शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

नजरिया जीने का: स्वस्थ जीवन जीने का आधार- संतुलन, अनुशासन और सकारात्मक सोच


जो अपने शरीर का ख्याल रखता है, वही सच में अपने जीवन का सम्मान करता है और आपके पास स्वस्थ जीवन है फिर तो चाहे वह परिवार  हो,समाज हो देश हो या दुनिया, आप अपनी उपस्थिति और पहचान  बना सकते हैं. अगर  आप स्वस्थ हैं तो फिर आप  अपने परिवार के लिये भी सहायक उम्मीद की किरण है, लेकिन अगर  अस्वस्थ हैं तो फिर परिवार को हीं आपके सेवा  लगा रहना होगा. 

कहा जाता है – “स्वास्थ्य ही धन है”, क्योंकि यदि शरीर स्वस्थ नहीं है, तो जीवन की सारी खुशियाँ फीकी लगने लगती हैं। असली सुख, शांति और सफलता का आधार एक स्वस्थ शरीर और मन है। चाहे हमारे पास कितना भी पैसा, नाम या शोहरत हो, यदि हम बीमार हैं तो इन सबका कोई अर्थ नहीं रह जाता।

 हम बचपन के इसे पढ़ते थे कर इसके सहारे हीं बड़े हुए है कि- "धन खो जाने पर कुछ नहीं खोता, समय खो जाने पर थोड़ा खोता है, पर स्वास्थ्य खो जाने पर सब कुछ खो जाता है।"

कोरोना के बाद  जिस प्रकार से लोगों के जीवन का महत्व पता चला है  उससे साफ़ तौर पर यह मान लिया जाना चाहिए कि स्वास्थ्य के बदौलत हीं आपका सर्वाइवल सुनिश्चित है. 

स्वस्थ रहने के लिए हमें संतुलित आहार लेना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। प्रकृति के साथ समय बिताना, योग और ध्यान करना भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। 

आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग तनाव और असंतुलित दिनचर्या के कारण बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, इसलिए जरूरी है कि हम अपने शरीर का ख्याल रखें। आज हमें इस चीज को समझने की जरुरत है कि पैसे से दवा खरीदी जा सकती है, पर स्वास्थ्य नहीं और दवा के नाम पर जिस संताप और मानसिक  शारीरिक प्रताड़ना से आप गुजरते हैं, उससे अच्छा है कि हम इसे जीवन का मन्त्र बनाकर चलें कि   “स्वस्थ रहना ही सबसे बड़ी सफलता है।”

स्वस्थ व्यक्ति न केवल खुद के लिए, बल्कि समाज और परिवार के लिए भी उपयोगी होता है। इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि असली दौलत हमारे बैंक अकाउंट में नहीं, बल्कि हमारे अच्छे स्वास्थ्य में छिपी है। इसके साथ ही यह भी जीवन का अल्टीमेट सच्चाई है कि “जो अपने शरीर का ख्याल रखता है, वही सच में अपने जीवन का सम्मान करता है।”

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