दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक थॉमस अल्वा एडिसन को कौन नहीं जानता है. जिज्ञासा और प्रयोगों ने ही उन्हें बल्ब, ग्रामोफोन और मूवी कैमरा जैसे आविष्कार करने की प्रेरणा दी और दुनिया में नाम कमाया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि के शिक्षक ने उनकी माँ से कहा था कि “आपका बेटा बहुत धीमा है, कुछ नहीं सीख सकता।” और इसके बाद उनकी मां ने बेटे को स्कूल से निकाल लिया और खुद पढ़ाया।
याद रखें, अगर कोई आपको ‘कमज़ोर’ कहे और आपको हतोत्साहित करता है तो याद रखें यह उसके दृष्टिकोण है जो आपके प्रति है. आपके लिए वह सच्चाई तो है हैं नहीं क्योंकि याद रखें कि शायद वो आपकी क्षमता नहीं पहचान पा रहा है और अपना विचार दे रहा है.
कहने का तात्पर्य है है कि दूसरों के परसेप्शन को कभी भी खुद पर इतना नहीं हावी होने दें कि हम खुद वजूद को हीं भूल जाएँ. पतझड़ से सीखने के लिए यह सबसे अच्छी सीख जाओ कि हर अंत में छिपी होती है नई शुरुआत और एडिसन के तरह उन्हें स्कूल मास्टर द्वारा बेवकूफ या कमजोर मस्तिष्क का बता देना उनके सफर का अंत नहीं था.
एडिसन ने आगे चलकर कई महत्वपूर्ण चीजों की खोज की, जिनमें बिजली का व्यावहारिक तापदीप्त (incandescent) प्रकाश बल्ब, फोनोग्राफ और मोशन पिक्चर कैमरा शामिल हैं।
उन्होंने इन आविष्कारों के साथ ही बिजली उत्पादन और वितरण प्रणालियों का भी विकास किया, जिससे शहरी विद्युतीकरण का रास्ता प्रशस्त हुआ।
फोनोग्राफ का अविष्कार क्रन्तिकारी कदम था और यह पहली मशीन थी जिसने ध्वनि को रिकॉर्ड और पुन: प्रस्तुत कर देने का रास्ता दिए और आगे चलकर इस अविष्कार ने मनोरंजन और संचार के तरीकों में क्रांति ला दी।

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