैं। वे चेहरे पहचान सकते हैं, द्वेष रख सकते हैं, और यहाँ तक कि गाड़ियों को भी पहचान सकते हैं। कौवे भोजन छिपाकर रखते हैं, और अगर कोई दूसरा प्राणी उन्हें छिपाते हुए देख ले, तो वे उसे हटा देते हैं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, आदमी अगर कौवे की तरह मेहनती होता है तो वह हमेशा दूसरों से आगे रहता है और जीवन में सफलता प्राप्त करता है. चाणक्य ने कौवे से निम्न पांच बातों को सीखने पर जोर दिया है-

चाणक्य के अनुसार एक कौवे से इन्सानों को ये पाँच बातें  सीखनी चाहिए।

  1. एकांत में मिलन (अपनी पत्नी के साथ); 
  2. साहस; 
  3. उपयोगी वस्तुओं को संग्रहित करना; 
  4. सतर्कता; और
  5.  दूसरों पर आसानी से भरोसा न करना।

नजरिया जीने का: शक्ति, साहस और विजय की अधिष्ठात्री देवी हैं मां दुर्गा


नवरात्रि इस साल सितंबर 22से आरम्भ हो रहा है. हिंदू धर्म में माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और समृद्धि की देवी माना जाता है और इस दौरान मान दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है.मान दुर्गा त्रिदेवियों (महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती) का सम्मिलित स्वरूप हैं और मान्यताओं के अनुसार मां के इन तीनों स्वरूपों की पूजा की जाती है. माँ दुर्गा शक्ति की दैवी हैं और उन्होनें  ही असुरों का संहार कर धर्म की रक्षा की थी।

माँ की उपासना से जीवन में निडरता, आत्मबल, सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है जो कि हमारे लिए सफलता का माध्यम है. नवरात्रि के नौ दिन देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, जो क्रमशः भक्तों को बल, बुद्धि, ज्ञान, भक्ति और मोक्ष प्रदान करते हैं।

याद रखें, शक्ति, साहस और विजय की अधिष्ठात्री देवी हैं मां दुर्गा और जीवन में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप शक्ति और साहस को अपनाए.

भय के रहते सफलता के बारे में सोचना भी व्यर्थ है और यह मा दुर्गा हीं है जिनकी कृपा से भय से मुक्ति प्राप्त हो सकती है.

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 




मंगलवार, 16 सितंबर 2025

नजरिया जीने का: जीवन के मूल्यों के प्रतीक हैं शिव, सीखें जीवन की ये महत्वपूर्ण बातें


देवों के देव अर्थात महादेव का व्यक्तित्व सम्पूर्ण रूप से रहस्यों से भर हुआ है। एक तरफ उन्हे भोलानाथ कहते हैं जिसका मतलब हीं निकलता है सादगी, दया और करुणा से भरपूर हैं जिन्हे प्रसन्न करना भक्तों के लिए काफी आसान है। वहीं दूसरी तरफ भगवान शिव सत्यम, शिवम, सुंदरम, यानी सत्य, अच्छाई और सुंदरता के रूप में महत्वपूर्ण अच्छाई का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। 

भगवान शिव सब पर काफी दया और प्रेम रखने वाले हैं चाहे वह  देवता हों, असुर हों या साधारण मनुष्य। और यही वजह है कि राक्षसों और दानवों ने भी प्रेम पूर्वक उनका पूजन कर उनसे हीं वरदान लेकर उनके हीं अंत का उपाय अर्थात खुद के विनाश की तैयारी कर लेते थे। 

सौंदर्य और कुरुपता के धोखे से निकलना सीखे 

महज एक देवता नहीं,

जीवन के मूल्यों के प्रतीक भी हैं शिव। 

भस्म और बाघंबर मे रमे हुए,

संतोष और सादगी के प्रतीक भी हैं शिव। 

समुद्र मंथन से निकले विष को पी जाने वाले,

धैर्य और सहनशीलता के प्रतीक भी  हैं शिव। 

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

बाहरी कोलाहल और तांडव से परे,

ध्यान और समाधि के प्रतीक भी हैं शिव। 

देवता, असुर या हों सामान्य भक्त सब पर ,

एक समान दृष्टि के प्रतीक भी हैं शिव। 

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 


 


नजरिया जीने का: चाणक्य के अनुसार हमें इन लोगों से सावधान रहनी चाहिए


आचार्य चाणक्य (कौटिल्य) जिन्हें विष्णुगुप्त भी कहा जाता है, न केवल एक महान राजनेता और अर्थशास्त्री थे, बल्कि वे मौर्य वंश के संस्थापक भी थे.जीवन-दर्शन से लेकर राजा और मंत्रिमंडल के लिए लिखें उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं. चाणक्य द्वारा लिखित नीति सूत्र (चाणक्य नीति) किसी भी इंसान को जीने की कला सीखती है. चाणक्य ने स्पष्ट कहा है कि अगर जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हो तो हर किसी पर भरोसा करना अनुचित है. उनका कहना था कि गलत व्यक्ति पर विश्वास जीवन को संकट में डाल सकता है और इसके लिए आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए.

आइये जानते हैं कि चाणक्य नीति के अनुसार हमें किन लोगों सेसावधान रहना चाहिए और किन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।

दुर्बल चरित्र वाले लोग

चाणक्य कहते हैं कि हमें दुर्बल और कमजोर चरित्र वालों से हमेशा सावधान रहना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग हालात के अनुसार कभी भी पलट सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि इस तरह के लोग हमेशा मित्रता, प्रेम या निष्ठा का दिखावा करते हैं, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर विश्वासघात करने में देर नहीं लगाते।


बुधवार, 13 अगस्त 2025

जन्माष्टमी 2025: भगवान कृष्ण से जीवन बदलने वाली 6 अनमोल सीख


कृष्ण जन्माष्टमी  एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है। इसे न्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है.  
भगवन श्रीकृष्ण का जीवन प्रेम, कर्तव्य, नीति, और धर्म का अद्भुत संगम है और उनके जीवन से हमें अपने परिवार के साथ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के चलने और उसके सञ्चालन के लिए सम्पूर्ण  सूत्र प्राप्त होता है।
 भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र के शुभ समय में हुआ था, जिसका विशेष महत्व है और इस साल अर्थात्न 2025 में जन्माष्टमी का महोत्सव भगवान कृष्ण का 5252वाँ जन्मोत्सव होगा। इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी लगातार दो दिन, 15 और 16 अगस्त, 2025 को मनाई जाएगी।

जन्माष्टमी  सिर्फ भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन से जुड़े आदर्शों और शिक्षाओं को याद करने का अवसर भी है।आइए जानते हैं, हम भगवान कृष्ण से कौन-कौन सी बातें सीख सकते हैं—

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

 धर्म के मार्ग पर अडिग रहना

गीता का वह प्रमुख श्लोक तो आपको याद ही होगा-"यदा यदा ही धर्मस्य ग्लनिर्भरति भारत..."  भगवन कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया और अपने विश्व रूप का दृश्य दिखाया था. श्री कृष्णा ने उन्हें बताया और सिखाया कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थितियाँ हों, धर्म और सत्य के मार्ग से पीछे नहीं हटना चाहिए।

परिस्थितियों में संतुलन रखना

गीता का प्रमुख सार यही है कि जीवन में  विभिन्न परिस्थितियों का आना स्वाभाविक घटना है. भगवन श्री कृष्णा का कहना है की जीवन में सुख-दुख, लाभ-हानि, जीत-हार आती रहती हैं। कृष्ण का संदेश है— “समत्वं योग उच्यते”, यानी हर परिस्थिति में मन को संतुलित रखना ही सच्चा योग है।

कर्म सर्वोपरि 

गीता का सबसे बड़ा संदेश— “कर्म करो, फल की चिंता मत करो”। कृष्ण सिखाते हैं कि परिणाम की चिंता में उलझने के बजाय हमें अपना पूरा ध्यान कर्म पर लगाना चाहिए।

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

 रिश्तों में प्रेम और अपनापन

गोपियों, सुदामा, अर्जुन, और द्रौपदी के साथ कृष्ण का संबंध यह दर्शाता है कि सच्चा मित्र, भाई और प्रिय वही है जो हर परिस्थिति में साथ निभाए।

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

बुद्धि और चतुराई से समस्याओं का हल

कृष्ण को रणनीति और नीति के महारथी कहा जाता है। चाहे मथुरा से द्वारका का बसना हो या पांडवों की विजय, उन्होंने बुद्धि से हर कठिनाई का हल निकाला।

जीवन में आनंद और संगीत का महत्व

कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन हमें यह सिखाती है कि जीवन में कामयाबी के साथ-साथ आनंद, कला और संगीत के लिए भी समय निकालना जरूरी है।

रविवार, 10 अगस्त 2025

नजरिया जीने का: सिर्फ टैलेंट या स्किल काफी नहीं, खुद के अंदर का जुनून है जरूरी



जीवन में अगर जुनून नहीं है तो फिर जीवन का कुछ भी मतलब नहीं हैं क्योंकि यह जुनून हीं है जो हमें कुछ पाने का मायने बताती है। यह जुनून ही तो है जो हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मोटिवेट करता है और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा और उत्साह प्रदान करता है। 
जीवन मे सफलता के लिए अगर आप सोचते हैं की सिर्फ टैलेंट या स्किल होना ही काफी है तो फिर आपको दुबारा सोचने की जरूरत है। याद रखें, सिर्फ टैलेंट या स्किल होना काफी नहीं है तब तक जब तक कि आपके अंदर कुछ कर गुजरने के लिए पैशन या जुनून नहीं है। यह जुनून ही है जो आपको जीवन मे अभाव और सीमित संसधनों के बावजूद आपको सफलता दिल देता है, लेकिन टैलेंट या स्किल होने के बावजूद भी की ऐसे लोग हैं जो बार-बार प्रयास करने के बावजूद अपने लक्ष्य तक पहुंचने मे असफल हो गए ।


आप सोचें कि अगर आपके जीवन लक्ष्य और सपना हीं नहीं हो तो फिर आपका जीवन कितना उद्देश्यहीन हो जायेगा।



ठीक वैसे हीं, जीवन में लक्ष्य और सपना तो हो, लेकिन अगर उन्हें पाने का जुनून नहीं हो तो फिर उन सपनों का क्या होगा? 

जुनून को विकसित करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप खुद पर विश्वास करने शुरू करें और आरंभ मे छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हे हर हाल मे पाने की कोशिश करें। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद को होम करे दें और अपने तमाम संसाधन और माइंड सेट को उसके प्रति होम कर दें। विश्वास करें, एक बार आप जब अपने छोटे से लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे तो आपका आत्मविश्वास और जुनून बढ़ता जाएगा।
 
 हमारा जुनून उन लक्ष्यों और सपनों को प्राप्त करने के लिए हमें उत्साह और ऊर्जा प्रदान करता है जिसके बगैर हम उन्हें पाने की सोच भी नहीं सकते।

आज के जीवन में मिलने वाले संघर्ष और चुनौतियों से आप इंकार नहीं कर सकते और ऐसे में यह आपका जुनून हीं हैं जो इन चुनौतियों का सामना करने की क्षमता प्रदान  करता है।

याद रखें दोस्तों,जुनून के बिना हम इंसान तो क्या, जानवर भी अपने सर्वाइवल के लिए मुश्किल में पड़ जाएंगे।

एक शेर को अपने भोजन के लिए हिरन के पीछे भागना भी जुनून है, वहीं हिरन को भी अपने जान को बचाने का जुनून भी जरूरी है।

नजरिया जीने का: बाहरी बाधाओं से स्ट्रॉंग आपके अंदर का वजूद है, पहचानें तो सही

 

नजरिया जीने का: प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशिष्ट शक्ति और हुनर से सँवारकर हमें इस धरती पर भेज है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक खास स्किल होता है जो हमें दूसरों से अलग होने और बनने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यह है कि हम खुद पर भरोसा नहीं करते और सबसे अधिक अविश्वास खुद कि शक्तियों पर करते हैं और इसका अंजाम यह होता है कि हम अपने जीवन को निरर्थक और लक्ष्यहीन कर देते हैं। 

जीवन में सफलता के लिए सबसे पहली  यह जरूरी है कि आप खुद में भरोसा जगाइए कि आप इस दुनिया में सबसे खास हैं।  दुनिया के द्वारा दिए गए सभी बाधाओं को आप झेल सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पहले  आप खुद की किलर इंस्टिंक्ट को पहचाने। 

जो लोग अपनी काबिलियत पर विश्वास रखते हैं, वे ही महान काम कर पाते हैं।- अज्ञात

विश्वास करें दोस्तों, आपके खुद के अंदर कुछ खास है जो आपके बाहर की किसी भी समस्या से ज्यादा सशक्त और मजबूत है। 
"जो खुद पर विश्वास करता है, वह कभी हारता नहीं।" — अज्ञात

"खुद पर भरोसा" का मतलब है स्वयं पर विश्वास रखना क्योंकि जीवन में  सफलता के लिए यही एकमात्र शर्त है। खुद पर भरोसा करने के साथ ही यह जरूरी है कि आप  अपने पास  उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर होकर अपनी क्षमताओं, विचारों और निर्णयों पर यकीन करना। 
"आपकी सबसे बड़ी ताकत आपके अंदर ही है। बस खुद पर विश्वास रखें और आगे बढ़ते रहें।" — अज्ञात

हमारी विडंबना यही है कि हम बाहर की समस्या रूपी दुश्मन के इतने कायल हैं कि हमारे खुद की स्किल, शक्ति और बुद्धिमानी को हीं अक्षम और लाचार बना लेते हैं।

यह ठीक है की दुश्मन की शक्ति को कमतर नहीं आंकी जानी चाहिए, लेकिन यह खुद को कमजोर और असहाय बनाकर दुश्मनों से मुकाबला करने की स्ट्रेटजी को कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है।

"जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो दूसरों का भरोसा अपने आप बढ़ने लगता है।" — अज्ञात

जब आप खुद पर भरोसा करते हैं, तो आप अपनी कमियों और क्षमताओं को पहचानते हुए भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं।
"अगर आपको खुद पर विश्वास है, तो आप दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।" — जॉएल ऑस्टीन

 इसका महत्व इसलिए है क्योंकि जब आप खुद पर भरोसा रखते हैं, तो बाहरी परिस्थितियाँ या अन्य लोगों की राय आपकी प्रगति में बाधा नहीं बन पातीं।

"खुद पर भरोसा रखना सबसे बड़ा साहस है।" — अज्ञात


नजरिया जीने का: विश्वास करें ये कोट्स बदल देंगे आपके जिंदगी जीने का नजरिया

वामा: महिला कलाकारों द्वारा अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल का एक आकर्षक मिश्रण

दिल्ली की महिला कलाकारों का आठ दिवसीय समारोह में दिल्ली की 20 प्रतिभाशाली महिला कलाकार एक साथ प्रदर्शन किया। महिलाओं की कलात्मक प्रतिभा को सशक्त बनाने और प्रदर्शित करने के लिए आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय कला, संस्कृति और भाषा मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज द्वारा किया गया ।


सेल्फ डिसप्लिन से बढ़ाएं अपना कॉन्फिडेंस 

20 प्रख्यात महिला कलाकारों की शानदार लाइनअप वाली इस प्रदर्शनी में अन्नू गुप्ता, दीपा पोटरे, दुर्गा कैंथोला, कंचन चंदर, नीलांजना नंदी, प्रतिभा सिंह, रश्मि चौधरी, साक्षी बजाज, सीमा मोहाली, मेघा मदान, नीतू, अदिति अग्रवाल, कविता नैयर, रश्मि खुराना, ऋचा नवानी, सुषमा यादव, शम्पा सरकार दास, वंदना कुमारी, वंदना राकेश और वसुंधरा तिवारी ब्रूटा की कृतियाँ शामिल हैं। 

प्रत्येक कलाकार एक अनूठा दृष्टिकोण और कथा लेकर आता है, जो परंपरा और समकालीन शैलियों का एक आकर्षक मिश्रण बनाता है।



जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

वामा मंच का उद्देश्य एक ऐसा स्थान प्रदान करना है जहाँ महिला कलाकार अपने अनूठे दृष्टिकोण, रचनात्मकता और कलात्मक कौशल को प्रदर्शित कर सकें, जिससे कला जगत में समावेशिता और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिले।



 विभिन्न माध्यमों में कलाकृतियों के साथ, यह कार्यक्रम समकालीन कला में महिलाओं के योगदान के बारे में बातचीत को प्रेरित करना चाहता है।


भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

इस प्रदर्शनी ने  कला प्रेमियों, आलोचकों और संरक्षकों को इन उल्लेखनीय महिलाओं की रचनात्मक यात्रा में डूबने का अवसर किया ।



नजरिया जीने का: प्रकृति और जीवनदायिनी शक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम भी है छठ पूजा


छठ पूजा न केवल पर्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों मे समान रूप से मनाने की भावना को दर्शाता है। छठ पूजा के दौरान सभी लोग जाति और धर्म से परे एकत्र होकर पूजा करते हैं, जिससे समाज में एकता और सामूहिकता की भावना प्रबल होती है। छठ पूजा को सिर्फ धार्मिक परंपराओं और संस्कृति से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि अगर अगर आप इस आस्था के महा पर्व को गंभीरता से अवलोकन करेंगे तो यह सिर्फ धार्मिक विषय से नहीं बल्कि यह प्रकृति और जीवनदायिनी शक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम है।

छठ पूजा 05 नवंबर, 2024 से मनाई जाएगी। छठ पूजा 2024 भगवान सूर्य (सूर्य देव) और छठी मैया को समर्पित एक प्रिय हिंदू त्योहार है। यह अत्यधिक भक्ति को समर्पित त्योहारों में से एक है जिसे उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के राज्यों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चार दिवसीय त्योहार दिवाली के ठीक छह दिन बाद कार्तिक के चंद्र महीने के छठे दिन से शुरू होता है। छठ पूजा सादगी, पवित्रता और अनुशासन के मूल्यों को बनाए रखने के साथ संपन्न होने का प्रतीक है। आम तौर पर पारंपरिक कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक माह, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य को शाम का अर्घ्य दिया जाता है। शाम के अर्घ्य के दिन, भक्त भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और नदी या तालाबों के किनारे आस-पास के क्षेत्र में जाते हैं जहाँ भक्त और उनके परिवार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए एकत्र होते हैं।

सच्चे रिश्ते सुविधा से नहीं, समर्पण से बनते हैं

भक्त अपने परिवार के सदस्यों और पूरे मोहल्ले और लोगों के साथ नदी/तालाब के किनारे इकट्ठा होते हैं और यह उत्सव की एक अनूठी भावना पैदा करता है जिसे एक कार्निवल कहा जा सकता है। चूंकि छठ पूजा की विजय उच्च स्तर पर है और वास्तव में छठ पूजा का न केवल आध्यात्मिक या धार्मिक पहलुओं के लिए अपना बहुत बड़ा महत्व है, बल्कि छठ पूजा का अपना महत्व है जिसमें सूर्य और छठी माता (देवी छठी) की पूजा भी की जाती है।

जीवन में सफल होना चाहते हैं तो प्रसन्न रहना सीखिए

संध्या अर्घ तीसरा दिन है और चौथे दिन भक्त सूर्योदय और पारण करते हैं। आप छठ पूजा की सभी विधि को महत्वपूर्ण तिथियों और छठ पूजा कैसे करें, इस लेख में विस्तार से देख सकते हैं।

छठ पूजा  कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाई जाती है, जिसे आमतौर पर दीपावली के ठीक 6 दिन बाद मनाया जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार, छठ पूजा का त्योहार नहाय खाय से शुरू होता है, जो इस भव्य उत्सव का पहला चरण है। छठ पूजा के सभी प्रमुख चार चरण हैं- नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ और पारण।

छठ पूजा का पहला दिन: नहाय-खाय

छठ पूजा का दूसरा दिन: लोहंडा और खरना

छठ पूजा का तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य

छठ पूजा का चौथा दिन: उषा अर्घ और पारण

हालाँकि छठ पूजा की शुरुआत मूल रूप से बिहार से हुई थी, लेकिन आजकल छठ पूजा भारत के लगभग सभी हिस्सों में मनाई जाती है। बिहार ही नहीं, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल देश को छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र कहा जा सकता है।

जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी

छठ पूजा का चार दिवसीय त्यौहार भी सर्दियों के मौसम में मनाए जाने वाले छठ पूजा की तरह ही महत्वपूर्ण है। नहाय खाय के ठीक बाद, दूसरे दिन यानी खरना से उत्सव शुरू होता है।

नजरिया जीने का: चलते रहने का नाम है जिंदगी, जाने कैसे खुद को बदलें, अपनाएं ये टिप्स, इम्पॉर्टन्ट कोट्स

 


नजरिया जीने का: ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है और आप  समय के साथ अगर आगे बढ़ना चाहते हैं तो खुद को बदलना सीखना होगा। हाँ, यह सच है कि हमारा मन इन बदलाव के फेज को जिसे हम ट्रांजीशन फेज कह सकते हैं, का विरोध करता है. यह तो प्रकृति का नियम है कि जिस हालत में होते हैं उसी में पड़े रहना चाहते हैं जोकि  साइंस में जड़ता के नियम के नाम से जाना जाता है.जैसे हम बढ़ते हैं, हमारे आसपास का दुनिया बदलता है, और हम खुद भी बदलते हैं। यह बदलाव कभी-कभी आसान नहीं होता है, लेकिन यह आवश्यक है। खुद को बदलने की कई जरूरतें हैं। सबसे पहले, बदलाव हमें बेहतर इंसान बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने कमजोरियों को दूर करते हैं और अपनी मजबूतियों को विकसित करते हैं। इससे हम अपने जीवन में अधिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

हम अपने आप को कैसे बदल सकते हैं?

कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

दोस्तों विश्वास करें प्रकृति ने हम सभी के अंदर विशाल ऊर्जा भरकर इस धरती पर भेजा है और हम अपने आप में काफी शक्तिशाली हैं लेकिन हम अपने आप को महत्वहीन और निष्क्रिय बनाकर खुद को असहाय बना लेते हैं. आप अपने दिमाग़ को उन बातों पर ही केंद्रित कर सकते हैं जो आपको चाहिए, न कि उन बातों पर जो आपको लिए महत्वहीन है. एक बार अगर आप खुद पर विश्वास करना सीख लेते हैं तो आप लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़रूरी हर चीज़ को आकर्षित करने में कामयाब होंगे। अपनी अपने अंदर परिवर्तन और बदलाव लाने का हिम्मत तो लाइए , और आप अपनी ज़िंदगी को बदल डालेंगे।

भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व

खुद को बदलना क्यों जरूरी है?

याद रखें दोस्तों, बदलाव हमें अधिक खुशहाल बनाता है। जब हम खुद को बदलते हैं, तो हम अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे होते हैं। इससे हमें संतोष और खुशी मिलती है। इसके अतिरिक्त यह बदलाव हैं है जो हमें अपने विचारों और व्यवहारों में सकारात्मक परिवर्तन लाने को विवश करता है जो आगे चलकर हमारी आदत और बाद में अनुशासन की जीवन की प्रक्रिया का सूत्रपात करता है । 

नजरिया जीने का: आपकी प्रसन्नता में छिपा है आपकी सफलता का रहस्य

खुद को बदलना एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें समर्पण, सहारा, और स्वयं में सुधार की इच्छा की जरूरत होती है. खुद को बदलने के लिए, हमें पहले खुद को समझना होगा। हमें अपने कमजोरियों और मजबूतियों को पहचानने की जरूरत है, और यह जानने की जरूरत है कि हम क्या बदलना चाहते हैं। एक बार जब हम खुद को समझ लेते हैं, तो हम बदलाव की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

खुद को पूरी तरह से बदलने के लिए जरुरी टिप्स 

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

स्वीकृति करें: 

खुद को बदलने की पहली शर्त  है स्वीकृति जिसके अंतर्गत हमें यह विचार कठोरता के साथ अपने अंदर आत्मसात करना होगा कि बदलाव लाना हीं हमारे सुधार की जरुरत है. इसके लिए जरुरी है कि हम खुद का मूल्याङ्कन करें और अपने गुणधर्मों और दोषों को स्वीकार करें और स्वयं में सुधार का संकल्प करें.

लक्ष्य तय करें: 

लक्ष्य का तय होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना लक्ष्य के जीवन निरर्थक और उद्देश्यहीन हैं जिसका कोई मतलब हैं. स्पष्ट लक्ष्य तय करें जिसे प्राप्त करने के लिए आप बदलना चाहते हैं. यह लक्ष्य मोटिवेशन प्रदान करेगा.

प्राथमिकता तय करें और सूची बनाएं: 

मूल्याङ्करं करने के साथ ही पने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नियमित रूप से अपने विचारों को मॉनिटर करें। अपनी प्राथमिकताओं को तय करें और एक सूची बनाएं जो आपके अंदर के बदलाव को व्यस्थित करने में आपकी मदद करेगा. .

स्वास्थ्य का ध्यान रखें: 

स्वास्थय सबसे बड़ा धन है इसलिए इसके सर्वोच्च प्राथमिकता दें और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है. याद रखें एक स्वस्थ शरीर में हीं एक स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है इसलिए स्वस्थ रहने के लिए योग, मेडिटेशन, और सही आहार आपको मदद कर सकते हैं.

नए कौशल सीखें:

 नए कौशल सीखने से आत्मविकास होता है. कुछ नया सीखने का प्रयास करें जो आपको पसंद हो और आपके लक्ष्यों के साथ मेल खाए.

सपनों और हकीकत के बीच की दूरी है एक्शन

धीरज रखें: 

धैर्य रखना सीखें क्योंकि कोई बदलाव रातों रात नहीं हो सकती और इसके लिए धैर्य रखनी होगी क्योंकि कोई भी परिवर्तन  महज एक रात में नहीं होता है। धीरज को अपना बल बनाएं और लगातार प्रयास करते रहें।

अपने आप पर विश्वास रखें: 

 आप खुद को बदलने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास रखें और कड़ी मेहनत करें।

खुद को बदलने के लिए कुछ प्रेरणादायक कोट्स:

  • सबसे बड़ा आत्म-सुधारक आपका खुद है. - स्वामी विवेकानंद
  • जब आप खुद को बदलते हैं, तो दुनिया आपके साथ बदल जाती है. - माहात्मा गांधी
  • ज़िंदगी एक बदलाव की यात्रा है। जो लोग बदलने से डरते हैं, वे पीछे रह जाते हैं। - अज्ञात
  • जो लोग खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं, वे कभी भी नहीं बदल सकते। - हेलेन केलर
  • खुद को बदलना सबसे कठिन काम है, लेकिन यह भी सबसे पुरस्कृत काम है। - अज्ञात
  • बदलाव वही लोग कर सकते हैं जो खुद बदल गए हैं. - जिम रोहन


नजरिया जीने का: जीवन का उद्देश्य खोजने के लिए अपनाएं ये टिप्स

 


नजरिया जीने का: जीवन का उदेश्य निश्चित ही बहुत व्यापक है और प्रकृति ने हम सभी को किसी खास उदेश्य के लिए बनाया है। वास्तविकता यह है कि जीवन अपने आपे मे एक  उपलब्धि जो खुशी और सार्थक जीवन के लिए एक खास मार्ग बनाता है। अपने उद्देश्य को खोजने में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप जीवन के उदेश्य का पता लगाएं और इसके लिए उचित प्रयास करें। जीवन में उद्देश्य खोजने के लिए आप निम्न टिप्स कि मदद ले सकते हैं-
कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें 

लक्ष्य के प्रति जुनूनी बने 
जीवन मे सबसे पहले किसी भी जुनून का होना बहुत जरूरी है। यह जुनून और आपके लक्ष्य के प्रति आपका पैशन ही हैंजिन्हें करते हुए आपको खुशी और ऊर्जा मिलती है। यह आपके शौक, रुचियाँ या वह काम हो सकता है जिसे आप समय और मेहनत के बावजूद करना पसंद करते हैं।

खुद के वजूद को तलाशें 

जीवन में मेरा उद्देश्य क्या और इसे कैसे प्राप्त किया जाए इसके लिए यह जरूरी है कि आप खुद वजूद को तलाशें। अपनी पिछली परिस्थितियों को नियंत्रित करना सीखें और इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप इसका मूल्यांकन कैसे करते । आप दूसरों की अपेक्षाओं के आधार पर जीवन जीने कि अपेक्षा खुद के लिए लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लीये जीना सीखिए। 

भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास

लक्ष्य से पहले उद्देश्य का होना जरूरी 

याद रखें, जीवन मे कभी भी केवल अल्पकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित नहीं करें क्योंकि इससे आप जीवन के बड़े लक्ष्यों से विमुख हो जाते हैं। छोटे लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने मे  आप व्यस्त रहेंगे तो आप कभी भी अपना सच्चा जुनून नहीं पा सकेंगे या अपना उद्देश्य खोजना नहीं सीख सकेंगे। आप जिन लक्ष्यों की ओर काम करते हैं, वे हमेशा अपने उद्देश्य को खोजने पर आधारित होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो आपको बस एक क्षणिक उपलब्धि का अहसास होगा और जल्द ही आप कुछ और पाने की कोशिश करेंगे। आप यह नहीं देख पाएंगे कि जीवन आपके लिए हो रहा है, न कि आपके लिए।

संघर्ष हमें सीमाओं से आगे खुद पर विश्वास करना सिखाता है

जिम्मेदारी लेना सीखिए 

अपने जीवन की जिम्मेदारी लें सच्ची संतुष्टि अपने जीवन को खुद डिजाइन करने से आती है। इस तरह आप असाधारण को अनलॉक करते हैं। अपना उद्देश्य खोजने के लिए, आपको यह तय करना होगा कि वास्तव में क्या सही है और इसे अपने दिल और आत्मा में जानना होगा। आपको खुद को डर या चिंता से प्रेरित नहीं होने देना चाहिए। डर से लिया गया निर्णय हमेशा गलत निर्णय होता है। यह आपको यह समझने में मदद नहीं करेगा कि "मेरा उद्देश्य क्या है?" बल्कि इसके बजाय मुद्दे को और भी उलझा देगा। 

जाँच करें कि आपको क्या आसान लगता है

क्या आप एक पेंसिल उठाकर एक जीवंत चित्र बना सकते हैं? क्या आप हमेशा एक पियानो पर एक धुन को सिर्फ़ एक बार सुनने के बाद ही पहचान पाते हैं? जब आप उन गतिविधियों या कौशलों पर बारीकी से नज़र डालते हैं जो आपको हमेशा आसानी से आते हैं, तो आप शायद ऐसे जुनून पाएँगे जिन्हें आप एक लाभदायक करियर में बदल सकते हैं।

लक्ष्य निर्धारित करें

इससे पहले कि आप खुद से पूछें “मेरा उद्देश्य क्या है?” आपको पहले यह जानना होगा कि एक आदर्श दुनिया कैसी दिखती है और आप उसमें कैसे फिट होते हैं। जीवन विजन स्टेटमेंट बनाने में यह पहचानना शामिल है कि अगर हर कोई अपनी पूरी क्षमता के साथ जी रहा हो तो जीवन कैसा दिखेगा। इससे आपको सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए एक रोडमैप विकसित करने में मदद मिलेगी।

लचीला बनें

जीवन में आपका उद्देश्य बढ़ने और बदलने की संभावना है, इसलिए लचीला बनें। आपको यह भी लग सकता है कि अपने उद्देश्य को खोजने का तरीका सीखने के लिए आपको अपनी पुरानी पहचान या रुचि को छोड़ना पड़ सकता है। लचीला होना आपको खुद के प्रति सच्चे रहते हुए ईमानदारी से बढ़ने देता है। जब आप अपने मूल मूल्यों को विकसित करते हैं और बाहरी पुष्टि की तलाश करना बंद कर देते हैं, तो आप पाएंगे कि "जीवन में मेरा उद्देश्य क्या है?" का सवाल जवाब देना बहुत आसान है।


नजरिया जीने का: सफल होना चाहते हैं तो अपनी कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचानें

नजरिया जीने का: सफल होना चाहते हैं तो अपनी कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचानें

नजरिया जीने का: जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी शर्त यह है कि आप अपने अंदर की कुशलताओं और प्रतिभाओं को पहचाने। प्रकृति सभी के अंदर कुछ विशिष्ट प्रतिभा से भरकर हमें जन्म देती है और यह जरूरी है कि हम  खुद के अंदर झांक कर उन्हे पहचाहें। सफलता के लिए यह अत्यंत जरूरी है कि हम अपने अंदर के विशिष्ट गुणों को पहचानें और उन्हे निखारें। खेलकुद से लेकर, कला, संगीत, पढ़ाई, फिल्म या कोई और। 

एक बार अगर हम अपने कुशलता को पहचान कर अगर उसके लिए खुद को होम कर सकें तो फिर कोई कारण नहीं है कि हम उस फील्ड मे शीर्ष पर नहीं पहुँच सकें। हाँ, उसके लिए हमें खुद को भूलकर उस लक्ष्य को हासिल करने के लिये ही सोचना होगा। 

खुद के वजूद को पहचाने

खुद के गुणों और अवगुणों की पहचान हमसे अधिक कोई और नहीं कर सकता है, हाँ बस उसके लिए यह जरूरी है की हम ईमानदारी से खुद का मुलायंकन करें। याद रखें, दिल हमेशा वही कहेगा जो आपको अच्छा लगेगा, लेकिन आपका मस्तिष्क वही हीनट्स देगा जो आपके भविष्य के लिए जरूरी होगा। महापुरुषों ने भी हमेशा कहा है कि दिल की जगह अपने दिमाग की सुनों  जो गलती और सही के फर्क को ईमानदारी से बताता है। खुद की नकारात्मक आदतों और व्यवहारों को खुद पहचानें और उनको दूर करने का उपाय करें। 

सच्चे रिश्ते सुविधा से नहीं, समर्पण से बनते हैं

अवसरों को पहचाने

कहते हैं न की अवसर कभी भी आपके सामने से नहीं आता, बल्कि वह आपको पीछे से सूचित करता है। आप अवसर की तलाश मे रहें, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप अलर्ट मोड मे रहें क्योंकि अवसर आपकी सामने किसी भी रूप मे हिंट कर सकता है और उसे पहचानने के लिए यह जरूरी है कि कभी भी आप लापरवाही से उनकी तलाश नहीं करे। 

डिसप्लिन की महता को समझें 

जीवन मे अनुशासन की कीमत को समझें और दैनिक जीवन से इसका आरंभ करें। याद रखें कि अनुशासन आपके जीवन में सफलता के लिए बहुत जरूरी है और सबसे बड़ी बात यह होती है कि आप नीति निर्धारक भी खुद होते हैं और उसको गाइड करने वाले नियंत्रक भी खुद होते हैं। आपको नियम बनाकर उन्हे लागू भी करना है और खुद को मानिटर भी खुद हीं करना है। प्रतिदिन के ऐक्टिविटी मे डिसप्लिन को लागू कर आप खुद के अंदर चेंज लाते हैं जो कि आपके जीवन मे  सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। 

कड़वे अनुभव को भूलना सीखें 

जीवन मे कड़वे अनुभवों का होना तय हैं क्योंकि जीवन  में अप्स एण्ड डाउन का होना सामान्य बात है और इससे आप बच नहीं सकते हैं। जीवन मे की ऐसे दिन और मोमेंट भी होते हैं जिन्हे हम याद नहीं करना चाहते क्योंकि वे हमारे लिए निराशा वाले और नकरात्मक बनाने वाले होते हैं। तो इसके लिए यह जरूरी है कि आप उनसे सीख तो लें, लेकिन उन मोमेंट को हमेशा अपने दिल मे नहीं रखें क्योंकि वे आपको मानसिक रूप से परेशान करेंगे और आपके माइंड को अप्सेट करेंगे। 

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है

आलोचना को स्वीकार करें

सकारात्मक आलोचना हमेशा से आपके व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक होता है और इस सत्य को आप जितना जल्दी आत्मसात कर लेंगे उतना ही अच्छा होता। हमेशा से सकारात्मक आलोचना से सीखने की कोशिश करें और उनसे खुद के अंदर चेंज करने का प्रयत्न करें। आलोचना भलें हीं हमें क्षणिक परेशानी देते हैं लेकिन अगर हम उन पर पॉजिटिव रूप से विचार कर अपनी कमज़ोरियों को पहचानें तो यह हमारे जीवन के लिए बहुत हीं टरनिंग पॉइंट बन सकता हैं।  हम उन कमजोरियों को सुधारने का प्रयास करें और जीवन मे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश कर सकते हैं। 

कठिन समय से विचलित होना कायरों का काम है