शेर केवल जंगल का राजा नहीं है, बल्कि जीवन का शिक्षक भी है और भले हीं हम शेर को हिंसक ताकत के लिए तुलना करते हैं, लेकिन आपको आश्चर्य होगा कि जंगल का राजा शेर सिर्फ ताकत पर्याय नहीं है.महान विद्वान और विचारक आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इंसानों को शेर से यह उत्कृष्ट बात सीखनी चाहिए कि किसी भी कार्य को पूरी शक्ति और लगन के साथ करना चाहिए, चाहे वह छोटा हो या बड़ा.
ठीक उसी तरह जैसे शेर अपना शिकार पूरी ताकत और एकाग्रता से करता है, इंसान को भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने पूरे बल और ध्यान से प्रयास करना चाहिए.
तो आइए जानते हैं शेर से मिलने वाली 5 खास शिक्षाएँ…"
1. साहस और आत्मविश्वास
शेर सिर्फ ताकत बल का पर्याय नहीं है बल्कि इसके अतिरिक्त भी हम इंसानों को सीखने के लिए एक शेर से काफी कुछ है. जी हाँ, चाहे जंगल का सबसे बड़ा जीव न हो, लेकिन उसका आत्मविश्वास ही उसे राजा बनाता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर इंसान सफल होना चाहता है तो उसे यह गाँठ बांध लेना चाहिए कि साहस ही सफलता की कुंजी है और जीवन में डर नहीं, आत्मविश्वास लेकर आगे बढ़ना चाहिए। और आत्मविश्वास शेर की पहली निशानी है जो उसे शिकार करने में उसे मदद करता है.
2. सही समय पर वार करना
सिर्फ ताकत होने से हीं शेर अपना शिकार नहीं करता बल्कि वह इसके लिए रणनीति और इन्तजार भी करता है. शेर कभी बिना सोचे समझे शिकार नहीं करता। वह धैर्य रखकर सही मौके का इंतजार करता है। चाणक्य भी कहते हैं – 'कार्य की सफलता समय पर निर्भर है।' हमें भी हर काम सोच-समझकर सही समय पर करना चाहिए।"
3. एकाग्रता और फोकस
"शेर जब शिकार करता है, तो उसका पूरा ध्यान केवल एक लक्ष्य पर होता है। उसी तरह चाणक्य नीति कहती है – 'लक्ष्यभ्रष्ट व्यक्ति कभी सफल नहीं होता।' हमें भी अपने जीवन में एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए।"
4. मेहनत और तैयारी
"शेर बिना मेहनत किए कभी भोजन नहीं करता। उसे हर बार शिकार के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ती है। चाणक्य कहते हैं – 'मेहनत करने वाला ही विजय प्राप्त करता है।' हमें भी हर लक्ष्य के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए।"
5. स्वाभिमान और नेतृत्व
"शेर अकेले भी शिकार करता है और झुंड के साथ भी। लेकिन वह कभी अपना स्वाभिमान नहीं खोता। चाणक्य नीति में लिखा है – 'स्वाभिमान खोने वाला व्यक्ति दूसरों का दास बन जाता है।' हमें भी अपने आत्मसम्मान और नेतृत्व क्षमता को बनाए रखना चाहिए।"
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