भगवान शिव सब पर काफी दया और प्रेम रखने वाले हैं चाहे वह देवता हों, असुर हों या साधारण मनुष्य। और यही वजह है कि राक्षसों और दानवों ने भी प्रेम पूर्वक उनका पूजन कर उनसे हीं वरदान लेकर उनके हीं अंत का उपाय अर्थात खुद के विनाश की तैयारी कर लेते थे।
सौंदर्य और कुरुपता के धोखे से निकलना सीखे
महज एक देवता नहीं,
जीवन के मूल्यों के प्रतीक भी हैं शिव।
भस्म और बाघंबर मे रमे हुए,
संतोष और सादगी के प्रतीक भी हैं शिव।
समुद्र मंथन से निकले विष को पी जाने वाले,
धैर्य और सहनशीलता के प्रतीक भी हैं शिव।
जिससे सारा जहां है, उसी का नाम है नारी
बाहरी कोलाहल और तांडव से परे,
ध्यान और समाधि के प्रतीक भी हैं शिव।
देवता, असुर या हों सामान्य भक्त सब पर ,
एक समान दृष्टि के प्रतीक भी हैं शिव।
भगवत गीता से सीखें सफलता के लिए जीवन मे धैर्य का महत्व
भगवान हनुमान के इन टिप्स से बढ़ाएं खुद का आत्मविश्वास
कठिन समय से कायर भागते हैं, सामना करने की कला सीखें

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